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भारत दुनिया का छठा ऐसा देश जो ज्‍यादा हॉर्स पावर का इंजन बनाने वाले देशों में शामिल हो गया

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भारतीय रेलवे के लिए गर्व का पल है,  क्‍योंकि भारत दुनिया का छठा ऐसा देश है जो स्‍वदेश में ही ज्‍यादा हॉर्स पावर का इंजन बनाने वाले देशों के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गया है। यही नहीं, पूरी दुनिया में पहली बार बड़ी रेल लाइन की पटरी पर उच्च हॉर्स पावर के इंजन का संचालन किया गया है। यह इंजन ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत निर्मित किया गया है। मधेपुरा फैक्‍ट्री गुणवत्ता और सुरक्षा के उच्चतम मानकों के साथ तैयार की गई सबसे बड़ी एकीकृत नई (ग्रीनफील्ड) यूनिट है। 120 इंजनों (लोकोमोटिव) की उत्पादन क्षमता वाला यह कारखाना 250 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। ये इंजन अत्‍याधुनिक आईजीबीटी आधारित, 3-फेज ड्राइव और 9000 किलोवाट (12000 हॉर्स पावर) के इलेक्ट्रिक इंजन हैं। यह इंजन 706 केएन  के अधिकतम संकर्षण के लिए सक्षम है, जो 150 में 1 की ढाल में 6000 टी ट्रेन का संचालन शुरू करने और चलाने में सक्षम है। 22.5 टी (टन) के एक्सल लोड के ट्विन बो-बो डिजाइन वाले इंजन (लोकोमोटिव) को 120 किमी प्रति घंटे की गति के साथ 25 टन तक उन्‍नत (अपग्रेड) किया जा सकता है। यह इंजन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए कोयला रेलगाड़ि

जम्मू-कश्मीर के लिए स्थायी निवास नियम नए युग की शुरुआत

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नयी दिल्ली - पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों और पीओके से विस्थापित हुए लोगों के वैध अधिकारों को बहाल कर दिया गया है। कई दशकों के भेदभाव को समाप्त कर दिया गया है और जो लोग इस कदम का विरोध कर रहे हैं, वे इस आरोप को सही साबित कर रहे हैं कि वे लोग पिछले 70 सालों से भेदभाव की राजनीति के सहारे फल-फूल रहे थे। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के स्थायी नियम की अधिसूचना को जम्मू और कश्मीर के लिए एक नए युग की शुरुआत बताते हुए कहा कि इतिहास हमारा समर्थन करेगा और यह साबित करेगा कि इस सुधार वाली योजना को समानता के सिद्धांत और एक स्वस्थ लोकतंत्र के मानदंडों के अनुरूप किया गया था। इतिहास की गंभीर भूलों को 70 वर्षों के बाद जम्मू और कश्मीर स्थायी निवास नियम में संशोधन के साथ सुधार दिया गया है। यह एक विसंगति थी जो ठीक होने का इंतजार कर रहा थी .  डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की तीन पीढ़ियों के लोगों को न्याय और गरिमा के साथ जीने के अधिकार से वंचित रखा गया और मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि यह मुक्ति हमारे जीवनकाल में ही मिल रही है, जो कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक वरदान सा

बाजार में उपलब्ध होने के लिए तैयार कंज्यूमर रोबोटिक्स ब्रांड

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नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए व्यवसाय और लोग जीवन जीने के सामान्य तरीकों में बदलाव कर रहे हैं और इसके मद्देनजर भारत के नंबर-1 कंज्यूमर रोबोटिक्स ब्रांड मिलैग्रो ने अपने रोबोटिक बैक मसाज व्हीमे 2020 के लॉन्च के साथ क्राउडफंडिंग में प्रवेश किया है। यह प्रोडक्ट कंपनी की वेबसाइट www.milagrowhumantech.com पर उपलब्ध है । 45 डिग्री से कम के कोण पर ग्रिप और गिरने से होने वाले नुकसान से बचने के लिए टिल्ट सेंसर तकनीक से लैस मिलाग्रो व्हीमे 2020 धीरे-धीरे मसाज करता है और उन लोगों के लिए अत्यधिक प्रभावी है जिन्हें पीठ दर्द की समस्या है। इस मसाजर की मूल रूप से कीमत 11,990 रुपए रखी गई थी। मिलैग्रो अब क्राउडफंडिंग का लाभ उठा रहा है, ताकि इसे 2,990 रुपये में बेचा जा सके। क्राउडफंडिंग 19 मई से शुरू होने वाले एक सप्ताह के लिए लोगों के लिए खुली रहेगी और 25 मई को ऑनलाइन ऑर्डर बंद हो जाएंगे। मिलैग्रो का लक्ष्य 15 दिनों में प्रोडक्ट डिलीवर करना है। रोलिंग मोशन के साथ संचालित व्हीमे दुनिया का पहला रोबोटिक मसाजर है जो तीन अलग-अलग सेटिंग्स के साथ आता है और यूजर उनमें से किसी एक का चुनाव क

मेदांता की कोविड मरीजों के लिए सुरक्षित एंड-टू-एंड सर्विसेज

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गुरुग्राम , कारोना (कोविड-19) महामारी के दौरान, विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा देने की निरंतरता में, मेदांता ¼https://www-medanta-org/½s ने अपने कड़े, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आधारित संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल को सबसे अधिक सुनिश्चित करने के लिए प्रबलित किया। रोगी की सुरक्षा का स्तर मेदांता का कोविड़ सुरक्षित वातावरण पूरे अस्पताल परिसर में रोगियों की अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करता है। डॉ नरेश त्रेहन, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, मेदांता, ने कहा, “अस्पतालों में इस चुनौतीपूर्ण वातावरण के दौरान रोगियों के इलाज के लिए परिस्थितयां और भी अनुकूल एवं विकसित होनी चाहिएं ताकि कोई भी रोगी इलाज से वंचित न रहे। एक प्रतिबद्ध स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में, यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपने रोगियों, परिचारकों और कर्मचारियों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सबसे अधिक सुरक्षित वातावरण में देखभाल की इस निरंतरता को सुनिश्चित करें। जबकि कारोना (कोविड-19) के दौरान होम केयर और टेली-मेडिसिन जैसी सेवाओं के भी सेन्टर शुरू हो गए हैं, अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं 24x7 उपलब्ध होनी चाहिए। मेदांता ने सु

एक्टीबूस्ट टेक्नोलॉजी और चार अलग-अलग वैरिएंट्स के साथ नई रेंज

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नयी दिल्ली : अग्रणी डायरेक्ट-सेलिंग ब्यूटी ब्रांड ऑरिफ्लेम ने अपनी तरह का पहला एंटीपर्सपिरेंट रेंज - एक्टिवल लॉन्च किया है। आज के समय में लोगों की जरूरतों के आधार पर प्रोग्रेसिव साइंस का उपयोग करते हुए इसे तैयार किया गया है और चिकित्सकीय रूप से एंटीपर्सपिरेंट्स की यह रेंज 48 घंटे तक ताजगी और सुरक्षा प्रदान करने के लिए सिद्ध है। एंटीपर्सपिरेंट्स की रेंज एक्टीबूस्ट टेक्नोलॉजी से संचालित है - जो एक मोशन-एक्टिवेटेड फ्रेगरेंस एनकेप्सुलेशन टेक्नोलॉजी है और यह इनोवेटिव माइक्रो फ्रेगरेंस कैप्सूल से बनी है। इसके तहत सुगंधित तेल के कोर शेल में तब्दील होते हैं और यह माइक्रो कैप्सुल गति से पैदा होने वाले घर्षण से खुलते हैं। जब आपको इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है, तो एंटीपर्सपिरेंट्स ताजगी बढ़ाते हैं। एक्टिवल एंटीपर्सपिरेंट्स 4 हाई-परफॉर्मंस वैरिएंट्स में उपलब्ध हैं - एक्सट्रीम, इनविजिबल, कम्फर्ट और फेयरनेस। एक्टिवल कंफर्म डिओड्रंट को त्वचा की देखभाल करने वाली सामग्री से बनाया गया है और यह प्राकृतिक नमी से संतुलित है जो आपके अंडरआर्म क्षेत्र को पूरे दिन तरोताजा और आरामदायक बनाए रखता है। एक्टिवल इ

कोरोना महाभारत का सत्य

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विजय सिंह बिष्ट  आज कल कोरोना से भयभीत होकर तालाबंदी में दो माह से घर में बंद पड़े मात्र प्रमुख कार्यो में सभी संलग्न हैं बार बार हाथ धोना , किसी को फोन करना खाना बनाना और निंद्रा की गोद में चले जाना। धन्यवाद है टीवी सीरियल में रामायण और महाभारत अथवा अन्य पसंदीदा सीरियल दिखाने के लिए। कभी कभार समाचारों की ओर भी ध्यान जाता है तब ऐसा लगता है कि रामायण के पात्रों की तरह कई जगह असत्य को सत्य बनाने के लिए कैकेई और मंथरा की भूमिका में हमारी सरकारें भी काम करती हैं। इसका प्रतिफल श्री राम चन्द्र जी की तरह गरीब जनता को भी वनवासी बनकर कंटक मार्गो से लाचार, भूखा-प्यासा जीवन बिताना होगा।  जाके पांव पड़े न बिवाईं सो कस जाने पीर पराई। आज राज्य सरकारें जिस तरह से प्रवास से लौटने वाले श्रमिकों के साथ बर्ताव कर रही हैं उसके सत्य और असत्य का प्रतिफल सीमा पर खड़ी  वह बेताब भीड़ भोग रही हैं जो भूखी प्यासी,कई दिनों से पैदल चलकर पुलिस के चुंगल से छूटकर अपने गांव जाने की प्रतीक्षा कर रही है। कई राजनीतिक दल भेजने , खाने रहने और किराया देने की पहल कर रहे हैं लेकिन पक्ष और बिपक्ष घरेलू झगड़ों की तरह नकार देते ह

कवि समाज का दर्पण

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विजय सिंह बिष्ट कवि अमर है, काया मर जाती है। कविताओं की प्ररेणाएं, सीख बन जाती हैं। कवि के भावों ने, सदा संसार जगाया है। काव्यों की पुंजकला ने, वेदों को रचवाया है। कवि की ललकारों में, बहु झंकारें होती हैं। मुक्तक छंन्दों में उनके, मधुर लोरियां होती हैं। विरहिन की विरहा में, कैसे विरहाग्नि होती है। बिछुड़ जाये जब प्रिय अपना, तब निष्ठुर हृदय भी रोता है। कवि समाज का दर्पण, समाज उसकी छाया है। भावों से भरी भाव-भंगिमा, उसकी अमिट माया है। कवि की रचना की रसना, सदा सुधारस बरसाती है। श्रृद्धा भक्ति हो या नैतिकता। जीवन मधु बरसाती है। प्रकृति का सुंदर दर्शन, जब श्रृंगार बन जाता है। मुक्तकंठ से गाया व्यंगक  भी, मनमोहक बनकर आता है। कवि की रचनाएं अमर, जीवन दर्शन बन जाती हैं कवि अदृश्य हो जाता है, काव्य रचनाएं रह जाती हैं।