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"ग़ज़लों की महफ़िल (दिल्ली)" का पहला वीडियो मुशायरा

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नयी दिल्ली - ग़ज़लों की महफ़िल (दिल्ली) के तत्वावधान और डाॅ अमर पंकज के संयोजन में एक बार फिर ऑनलाइन मुशायरे का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस मुशायरे की खूबी यह थी कि यह अदब की दुनिया की महत्वपूर्ण संस्था "ग़ज़लों की महफ़िल (दिल्ली)" का पहला वीडियो मुशायरा था जिसमें ज़ूम एप के माध्यम से विभिन्न राज्यों के शायर-शायरा शामिल हुए। सभी ग़ज़लकारों ने तहत या तरन्नुम में अपनी-अपनी गजलें सुना कर महफ़िल को उरूज पर पहुंचा दिया और साथ ही साथ अन्य शायरों की ग़ज़लों को सुनकर उनकी हौसला-अफ़जाई करते हुये भरपूर दाद दी।   एक यादगार शाम बनाने वाले महफ़िल के इस प्रथम वीडियो मुशायरे को बड़ी क़ामयाबी हासिल हुई । इस ऑनलाइन वीडियो मुशायरे की अध्यक्षता डाॅ डी एम मिश्र ने की तथा मुशायरे के संरक्षक की भूमिका में शरद तैलंग मौजूद रहे। इस ऑनलाइन वीडियो- मुशायरे में शिरक़त करने वाले जो शोरा हज़रात मौजूद थे उनके नाम इस प्रकार से हैं: शरद तैलंग (कोटा) जिन्होंने अपना कलाम -- यारी जो समंदर को निभानी नहीं आती ये तय था सफी़नो में रवानी नहीं आती।। सुनाया, वहीं मुंबई से राज कुमारी राज ने हौसलों से यकीं से निकलेगा

डाकिया लोगों के दरवाजों तक ‘शाही लीची’ और ‘जर्दालु आम’ पहुंचाएगा

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मुजफ्फरपुर (बिहार) की ‘शाही लीची’ और भागलपुर (बिहार) का ‘ जर्दालु आम’ अपने अनूठे स्वाद और हर जगह मांग के कारण दुनिया भर में विख्यात है। लोग ऑनलाइन तरीके से वेबसाइट " horticulture. bihar.gov.in " पर आर्डर पेश कर सकते हैं। आरंभ में यह सुविधा ‘शाही लीची’ के लिए मुजफ्फरपुर और पटना के लोगों को तथा ‘ जर्दालु आम’ के लिए पटना और भागलपुर के लोगों के लिए उपलब्ध होगी। लीची की बुकिंग न्यूनतम 2 किग्रा तथा आम की बुकिंग न्यूनतम पांच किग्रा तक के लिए होगी। भारत सरकार के डाक विभाग और बिहार सरकार के बागवानी विभाग ने लोगों के दरवाजों तक ‘शाही लीची’ और ‘जर्दालु आम’ की आपूर्ति करने के लिए हाथ मिलाया है। बिहार पोस्टल सर्किल ने बिहार सरकार के बागवानी विभाग के साथ मुजफ्फरपुर से शाही लीची और भागलपुर से जर्दालु आम की लॉजिस्टिक्स करने तथा इसकी लोगों के दरवाजों तक प्रदायगी करने के लिए एक करार किया है। कोरोना वायरस को सीमित करने के लिए लॉकडाउन के कारण लीची और आम के उत्पादकों को फलों को बेचने के लिए बाजार तक ले जाने/परिवहन की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के बीच इसकी आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बन ग

दुनिया का सबसे अमीर मंदिर अपनी 23 प्रॉपर्टी नीलाम करेगा

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संगम नगरी की पहचान "भईया जी का दाल-भात"

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सदी का सबसे भयंकर तूफ़ान

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CENS द्वारा डिजाइन आरामदायक फेसमास्क लंबे समय तक उपयोग करने के लिए

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नयी दिल्ली - इस स्नग फिट मास्क से बोलने में कोई असुविधा नहीं होती है, चश्मे पर कोई फाॅगिंग नहीं होती, इसे चारों तरफ से अच्छी तरह से पैक किया जाता है जिससे सांस लेते समय व्यावहारिक रूप से रिसाव की कोई गुंजाइशनहीं रह जाती। इसकी उच्च श्वसन क्षमता इसका एक और महत्वपूर्ण लाभ है जो इसे बिना किसी असुविधा के पहनने में सक्षम बनाता है। इसके अतिरिक्त, शोधकर्ताओं ने इस प्रकार के फैब्रिक लेयर्स को चुना है कि जिससे केवल इलेक्ट्रिक चार्ज द्वारा ही जो फैब्रिक की ट्रिबोइलेक्ट्रिक प्रकृति के कारण हल्के घर्षण के तहत व्याप्त हो सकते हैं, रोगजनकों के निष्क्रिय हो जाने की संभावना पैदा हो जाती है। इससे संबंधित अग्रिम स्तर के परीक्षण किए जा रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्तशासी संस्थान, सेंटर फार नैनो एंड साफ्ट मैटर साईंसेज (सीईएनएस) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने मास्क के एक कप आकार की डिजाइन (पैटेंट दायर) विकसित की है जो बोलते समय मुंह के सामने के हिस्से में पर्याप्त स्थान का सृजन करने में सहायता करती है। बड़े स्तर पर इसका उत्पादन के लिए इसे बंगलुरु स्थित एक कंपनी को अंतरित कर दिया गया है। ड

दस्तकारों की भागीदारी के साथ शुरू होने वाला "हुनर हाट" का थीम "लोकल से ग्लोबल" होगा

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नयी दिल्ली -"हुनर हाट, कला के प्रदर्शन के लिए एक मंच तो है ही, साथ-ही-साथ, यह, लोगों के सपनों को भी पंख दे रहा है। एक जगह है जहां इस देश की विविधता को अनदेखा करना असंभव ही है। शिल्पकला तो है ही है, साथ-साथ, हमारे खान-पान की विविधता भी है। वहां एक ही लाइन में इडली-डोसा, छोले-भटूरे, दाल-बाटी, खमन-खांडवी, ना जाने क्या-क्या था। भारत के हर हिस्से में ऐसे मेले, प्रदर्शिनियों का आयोजन होता रहता है। भारत को जानने के लिए, भारत को अनुभव के लिए, जब भी मौका मिले, जरुर जाना चाहिए। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ को, जी-भर जीने का, ये अवसर बन जाता है। आप ना सिर्फ देश की कला और संस्कृति से जुड़ेंगे, बल्कि आप देश के मेहनती कारीगरों की, विशेषकर, महिलाओं की समृद्धि में भी अपना योगदान दे सकेंगे।"  दस्तकारों-शिल्पकारों का "सशक्तिकरण एक्सचेंज", "हुनर हाट" सितम्बर 2020 से "लोकल से ग्लोबल" थीम एवं पहले से ज्यादा दस्तकारों की भागीदारी के साथ पुनः शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ बताया कि पिछले पांच वर्षों में 5 लाख से ज्यादा भा