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लॉकडाउन में स्कूल बंद होने से अकेले भारत में ही 320 मिलियन छात्र प्रभावित

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नयी दिल्ली : लॉकडाउन में स्कूल बंद होने से अकेले भारत में ही 320 मिलियन छात्र प्रभावित हुए हैं और इसने  ऑनलाइन लर्निंग की ओर नए छात्रों को आकर्षित करने में मुख्य भूमिका निभाई है। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म ब्रेनली ने भारत के सबसे लोकप्रिय एडटेक प्लेटफार्म के रूप में उभरने में उपलब्धि हासिल की है। पिछले हफ्ते इसी तरह के डेटा के अनुसार ब्रेनली ने अप्रैल में अधिकतम 25.05 मिलियन विजिट्स  के साथ अधिकतम वेबसाइट ट्रैफिक दर्ज किया, जिसमें भारतीय एडटेक ट्रैफ़िक 4.19% था। इस अनुकूल वृद्धि ने भारत में एडटेक प्लेटफार्म की स्थिति को अन्य ई-लर्निंग प्लेटफार्मों जैसे यूडेमी, जागरणजोश, बायजू और कोर्सएरा आदि के मुकाबले मजबूत किया है। ब्रेनली ने अपने यूजर-बेस में वृद्धि दर्ज की है और अब इसने 25 मिलियन का आंकड़ा छू लिया है। इसका श्रेय उसके नॉलेज शेयरिंग ’कम्युनिटी लर्निंग’ मॉडल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत उपस्थिति को दिया जा सकता है। ब्रेनली के सीईओ और सह-संस्थापक माइकल बोर्कोवस्की ने कहा, “पिछले कुछ हफ्ते छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए

अर्थव्यवस्था के फिर खुलने की उम्मीदों के बीच सोने की कीमतों में गिरावट

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नयी दिल्ली - दुनिया भर के देशों की मुख्य चिंता यह है कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए लॉकडाउन के उपायों को कैसे शिथिल किया जाए। महामारी की दूसरी लहर पर चिंता और तनाव अब भी कायम है। प्रथमेश माल्या, चीफ एनालिस्ट, नॉन-एग्री कमोडिटीज और करेंसी, एंजिल ब्रोकिंग लिमिटेड सोना पिछले सप्ताह सोने की कीमतों में करीब 0.2 प्रतिशत की गिरावट ही है और इसकी वजह संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों की ओर से आक्रामक इंफ्यूजन प्लान और नीतियों की घोषणा है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में लॉकडाउन के उपायों को हटाने के कारण बाजार की भावनाओं को सपोर्ट  मिला, जिससे पीली धातु की कीमतों में कमी आई। ग्लोबल इक्विटी और क्रूड ऑयल की कीमतों में वृद्धि ने निवेशकों के बीच जोखिम लेने की भूख बढ़ा दी है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव और नए और शक्तिशाली वैक्सीन बनाने की दौड़ ने बाजार की भावनाओं पर असर डाला और कीमतों में गिरावट को सीमित कर दिया। चांदी पिछले सप्ताह स्पॉट सिल्वर की कीमतें 0.15 प्रतिशत बढ़कर 17.2 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई। एमसीएक्स पर कीमतें 1.17 प्रतिशत ब

भारत में पहली बार लॉन्च ब्लू रे डिसइंफेक्शन मशीन (किलर 100)

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स्टीम-एमिटिंग डिसइंफेक्शन मशीन का उपयोग सब्जियां साफ करने या त्वचा को मॉइस्चराइज़ करने के लिए स्टीमर के रूप में भी किया जा सकता है, जो आवश्यकता पर निर्भर करता है। इसके लिए, उपयोगकर्ताओं को बस आवश्यक सॉल्युशन से बोतल को भरना होगा - उदाहरण के लिए, पानी और सिरके का कॉम्बिनेशन। आपको दरवाजे के हैंडल, टेलीफोन या किसी और सतह को साफ करने के लिए उपयुक्त लिक्विड की आवश्यकता होती है। आपको बस स्प्रे करने और पोंछने की ज़रूरत है। नई दिल्ली : हॉन्गकॉन्ग की चिली इंटरनेशनल ने भारत में पहली बार किलर 100 ब्लू रे डिसइंफेक्शन मशीन लॉन्च की है। बेमिसाल डिसइंफेक्शन के लिए यह लाइटवेट, मल्टीपर्पज मशीन किलर 100 घर, दफ्तर, मॉल, कार या व्यक्तिगत उपयोग के लिए आदर्श है। चिली इंटरनेशनल का एक विशेष मॉडल किलर 100 जापान में डिजाइन किया गया है और चीन में असेंबल किया गया है। इस प्रोडक्ट के साथ कंपनी का उद्देश्य जीवन को फिर सामान्य स्थिति में लाना है। पूरी दुनिया अभूतपूर्व कोविड-19 प्रकोप से खुद को बचाने के लिए उपाय कर रही है। इसमें हमारा सबसे बड़ा हथियार अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखना ही है। इस समय बाजार में डिस्को फॉग म

टीसीएल की एआई अल्ट्रा-इन्वर्टर एसी तेजी से ठंडक प्रदान करने के लिए

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नई दिल्ली : वैश्विक स्तर पर नंबर दो टीवी ब्रांड और अग्रणी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी टीसीएल ने भारतीय बाजार में एयर-कंडीशनर्स की अपनी एलिट रेंज लॉन्च की है और एंट्री प्राइज 23,990 रुपए के साथ यह अमेज़न पर उपलब्ध है। आधुनिक तकनीक से संचालित, टीसीएल एआई अल्ट्रा-इन्वर्टर एयर कंडीशनर स्मार्ट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए गूगल असिस्टेंट और टीसीएल होम ऐप के साथ काम करते हैं। एलिट एयर-कंडीशनर्स को 60 डिग्री सेल्सियस तक के उच्च परिवेश के तापमान में स्ट्रॉन्ग कूलिंग प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। टीसीएल की एलिट सीरीज के एयर-कंडीशनरों की नवीन विशेषताओं में अल्ट्रा-लो फ्रिक्वेंसी ऑपरेशन के लिए एआई अल्ट्रा-इन्वर्टर कंप्रेसर तकनीक शामिल है जो 50% ऊर्जा की बचत सुनिश्चित करती है। अल्ट्रा-इन्वर्टर कंप्रेसर को हाई फ्रिक्वेंसी के साथ शुरू करने और अधिकतम 30 सेकंड में तापमान को 18 डिग्री सेल्सियस तक नीचे लाने के लिए अधिकतम आरपीएम पर चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। स्मार्ट एयर-कंडीशनर में टाइटन गोल्ड इवेपोरेटर और कंडेन्सर की सुविधा है जो इवेपोरेटर और कंडेन्सर की दक्षता और जीवनकाल बढ़ाता

"ग़ज़लों की महफ़िल (दिल्ली)" का पहला वीडियो मुशायरा

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नयी दिल्ली - ग़ज़लों की महफ़िल (दिल्ली) के तत्वावधान और डाॅ अमर पंकज के संयोजन में एक बार फिर ऑनलाइन मुशायरे का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस मुशायरे की खूबी यह थी कि यह अदब की दुनिया की महत्वपूर्ण संस्था "ग़ज़लों की महफ़िल (दिल्ली)" का पहला वीडियो मुशायरा था जिसमें ज़ूम एप के माध्यम से विभिन्न राज्यों के शायर-शायरा शामिल हुए। सभी ग़ज़लकारों ने तहत या तरन्नुम में अपनी-अपनी गजलें सुना कर महफ़िल को उरूज पर पहुंचा दिया और साथ ही साथ अन्य शायरों की ग़ज़लों को सुनकर उनकी हौसला-अफ़जाई करते हुये भरपूर दाद दी।   एक यादगार शाम बनाने वाले महफ़िल के इस प्रथम वीडियो मुशायरे को बड़ी क़ामयाबी हासिल हुई । इस ऑनलाइन वीडियो मुशायरे की अध्यक्षता डाॅ डी एम मिश्र ने की तथा मुशायरे के संरक्षक की भूमिका में शरद तैलंग मौजूद रहे। इस ऑनलाइन वीडियो- मुशायरे में शिरक़त करने वाले जो शोरा हज़रात मौजूद थे उनके नाम इस प्रकार से हैं: शरद तैलंग (कोटा) जिन्होंने अपना कलाम -- यारी जो समंदर को निभानी नहीं आती ये तय था सफी़नो में रवानी नहीं आती।। सुनाया, वहीं मुंबई से राज कुमारी राज ने हौसलों से यकीं से निकलेगा

डाकिया लोगों के दरवाजों तक ‘शाही लीची’ और ‘जर्दालु आम’ पहुंचाएगा

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मुजफ्फरपुर (बिहार) की ‘शाही लीची’ और भागलपुर (बिहार) का ‘ जर्दालु आम’ अपने अनूठे स्वाद और हर जगह मांग के कारण दुनिया भर में विख्यात है। लोग ऑनलाइन तरीके से वेबसाइट " horticulture. bihar.gov.in " पर आर्डर पेश कर सकते हैं। आरंभ में यह सुविधा ‘शाही लीची’ के लिए मुजफ्फरपुर और पटना के लोगों को तथा ‘ जर्दालु आम’ के लिए पटना और भागलपुर के लोगों के लिए उपलब्ध होगी। लीची की बुकिंग न्यूनतम 2 किग्रा तथा आम की बुकिंग न्यूनतम पांच किग्रा तक के लिए होगी। भारत सरकार के डाक विभाग और बिहार सरकार के बागवानी विभाग ने लोगों के दरवाजों तक ‘शाही लीची’ और ‘जर्दालु आम’ की आपूर्ति करने के लिए हाथ मिलाया है। बिहार पोस्टल सर्किल ने बिहार सरकार के बागवानी विभाग के साथ मुजफ्फरपुर से शाही लीची और भागलपुर से जर्दालु आम की लॉजिस्टिक्स करने तथा इसकी लोगों के दरवाजों तक प्रदायगी करने के लिए एक करार किया है। कोरोना वायरस को सीमित करने के लिए लॉकडाउन के कारण लीची और आम के उत्पादकों को फलों को बेचने के लिए बाजार तक ले जाने/परिवहन की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के बीच इसकी आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बन ग

दुनिया का सबसे अमीर मंदिर अपनी 23 प्रॉपर्टी नीलाम करेगा

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संगम नगरी की पहचान "भईया जी का दाल-भात"

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सदी का सबसे भयंकर तूफ़ान

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CENS द्वारा डिजाइन आरामदायक फेसमास्क लंबे समय तक उपयोग करने के लिए

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नयी दिल्ली - इस स्नग फिट मास्क से बोलने में कोई असुविधा नहीं होती है, चश्मे पर कोई फाॅगिंग नहीं होती, इसे चारों तरफ से अच्छी तरह से पैक किया जाता है जिससे सांस लेते समय व्यावहारिक रूप से रिसाव की कोई गुंजाइशनहीं रह जाती। इसकी उच्च श्वसन क्षमता इसका एक और महत्वपूर्ण लाभ है जो इसे बिना किसी असुविधा के पहनने में सक्षम बनाता है। इसके अतिरिक्त, शोधकर्ताओं ने इस प्रकार के फैब्रिक लेयर्स को चुना है कि जिससे केवल इलेक्ट्रिक चार्ज द्वारा ही जो फैब्रिक की ट्रिबोइलेक्ट्रिक प्रकृति के कारण हल्के घर्षण के तहत व्याप्त हो सकते हैं, रोगजनकों के निष्क्रिय हो जाने की संभावना पैदा हो जाती है। इससे संबंधित अग्रिम स्तर के परीक्षण किए जा रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्तशासी संस्थान, सेंटर फार नैनो एंड साफ्ट मैटर साईंसेज (सीईएनएस) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने मास्क के एक कप आकार की डिजाइन (पैटेंट दायर) विकसित की है जो बोलते समय मुंह के सामने के हिस्से में पर्याप्त स्थान का सृजन करने में सहायता करती है। बड़े स्तर पर इसका उत्पादन के लिए इसे बंगलुरु स्थित एक कंपनी को अंतरित कर दिया गया है। ड

दस्तकारों की भागीदारी के साथ शुरू होने वाला "हुनर हाट" का थीम "लोकल से ग्लोबल" होगा

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नयी दिल्ली -"हुनर हाट, कला के प्रदर्शन के लिए एक मंच तो है ही, साथ-ही-साथ, यह, लोगों के सपनों को भी पंख दे रहा है। एक जगह है जहां इस देश की विविधता को अनदेखा करना असंभव ही है। शिल्पकला तो है ही है, साथ-साथ, हमारे खान-पान की विविधता भी है। वहां एक ही लाइन में इडली-डोसा, छोले-भटूरे, दाल-बाटी, खमन-खांडवी, ना जाने क्या-क्या था। भारत के हर हिस्से में ऐसे मेले, प्रदर्शिनियों का आयोजन होता रहता है। भारत को जानने के लिए, भारत को अनुभव के लिए, जब भी मौका मिले, जरुर जाना चाहिए। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ को, जी-भर जीने का, ये अवसर बन जाता है। आप ना सिर्फ देश की कला और संस्कृति से जुड़ेंगे, बल्कि आप देश के मेहनती कारीगरों की, विशेषकर, महिलाओं की समृद्धि में भी अपना योगदान दे सकेंगे।"  दस्तकारों-शिल्पकारों का "सशक्तिकरण एक्सचेंज", "हुनर हाट" सितम्बर 2020 से "लोकल से ग्लोबल" थीम एवं पहले से ज्यादा दस्तकारों की भागीदारी के साथ पुनः शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ बताया कि पिछले पांच वर्षों में 5 लाख से ज्यादा भा

संगम नगरी की पहचान बना भईया जी का दाल-भात 

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प्रयागराज के संगम तट पर 23 नवम्बर 2018 से अनवरत प्रतिदिन चलने वाला अन्न क्षेत्र अब यहां की मुख्य पहचान बन गया है। मां काली शक्ति साधना केंद्र की अद्वितीय पहल भूखमुक्त भारत संकल्प के साथ भईया जी का दाल-भात परिवार के बैनर तले इसके संचालक गुड्डू मिश्र व उनके साथियों के सानिध्य में 23 नवम्बर 2018 अक्षय तृतीया से प्रयागराज के संगम तट पर बंधवा वाले बड़े हनुमान मंदिर के बाएं तरफ चलने वाला यह अन्न क्षेत्र अब प्रयागराज की मुख्य पहचान बन चुका है। यहां पर आने वाले प्रत्येक भूखे को सेवा भाव से भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाता है। भईया जी का दाल-भात अन्न क्षेत्र में आज PWS परिवार के संस्थापक/प्रबन्धक आर के पाण्डेय एडवोकेट (हाई कोर्ट इलाहाबाद), PWS व्यापार सभा के उ.प्र. अध्यक्ष अभिषेक गुप्ता, उपाध्यक्ष अनुराग जयसवाल, महामंत्री अवधेश चौहान, प्रयागराज जिलाध्यक्ष देवांशु मिश्र, जिला महामंत्री पवन गुप्ता, PWS परिवार के बाल श्रम उन्मूलन प्रभारी प्रमोद कुमार शुक्ल आदि ने श्रमदान किया। इस अवसर पर मां काली शक्ति साधना केंद्र की अलौकिक अवधारणा भूखमुक्त भारत संकल्प के साथ भईया जी का डाल-भात परिवार के बैनर तले भूखी

लौट कर फिर गांवों की ओर चलें

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विजय सिंह बिष्ट छोड़ा था जिन गांवों को, चलो फिर से लौट चलें। शहरों की बेबस आपा-धापी में, अब जीवन सूना सूना लगता है, खाना पानी रहना पास नहीं, यहां रहकर भी क्या करना है। जिन सीमाओं को लांघ बसे यहां, अब उन्हीं सीमाओं की ओर चलें लौट कर फिर गांवों की ओर चलें। आरोप लगाते थे जिन गांवों को, शिक्षा रोजगार का अभाव था जहां, असभ्यता की संज्ञा दे भागे यहां वहां। आज उन्ही गांवों की यादों में रोते हैं, राहें ढूंढें मन से जिन्हें संजोए होते है चलो उन्ही राहों पर लौट चलें। अज्ञात शत्रु के भय से भाग रहे हैं, बीबी बच्चों को घसीटे जा रहे हैं। मन में एक ही आश लगाए चलो चलें, गांवों की चौपालों पर चलें, आओ गांवों की ओर लौट चलें। लौट चलें उन खेतों में, जिन्होंने हमें पाला था, लौट चलें उन हसीन वादियों में, जिन्होंने मधुर संगीत सुनाया था। उस स्वर्गभूमि की ओर लौट चलें, फिर से गांव की ओर लौट चलें।