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विश्व मैत्री मंच की दिल्ली प्रदेश इकाई द्वारा ऑनलाइन ऑडियो कवि सम्मेलन का आयोजन

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नयी दिल्ली - वैश्विक महामारी के इस संकट काल में जबकि मिलना जुलना बिलकुल भी संभव नहीं हो पा रहा है और सारी साहित्यिक गतिविधियां भी बंद हैं ऐसे में ऑनलाइन कवि गोष्ठी ने दिल्ली के सभी मित्रों को आपस में मिला दिया कर कार्यक्रम को यादगार बना दिया गया। जब एक मंच ,एक विषय पर सभी कविताएँ और सभी की मंच पर उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संतोष श्रीवास्तव ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ सविता चड्डा थीं।   विशिष्ट अतिथि नीलम दुग्गल नरगिस थीं।  डॉ भावना शुक्ला ने सरस्वती वंदना बहुत ही सुरीले स्वरों में प्रस्तुत की, वहीं राधा गोयल ने दीप प्रज्वलन कर सरस्वती मां का वंदन किया । कार्यक्रम का अपने ढंग का अनूठा कार्यक्रम का संचालन सुषमा भंडारी ने किया। 18 कवयित्रियों ने प्रेम ,इंतजार और यादें विषय पर अपनी ,अपनी बेहतरीन कविताएँ सुनाईं। प्रमिला वर्मा ने आह मै गीत की एक पंक्ति हूं तुमने मुझे हंसकर भुला दिया। मुक्ता मिश्रा ने शब्द कितना कहें एक विरह की व्यथा । भावना शुक्ल ने प्रेम है लाजमी जिंदगी के लिए , तुम समर्पण करो बंदगी के लिए। सुषमा भंडारी ने लॉकडाऊन  में खौफ के सुकून का इंतजार ,खामोश जीवन क

ON LINE पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी:आज के डिजिटल दौर में पत्रकारिता

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नई दिल्ली : हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के माध्यम से डिजिटल दौर में पत्रकारिता नामक विषय पर गोष्ठी भी आयोजित की गई। वेबिनार का संचालन राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान ने किया, जिसमें उन्होंने उपस्थित वक्ताओं एवं अन्य का स्वागत करते हुए मीटिंग का एजेंडा बताते कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान गोष्ठी की शुरुआत ओडिशा से सांसद व पूर्व मंत्री प्रोफेसर प्रसन्ना पटसानी ने की। इसके बाद मुख्य वक्ता के तौर पर राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) के वरिष्ठ सह संस्थापक एवं वरिष्ठ पत्रकार सुनील डंग ने उपस्थित पत्रकारों के समक्ष हिंदी पत्रकारिता दिवस पर प्रकाश डालते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता की बात कही। इसी क्रम में पूर्व मंत्री प्रोफेसर पटसानी ने भी अपने वक्तव्य में पत्रकार एवं पत्रकारिता जगत की बात भी बखूबी अंदाज़ में रखी, उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी दशा में पत्रकारिता धर्म से नही भटकना चाहिए। इसी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार बालासाहेब आम्बेकर व नारायनपुरकर ने भी अपनी बातों को रखा। इसके बाद

पीड़ा के स्वर

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विजय सिंह बिष्ट मैंने कितने अश्रु बहाए जीवन में, अगर संजोया होता सागर भी भर जाता, इतना जहर पिलाया मुझको दुनिया ने, नीलकंठ भी पीता तो वह भी मर जाता। यदि मैं अपनी राम कहानी पहले लिखा देता, भला लिखने को फिर क्या रह जाता। जितने रावण आये मुझसे लड़ने को, एक अकेला राम भला क्या लड़ पाता। अपनी यदि मैं राम कहानी लिख देता, फिर लिखने को शेष भला क्या रह जाता। प्यार किया विश्वास किया अपना माना, जाने क्यों हर अपना धोखा दे जाता। इतना लूटा अपने और परायों ने, धन कुबेर का भी दीवाला पिट जाता। झंझावात भंयकर मैंने जो झेले, प्रलय काल का मनु शायद ही बच पाता। जीवन गुजरा सूखे रेगिस्तानों में, मरूस्थल में कैसे गंगाजल पाता। यदि मैं अपनी राम कहानी लिख देता, फिर लिखने को शेष भला क्या रह जाता। दुर्योधन के दल में शामिल भीष्म यहां, उन्हें मारने कितने चक्र उठाता, लाखों द्रौपदियों की लुटती लाज यहां, किस किस की  मैं लाज बचाने चीर बढ़ाता। इक जैसा ही पाया मैनेलोगों को, भले बुरे का निर्णय कैसे कर पाता। मेरे मन मंदिर में मेरा ईश्वर है मैं औरों के दरवाजों पर क्यों जाता। तुम अपने हिस्से का विष मुझको दे दो, विष पीने से ही तो शं

मोदी सरकार के 2.0 का पहले साल की उपलब्धि

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गांव वाले भी हैं समझदार

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भीषण गर्मी के बीच हुई बारिश से मौसम हुआ सुहाना

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फेस मास्क की मांग को पूरा करने के लिए फरीदाबाद जिला जेल के साथ अक्ज़्नोबेल इंडिया की साझेदारी

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फरीदाबाद - आजीविका पुनर्वास कार्यक्रम के तहत, अक्ज़्नोबेल इंडिया का फरीदाबाद जिला से हमेशा सम्बन्ध रहा है। जेल के कैदियों को सजावटी पेंट कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने में जेल में अब तक 125 से अधिक कैदियों को प्रशिक्षित किया गया है। COVID-19 के मद्देनजर, अक्ज़्नोबेल इंडिया ने फरीदाबाद डिस्ट्रिक्ट जेल के साथ पार्टनरशिप करते हुए गुडगाँव में फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स, दिहाड़ी मजदूरों और उनके परिवारों के लिए तीन स्तरित फेस मास्क बनाए। इस साझेदारी के तहत, जेल के कैदियों द्वारा 20,000 फेस मास्क बनाए जा रहे हैं और जल्द ही विभिन्न समुदायों  में वितरित किए जाएंगे। हमारे मौजूदा कार्यक्रम के तहत फरीदाबाद जिला जेल के साथ साझेदारी का उद्देश्य फेस मास्क की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करना है। इससे पहले, अक्ज़्नोबेल इंडिया ने अपने 12,000 पेंटरों  के लिए मदद का हाथ बढ़ाया था और 6,000 लोगों को आवश्यक खाद्य सामग्री प्रदान की थी। कंपनी ने अब तक बैंगलोर के पास के गांवों में 1,000 से अधिक लोगों को कोरोनोवायरस के लिए प्रारंभिक जांच में सहयोग प्रदान किया है।

हैंड और बॉडी वॉश के साथ-साथ त्वचा को पोषण देने और तरोताजा बनाए रखने वाला लोशन

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नई दिल्ली : मीठी और मसालेदार परिष्कृत सुगंधित मिश्रण न केवल आपका मूड सुधारता है बल्कि थकी हुई मांसपेशियों को आराम देने के लिए एक आदर्श अमृत हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रमुख स्वीडिश डायरेक्ट-सेलिंग ब्यूटी ब्रांड ऑरिफ्लेम ने अपना प्रीमियम एसेंस एंड कंपनी बाथ और बॉडी रेंज पेश किया है। बेहतरीन गुणवत्ता वाले प्राकृतिक एसेंशियल ऑयल्स, प्रीमियम इत्र, और शानदार टेक्सचर के संयोजन से बनी यह शानदार बाथिंग रेंज सुगंधित हैंड और बॉडी वॉश व लोशन प्रदान करती है। एसेंस एंड कंपनी शुद्ध रूप से आपकी सुविधा को ध्यान में रखकर विकसित की गई है जो प्रकृति के स्पर्श के साथ एक्जॉटिक अनुभव पसंद करने वाली महिलाओं को विशेष रूप से पसंद आएगी। पौष्टिक नॉर्डिक कॉटन फूलों के अर्क और इलायची के एसेंशियल ऑयल के ताजगी देने और तरोताजा करने वाले गुणों से समृद्ध ऑरिफ्लेम की यह सुगंधित बाथिंग रेंज त्वचा को पोषण देती है और मन व शरीर दोनों को आराम देती है। दोनों उत्पादों को मॉइस्चराइजिंग टेक्सचर और डेलिकेट फ्रेगरेंस के साथ क्यूरेट किया गया है, पीएच बेलेंस है और चिकित्सकीय रूप से पुष्टि की जा चुकी है कि यह किसी भी प्रकार

भारत के सैलून्स के लिए ‘बैक टू बिज़नेस’ सुरक्षा दिशा निर्देश

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नई दिल्ली : लोरिआल इंडिया ने भारत के सैलून्स के लिए हाइजीन की रूपरेखा एवं परिचालन संबंधी दिशानिर्देश विकसित किए हैं, जो उन्हें कारोबार फिर से आरंभ करने में सहायक गाईड की तरह होंगे । लोरिआल हेयरड्रैसर्स को सैलून में सुरक्षा और सैनिटेशन के उपाय अपनाने में मदद करेगा , मास्क, सैनिटाइज़र और इन नए विकसित संचालन दिशानिर्देशों को प्रदान करेगा, ताकि हेयरड्रैसर्स खुद, और उनके क्लाइंट्स , सुरक्षित रह सकें ।पेशेवर सौन्दर्य के क्षेत्र में 110 साल से अधिक के अनुभव के साथ, लोरिआल उद्योग जगत में पार्टनर एवं एडवोकेट की भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।   ‘बैक टू बिज़नेस’ हाइजीन एवं सुरक्षा गाईड, लॉकडाउन के प्रतिबंध हटाए जाने से पहले, 45,000 सैलून्स नेटवर्क और 170,000 से अधिक हेयरड्रैसर्स में वितरित की जाएगी। लॉकडाउन के प्रतिबंध हटाए जाने के बाद की स्तिथी में, सहायक गाईड में शामिल सलाह , उपभोगताओं एवं कर्मचारियों की सुरक्षा और हित को सुनिश्चित करने में सहायक होंगे; सुरक्षित संचालन की कार्यप्रणाली के तहत हाथों की सफाई, टूल्स का डिस्इन्फेक्शन, सैलून रूटिंग, प्री-बुकिंग , अपॉइंटमेंट्स के बीच जगह रखने के लि

NEET 13 जून को होगा अपनी तरह का पहला अखिल भारतीय रिमोट प्रोक्टर्ड टेस्ट

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नई दिल्ली : लॉकडाउन बढ़ने के कारण सभी प्रतियोगी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं, जिसमें नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रैंस टेस्ट (NEET) भी शामिल है, जो अब 26 जुलाई, 2020 को होगा। ऐसे में परीक्षा से पहले दो महीने और मिलने से छात्र परीक्षा के लिए बेहतर तैयारी कर सकेंगे। छात्रों को मॉक टेस्ट के लिए तैयार करने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप, पियरसन इण्डिया, NEET छात्रों और संस्थानों के लिए एक नई पेशकश लेकर आए हैं। पियरसन इण्डिया ने रिमोट प्रोक्टर्ड टेस्ट के साथ मायइनसाईट्स NEET ऑनलाईन टेस्ट सीरीज़ का लॉन्च किया है। इस सीरीज़ में अपनी तरह का पहला ऑनलाईन रिमोट प्रोक्टर्ड टेस्ट शामिल है, जिसका आयोजन 13 जून को होगा और छात्रों को परीक्षा की तरह रैंकिंग भी मिलेगी। इसके अलावा, टेस्ट सीरीज़ में NEET पाठ्यक्रम पर आधारित 3 अखिल भारतीय नॉन-प्रोक्टर्ड टेस्ट, XI कक्षा के पाठ्यक्रम पर आधारित 1 फुल-लेंथ टेस्ट तथा हल के साथ पिछले साल NEET 2019 के पेपर शामिल होंगे। मायइनसाईट्स टेस्ट सीरीज़ छात्रों को अभ्यास का मौका प्रदान करेगी, वे NEET के स्कोर के संदर्भ में इस टेस्ट के लिए तुरंत रिपोर्ट भी पा सकेंगे। इस तरह इस समय

आर्थिक गतिविधियों की प्रक्रिया को धीमा करेगा फंड और श्रम की कमी

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भारत भर के नए और चल रहे प्रोजेक्ट्स का सबसे बड़ा ऑनलाइन डेटाबेस, प्रोजेक्ट्स टुडे ने प्रोजेक्ट जगत के विशेषज्ञों का एक सर्वेक्षण किया है. ये सर्वेक्षण वर्तमान स्थिति पर उनके विचार और पोस्ट कोरोना दौर में संभावित परियोजनाओं में निवेश परिदृश्य के बारे में जानने के लिए किया गया है. पूरे भारत के प्रोजेक्ट जगत के करीब 233 लीडर्स (प्रमोटर, आर्किटेक्ट, सलाहकार और ठेकेदार) ने इस सर्वेक्षण में भाग लिया. अधिकांश प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि वर्तमान लॉकडाउन में दवाइयों और स्वास्थ्य सेवा के अलावा, अन्य सभी क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं और लॉकडाउन हटने के बाद इन इकाइयों को कामकाज फिर से शुरू करने में कुछ समय लगेगा.60 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है. निर्माता, उपभोक्ता और सरकार इस बात को ले कर अनिश्चित हैं कि महामारी कब धीमी होगी और कब कारखाने और कार्यालय काम करना शुरू करेंगे. भारत ने सबसे लंबा और अभूतपूर्व लॉकडाउन देखा है. देश उन लाखों मजदूरों का रिवर्स माइग्रेशन भी देख रहा है, जो भूख, वायरस संक्रमण और अनिश्चित भविष्य से डर रहे हैं. सर्वेक्षण के

9 राज्यों पर टिड्डी दल का हमला

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योगी सरकार का प्रबंध

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