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तिरस्कृत मां की व्यथा

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डॉ• मुक्ता स्टेशन पर बैठी सत्तर वर्षीय वृद्धा खुद से हाल-बे-हाल जिसके उद्वेलित अंतर्मन में  उठ रहे थे अनगिनत सवाल यह कैसा दुनिया का दस्तूर यहां अपने, अपने बन अपनों को छलते यह कैसा लॉकडाउन भावनाएं मृत्त और नदारद संस्कृति के प्रति आस्था- संस्कार नहीं रिश्तों की अहमियत और लुप्त संबंध-सरोकार इसी बीच एक महिला पत्रकार आ पहुंची उस वृद्धा के पास देख उसे उधेड़बुन में उसने प्रश्न दाग़ा उस पर क्यों बैठी हो अशांत-क्लांत खुद से बे-खबर कहां जाना है तुम्हें और कौन है तुम्हारे साथ पहले तो वह आश्चर्य-चकित निस्तब्ध, ठगी-सी मौन हो ताकती रही फिर बह निकला ह्रदय में दफ़न भावनाओं का सैलाब उसे बीमार बेटे की तीमारदारी हित रवाना कर दिया गया था धोखे से और आ गयी वह दिल्ली से मुंबई ठीक होते ही बदले कलयुगी बेटे ने तेवर भाई को कोसा मां को जली-कटी सुनायी शराब के नशे में उसे चार बार मारा  ज़लील कर घर से बाहर निकाला  'जा कहीं भी भीख मांग कर खा मेरी चौखट पर मत आना लौट कर' सो! वह चाहती है दिल्ली जाना  उसका एक बेटा रहता है वहां परंतु वह जानती है नहीं देगा वह अपने आशियां में उसे पनाह न ही उसे रखेगा अपने साथ वैसे भी रोज़

जियो प्लेटफॉर्म्स ने भरी रिलायंस की झोली, 54 दिन में 104326.95 करोड रुपये का निवेश

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नयी दिल्ली , रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के मालिक मुकेश अंबानी ने समूह को जब मार्च 2021 तक ऋणमुक्त करने का ऐलान किया तो शायद यह आभास किसी को नहीं रहा होगा कि कोरोना वायरस का कहर इतना विकराल होगा किंतु इस माहौल के बावजूद कंपनी के कुशाग्र रणनीतिकारों ने जियो प्लेटफॉर्म्स में जिस चतुराई से निवेश का खाका तैयार किया, उस वजह से दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस की कर्जमुक्ति में दुधारू गाय साबित हो रहा है।  कोरोना कि वैश्विक महासंकट की चुनौती के बीच जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश का सिलसिला विश्व की सोशल नेटवर्किंग क्षेत्र की अग्रणी फेसबुक के साथ शुरु हुआ और नौ निवेशकों ने 54 दिन की छोटी सी अवधि में 104326.95 करोड रुपये का निवेश कर रिलायंस की झोली भर दी है।  कुल मिलाकर जियो प्लेटफॉर्म्स में नौ निवेशकों ने दस निवेश प्रस्तावों के जरिए 22.38 प्रतिशत इक्विटी के लिए कुल 104326.95 करोड रुपये निवेश का ऐलान किया है। इसमें सिल्वर लेक के दो निवेश प्रस्ताव हैं। इतनी राशि के निवेश के बावजूद जियो प्लेटफॉर्म्स रिलायंस की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाई बनी रहेगी।  दो निवे

आजमगढ़ के सिकंदरपुर आयमा गांव का रिहाई मंच ने किया दौरा

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आजमगढ़ . रिहाई मंच ने आजमगढ़ के महरागंज के सिकंदरपुर आयमा जहां  दो पक्षों में मारपीट हुई थी का दौरा किया. रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, अवधेश यादव, उमेश कुमार, विनोद यादव और बांकेलाल प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे. घटना में घायल जयभीम, सुधीर, अविनाश, लालबहादुर, गीता, अनीता, मीरा, सुरेखा, अंकिता, आनंद और चंदन से भी मुलाकात की. पीड़ित पक्ष ने दोषियों कि गिरफ्तारी की मांग करते हुए गांव में संवाद बहाली की प्रक्रिया का समर्थन किया. रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि प्रदेश में जगह-जगह पर हो रहे तनाव को लेकर रिहाई मंच सवांद स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. आजमगढ़ के सिकंदरपुर आयमा और जौनपुर के भरेठी की घटनाओं को लेकर सूबे कि राजनीत गर्म है लेकिन उस गांव के नौजवान-बुजुर्ग सभी चाहते हैं कि दोषियों को सजा दी जाए और सभी मिल जुलकर रहें. लाकडाउन के बाद आए प्रवासी मजदूर गांव कि संरचना से उतना वाकिफ नहीं रहते हैं जितना कि ग्रामवासी. इसीलिए इस घटना में देखा जा सकता है की मुख्य आरोपी से लेकर अन्य आरोपी अधिकांश मुंबई या अन्य जगहों से लॉक डाउन के बाद गांव आए हैं.  प्रतिनिधि मंडल के बांकेलाल, उमेश कुमार

बलरामपुर के अनवर अली के शव को कूड़े गाड़ी से ले जाना अमानवीय

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बलरामपुर । उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद में बीते 10 जून को मृतक अनवर अली (45) की मृत्यु सड़क पर हो गई थी। उनके शव को बलरामपुर पुलिस और नगर पालिका के कर्मचारियों ने एम्बुलेंस से ले जाने के बजाए कूड़े गाड़ी का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं मृतक के परिजनों को जब घटना के बारे में पता चला तो वो उतरौला कोतवाली पहुँचें तो देखा की अनवर अली का शव जमीन पर पड़ा हुआ था, मृतक के चेहरा ही केवल रुमाल से ढका हुआ था। उतरौला की पुलिस ने सारी मानवता की हदें पार कर दी यहां तक कि मृतक के शव का पंचनामा कर परिजनों को शौप दिया, जिसे उन्हें गांव के लोगों से 3 हजार चंदा कर पिकप गाड़ी से शव को घर लाया गया।बलरामपुर पुलिस और नगरपालिका कर्मचारियों ने शव के साथ दुर्व्यवहार कर इंसानियत को शर्मसार कर दिया। रिहाई मंच प्रतिनिधिमंडल ने मृतक अनवर अली के परिजनों से मुलाक़ात कर शोकाकुल परिवार सांत्वना दी और इंसाफ दिलाने का वादा किया। मृतक अनवर अली की पत्नी अनवारुन्निशा बताती है कि हमें पति के शव को लाने के लिए गांव के लोगों से 3 हजार का चंदा करना पड़ा, तब जाकर पिकप से शव को पंचनामा के बाद घर ला सके। उन्होंने बताया कि हमारी आर्थिक स

समाजवादी विचार धारा के प्रतीक हैं डाॅ रघुवंश प्रसाद सिंह पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री

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बिहार -  साधारण से व्यक्ति डाॅ रघुवंश प्रसाद सिंह पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री तीन तीन बार केन्द्र में मंत्री रहे 15 साल से अधिक सांसद तथा 5 साल विधायक और 5 साल विधान परिषद यानी 25 साल के राजनीतिक जीवन के बाद भी खपरैल के पुराने से घर में रहते हैं, आज तक खुद की गाड़ी नही, खुद का स्मार्टफ़ोन नहीं है। मजदूर और किसान की तरह जीवन यापन, साधारण गरीब, मजदूरों की तरह खाना सुखी रोटी, सब्जी, मक्का और जो की सतु तथा मक्का की भुजा खा कर जीवन यापन करते हैं। पेंशन के अलावा खाते में कोई पैसा नहीं है। यही असली समाजवादी नेता है। बिहार के ग्रामीण सड़कों का विकास तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का निर्माण या प्रधानमंत्री ग्रामीण विद्युतीकरण हर गाँव हर घर बिजली पहुंचाने का श्रेय डाॅ रघुवंश प्रसाद सिंह को ही जाता है।।लालू प्रसाद यादव राज्य में बिहार के सड़क के विकास नहीं होने का मुख्य कारण यह था कि 2004 से पहले  राज्यों के ग्रामीण सड़कों के योजना के लिए केन्द्र से 70 प्रतिशत राशि मिलती थी और राज्यों को 30 फीसदी अपने तरफ से लगाने पड़ते थे लेकिन बिहार जैसे अति पिछड़े राज्यों के लिए 30 फीसदी राशि सड़क में ल

अन्तर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच का "संघर्ष " विषय पर आन लाइन कवि सम्मेलन

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अन्तर्राष्ट्रीय  विश्व मैत्री मंच की उत्तर प्रदेश इकाई की पहल पर राष्ट्रीय अध्यक्षा संतोष श्रीवास्तव के संयोजन  में "संघर्ष " विषय पर आन लाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसकी मुख्य अतिथि डा. नीरज शर्मा बिजनौर , कार्यक्रम अध्यक्ष डा.पुनीत बिसारिया, झॉंसी , विशिष्ट अतिथि निहाल चन्द्र शिवहरे ,झॉंसी थे । इस अवसर पर  उ.प्र. ईकाई की निदेशिका डा. सुषमा सिंह आगरा भी उपस्थित थीं । संचालन अलका अग्रवाल ने व सरस्वती वन्दना संगीता अग्रवाल ने प्रस्तुत की । कार्यक्रम में कवियों एवं कवियत्रियों सहित 45 साहित्यकारों ने काव्य पाठ कर सहभागिता की । छत्तीसगढ़ ईकाई की उपाध्यक्ष रुपेन्द्र राज एवं वरिष्ठ साहित्यकार डा. प्रमिला वर्मा भोपाल से,भी विशेष रुप से उपस्थिति रहीं । संतोष श्रीवास्तव ने मंच के माध्यम से कोरोना काल में सभी  साहित्यकारों को एक साथ वाटसएप के माध्यम से सहभागी बनाने के महत्व पर चर्चा करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी को धन्यवाद दिया । इस अवसर पर संतोष श्रीवास्तव ने विश्व मैत्री मंच की उ.प्र. ईकाई के पुनर्गठन की घोषणा करते हुए निहाल चन्द्र शिवहरे वरिष्ठ साहित्यकार ,झांसी

लोक संगीतकारों द्वारा राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शन का सीधा प्रसारण

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जयपुर : राजस्थान के लोक संगीतकारों की पीड़ा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, विख्यात लोक संगीतकारों द्वारा राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शन का सीधा प्रसारण, 14 जून शाम 5 बजे लोक संवाद संस्थान के सभी ऑन लाइन माध्यमों जैसे facebook, Instagram, linked आदि माध्यमों से किया जाएगा। https://www.facebook.com/ loksamvadsansthan2000 https://www.instagram.com/ loksamvadsanthan/ https://www.linkedin.com/ company/lok-samvad-santhan/ राजस्थान के लोक संगीतकार और लोक नर्तक एक मंच पर एक साथ आ रहे हैं जिनमें कुसुम कछवाहा, सकूर खान लंगा, इरफान खान लंगा, सफी खान लंगा और हयात खान लंगा जैसे कलाकार शामिल हैं। ये कलाकार है जो की राजस्थानी लोक नृत्य और संगीत की सदियों पुरानी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। इस कार्यक्रम का प्रदर्शन म रु  मणि ’के एक भाग के रूप में ऑनलाइन होगा, जो की एक सामाजिक मीडिया अभियान है, जिसका उदेश्य डिजिटल चैनल के माध्यम से ब्रांड जागरूकता पैदा करना , सामुदायिक जुटाव और क्राउड-फंडिंग के माध्यम से इन कलाकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देना है। इस आयोजन पर टिप्पणी करते हुए, जयपुर स्थित ए

5 दिव्यांगों की एक टीम ने 40000 से अधिक फेस मास्क और 525 पीपीई किट बनाई

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जयपुर : महात्मा गांधी ने चरखे के जरिए भारतीय स्वतंत्रता की कहानी लिखी । यह सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है जब भारत "आत्मानिर्भर" बनने की दिशा में काम कर रहा है। राष्ट्रीय सिलाई मशीन दिवस पर वैश्विक कोविड-19 महामारी के रूप में, बैकलाइन कार्यकर्ताओं के रूप में कई पुरुषों और महिलाओं ने बच्चों, गरीबों और जरूरतमंदों के लिए पीपीई किट, फेस मॉस्क की सिलाई शुरू की है।   ऐसे कठिन समय के दौरान, नारायण सेवा संस्थान के 5 दिव्यांगों की एक टीम ने 40000 से अधिक फेस मास्क और 525 पीपीई किट जरूरतमंदों, रेलवे कर्मचारियों, पुलिस, वंचितों और पिछड़ों की सेवा कर रहे है। मध्यप्रदेश के सागर जिले से 28 साल के एक दिव्यांग व्यक्ति, देवेंद्र लोधी भी उदयपुर के नारायण सिलाई केंद्र में स्किल ट्रेनिंग के बाद, पीपीई किट, फेस मॉस्क, फेस शील्ड अभियान में योगदान दे रहे हैं। देवेंद्र कहते हैं कि नब्बे के दशक में, नवविवाहित महिलाएं अपने घरों में सिलाई मशीन  के जरिए "आत्मानिर्भर"  घर की आजीविका चलाने में सहयोग करती थी । धीरे-धीरे समय बदला और मशीनें महिलाओं के हाथों से पुरुषों के हाथों में चली गईं। और आज दोनों

विकास का आधार स्तंभ प्रवासी श्रमिकों का पलायन

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डॉ रचना सिंह "रश्मि"   कोरोना का कहर पूरे विश्व में छाया है कोरोना  को फैलाव को रोकने के लिए सरकार सम्पूर्ण भारत मे लॉकडाउन कर रखा है जिससें पूरा देश थम गया है सभी गतिविधियां बंद है हवाई ,रेलवें,सड़क यातायात बंद है सभी शहरों व गांवों की सड़कें और गलियां सुनी पड़ी हैं। जो जहाँ है वो वही ठहर.गया सभी देशवासी अपने घरों में कैद जीवन को जी रहे है सरकार ने मुलभूत आवश्यकओं के लिए राशन,दवाई आदि की दुकानों को सोसल डिसटेंस के साथ खोलने और होम डिलीवरी की सुविधा दी है. लेकिन एक वर्ग  ऐसा भी है जो शहरों में दिहाड़ी कर शाम को अपने तथा अपने परिवार की रोटी का जुगाड़ करता था वह कहां? जाए। इन प्रवासी मजदूरों की जेब में न तो पैसे हैं और न ही खाने के लिए घर में राशन घर में बैठकर कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए कोई विकल्प नहीं है।   लॉकडाउन के कारण सारा कामकाज ठप है। व्यवस्था अस्त-व्यस्त है। दिहाड़ीदार मजदूर जो छोटे-मोटे उद्योगों, दुकानों व ढाबों पर कार्य करते थे उनके पास भी कुछ करने को नहीं है। उनके पास काम नहीं तो पैसा नही खाने के लाले उपर कमरे के किराए के लिए प्रेशर भूखे और बदहाली में कोरोना, स

आज़मगढ़-जौनपुर की घटनाओं का किया जा रहा है साम्प्रदायिकरण

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लखनऊ । रिहाई मंच ने आज़मगढ़ सरदहां और जौनपुर के ग्राम भरेठी में वंचित समाज के बीच होने वाली मारपीट और आगज़नी की कड़ी निंदा की और प्रशासन पर साम्प्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। मंच ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं बचा है ऐसे में साम्प्रदायिकरण कर समाज को विभाजित किया जा रहा है। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि एक तरफ पूरा देश कोरोना महामारी के चलते संकट में है। जन साधारण के जाति–धर्म के भेद को परे रखकर एक दूसरे की पीड़ा को समझने और आपस में सहायक बनने का अद्भुत नज़ारा देश की सड़कों, महानगरों की गलियों से लेकर गांवों तक ने देखा है। लेकिन इस बीच कुछ अप्रिय घटनाएं भी सामने आईं जिनमें जौनपुर के ग्राम भरेठी और आज़मगढ़ के गांव सरदहां में हाशिए पर खड़े दो समूहों के बीच मारपीट और आगज़नी की घटना खासतौर से उक्त भावना को आहत करने वाली है। मंच महासचिव ने कहा कि संकट की इस घड़ी में इन घटनाओं के बाद शासन और प्रशासन की भूमिका ऐसी ही अन्य घटनाओं की तुलना में काफी असंतुलित रही है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले इसी तरह की घटना कानपुर में घटित हुई थी लेकिन पुलिस और उत्तर प्रदेश श

पुराने जमाने में 20का अंक अशुभ माना जाता था

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विजय सिंह बिष्ट वर्ष 2020ई0 प्रारम्भ जिस प्रकार हुआ वह बहुत ही दुखद रूप लेकर आया है। एक ऐसा रोग जो अज्ञांत रूप में विश्वभर में महामारी लेकर आया। इस आक्रांता ने जहां मृत्यु का तांडव मचाया वहां इस रोग की रोकथाम में वैज्ञानिकों, चिकित्सकों ,बैद्यों, और ओझाओं को भी हरा दिया। यहां तक इनको काल के गाल में पहुंचा दिया। पुराने जमाने में 20का अंक अशुभ माना जाता था।बीस ,बिस्सी विष के रूप में देखे जाते थे।चार सौ बीस ऐसे लोगों को संज्ञा दी जाती थी जो गलत से गलत काम किया करते थे। इनसे बचने की सलाह दी जाती रही है। संविधान की यह धारा बहुत खराब मानी जाती है। लाभ और हानि में हानिकारक किसी भी क्रय विक्रय में बीस बर्जित माना जाता था। इक्कीस लो या उन्नीस बीस का सौदा नहीं होता था। बीमार आदमी को इक्कीस दिन का उपवास दिया जाता था,जब पूछा जाता था जबाब न तो बीस का उन्नीस हुआ नहीं उन्नीस का बीस।अर्थात बीस का अंक घृणित समझा जाता था। भारतीय संस्कृति में ऐसा रचा-बसा है उसे डर कहो या मनोवैज्ञानिक प्रभाव।हमें याद है*1857ई0के भय से 1957ई0को दो भागों में बांटने की बात गांव में प्रचलित थी। आज बंगाल का चक्रवात  और जन हानि

किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा

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नोएडा , प्रदेशव्यापी मुहीम के तहत भारतीय किसान यूनियन भानु के कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं को लेकर गौतमबुद्ध नगर ज़िलाधिकारी कैम्प कार्यालय सेक्टर 27 नोएड़ा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। प्रशासन की तरफ़ से अपर ज़िलाधिकारी बलराम सिंह ने ज्ञापन लिया। राष्ट्रीय महासचिव बेगराज गुर्जर ने ज्ञापन में देश, उत्तर प्रदेश के किसानों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरणों द्वारा किसानों की ज़मीनें अधिग्रहण हो जाने के कारण किसान व मज़दूर बेरोज़गार हो गए। जिससे गुजर बसर करने के लिए इन्होंने अपने घरों व दुकानों को किराए पर दिया हुआ है। कोविड 19 की महामारी के चलते लोकडाउन से किराएदार  बेरोज़गार होने से ज़्यादातर अपने घर  चले गए व जो मकानों में रह रहे हैं उनका किराया माफ़ करना पड़ा।  इस कारण अब मकान मालिक ही भूखे मरने के कगार पर पहुँच गए हैं और अब बिजली का बिल व बच्चों के स्कूलों की फ़ीस भी देने में असमर्थ हैं। इसलिए चार महीने के ( मार्च,अप्रेल,मई व जून )बिजली के बिल व बच्चों के स्कूलों की फ़ीस माफ़ की जाये । गन्ना किसानों का मिलों पर बक

उत्तराखंड राष्ट्रीय राजमार्ग बुबाखाल से बैजरौ तक 123 करोड़ र0 की स्वीकृति

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देहरादून - मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग की घोषणा के साथ 123 करोड़ की स्वीकृति जनमानस के लिए अति प्रसन्नता की बात है। इसके लिए समस्त क्षेत्र की जनता आपका हृदय से आभार और अभिनंदन करती है। काफी लंम्बे समय से इस मार्ग के चौड़ीकरण, डामरीकरण और स्कवर की मांग होती रही है। उत्तराखंड वासियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क दुर्गम पहाड़ी भाग से गुजरने संकरा मार्ग होने के कारण यातायात में अवरुद्धता और दुर्घटनाओं की आशंकाओं से भरा रहता था। स्थानीय लोगों ने कहा कि इस घोषणा के बाद चौड़ीकरण डामरीकरण होने से जनता को जहां सुविधा मिलेगी,समय की बचत और यातायात सरल और सुगम भी हो जाएगा। आशा है क्षेत्र की जनता इस निर्माण में सहयोग करते हुए पारदर्शिता का भी ध्यान रखेंगे। ऐसे मौके कभी कभी ही मिलते हैं।