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कोरोना संकट के चलते दुनिया के आईने में भारत

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दुनिया भर में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देशों में भारत चौथे नम्बर पर है। भारत में 21 जून तक कुल संक्रमितों की संख्या 4,25,282 थी। इसमें स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके रोगियों की संख्या 55.76% जबकि ठीक होने वालों की तुलना में 5.77% लोग मौत का शिकार हो गए। अमरीका और ब्राज़ील की तुलना में यह आंकड़े काफी राहत देते हैं। इसी अवधि में अमरीका और ब्राज़ील में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या क्रमशः 23,24,956 और 10,86,990 है। ठीक हो जाने वालों की संख्या 31% और 50% है। जबकि ठीक होने वालों के मुकाबले दोनों देशों में मरने वालों की संख्या 16.87% और 9.33% है। लेकिन तीसरे नम्बर पर रूस में कुल संक्रमितों की संख्या 5,92,280 और ठीक होने वालों का प्रतिशत 58% है जबकि कुल 2.38% रोगी काल के गाल में समा गए। रूस की तुलना में भारत पिछड़ता हुआ नज़र आता है। इन तीनों देशों ने संक्रमण की चरम अवस्था या तो देख ली है या उसे काफी हद तक पार कर लिया है। जबकि भारत में अभी चरम आना बाकी है। इन देशों में संक्रमितों की प्रति दस लाख संख्या क्रमशः 7055, 5143 और 4036 है जबकि भारत में यह संख्या मात्र 313 है। इन देशों की

आपकी संघर्ष यात्रा थमेगी नहीं, चितरंजन सिंह ज़िन्दा रहेंगे हमारे जीवन में - मुहम्मद शुऐब

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लखनऊ । रिहाई मंच ने वरिष्ठ मानवाधिकार नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व पीयूसीएल अध्यक्ष चितरंजन सिंह का बलिया में उनके पैतृक गांव सुलतानपुर (मनियर) में निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि चितरंजन सिंह ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकल कर मानवाधिकार आंदोलनों की दुनिया में अपने मानवीय विचार, कड़ी मेहनत और निष्ठा से एक मुकाम हासिल करने वाले कुछ चुनिंदा नेताओं में से एक थे। धरातल पर चल रहे विभिन्न जन आंदोलनों में न केवल उनकी सक्रिय भागीदारी रही बल्कि हम जैसों के लिए वे हमेशा प्रेरणा स्रोत रहे, विपरीत परिस्‍थितियों में उनका मार्गदर्शन प्राप्त रहा। आज़मगढ़ रिहाई मंच प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि सितंबर 2008 में आतंकवाद के नाम पर तत्कालीन केंद्र सरकार और एजेंसियों के इशारे पर मीडिया आज़मगढ़ को ‘आतंकगढ़’ और ‘आतंक की नर्सरी’ का नाम देकर पूरे जनपद में भय का माहौल बना रहा था, जगह-जगह छापे डाले जा रहे थे। नवजावानों की गिरफ्तारियां की जा रही थीं, उस काले दौर में चितरंजन सिंह के नेतृत्व में आज़मगढ़ मुख्यालय पर “आज़मगढ़, आतंकवाद: मिथक या यथार्थ” विषय से 6 अक्तूबर 2008 को ध

फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशा की 12वीं पुण्य तिथि पर पुष्पांजलि अर्पण समारोह आयोजित

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नयी दिल्ली - फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशा, पद्म विभूषण, पद्म भूषण, एमसी की 12वीं पुण्य तिथि मनाने के लिए डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज, वेलिंगटन द्वारा  पारसी जोरोस्ट्रियन सीमेट्री, उधगमंडलम द्वारा पुष्पांजलि अर्पण समारोह आयोजित किया गया। तीनों सेनाओं की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल वाईवीके मोहन, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, कमांडेंट डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज, वेलिंगटन द्वारा स्थानीय पारसी समुदाय की उपस्थिति के बीच सम्मानित सैनिक को उनकी अंतिम विदाई के स्थल पर माल्यार्पण किया गया। फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशा का जन्म 03 अप्रैल 1914 को अमृतसर में हुआ था। उनका चार दशकों का शानदार सैन्य कैरियर रहा। द्वितीय विश्व युद्ध में, एक युवा कैप्टन के रूप में उन्होंने बर्मा में युद्ध में भाग लिया और गंभीर रूप से घायल हो गए। शत्रु के समक्ष दिखाई गई अतुलनीय बहादुरी के लिए उन्हें 1942 में मिलट्री क्रॉस से सम्मानित किया गया। 1946-47 के दौरान फील्ड मार्शल मानेकशा की नियुक्ति सैन्य प्रचालन निदेशालय में हुई और वहां उन्होंने विभाजन से संबंधित विभिन्न मुद्दों के योजना निर्माण तथा प्रशासन और बाद में जम्मू एवं कश्मीर म

जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू होगी एसएमएस के माध्यम से ज़ीरो  जीएसटीआर-1 भरने की सुविधा

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नयी दिल्ली - एसएमएस के माध्यम से शून्य मासिक जीएसटीआर-3बी रिटर्न फाइल करने की सुविधा 8 जून, 2020 से ही उपलब्ध करा दी गई है। शून्य प्रपत्र जीएसटीआर-3बी वाले करदाता रिटर्न भरने के लिए एसएमएस की सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। एसएमएस की सुविधा शुरू करने के लिए, अपने प्रपत्र जीएसटीआर-1 में शून्य स्टेटमेंट भरने के इच्छुक करदाताओं को NIL<space>R1<space>GSTIN number<space>Tax period (in MMYYYY) के क्रम में 14409 पर एसएमएस भेजना होता है। उदाहरण के लिए : NIL R1 09XXXXXXXXXXXZC 042020 (अप्रैल, 2020 के मासिक रिटर्न के लिए) या NIL R1 09XXXXXXXXXXXZC 062020 (अप्रैल-जून, 2020 के तिमाही रिटर्न के लिए)। जीएसटी करदाताओं को सहूलियत देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने जुलाई, 2020 के पहले सप्ताह से जीएसटीआर-1 प्रपत्र के निल (शून्य) स्टेटमेंट के लिए एसएमएस से फाइलिंग की सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला किया है। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि जीएसटीआर-1 प्रपत्र में निल स्टेटमेंट की एसएमएस के माध्यम फाइलिंग की सुविधा से 12 लाख से ज्यादा पंजीकृत करदाता

कोरोना किसी बंदीगृह से कम नहीं ,बाहर से गांव में लौट रहे बेबस लाचर

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उत्तराखंड - कोरोना किसी बंदीगृह से कम नहीं ,बाहर से गांव में लौट रहे बेबस लाचर और घरों से भी रहित लोगों का जानने पूछने जो हाल है।वह चौदह दिन के बंदीगृह में सोचनीय ही नहीं विचारणीय भी है। जो लोग कोटद्वार में एक सप्ताह के लिए कोराना क्वारंन्टाइन सैंन्टर में रखे जा रहे हैं। उनकी सारी व्यवस्थाएं सरकार कर रही है। वहीं जो गांव पहुंच रहे हैं विद्यालयों में रखे जा रहे हैं उनका कहना है यहां पर प्रधान ग्राम सभा अथवा सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है।जब कि सरकार का आदेश है कि ग्रामसभाओं को धन मुहैया करा दिया गया है। विजय सिंह बिष्ट   लेकिन ऐसे लोग अपने पर ही निर्भर हैं। दूसरी ओर गांव के लोगों का भी ऐसे गरीब बेसहारा लोगों को सहायता देने का फर्ज बनता है। गांव में मंदिर का धन है, जहां वनपंचायत हैं उनके पास भी आय के साधन हैं सामूहिक रूप से मदद की जा सकती है। इनमें कुछ लोगों का यह कहना भी उचित है कि जब तक हम नौकरी पर थे  उस समय कितने ही बीमार लोगों को जिनको खून चाहिए थी हमने रक्तदान किया है और हर प्रकार का सहयोग किया । आज इस महामारी ने हमारा सब कुछ लुटा दिया हमें कोई पूछने वाला नहीं है। सरकार को वो

Delhi NCR में टिड्डी दल का हमला

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विदेशी तब्लीगी जमाअत के लोगों की रिहाई के लिए इम्पार की मांग

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नयी दिल्ली : इंसानी बुनियादों पर विदेशी तबलीगी जमात के लोगों को छोड़ने के लिए भारत सरकार के होम सेक्रेट्री अजय कुमार भल्ला को इंडियन मुस्लिम फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स (IMPAR) की ओर से एक पत्र लिखा गया है, जिसमें करोना को लेकर भारत सरकार की कोशिशों की प्रशंसा करते हुए कहा गया है कि भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए जो कदम उठाए हैं वह सराहनीय हैं। साथ ही साथ इस पूरी महामारी में सरकार की ओर से जो कदम आम जनता के हितों की रक्षा में लिए उठाये जा रहे हैं इम्पार उसकी प्रशंसा करता है।   पत्र में भारत सरकार के गृह सचिव का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा गया है कि चेन्नई तमिलनाडु में फंसी 12 महिलाओं सहित 125 विदेशी तबलीगी जमात के लोगों की रिहाई को लेकर आप से अपील करते हैं। पत्र में कहा गया है कि माननीय न्यायालय द्वारा उनकी रिहाई का आदेश दिया गया है लेकिन राज्य के वरिष्ठ पुलिस और जेल अधिकारियों ने कहा है कि MHA ने इस दिशा में आदेश जारी कर रखा है। जब तक गृह मंत्रालय आदेश वापस नहीं लेता है तब तक यह संभव नहीं है। अहम बात यह है कि उन्होंने किसी भी वीजा की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया है या क