'बिन मुहब्बत जिस्म ये खंडहर पुराना हो गया मेरे दिल को मुस्कराए इक ज़माना हो गया
नयी दिल्ली - प्रणेता साहित्य संस्थान,दिल्ली द्वारा आॅनलाइन काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन संस्थान के संस्थापक एवं महासचिव एस जी एस सिसोदिया ,अध्यक्षा सुषमा भण्डारी और उपाध्यक्षा शकुंतला मित्तल,सचिव भावना शुक्ल,कोषाध्यक्ष चंचल पाहुजा के सक्रिय प्रयासों से सफलता पूर्वक संपन्न हुई ,जिसमें विभिन्न राज्यों के 20 रचनाकारों ने अपनी अपनी रचनाओं से समां बांधा। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन वीणा अग्रवाल द्वारा माँ शारदे की वंदना के साथ हुआ । इस अवसर पर वीणा अग्रवाल ने मधुर स्वर में ' वरदायिनी वरदान दो,अंतःकरण में ज्ञान दो' की सुमधुर प्रस्तुति से मंच को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। सरस्वती वंदना के पश्चात संस्थान के संस्थापक और महासचिव एस जी एस सिसोदिया ने अपने उद्बोधन में प्रणेता साहित्य संस्थान का संक्षिप्त परिचय देते हुए सभी उपस्थित साहित्यकारों को शुभकामनाएँ प्रेषित की। यह गोष्ठी प्रतिष्ठित कवयित्री सरोज गुप्ता की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठित कवि एवं गीतकार जगदीश मीणा ने अपनी गरिमामय उपस्थिति से मंच को सुशोभित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप