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पुस्तकालय समिति एंवम सद्भावना मंच द्वारा दिवंगत आत्माओं की स्मृति में वृक्षारोपण

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देहरादून - राष्ट्रीय महा पर्व स्वतंत्रता दिवस के सुअवसर पर पुस्तकालय समिति एवं सद्भावना मंच कौलागढ़ दीनदयाल नगर द्वारा तमशा नदी के किनारे सघन वृक्षारोपण का कार्य दिवंगत आत्माओं की स्मृति में सम्पन्न किया गया। यह कार्य मातृशक्ति के मंत्रोंचारण के साथ किया गया। प्रत्येक वृक्ष पर दिवंगत व्यक्ति की नाम पट्टिका अंकित की गई है। इस समस्त कार्य का श्रेय संगठन के प्रमुख एस0 एस0 बिष्ट के सफल प्रयास और प्ररेणा फलानुभूत से किया गया। भविष्य में पौधों का संरक्षण निराई गुड़ाई का कार्य संगठन के सदस्यों पर निर्भर होगा। इस सराहनीय कार्य के लिए जन जाग्रति तथा हरित क्रान्ति के रूप में साकारात्मक कार्य का प्ररेणा श्रोत है। यह स्वतंत्रता दिवस के दिन वृक्षारोपण शहीदों और पूर्ववर्ती दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांज्जलि है। प्रथम चरण में 96 वृक्ष लगाये गए तथा दुसरे चरण में 60 वृक्षारोपण कर टोटल 156 वृक्षपुर्वजो की स्मृति में लगाकर एक नया अध्याय बनाया है  

हम रॉलेट एक्ट के जमाने में चले गए जहां वकील,अपील,दलील की बात करना बेमानी

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1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब इस काले कानून को संसद से पारित करवाया था तो इसकी तुलना रॉलेट एक्ट से की गई थी. जिसमें वकील, दलील, अपील की कोई गुंजाइश नहीं. यह भी कहा गया कि इस कानून का सत्ता द्वारा दुरुपयोग किया जाएगा. इस कानून का इंदिरा काल में भी दुरुपयोग किया गया और ट्रेड यूनियन नेताओं समेत आन्दोलनों को कुचलने के लिए इसका प्रयोग किया गया. लोकतांत्रिक व्यवस्था में रासुका जैसे निरोधक कानून के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए. लखनऊ . रिहाई मंच ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा की साझी शहादत साझी विरासत की परम्परा को मजबूत करना होगा. वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, प्रोफेसर अपूर्वानंद जैसे देश के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों पर हो रही कार्रवाइयां बताती हैं कि संविधान-लोकतंत्र पर बात करना भी अब गुनाह हो गया है. यूपी में रासुका के तहत की गई कार्रवाइयों पर मंच ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) को अलोकतांत्रिक और दमनात्मक कहते हुए रासुका के तहत गिरफ्तार सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के तहत परीक्षित किए जाने की मांग की. रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि उत्तर प्रदे

दलित ग्राम प्रधान की हत्या,योगी राज में कानून व्यवस्था ध्वस्त

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प्रदेश सरकार ने सत्यमेव राम की हत्या का संज्ञान लेते हुए मुआवज़ा देने और अपराधियों पर रासुका लगाने के निर्देश आज़मगढ़ प्रशासन को दिए हैं. लेकिन इससे पहले सवर्ण सामंतों के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासनों के बाद भी अपराधी आसानी से कानून के शिकंजे से बच निकलने में सफल रहे हैं. लखनऊ . रिहाई मंच ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज़मगढ में दलित ग्राम प्रधान की हत्या को बेखौफ सामंतों द्वारा अंजाम दी गई घटना बताते हुए कड़ी भर्त्सना की. रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि जिस प्रकार से बांसगांव के दलित प्रधान की हत्या करने के बाद हत्यारों ने उनके घर जाकर लाश उठाने और सामूहिक विलाप करने की बात कही उससे आज़मगढ़ के तरवां-मेंहनगर क्षेत्र में सामंतों के बढ़े हुए हौसले का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बांसगांव के दलित प्रधान ही हत्या से पहले उस क्षेत्र में सामंतों ने मारपीट की कई घटनाएं अंजाम दीं. प्रशासन द्वारा कार्रवाई न होने के चलते सामंती तत्वों के हौसले बढ़े जिसका नतीजा दलित ग्राम प्रधान की हत्या. राजीव यादव ने कहा कि योगी सरकार में दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों पर सामंती हमलों बृद्ध

जी5,भारत का एंटरटेनमेंट सुपर-ऐप,सभी उम्र के भारतीय क्रिएटर्स के लिए

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हिपी एक ऐसा मंच बनने का वादा करता है जो कंटेंट क्रिएशन और कथानक को फिर से परिभाषित करेगा. यह एक ऐसा मंच होगा जहां हर भारतीय को अपनी रचनात्मकता दिखाने और वैश्विक रचनात्मक क्षेत्र में अपनी एंट्री का मौका मिलेगा. नयी दिल्ली : आत्मनिर्भर भारत! एक बयान, एक सपना, एक दृष्टि जो कई भारतीय हासिल करने की परिकल्पना करते हैं. भारतीय संगठनों से लेकर व्यक्तियों तक, सभी इस आत्मनिर्भरता को एक वास्तविकता बनाने के इच्छुक हैं. जी5, भारत का अपना एंटरटेनमेंट सुपर-ऐप, ने डेढ़ साल पहले इस यात्रा को शुरू किया था ताकि यह एक वास्तविकता बन सके, ताकि यह करोडों भारतीयों के लिए एक मजेदार और मनोरंजक सामग्री बनाने का मंच पेश कर सकें और वे अपने लाखों प्रशंसकों के साथ जुड़ें और असली स्टारडम का मजा ले सकें. जी5 का बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट, हिपी-द शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म- को बीटा रोलआउट के साथ लॉन्च किया जा रहा है, जो करोडों भारतीयों से स्टारडम की यात्रा पर ले जाने का वादा करता है! आत्मानिभर भारत के युग में, जहाँ उपयोगकर्ता स्वयं की खोज कर सकते हैं, एक सुरक्षित ब्रांड के साथ रचनात्मक और खुशहाल वातावरण में मौज-मस्ती कर सकत

सीना अपना 56 इंच का प्रोमो लाँच : हर भारतीय मे भर रहें हैं जोश...

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नयी दिल्ली - सीना अपना 56 इंच का प्रोमो लाँच,प्रसिद्ध कोरियोग्राफ़र रेमो डिसूज़ा,साउथ स्टार देव गिल, अभिमन्यु सिंह जैसे अभिनेता हर भारतीय मे भर रहें हैं जोश... कोरोना को जहाँ लोग विपत्ति के रूप में ले रहें हैं वही युवा निर्देशक अभिषेक कुमार ने बॉलीवुड के कई नामचीन कलाकारों के साथ जुड़ कर भारतीय सेना एवं पुलिस को समर्पित एक अतित्तेजक गीत "सीना अपना 56 इंच का" बना डाला । इस गाने को लेकर पिछले कई दिनो से सोशल मीडिया पर कई पोस्ट शेयर हो रहे हैं जिससे दर्शक काफ़ी उत्सुक हैं की आख़िर ये है क्या और अब उनका ये उत्साह और बढ़ने वाला है क्योंकि इस गाने का विडियो प्रोमो अभी का जंक्शन प्रोडक्शन के तमाम सोशल साइट्स पर रिलीज़ हुआ है। इस विडियो ने रिलीज़ होते ही सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया है।   रिलीज़ किया गया विडियो पूरा ना होकर केवल 56 सेकंड का है जो आपको उत्साह से भर देने के लिए काफ़ी है। इस प्रोमो को देखने के बाद आप अपने आप को उत्साह से लबालब पाएँगे। सीने मे दम रखते हैं हम, हमें आज़माना छोड़ दे, जैसे शब्दों के साथ विडियो की शुरुआत होती है जिसमें देश के प्रसिद्ध कोरियोग्राफ़र रेमो डिसू

शब्दाक्षर द्वारा ऑनलाइन ‘जश्न-ए-आजादी

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नयी दिल्ली - शब्दाक्षर दिल्ली प्रदेश इकाई के तत्वाधान में बड़ी धूम-धाम से 74 वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया। जश्न-ए-आजादी का यह आयोजन ऑनलाइन हुआ। इस अवसर पर डॉक्टर दीनदयाल विशिष्ट अतिथि थे। शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह भी इस अवसर पर मौजूद थे। कार्यक्रम की संचालिका डॉ० सुषमा भंडारी ने उत्कृष्ट तरीके से संचालन किया । कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और डॉ० इंद्र कुमार ‘आकुल’ द्वारा सरस्वती वंदना से की गई । सर्वप्रथम कर्नल शंकर त्रिपाठी का काव्य पाठ हुआ । शब्दाक्षर परिवार ने कर्नल शंकर त्रिपाठी को सादर नमन करके उनकी देश सेवा के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया । इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन में शामिल कवियों के नाम है -डॉ० इंद्र कुमार ‘आकुल ‘,डॉ० अवधेश कुमार ‘भावुक ‘,सुशील शैली ,संतोष कुमारी ‘संप्रीति’ ,रोहित कुमार ‘रोज’, वाज़िद मेरठी ,मोहिनी पाण्डेय , शकुंतला मित्तल ,अभिषेक मिश्रा ,विजय लक्ष्मी ,सरस्वती मिश्रा ‘सरस’,संचालिका डॉ० सुषमा भंडारी ,बलबीर सिंह वर्मा ‘वागीश’और मोहम्मद सद्दाम हुसैन ने अपनी देशभक्ति पूर्ण रचनाओं से आजादी के जश्न में चार चाँद लगा दिए । अंत में विशिष्ट अतिथ

लघु कथा // शहादत

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सुषमा भंडारी आज स्वतंत्रता दिवस है।आज के दिन हमें आजादी मिली थी बच्चों , आज हम उत्सव मनाएंगे अपना झन्डा फहराएंगे मैडम ने कहा । आजादी ? क्या होती है आजादी कौतुहलता से चौथी कक्षा की रानी ने पूछा। आजादी का मतलब होता है , अपनी जीवन को जीवन की तरह जीना , अपनी इच्छा से रहना , खाना, पीना ,पढ़ना,  लिखना, सोना यानि किसी की गुलामी न करना। गुलामी ? ये गुलामी क्या होती है मैडम। गुलामी ये देखो !  इस किताब में  एक खच्चर यानि ( गधा) जा  रहा है , उस पर देखो कितना बोझ लादा हुआ है और उसका मालिक उसे मार रहा है। रानी उदास हो गई। तो क्या हम खच्चर थे ? नहीं बेटा खच्चर नहीं खच्चर की तरह से हमें अन्ग्रेज रखते थे । उन्होने हमें धोखे से गुलाम बनाया था  मुझे गुलाम नहीं बनना,  चीखते हुये रानी रोने लगी। अरे ! अरे ! चुप हो जाओ बेटा --- यहां आओ मेरे पास , कहते हुये मैडम ने रानी को प्यार किया। बेटा अब हम गुलाम नहीं है हमारे देश के बहुत से छोटे- बडे लोगों की शहादत से हमारा देश आजाद हो चुका है। शहादत ? क्या होती है शाहदत ।   शहादत , ये देखो ! इस किताब में देखो , अपनी आजादी वापस लेने के लिये कितने लोग फांसी पर झूल गये। क