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आईएचसीएल के फूड डिलीवरी प्लेटफार्म क्यूमिन का जयपुर में शुभारंभ

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डिजिटल मेन्यू में आपके पसंदीदा गिआर्डिनो रेस्टोरेंट से बेहतरीन और असली इटालियन व्यंजन जैसे कि ताज़ा गोर्मे पिज्जा, लजीज होममेड पास्ता और स्वादिष्ट डेजर्ट्स शामिल हैं। सिग्नेचर डिशेस में प्रतिष्ठित सिनेमन रेस्टोरेंट से मुंह में डालते ही पिघलने वाले नर्म, मुलायम कबाब –  कश्मीरी सीक कबाब, अंगेटी मुर्ग टिक्का और शाकाहारी में पनीर मिर्च पुदीना टिक्का और दही के कबाब शामिल हैं। इस क्षेत्र के अन्य मशहूर व्यंजन जैसे कि गोश्त कच्छावा, सिनेमन चिकन करी, कच्चे गोश्त की बिरयानी, दाल सिनेमन आदि भी इस मेन्यू में शामिल हैं।  मेहमानों की पसंद द मार्बल आर्च की एशियन डिशेस में थाई करी, कुंग पाव चिकन और चावल, नूडल्स की कई डिशेस शामिल हैं। जयपुर – इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) का गुर्मे फूड डिलीवरी प्लेटफार्म ‘क्यूमिन‘ का जयपुर में शुभारंभ।   अपनी शानदार रसोई के लिए मशहूर जय महल पैलेस, जयपुर के लाजवाब रेस्टोरेंट्स द मार्बल आर्च, जिआर्डिनो और सिनेमन के लजीज व्यंजनों का स्वाद अब आप अपने घर पर बैठकर चख सकते हैं।   जय महल पैलेस के जनरल मैनेजर मानवेन्द्र राठौड़ ने बताया, “जयपुर को गर्व से देश का कुलिनरी

सिद्धार्थनगर के 3 प्रवासी मजदूरों की सड़क दुर्घटना में मौत,रोजगार के लिए मुंबई जा रहे थे

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सिद्धार्थनगर  : सिद्धार्थनगर जनपद के डुमरियागंज- मालीमैंनहा में एक और इटवा के से ऊंरहवा गांव के दो प्रवासी मजदूरों की 4 सितंबर को रात 1.30 बजे मध्यप्रदेश के इंदौर के पास सड़क हादसे में मौत हो गई। पिकउप में 29 लोग सवार थे, जिसमें 3 की मौत और दो दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मालीमैंनहा के प्रवासी मजदूर मुनिराम गुप्ता (42) का दुर्घटना में मौत हो गई। उनकी पत्नी रीता देवी ने कहा कि हमारे पति मुंबई-थाणे में भंगार का काम करते थे। जिससे हमारे परिवार का पालन-पोषण चलता था। लॉकडाउन में 2 महीने तक मुम्बई में बहुत परेशानी काटने के बाद गाँव आए और यहां 4 महीना रहने के बाद काम न मिलने की वजह से घर चलाने में दिक्कत हो रही थी। जिसके वजह से दुबारा मुम्बई, थाणे कमाने के लिए गुरुवार, 3 सितंबर को निकले ही थे की दूसरे दिन पता चला कि पति की दुर्घटना में मौत हो गई। अब हम कैसे परिवार चलाएंगे मेरा बड़ा लड़का अभी कक्षा 11 में है। पीपुल्स एलाइंस प्रतिनिधिमंडल ने मृतक प्रवासी मजदूरों के परिजनों से की मुलाकात। इटवा के सेऊंरहवा के दो प्रवासी मजदूरों की भी उसी दुर्घटना में मौत हो गई। उनसे पीपुल्स के नेता श

कविता // उन्मुक्त हो जाने दो

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डॉ• मुक्ता  आज मुझे चंद लम्हे एकांत में  रहने दो मन में उठते झंझा को शांत हो जाने दो बरसों  से  दबा  दावानल  सुलग  रहा मन का लावा  आक्रोश  बन  फूट रहा मलय बयार से ज़ख्मों को सहलाने दो वीरान गुलशन  फिज़ा भी आज उदास है मन चातक को जाने क्यों तुम्हारी आस है वीणा के तारों को अब झंकृत हो जाने दो भवसागर में नैय्या  मेरी  हिचकोले  खा रही साहिल तक पहुंचने की उम्मीद टूटी जा रही तोड़ समस्त बंधन मुझे  उन्मुक्त हो जाने दो  समाज की विभीषिकाओं से त्रस्त हृदय मेरा देख  दुष्कर्म के हादसे आहत रहता मन मेरा आज मुझे  एकांत के  सागर में डूब जाने दो             भ्रष्टाचार रूपी दानव सुरसा की मानिंद पसर रहा लूट-खसोट, फ़िरौती, हत्या का साम्राज्य बढ़ रहा आज कृष्ण का सुदर्शन चक्र दुनिया में लहराने दो              ★★★  

कविता // ये कैसा अचरज है

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विजय सिंह बिष्ट कहो ये कैसा अचरज है। कहीं जन्म की खुशियां, कहीं मृत्यु का रुदन है, कहीं बज रही शहनाइयां, कहीं राम नाम शत् है, कहो ये कैसा अचरज है। कहीं बरसों से सूखा पड़ा है, कहीं घरों में पानी घुसा है, सड़कों में नावें हैं चलती, तड़पते लोग, जवानी मचलती, अज्ञात शत्रु कोरोना पीछे पड़ा है, बिना अस्त्र के मिटाने में अड़ा है, कहो ये अचरज कैसे खड़ा है।। कभी खुशियों के ठहके थे लगते, जवानी के गीतों के मेले थे लगते, वहीं दिन रात मायूसी है छाई, न जाने कहां से विपता है आई, नहीं रोजी-रोटी न नौकरी न चाकरी, महंगाई की अलग से बनी लाचारी, कभी किसी की रात होती  है काली, किसी की होती हर दिन दिवाली, कहीं पतझड़ होती निराली, कहीं महकती फूलों से डाली, कहो ये कैसा अचरज भरा है।। भूखे पेट कहीं रहना है पड़ता, गर्मी हो या सर्दी सहना है पड़ता, नहीं साथ , किसी का दूरी बनाए, जियें या मरें चाहे कहीं छूट जाएं, कहीं किसी को कोरोना छू न जाए, अपना साथी भी न देख पाए। अजब सी दास्तान है इसने बनाई, कहो कैसी ये विपता है आई। कराल काल था गला दबाए, सांसें रुकी  थी मुंह लटकाए, भयंकर इतना न कोई देख पाए, अपनों से अपनों की दूरी बना

भारतीय भाषा परिषद के नवीकृत पुस्तकालय नई पीढ़ी की रुचियों के अनुरूप

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पुस्तक पढ़ने की आदत वह सर्वोत्तम उपहार है । परिषद पुस्तकालय का आधुनिकीकरण अभी एक शुरुआत है। पुस्तकालय में पढ़ने के साथ कॉफी शॉप और संवाद कक्ष भी बनाया है। इसे नई पीढ़ी की रुचियों के अनुरूप ढालना चाहेंगे।   कोलकाता : कोरोना काल में देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था भारतीय भाषा परिषद के पुस्तकालय को युवा पीढ़ी की जरूरत और रुचि के अनुरूप आधुनिक रूप दे दिया गया है।अब 20,000 से अधिक पुस्तकों के भंडार के साथ यह वातानुकूलित पुस्तकालय पाठकों को कई नई सुविधाएं देने जा रहा है। पुस्तकालय का भव्य नवीनीकरण अनन्य पुस्तक प्रेमी और समाजसेवी श्री प्रदीप चोपड़ा की परिषद के प्रति अथाह श्रद्धा और परिश्रम का नतीजा है। परिषद की अध्यक्ष डॉ कुसुम खेमानी ने ऑनलाइन पर तथा सुप्रसिद्ध हिंदी लेखक और परिषद के निदेशक डॉ शंभुनाथ ने प्रत्यक्षत: संयुक्त रूप से शिक्षक दिवस पर परिषद के नवीनीकृत पुस्तकालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ कुसुम खेमानी ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिषद पुस्तकालय अब कॉलेज-विश्वविद्यालय के युवाओं के आकर्षण का केंद्र होगा। डॉ शंभुनाथ ने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि प्रदीप चोपड़ा का यह सराह

आज़मगढ़ : दलितों पर हमले को हुए 15 दिन से अधिक,नहीं हुई अभी तक हमलावरों की गिरफ्तारी

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उत्तर प्रदेश ,आज़मगढ़ के रौनापर थाने के ठीक बगल में पिछले 15 दिन पहले सवर्णों ने किया दलित समुदाय पर हमला जिसकी सूचना फ़ोन द्वारा मिलने पर रिहाई मंच ने रौनापार गांव का दौरा किया. पीड़ित परिवार से मुलाकात की. प्रतिनिधि मंडल में रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, उमेश कुमार, अवधेश यादव और महेश कुमार शामिल रहे. प्रतिनिधि मंडल को पीड़ित परिवार के मुखिया सुरेश ने बताया कि उनका बेटा रोहन रौनपार के बिलरियागंज रोड पर स्थित सुधीक्षा अस्पताल पर सोने के लिये जा रहा था तभी पिंटू सिंह के लड़के उसे रास्ते में रोके और पूछे यहां क्यों घूम रहा है. बताने पर की सोने जा रहा हूँ तो उनलोगों ने कहा कि वापस जा और कहते हुए हाथ मोड़कर मारने लगे और कहने लगे कि बुला अपने बाप को कहते हुए घर आ गए और सुरेश पर हॉकी एवं डंडे से हमला कर दिया. बीच बचाव करने गई उनकी बीवी आशा देवी और माँ रामवती को भी मारने लगे जिसमे उनकी माँ जो कि बुजुर्ग महिला है को गंभीर चोटें आई साथ ही साथ आशादेवी और सुरेश भी घायल हो गए. घटना रौनापार थाना के ठीक बगल की है. जिस रास्ते पर रोहन को सवर्णों द्वारा पीटा जाता है वह थाने के गेट के ठीक सामने है, फिर भी इन

अल्पसंख्यकों को सरकारी स्कीमों का फायदा मिले : ज़ाकिर ख़ान

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नयी दिल्ली = उत्तर पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके मे सौफिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी ने एक स्वागत का प्रोग्राम रखा जिसमे दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैंन ज़ाकिर खान, लेबर बोर्ड के चेयरमैन भूरे खान सैफी व् मुस्तफाबाद के विधायक हाजी मोहम्मद यूनुस मौजूद रहे आयोग के चेयरमैन ने लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम आयोग मे सोफिया जैसे संस्थाओं के साथ मिलकर नयी रूपरेखा  बनाकर अल्पसंख्यकों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुँचाने का काम करने की कोशिश करेंगे उन्होंने कहा कि हम जमीनी स्तर पर रहकर काम करना चाहते है और हमारी कोशिश रहेगी कि ज्यादा से ज्यादा स्कीमों को घर घर तक पहुँचाया जाये हाजी यूनुस ने कहा कि हम इलाके की समस्याओं को मिलकर हल करेंगे और हमारे इलाके का सुधार तभी संभव है जब हम अपने क्षेत्र का शिक्षा का स्तर ठीक कर दे चाहे उसके लिए हमे लाइब्रेरी खोलनी पड़े जिसमे बच्चे आकर अपनी तैयारी कर सके और सरकारी नौकरी प्राप्त कर सके , इलाके मे बाकी सभी काम जैसे सड़के , नाली , पानी आदि का काम जल्दी ही शुरू करवा दिया जायेगा , इलाके के लोगो  ने मुझ पर जितना भरोसा किया है आने वाले दिनों मे मैं आपको क