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इंजीनियर्स डे के अवसर "एमीनेंट इंजीनियर्स अवार्ड 2020" से सम्मानित

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जयपुर : इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत) इंजीनियरिंग एक बहु-अनुशासनात्मक पेशेवर संस्था है, राजस्थान स्टेट सेंटर, जयपुर  द्वारा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता की खोज को बढ़ावा देने के लिए इंजीनियर दिवस 15 सितंबर के अवसर पर एमीनेंट इंजीनियर्स अवार्ड 2020 का आयोजन किया।   इस मौके पर एमीनेंट इंजीनियर्स अवार्ड 2020 परिणाम को घोषित करते हुए, प्रो.एचडी चारण, कुलपति, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय को विशनरी लिडर आफ द इयर के रूप में, डॉ मनीष कुमार गोयल,आईआईटी इंदौर, बेस्ट रिसर्चरआफ द इयर के रूप में, और डॉ. शमशेर बहादुर सिंह, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान और साइंस पिलानी, व्यक्तिगत श्रेणी में वर्ष 2020 को बेस्ट एकाडमेशीयन के रूप में अवार्ड से सम्मानित किया गया।   राजस्थान के राज्यपाल और राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति कलराज मिश्र ने इंजीनियर्स डे के अवसर पर 10 व्यक्तियों, 3 उद्योगों, 2 स्टार्टअप, एक विश्वविद्यालय और एक संस्थान (कुल 17) को एमीनेंट इंजीनियर्स अवार्ड से सम्मानित किया। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स (राजस्थान चैप्टर) इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित और अनुकरणीय

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ रहे भारतीय : हरदीप सिंह पुरी

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देश में समय पर महामारी का सख्ती से मुकाबला करने की दूरदर्शिता और साहसी कदम ऐसी घड़ी में जीवन और आजीविका को प्राथमिकता देने का निर्णय लेना काफी कठिन कार्य था, केंद्र सरकार के फैसले के बाद 22 मई को घरेलू यात्री विमानों को खोला गया। इसके बाद कोविड-19 के दौरान देशभर में इन विमानों से 2.5 से 3 लाख यात्रियों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाया गया। दिवाली तक प्रतिदिन 1.5 से 2 लाख यात्रियों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाने की उम्मीद कर रहे हैं और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक कोविड-19 के पहले के दिनों की तरह फिर से सामान्य स्थिति में यात्रियों को सफर करवा पायेंगे।   कोलकाता :  कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद देश के लोगों में आत्मनिर्भर बनने की भावना से भारत निरंतर पहले की तुलना में और शक्तिशाली बनता जा रहा है, क्योंकि हम अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर बनने के साथ दुश्मनों से भी देश को सुरक्षित रखने में अपना योगदान दे रहे हैं। यदि वैश्विक आपूर्ति की श्रृंखला किसी एक विशेष देश पर निर्भर हो तो न चाहते हुए भी आपको उसकी मर्जी के कारण कठिनाइयों को स्वीकार करता पड़ता हैं। ऐसी स्थिति में अच्छी तरह से

फिक्की हील के 14 वें आयोजन का उद्घाटन उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे

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फिक्की 29 सितंबर,को वर्चुअल प्लेटफाॅर्म पर अपने चिरप्रतीक्षित ‘हेल्थकेयर एक्सिलेंस अवाॅड्र्स’ के 12 वें संस्करण का आयोजन करेगा। भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पूर्व सचिव सी के मिश्रा प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल की अध्यक्षता करेंगे। पुरस्कार समारोह का संचालन फिक्की हेल्थ सर्विसेज कमिटी के सलाहकार; एनएबीएच के पूर्व अध्यक्ष; मेडिकल आॅपरेशंस के सलाहकार और फोर्टिस मेडिकल काउंसिल, फोर्टिस हेल्थकेयर लि. के अध्यक्ष डाॅ.नरोत्तम पूरी करेंगे। नई दिल्ली - फिक्की ने हाल में अपने वार्षिक स्वास्थ्य सम्मेलन फिक्की हील 2020 के 29 सितंबर 2020 से 1 अक्टूबर 2020 तक आयोजन की घोषणा की। वर्चुअल प्लैटफाॅर्म पर फिक्की हील के 14 वें आयोजन का थीम ‘‘कोविड के बाद स्वास्थ्य सेवा - एक नई शुरुआत’ है। इसमें मुख्य संबोधन, पैनल डिस्कशन के साथ-साथ प्लीनरी सेशन होंगे जिनमंे स्वास्थ्य सेवा के सभी पहलुआंे पर विचार किया जाएगा जैसे कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति, दवा, निदान, चिकित्सा उपकरण, पारंपरिक चिकित्सा के एकीकरण के साथ-साथ डिजिटल स्वा

यूपीएसएसएफ लोकतांत्रिक आवाजों को कुचलने का औजार

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बिना किसी वारंट के यूपी एसएसएफ के पास किसी को भी गिरफ्तार करने या किसी की भी तलाशी लेने का अधिकार देने का मतलब ही होता है कि जनता के नागरिक अधिकारों में उसी अनुपात में कटौती करना। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पुलिस बिना वारंट तलाशी और गिरफ्तारी जैसे गैर कानूनी गतिविधियां अंजाम देती रही है लखनऊ , रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेषाधिकार प्राप्त स्पेशल टास्क फोर्स के गठन को अलोकतांत्रिक कदम बताते हुए कहा कि इसे जिस प्रकार के अधिकार दिए गए हैं उससे जाहिर होता है कि इसका प्रयोग राजनीतिक विरोध को कुचलने पूंजीपतियों द्वारा जन साधारण के शोषण का कानूनी अधिकार देने जैसा है। मंच ने दिल्ली स्पेशल द्वारा संविधानवादी युवा नेता उमर खालिद को दिल्ली दंगों का मास्टर माइंड बताते हुए यूएपीए जैसे क्रूर कानून प्रावधान के तहत गिरफ्तारी की निंदा करते हुए तत्काल रिहाई की मांग की।  रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा इसका सबसे अधिक शिकार वैचारिक और राजनीतिक विरोधियों और वंचित समाज को बनाया जाता रहा है। यूपी एसएसएफ के गठन को उसे वैधानिक बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। यूपी एसएसएफ का इस्तेम

ई.वी. रामासामी पेरियार का जन्मदिन ब्राह्मणवाद-पूंजीवाद के गठजोड़ के जारी हमले के प्रतिरोध का दिन

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भागलपुर/लखनऊ . सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) और रिहाई मंच के बैनर तले बहुजन नायकों की विरासत और बहुजनों की सामाजिक-राजनीतिक दावेदारी को बुलंद करने के आह्वान के साथ 'हमारे नायक-हमारी विरासत, हमारा एजेंडा-हमारी दावेदारी' अभियान जारी है. रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव और सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम ने कहा है कि 17 सितंबर को बहुजन नायक ई.वी.रामासामी पेरियार का जन्मदिन है. वे वर्चस्व, अन्याय व शोषण के तमाम रूपों के खिलाफ थे. ब्राह्मणवादी वर्ण-जाति व्यवस्था, पितृसत्ता और पूंजी के शोषण से आजाद आधुनिक समाज व राष्ट्र के निर्माण के उनके क्रांतिकारी विचार और जुझारू संघर्ष की उनकी विरासत आज ब्राह्मणवाद व पूंजीवाद के गठजोड़ के तीखे हमले के दौर में बेहद जरूरी हो गये हैं. दोनों नेताओं ने बताया है कि पेरियार के संघर्ष के कारण ही 1951 में संविधान में पहले संशोधन के जरिए अनुच्छेद 15 में उपखंड (4) जोड़ा गया और देश के अन्य पिछड़े वर्ग के लिए सामाजिक न्याय का रास्ता खुला.  सवर्णों के शासन-सत्ता व अन्य क्षेत्रों में वर्चस्व की गारंटी के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है और ए

" मंटो ज़िंदा है" के तेलुगु संस्करण का लोकार्पण

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नयी दिल्ली -हिन्दी के वरिष्ठ कवि, नाटककार एवं आलोचक डॉ.नरेन्द्र मोहन द्वारा लिखित मंटो की जीवनी 'मंटो जिन्दा है' तेलुगु में पहली बार 'Manto : Jeevita Charitra' नाम से प्रकाशक Chaaya Resources Centre, Hyderabad की ओर से अभी हाल ही में प्रकाशित हुई है। इसका  हिन्दी से तेलुगु में अनुवाद डॉ. टी.सी.वसंता ने किया है। इस अनूदित कृति का लोकार्पण कल शाम राजौरी गार्डन, नई दिल्ली में डॉ नरेन्द्र मोहन के निवास पर हिन्दी के सुपरिचित कथाकार,कवि एवं अनुवादक सुभाष नीरव के हाथों संपन्न हुआ। इस अवसर पर  युवा साहित्यकार सन्दीप तोमर की भी उपस्थिति रही। डॉ.नरेन्द्र मोहन और अनुवादिका वसंता को इस अनूठे कार्य के लिए साहित्य जगत की तरफ से दोनो साहित्यकारो ने बधाई प्रेषित की। मण्टो का अलग-अलग भाषाओं में अनुदित होना उन्हें कालजयी बनाता है। इस अवसर पर नरेन्द्र मोहन जी ने मण्टो के ऊपर विस्तृत बातचीत की। उल्लेखनीय है कि यह पुस्तक अमेजॉन पर उपलब्ध है।

सूर्य की पाराबैगनी किरणो से हमारी रक्षा करती है-ओजोन परत

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लाल बिहारी लाल                                                                                                                                           प्रदूषण के  असर से, वातावरण मलीन, लाल धरा तो धरा अब, हुआ ओजोन क्षीण। ओजोन (O 3 )  आक्सीजन तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो वायुमण्डल में बहुत कम मत्रा (0.02%) में पाई जाती हैं। यह तीखे गंध वाली अत्यन्त विषैली गैस है। इसके तीखे गंध के कारण ही 1940 में शानबाइन ने इसे ओजोन नाम दिया जो यूनानी शब्द ओजो  से बना है जिसका अर्थ है सूंघना। यह जमीन के सतह के उपर अर्थात निचले वायुमंडल में यह एक खतरनाक दूषक है, जबकि वायुमंडल की उपरी परत ओजोन परत के रूप में यह सूर्य केपराबैंगनी विकिरण (खतरनाक किरणों) से पृथ्वी पर जीवन को बचाती है, जहां इसका निर्माण ऑक्सीजन पर पराबैंगनी किरणों के प्रभाव  स्वरूप होता है।1965 में सोरेट ने यह सिद्द किया की ओजोन ऑक्सीजन का ही एक अपरूप है। यह समुद्री वायु में उपस्थित होती है। समय के साथ मनुष्य विज्ञान के क्षेत्र में कई उलेखनीय काम किया है। इसका परिणाम भी प्रकृति पर पड़ा है। आज हमे गाड़ियां ,मशीन एल.पी.जी,फ्रीज