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गृहवाटिका गृहणी का गहना है जो समय असमय उसकी मदद करता है 

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विजय सिंह बिष्ट देहरादून - श्रीमती कुसुम लता रावत देहरादून सेलाकुई  उत्तराखंड की निवासी हैं। इनके घर के पास अपनी कोई डेढ़ सौ गज जमीन है जिसमें फल के आम अमरूद के पेड़ हैं तो बाकि के हिस्से में वह मौसमी सब्जियां ,अदरक, लहसुन ,प्याज, गोभी,बैंगन, मिर्च के साथ मक्का का भी उत्पादन करती हैं देहरादून  की उपजाऊ मिट्टी में कोई भी फसल गुणवत्ता में अपना विशेष स्थान रखती हैं। यहां गोबर सरलता से कम दामों में उपलब्ध हो जाता है। इसके अलावा ये लोग जैविक खाद को स्वयं भी तैयार करते हैं। क्यारियों की सुरक्षा के लिए आंगन को छोड़कर दीवार बनी हुई है उसमें फूलों के गमले भी घर की शोभा बढ़ा देते हैं। वातावरण की शुद्धता एवं दैनिक उपयोग में आने वाली साग भाजी का मिलना शायद ही दूसरे शहरों में अपने हाथों से कोई प्राप्त कर सकता हो। कुसुमलता का एक छ :सात बिस्वा दूसरा प्लाट भी है।  इस वर्ष उसमें मक्ई मंडुवा और फ्रास वीन बोये थे, मौसम ने साथ दिया हर फसल उसे अच्छे गुणकारी लाभ देने लगे। उनको स्वास्थ्य लाभ,समय का सदुपयोग एवं आंशिक धन-लाभ भी  होता है। गृहवाटिका एक सफल गृहणी का गहना है जो समय असमय उसकी मदद करता है। सीख किसी

बेस्ट स्कूल टीचर्स/प्रिंसिपल, बेस्ट ऑफलाइन/ऑनलाइन ट्यूटर से नामांकन मांगे

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नयी दिल्ली : कोविड-19 महामारी ने प्रचलित शिक्षा प्रणाली को एक कोने में लाकर खड़ा कर दिया है, जिससे तकनीक डिस्टैंस लर्निंग की नई आम बात बनने लगी है। शिक्षक लगभग रातोंरात हुए इस बदलाव के लिए तैयार थे और उन्होंने अपने विद्यार्थियों को पढ़ाई पर ध्यान देने में मदद करने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की है, साथ ही यह भी ध्यान रखा कि शिक्षा की गुणवत्ता बिल्कुल उच्च स्तरीय रहे। इस मुश्किल संक्रमण काल में शिक्षकों की कड़ी मेहनत को सम्मान देने के लिए, छात्रों, शिक्षकों और माता-पिता के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म, ब्रेनली ने 'शिक्षक ऑफ द ईयर 2020' पुरस्कारों की घोषणा की है। यह उन सभी शिक्षकों को सम्मानित करता है जो अपने छात्रों के जीवन में बदलाव लाने के लिए निर्धारित मानकों से परे गए हैं। शिक्षक आॅफ द इयर 2020 प्रोसस वेंचर्स (पूर्व में नैस्पर्स वेंचर्स) द्वारा प्रायोजित है, जो पुरस्कारों के लिए मुख्य भागीदार है। इस अवसर पर, ब्रेनली के सीपीओ, राजेश बिसानी ने कहा, “सभी शिक्षकों ने यह सुनिश्चित करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है कि छात्र पीछे नहीं रहें। उन्होंने हमारी यादों प

डॉलर में मजबूती की वजह से सोने की कीमतों में गिरावट

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नयी दिल्ली - अमेरिकी डॉलर में मजबूती के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आईं, जिससे अन्य मुद्रा धारकों के लिए पीली धातु महंगी हो गई। हालांकि, कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या सोने की मांग को बढ़ा सकती है। क्रूड ऑयल में बिकवाली के बीच कीमतें बढ़त के साथ बंद हुई। वायरस के बढ़ते मामलों के बीच बेस मेटल की कीमतें भी गिरावट के साथ बंद हुईं। सोना स्पॉट गोल्ड में 0.69% की गिरावट दर्ज हुई और यह 1899.3 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। इसकी वजह थी अमेरिकी डॉलर में दो महीनों के अपने उच्चतम स्तर को प्राप्त करना, जिससे अन्य मुद्रा धारकों के लिए पीली धातु महंगी हो गई।महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के रिवाइवल का समर्थन करने के लिए अमेरिकी नीति निर्माताओं की ओर से प्रोत्साहन उपायों के कोई संकेत नहीं मिलने से भी सोने की कीमतों में और गिरावट आई। वर्तमान परिदृश्य में मार्केटर्स की नजर अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के अधिकारियों के असेसमेंट पर है। यूरोजोन में फिर से लॉकडाउन लगाने के बाद भी सोने की कीमतों में गिरावट सीमित थी। इस प्रकार कोविड-19 मामलों में खतरनाक वृद्धि से आर्थिक सुधार की आशाओं को नुकसान पहुंचा है। हालांक

इलाहाबाद से लखनऊ के लिए निकलेगी युवा स्वाभिमान पदयात्रा

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सभी नौजवानों ने एकमत होकर इस दौर में व्यापक आंदोलन विकसित करने पर जोर दिया और इस पदयात्रा से उम्मीद की कि यह इस दिशा में एक ठोस कदम होगा. इसके लिए वैचारिक, आर्थिक सहयोग के साथ सोसल मिडिया पर अभियान चलाने की योजना बनी. प्रयागराज ,युवा स्वाभिमान पदयात्रा की तैयारी के लिए ऑनलाइन मीटिंग संपन्न हुई. जिसमें युवा स्वाभिमान मोर्चा के संयोजक डॉ आरपी गौतम, सह संयोजक सुनील मौर्य, इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस ) के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, आइसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान, रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, पीपुल्स एलायंस के शाहरुख अहमद, रविश आलम, बांकेलाल यादव, सहर फ़ातिमा, इमरान अहमद, रविंद्र सिंह, अब्दुल्लाह अंसारी, हर्षित आजाद, विनोद कुमार यादव, पूजा सिंह, सरिता यादव, सतीश सिंह, अजीम मोहम्मद कुलदीप सिंह, मनीष कुमार, सोनू यादव आदि साथी शामिल हुए.  युवा स्वाभिमान मोर्चा के संयोजक आर पी गौतम ने आज की परिस्थिति में नौजवानों के हालात पर बात रखी. उन्होंने कहा कि आज हमारे देश और प्रदेश के मुखिया ही जो बात कहते हैं  उससे ही पीछे हट जाते हैं. मुख्यमंत्री के आश्वासनों पर नौजवानों को भरोसा नहीं रहा, उन्होंने

Bangluru Laal Bagh Nahi Dekha तो क्या देखा

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गृहवाटिका सफल गृहणी का समय असमय उसकी मदद करती है

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JDU नेताओं को भरोसा NDA की फिर बनेगी सरकार

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