संदेश

पलायन रोका जा सकता है,धरती सोना उगल सकती है यदि हाथ सबल हों

चित्र
विजय सिंह बिष्ट उत्तराखंड की धरती में यदि काम करने वाले परिश्रमी हों तो धनार्जन के लिए शहरों की ओर उन्मुख होना आवश्यक नहीं है।उत्तराखंड की धरती में नकदी फसलों के रूप में मिर्च,चौलाई, और सोयाबीन को प्रमुखता से पैदा किया जाय तो, छः माह में आदमी हजारों रुपए कमा सकता है। वेदीखाल*क्षेत्र बीरोंखाल ग्राम भरपूर छोटा में श्रीमती हिमानी रावत एक कुशल गृहिणी है।वह अपने परिवार में सास ससुर के साथ घर में खेती पाती करती है। ड्राइवर मोहन सिंह अपनी टैक्सी चलाते थे और अब अपनी खेती पाती में जुड़ गए हैं। ऐसा इसलिए कि जितना ड्राइवरी में नहीं निकलता अपने खेतों में मेहनत करके निकल आता है। इनके खेत में मिर्चो की लहलहाती फसल को देखकर कितने आनंद की अनुभूति होती है। ऐसे यदि इनके चार खेतों में मिर्ची लगी हो और सुखाने पर वह एक क्विटल निकल आए तो तीन सौ रुपए किलो बिकने वाली मिर्ची से कितना लाभ होगा। ऐसे ही सोयाबीन भी  पिछले सालों अस्सी रुपए किलो के भाव गया था अब बढ़कर ही जायेगा। चौलाई का भाव भी चालीस रुपए किलो के लगभग होता है। ये सारी फसलें बरसाती फसलें है। इसमें छोटा सा छोटा किसान वर्ष भर में पच्चास हजार रुपए कमा स

कोलकाता के ईजेडसीसी में लॉकडाउन के बाद ओपन-एयर में नये रूप व अंदाज में थिएटर शो 

चित्र
प्रेरणा सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स टीम ने विशेष रूप से लूना पोद्दार डिजाइन की गई नृत्यकला और एकल प्रदर्शन का मंचन किया। इस नाटक के निर्देशन में नीलाद्रि शेखर बनर्जी ने "ताथा थोई थोई" को दोहराया, इसके साथ पारंपरिक शैली से भटकाने के लिए प्रदर्शन करने वाले प्रोटोकॉल और व्यक्तिगत स्वच्छता को बनाए रखने के लिए कुछ नये बदलाव भी किए थे।  कोलकाता :  कोविड-19 संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के बाद कोलकाता से सटे सॉल्टलेक के द ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर (ईजेडसीसी) में ‘द बंगाल’ के साथ मिलकर बंद थियेटर प्रथा से बाहर निकलकर ओपन-एयर थिएटर में पहले और अनोखे लाइव शो का रंगमंच पर प्रदर्शन किया गया। कोलकाता के साल्टलेक में स्थित इस एम्फीथिएटर में पूरी तरह से कड़े सामाजिक मानदंडों और सरकारी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया गया था। इस दौरान विशेष रूप से प्रशिक्षित पपीई किट पहने स्वयंसेवकों ने थर्मल गन और सैनिटाइजर के साथ प्रमुख द्वार पर तैनात किया गया था। थिएटर में शो चलने के दौरान आनेवाले दर्शकों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने कई सुरक्षा विधि का पालन किया गया था। 21 सितंबर से खुले स्थान पर थिएटर श

मस्जिद इब्ने तेमियां के मौलाना अब्दुत्तव्वाब मदनी अध्यक्ष व एड. रईस अहमद महासचिव नियुक्त

चित्र
नयी दिल्ली - उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में स्थित मस्जिद व मदरसा इब्ने तेमिया एजूकेशनल वेलफेयर सोसायटी (रजि.) की नई कमेटी का गठन किया गया। पूर्व कमेटी को समाप्त कर समस्त पदों पर हुए चुनाव में मौलाना अब्दुत्तव्वाब मदनी अध्यक्ष व एडवोकेट रईस अहमद महासचिव के पद पर चुने गए। वहीं उपाध्यक्ष के पद पर मज़ाहिर अली व मौ. ज़ुबेर नियुक्त किए गए। उपसचिव के तौर पर मौ. मुक़ीम, अबु क़मर, तथा कोषाध्यक्ष ग़यास अहमद व उपकोषाध्यक्ष अब्दुल खालिक़ व मौ. यूनुस नियुक्त किए गए।  अन्य पदों में मुहासिब़ के लिए शमशुददीन व मास्टर फहीम को नियुक्त किया गया। नवनियुक्त महासचिव एड. रईस अहमद ने बताया कि काफी अरसे से इन खाली पदों पर नियुक्ति की मांग की जा रही थी। पूर्व अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष तथा एक सदस्य की मृत्यु के बाद कुछ पद खाली हो गए थे। मस्जिद में निर्माण कार्य भी जारी है और कई तरह के तलीमी और कल्याणकारी कामों में तेज़ी लाने के लिए इन पदों पर नियुक्ति की क़वायद जारी थी जोकि अब मुकम्मल हो गई है।  एड. रईस अहमद ने आगे बताया कि तमाम लोगों की मौजूदगी में नई कमेटी के चुनाव के बाद नवनिुयक्त कमेटी की पहली मीटिंग कल सम्

नीतीश कुमार और NDA की हार पक्की है हम सरकार बनाएंगे

चित्र

किसान बिल के विरोध में AAP भी उतरी सड़क पर

चित्र

‘हरित क्रांति’ को हराने की घिनौनी भाजपाई साजिश हैं ‘तीन काले कानून’

चित्र
मोदी सरकार ने तीन काले कानूनों के माध्यम से किसान, खेत-मज़दूर, छोटे दुकानदार, मंडी मज़दूर व कर्मचारियों की आजीविका पर एक क्रूर हमला बोला है। किसान-खेत मजदूर के भविष्य को रौंदकर मोदी जी ने उनके भाग्य में बदहाली और बर्बादी लिख दी है। यह किसान, खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षडयंत्र है।   आज देश भर में 62 करोड़ किसान-मजदूर व 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ भारत बंद के माध्यम से धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं, पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा सरकार सब ऐतराज दरकिनार कर देश को बरगला रहे हैं। अन्नदाता किसान की बात सुनना तो दूर, संसद में उनके नुमाईंदो की आवाज को दबाया जा रहा है और सड़कों पर किसान मजदूरों को लाठियों से पिटवाया जा रहा है। संसद में संविधान का गला घोंटा जा रहा है और खेत खलिहान में किसानों-मजदूरों की आजीविका का। देश में कोरोना, सीमा पर चीन और खेती पर मोदी सरकार हमलावर है। किसान विरोधी यह तजुर्बा भाजपा शासित बिहार में भाजपा ने साल 2006 में शुरू किया था और अब घुन की तरह पूरे देश की खेती और किसानी को तीन कृषि विरोधी काले कानूनों की शक्ल में निगल रहा है। 

स्मार्ट टीवी में उन्नत तकनीकें मौजूद जैसे माइक्रो डिमिंग,हैंड्स-फ्री वॉयस कंट्रोल,एचडीआर और एचडीआर प्रो

चित्र
एफएचडी मॉडल टवी देखने का बेहतर अनुभव देते हुए एचडीआर, आईपीक्यू इंजिन और माइक्रो डिमिंग जैसे फीचर्स के साथ आते हैं। दूसरी तरफ, 4के यूएचडी डिवाइस हैंड्स-फ्री वॉइस कंट्रोल, एचडीआर प्रो, डॉल्बी डीटीएस और स्मार्ट होम कनेक्टिविटी, व अन्य जैसे फीचर पेश करते हैं। साथ ही, इन टीवी में अलग स्पोर्ट्स मोड फीचर दिया गया है, जिनने खेल और ऐक्शन फिल्में देखने का जीवंत अनुभव मिलता है। इन डिवाइस का डॉल्बी ऑडियो शानदार इमर्सिव ऑडियो आउटपुट देता है। नयी दिल्ली : युवा उपभोक्ताओं को और भी मनोरंजन देने के लिए, दुनिया की शीर्ष दो टेलीविज़न ब्रांड्स में से एक और अग्रणी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी, टीसीएल अमेज़न पर टीसीएल टीवी डेज़ की मेजबानी कर रही है। इस विशेष बिक्री आयोजन में, ब्रांड आकर्षक कीमतों पर फुल एचडी, 4के अल्ट्रा एचडी और एआई 4के यूएचडी टीवी पेश करेगा, जिनकी कीमत 18,999 रुपये से शुरू होती हैं। यह बिक्री 25 सितंबर से  27 सितंबर तक जारी रहेगी।   टीसीएल इंडिया के महाप्रबंधक माइक चेन ने कहा, “आज का आधुनिक उपभोक्ता हमेशा मनोरंजन पाने के नए तरीके खोजता रहता है, और वह समझदारी से खर्च करने का भी इच्छुक है।