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गुणवत्ता में बदलाव नहीं हुआ लेकिन अब संगीत की मात्रा में बदलाव आया है :संतूर महानायक पं. शिव कुमार शर्मा

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पं. शिव कुमार शर्मा  एक हाथ से शास्त्रीय गायन, एक अज्ञात 100, तारांकित (शततंत्री वीणा) संगीत वाद्ययंत्र, शास्त्रीय भारतीय संगीत वाद्ययंत्र और संगीत के पवित्र पोर्टल्स के ज्ञाता हैं। पं. शिव कुमार शर्मा ने संतूर को पूरे विश्व में एक अलग पहचान दी, जिसके कारण इसे वैश्विक लोकप्रियता हांसिल हुई। वह भारतीय फिल्मों में संतूर पेश करनेवाले पहले व्यक्ति भी रह चुके हैं। कोलकाता :  कुछ अदृश्य दैवीय शक्तियों ने जीवनभर मेरा मार्गदर्शन किया है और मेरा पूरा ध्यान संतूर शिक्षा पर केंद्रीत किया है। संगीत किसी संगीत कार्यक्रम के जरिये नहीं बल्कि संगीत यहां दिल और दिमाग में हर समय चलता है। श्री सिमेंट एवं कोलकाता की सुप्रसिद्ध सामाजिक संस्था प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘एक मुलाकात’ कार्यक्रम के ऑनलाइन सत्र में भारत के अष्टकोणीय संत कथा के पंडित शिव कुमार शर्मा ने यह बातें कही। वह सुप्रसिद्ध लेखक, जीवनी लेखक और कला ज्ञानी इना पुरी के साथ विचारों के आदान प्रदान के दौरान अपनी पुरानी यादों को ताजा कर रहे थे। इस ऑनलाइन सत्र में देश के बड़े से बड़े और छोटे से छोटे शहरों में मौजूद सैकड़ों संगीत प्रेमियों

कविता // जीवन की आधारशिला हैं बेटियां

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कै० सुरेंद्र सिंह बिष्ट मन मंदिर , घर मंदिर है तो, उस मंदिर की मूर्ति हैं बेटियां, स्वप्नो की संम्पूर्ण संसार हैं जीवन की आधारशिला हैं बेटियां, भारतीय संस्कृति की पहचान, भारत मां की शान हैं बेटियां।। बेटी नहीं होती तो, देवी शक्ति नहीं होती, वंदे मातरम् भी नहीं होता, नहीं रानी झांसी होती, कोई साक्षी मलिक नहीं, नहीं पी बी सिंधु ही होती।। हे दमनकारी मानव, अहंकार में क्यों डूबा है, कुदरत का कर अपमान, कैसा तिरस्कार कर रहा है, बेटी के जन्म पर मातम मना रहा, बेटे के जन्म पर खुशियां बांट रहा है।। भारत मां के झूठे नारे लगाने वालों, सत्तर सालों से लगा रहे हो, जो बची हुई हैं बेटियां, उन पर क्यों जुल्म ढा रहे हो। अब बेटी बचाओ और पढ़ाओ,   के स्वर में स्वर मिला रहे हो।। नारे बदलने से सोच कहां बदलती है, अत्याचारों की अभी झड़ी लगी है। बेटियां तो भारत मां की शान हैं। बेटियों के पीछे ही भारत महान है।। कभी ये भारत सोने की चिड़िया था, सम्पूर्ण भारत देवभूमि देवतुल्य था। बेटियां हैं तो जहान हैं, वरना दुनियां फिर कब्रिस्तान है बेटियां हैं तो भारत महान है, बूटियों से मिला हमें भारत मां, वंदे मातरम् का सम्मान ह

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक पहल

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उ०प्र० झांसी की नीलम सारंगी ने एक ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया । जिसमें उन्होंने लोगों को पुरानी वस्तुओं को सजावटी सामान में परिवर्तित करना सिखाया । इस कला के माध्यम से इस आर्थिक संकट के समय में जीविका कमाने का एक माध्यम भी बताया और इस कला को एक मार्केट के तौर पर प्रदर्शित किया। आयोजित सेमिनार में लोगों ने काफी उत्सुकता से इस विषय में रुचि दिखाते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। नीलम सारंगी कई सालों से स्वार्थ रहित होकर एक हरित झांसी  स्वच्छ झांसी के लिए लोगों को प्रेरित करती आई हैं ।और अब उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लिए भी आगे आकर लोगों को प्रेरित करना शुरू कर दिया है ।इस सेमिनार में डॉ नीति शास्त्रीय ,स्वप्निल  मोदी ,दिल्ली नगर निगम से सुषमा भंडारी ,रायबरेली से डॉक्टर ममता शुक्ला के साथ-साथ विभिन्न अन्य शहरों के लगभग 60 गणमान्य लोगों ने सहभागिता की।

पलायन रोका जा सकता है,धरती सोना उगल सकती है यदि हाथ सबल हों

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विजय सिंह बिष्ट उत्तराखंड की धरती में यदि काम करने वाले परिश्रमी हों तो धनार्जन के लिए शहरों की ओर उन्मुख होना आवश्यक नहीं है।उत्तराखंड की धरती में नकदी फसलों के रूप में मिर्च,चौलाई, और सोयाबीन को प्रमुखता से पैदा किया जाय तो, छः माह में आदमी हजारों रुपए कमा सकता है। वेदीखाल*क्षेत्र बीरोंखाल ग्राम भरपूर छोटा में श्रीमती हिमानी रावत एक कुशल गृहिणी है।वह अपने परिवार में सास ससुर के साथ घर में खेती पाती करती है। ड्राइवर मोहन सिंह अपनी टैक्सी चलाते थे और अब अपनी खेती पाती में जुड़ गए हैं। ऐसा इसलिए कि जितना ड्राइवरी में नहीं निकलता अपने खेतों में मेहनत करके निकल आता है। इनके खेत में मिर्चो की लहलहाती फसल को देखकर कितने आनंद की अनुभूति होती है। ऐसे यदि इनके चार खेतों में मिर्ची लगी हो और सुखाने पर वह एक क्विटल निकल आए तो तीन सौ रुपए किलो बिकने वाली मिर्ची से कितना लाभ होगा। ऐसे ही सोयाबीन भी  पिछले सालों अस्सी रुपए किलो के भाव गया था अब बढ़कर ही जायेगा। चौलाई का भाव भी चालीस रुपए किलो के लगभग होता है। ये सारी फसलें बरसाती फसलें है। इसमें छोटा सा छोटा किसान वर्ष भर में पच्चास हजार रुपए कमा स

कोलकाता के ईजेडसीसी में लॉकडाउन के बाद ओपन-एयर में नये रूप व अंदाज में थिएटर शो 

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प्रेरणा सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स टीम ने विशेष रूप से लूना पोद्दार डिजाइन की गई नृत्यकला और एकल प्रदर्शन का मंचन किया। इस नाटक के निर्देशन में नीलाद्रि शेखर बनर्जी ने "ताथा थोई थोई" को दोहराया, इसके साथ पारंपरिक शैली से भटकाने के लिए प्रदर्शन करने वाले प्रोटोकॉल और व्यक्तिगत स्वच्छता को बनाए रखने के लिए कुछ नये बदलाव भी किए थे।  कोलकाता :  कोविड-19 संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के बाद कोलकाता से सटे सॉल्टलेक के द ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर (ईजेडसीसी) में ‘द बंगाल’ के साथ मिलकर बंद थियेटर प्रथा से बाहर निकलकर ओपन-एयर थिएटर में पहले और अनोखे लाइव शो का रंगमंच पर प्रदर्शन किया गया। कोलकाता के साल्टलेक में स्थित इस एम्फीथिएटर में पूरी तरह से कड़े सामाजिक मानदंडों और सरकारी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया गया था। इस दौरान विशेष रूप से प्रशिक्षित पपीई किट पहने स्वयंसेवकों ने थर्मल गन और सैनिटाइजर के साथ प्रमुख द्वार पर तैनात किया गया था। थिएटर में शो चलने के दौरान आनेवाले दर्शकों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने कई सुरक्षा विधि का पालन किया गया था। 21 सितंबर से खुले स्थान पर थिएटर श

मस्जिद इब्ने तेमियां के मौलाना अब्दुत्तव्वाब मदनी अध्यक्ष व एड. रईस अहमद महासचिव नियुक्त

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नयी दिल्ली - उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में स्थित मस्जिद व मदरसा इब्ने तेमिया एजूकेशनल वेलफेयर सोसायटी (रजि.) की नई कमेटी का गठन किया गया। पूर्व कमेटी को समाप्त कर समस्त पदों पर हुए चुनाव में मौलाना अब्दुत्तव्वाब मदनी अध्यक्ष व एडवोकेट रईस अहमद महासचिव के पद पर चुने गए। वहीं उपाध्यक्ष के पद पर मज़ाहिर अली व मौ. ज़ुबेर नियुक्त किए गए। उपसचिव के तौर पर मौ. मुक़ीम, अबु क़मर, तथा कोषाध्यक्ष ग़यास अहमद व उपकोषाध्यक्ष अब्दुल खालिक़ व मौ. यूनुस नियुक्त किए गए।  अन्य पदों में मुहासिब़ के लिए शमशुददीन व मास्टर फहीम को नियुक्त किया गया। नवनियुक्त महासचिव एड. रईस अहमद ने बताया कि काफी अरसे से इन खाली पदों पर नियुक्ति की मांग की जा रही थी। पूर्व अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष तथा एक सदस्य की मृत्यु के बाद कुछ पद खाली हो गए थे। मस्जिद में निर्माण कार्य भी जारी है और कई तरह के तलीमी और कल्याणकारी कामों में तेज़ी लाने के लिए इन पदों पर नियुक्ति की क़वायद जारी थी जोकि अब मुकम्मल हो गई है।  एड. रईस अहमद ने आगे बताया कि तमाम लोगों की मौजूदगी में नई कमेटी के चुनाव के बाद नवनिुयक्त कमेटी की पहली मीटिंग कल सम्

नीतीश कुमार और NDA की हार पक्की है हम सरकार बनाएंगे

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