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SAI भारतीय खेल प्राधिकरण का नया लोगो जारी

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साई शब्द ही विभिन्न हितधारकों के बीच भारतीय खेल प्राधिकरण के परिचित होने के नाते संगठन को पहचान प्रदान करता है। भारतीय तिरंगे और चक्र का नीला रंग राष्ट्रीय उत्साह बढ़ाता है क्योंकि साई से खेल जगत के कुछ सबसे बड़े खिलाडी यही से निकले हैं  और विश्व स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। ” नयी दिल्ली -युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई ) के नए लोगो का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में खेल सचिव रवि मित्तल; भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष, नरिंदर बत्रा और साई के महानिदेशक, संदीप प्रधान ने स्टेडियम में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भाग लिया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश भर से कई प्रतिष्ठित एथलीट, कोच और अन्य खेल प्रेमी इस आयोजन में शामिल हुए। साई के नये लोगो के महत्व के बारे में बोलते हुए रिजिजू ने कहा, “साई खेल पारिस्थितिकी तंत्र में अग्रणी रहा है और खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में प्राथमिक कारक है। इसने एथलीटों को आवश्यक समर्थन दिया है, ताकि उनके पास अपने करियर में आसानी से आगे बढने का अवसर मिल सके।

12 शहरों में बुजुर्गों को 1000 मासिक राईड निशुल्क प्रदान करने के लिए ऊबर ने हैल्पेज इंडिया से हाथ मिलाया

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ऊबर यह फ़्री राईड सुविधाओं से वंचित बुजुर्गों की सर्वाधिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अक्टूबर से दिसंबर 2020 के बीच देगी, ताकि वो स्वास्थ्य, बचाव व राहत के अन्य उपायों का लाभ ले सकें। यह घोषणा हर साल 1 अक्टूबर को मनाए जाने वाले ‘इंटरनेशनल डे ऑफ ओल्डर पर्संस’ (आईडीओपी) की जागरुकता बढ़ा उसमें सहयोग करेगी। गुरुग्राम , ऊबर इंडिया ने हैल्पेज इंडिया के साथ साझेदारी की घोषणा की। यह सुविधाओं से वंचित बुजुर्गों को सेवाएं देने के लिए एक समर्पित एनजीओ है। इस साझेदारी के तहत ऊबर अहमदाबाद, बैंगलुरू, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई में प्रतिमाह 1000 राईडस निशुल्क प्रदान करेगा। ऊबर के प्रयास के बारे में प्रभजीत सिंह, प्रेसिडेंट, ऊबर इंडिया एवं साउथ एशिया ने कहा, ‘‘हम हैल्पेज इंडिया के साथ साझेदारी करके काफी उत्साहित हैं। ऊबर में हम सुविधाओं से वंचित बुजुर्गों का सहयोग करने के लिए समर्पित हैं। यह समुदाय कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इस चुनौतीपूर्ण समय में उनकी सेहत व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, हम उनकी विशेष जरूरतों के प्रति जा

दलित बेटी की चिता और बाबरी मस्जिद विध्वंस का फैसला यानी इंसाफ की विदाई

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बाबरी मस्जिद विध्वंस के दृश्य को हजारों–लाखों लोगों ने प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से देश–विदेश में देखा था. इसके बावजूद देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई करीब 28 साल बाद भी उस आपराधिक कृत्य के दोषियों की पहचान कर पाने में असमर्थ रही. लखनऊ . रिहाई मंच ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में हाई कोर्ट द्वारा साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों के बरी किए जाने के फैसले पर कहा कि यह मात्र निर्णय है न्याय नहीं. मंच ने हाथरस में हुए दलित लड़की के सामूहिक बलात्कार मामले में प्रदेश सरकार की आपराधिक भूमिका पर सवाल उठाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के दृश्य को हजारों–लाखों लोगों ने प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से देश–विदेश में देखा था. इसके बावजूद देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई करीब 28 साल बाद भी उस आपराधिक कृत्य के दोषियों की पहचान कर पाने में असमर्थ रही. उसने बेशर्मी के साथ अदालत को अपने निष्कर्ष से अवगत कराया और पूरी तत्परता से हाईकोर्ट ने उसे स्वीकार कर देश के न्यायिक इतिहास में एक और काला पन्ना जोड़ दिया. यह पहला अवसर नहीं है जब

कविता // सत्य अहिंसा का पुजारी,जिसके आगे ताज झुका

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विजय सिंह बिष्ट गांधी बाबा क्या जादू था,       तेरी मीठी बोली में, चोर भी साधू बन जाते थे        आकर तेरी टोली में, आजादी की दुल्हन लाया         सत्याग्रह की डोली में, देशभक्ति का रंग भर दिया,           तूने राष्ट्र रंगोली में, सात लाख संगीने थी,      रोक सकी ना तेरे कदम,            बोलो वंदेमातरम।। निकल पड़ा जब नमक बनाने,     साबरमती का संत महान, हंसी उड़ाने वाले अफसर, देख रहे थे हो खिसियान, पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण,      जागा सारा हिंदुस्तान, सत्ता तब लंदन की डोली,     आया हो जैसे तूफ़ान जंग लड़ी तूने लेकर,     सत्य अहिंसा का परचम,          बोलो वंदेमातरम।। खादी की वो गांधी टोपी,      जिसके आगे ताज झुका, सत्य अहिंसा का पुजारी,      जिसके आगे ताज झुका, चरखे की सरगम को सुनकर,        संगीनों का साज झुका, नन्हीं चिड़िया से डरकर,       घोर शिकारी बाज झुका, पक्का हो ईमान अगर तो,       बन जाता है वह रुस्तम,               बोलो वंदेमातरम। मिलकर रहना,भेद न करना,       सबका मालिक ईश्वर है, हिंदू , मुस्लिम,सिक्ख , ईसाई,      नहीं किसी में अंतर है, सबकी धरती,देश सभी का,      सबको जीने का हक है, द

कविता // बा के बिन गांधी नहीं गाँधी बिन न देश

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सुषमा भंडारी दोहे  सत्य-स्वच्छता से हुआ बापू तेरा नेह। चली अहिंसा राह पर तेरी हल्की देह ।। बापू के व्यक्तित्व- सा मिला न कोई और । तेरे कारण ही मिली  स्वदेशी ये ठौर।। हाथों से धोती बुनी किया देश का मान । खादी के सम्मान से विश्व हुआ हैरान ।। पग- पग सिखलाया हमें राघव राजा राम। शतकों तक यूँ ही रहे बापू तेरा नाम।। राष्ट्रपिता बापू तेरा जन्मोत्सव है आज। स्वच्छता ही सेवा सही किया सदा आगाज।। जब तक जीवित तुम रहे रहे सदा अनमोल। भर स्वदेशी चेतना दी आजादी घोल।। सत्य अहिंसा का हमें सिखलाया था पाठ। वर्ष हुये हैं डेड़ सौ स्वच्छ भारत के ठाठ।  बा के बिन गांधी नहीं गाँधी बिन न देश। पाठ अहिंसा का पढा दिला दिया स्वदेश।। वर्ष डेढ सौ हो गये जन्मे दो आदर्श। आओ मनायें जयन्ती मिला हमें उत्कर्ष।। गाँधी और लाल ने  किया देश का नाम । युग दृष्टा युग पुरुष किये अनोखे काम। । सुषमा भंडारी  

देश का बॉडी मास इंडेक्स बदल गया

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गांधी बाबा क्या जादू था,तेरी मीठी बोली में

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