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शास्त्रीय संगीत समारोह में युवाओं ने किया ऊर्जा संचार

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० अशोक चतुर्वेदी ०  जयपुर: जवाहर कला केंद्र का रंगायन सभागार  युवा कलाकारों से आबाद रहा। दर्शकों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर की छाप छोड़ चुके कलाकारों की वायलिन, शास्त्रीय गायन, पखावज व कत्थक की ऊर्जावान प्रस्तुति का आनंद लिया। मौका था जेकेके की ओर से आयोजित युवा शास्त्रीय संगीत समारोह के तीसरे दिन का। जयपुर के योगेश चंद्र मोठिया ने विशेष वायलिन 'कैलाश रंजनी बेला' पर राग जोग छेड़ा। तीन ताल में आलाप, जोड़, झाला, विलम्बित ताने-लयकारी से प्रस्तुति आगे बढ़ी। मध्यलय में गत बांधकर उन्होंने द्रुत लय में समापन किया। योगेश अपने पिता पं. कैलाश कैलाश चंद्र मोठिया से शिक्षा लेकर आगे बढे हैं। उदयपुर की डॉ. भूमिका द्विवेदी ने राग श्याम कल्याण व बड़हंस सारंग पेश कर कार्यक्रम को शास्त्रीय गायन की ओर मोड़ दिया। राजस्थान में भेंडी बाज़ार घराने का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला कलाकार के रूप में राजस्थान सरकार द्वारा भूमिका को संगीत के क्षेत्र में राज्य के उच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किया जा चुका है। 9 वर्ष की उम्र में भूमिका ने श्री नरेन्द्र ब्यावत से गायन प्रशिक्षण लेना प्र

वी. के. सिंह, निदेशक (कार्मिक), पावरग्रिड को डॉक्टरेट की मानद उपाधि

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० योगेश भट्ट ० ०  नई दिल्ली,  वी. के. सिह, निदेशक (कार्मिक), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गयी है। उनको यह उपाधि मानव पूंजी के विकास और प्रबंधन की दिशा में किये गए उनके असाधारण योगदान के लिए राजस्थान की सनराइज यूनिवर्सिटी द्वारा दी गयी है। वो पावर एचआर फोरम के नेशनल प्रेजिडेंट हैं और पीटीसी इंडिया एवं स्कोप के निदेशक मंडल के सदस्य भी हैं। सिंह की अगुआई में पावरग्रिड को देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें ग्रेट प्लेस टू वर्क, ग्लोबल सीएसआर पुरस्कार, बीएमएल मुंजाल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन लर्निंग एंड डेवलपमेंट, डन एंड ब्रैडस्ट्रीट अवार्ड, ईटी बेस्ट प्लेस फॉर वीमेन टू वर्क इत्यादि उल्लेखनीय हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी  सिंह मानव संसाधन एवं मैनेजमेंट विषयों के एक प्रखर वक्ता भी हैं और उन्होंने देश-विदेश के अनेक मंचों पर अपने विचार रखे हैं। अपने 38 वर्षों के लम्बे करियर में यूएस बेस्ड एमएनसी, एनएचपीसी एवं पावरग्रिड में विभिन्न स्तरों पर काम करते हुए उन्होंने मानव संसाधन के सभी पहलुओं - समामेलन

सौंदर्य-डर्मेटोलॉजी एवं कॉस्‍मेटोलॉजी सेवा प्रदाता, कॉस्‍मोडर्मा दिल्‍ली और चेन्‍नई में विस्‍तार के लिये तैयार

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली : भारत के प्रमुख सौंदर्य-डर्मेटोलॉजी एवं कॉस्‍मेटोलॉजी ब्राण्‍ड कॉस्‍मोडर्मा ने देश में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है। यह ब्राण्‍ड राजधानी नई दिल्‍ली में नये क्लीनिक्स खोलने जा रहा है। ब्रांड दक्षिण भारत के सांस्‍कृतिक एवं आर्थिक केन्‍द्र चेन्‍नई में भी अपने क्‍लीनिक्‍स खोलेगी जहाँ इसकी पहले से ही उपस्थिति है। सौंदर्य औषधि का वैश्विक बाजार 2020 से 2027 के बीच 9.2% की संयुक्‍त वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ बढ़ रहा है और इसलिये युवाओं के बीच सौंदर्य उत्‍पादों एवं सेवाओं की भारी मांग है। उच्‍च संभावना वाले इस बाजार में कदम रखते हुए,  कॉस्‍मोडर्मा के अपनी तरह के पहले क्लिनिक का उद्घाटन ग्रेटर कैलाश, दिल्‍ली में किया जाएगा। इसी प्रकार, हालांकि चेन्‍नई में ब्राण्‍ड का एक क्लिनिक पहले से चल रहा है, एक नया क्लिनिक नुंगामबक्‍कम हाई रोड पर छोटाभाई सेंटर में खोला जाएगा। नये लॉन्‍च होने वाले यह क्लिनिक्‍स एलिट प्रीमियम कैटेगरी के होंगे, जहाँ विज्ञान के माध्‍यम से खूबसूरती बढ़ाने वाली अत्‍याधुनिक सुविधाएं मौजूद होंगी। कॉस्‍मोडर्मा हेल्‍थकेयर प्राइवेट लि

आल इंडिया फेयर शॉप वर्कर्स को सरकार घोषित करे कोरोना वारियर : प्रह्लाद मोदी

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली, 2 अगस्त: ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन ने अपनी 9-सूत्रीय मांग की पूर्ति के लिए जंतर-मंतर, नई दिल्ली में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। देश भर से उचित मूल्य की दुकान के डीलर अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए हजारों की संख्या में एकत्र हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छोटे भाई प्रहलाद मोदी राशन डीलर हैं। प्रहलाद मोदी देश के राशन डीलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष व् गुजरात राशन डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। प्रहलाद मोदी का कहना है कि वह अपने भाई नरेंद्र मोदी से नाराज नहीं हैं बल्कि राशन डीलर को दिए जाने वाले कमीशन के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि लगातार मांग के बावजूद राशन डीलरों की मांग नहीं मानी जा रही है, इसलिए आज उनकी एसोसिएशन को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करना पड़। विशाल सभा को संबोधित करते हुए, फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष,  प्रह्लाद मोदी ने कहा, “देश के प्रधान मंत्री को देश भर में 80 करोड़ लोगों को भोजन के वितरण के लिए दुनिया भर से प्रशंसा मिली। जब सरकार इस योजना को लागू कर रही थी तो हम जैसे दुकानदार ही थे जो लोगों के पास गए

नया रेफ्रिजरेटर लेना है तो इन बातों पर करें गौर

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -  जब बात रेफ्रिजरेटर की आती है तो आज के समय में आपके पास कई सारे विकल्प मौजूद हैं। रेफ्रिजरेटर का डोर खोले बगैर ठंडा पानी निकालने से कहीं ज्यादा विकल्प आपके सामने हैं। अपने लिये किसी एक रेफ्रिजरेटर का चुनाव करना आसान काम नहीं है, क्योंकि इसे लेने से पहले कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जैसे रेफ्रिजरेटर का साइज क्‍या है या फिर उसकी स्टाइल व ऊर्जा दक्षता कैसी है, ब्रांड कौन सा है और इसकी कीमत क्‍या है। यदि आप अपने मौजूदा रेफ्रिजरेटर को रिप्लेस करने का मन बना रहे हैं, लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा है कि कहां से शुरूआत करें? तो यहां कुछ ऐसे टिप्स दिए गए हैं जिन्हें आप रेफ्रिजरेटर खरीदने के दौरान कुछ मिनटों में ही पढ़ सकते हैं।  क्षमता/साइज रेफ्रिजरेटर की क्षमता को लीटर्स में ही नापा जाता है। तकनीक में प्रगति के साथ, इस अप्लायंस की क्षमता सीमा में आश्चर्यजनक दर से वृद्धि हुई है। यह कम से कम क्षमता से लेकर ज्यादा से ज्यादा क्षमता सीमा में उपलब्ध है। अपनी जरूरत के आधार पर फैसला लेने के लिये आपको परिवार के आकार को ध्यान में रखना जरूरी है, जिससे आपके खाने की मात्रा तय ह

देश की जलभृत प्रणालियों के मानचित्रण और प्रबंधन के लिए एक पहल

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - भूजल संसाधन, भारतीय कृषि की जीवन रेखा है और 135 करोड़ लोगों की पेयजल जरूरतों को पूरा करने की कुंजी है। यह हमारे पैरों के नीचे एक छिपा हुआ खजाना है, जिसे देखा नहीं जा सकता है, लेकिन इसका हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। भारत भूजल संसाधनों का सबसे अधिक दोहन करने वाला देश है। बढ़ती आबादी के साथ पानी की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए, पिछले कुछ वर्षों में भूजल दोहन में हुई वृद्धि से देश के कई हिस्सों में जल व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। कई क्षेत्रों में अति-दोहन हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप जल स्तर नीचे जाने जैसी समस्याएं सामने आयीं हैं। बढ़ते मानवजनित संदूषण के कारण कई क्षेत्रों में भूजल संसाधनों की पहले से ही गंभीर स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। दूसरी तरफ, भूजल संसाधनों का कम दोहन करने वाले कई क्षेत्र हैं, जहां स्थिति में सुधार करने की संभावनाएं मौजूद हैं। यह भूजल प्रबंधन के सामने एक विशेष तरह की चुनौती पेश करता है, जिसके लिए साक्ष्य-आधारित पहल की आवश्यकता है। तदनुसार, 'सतत भूजल प्रबंधन' पर 12वीं योजना के कार्य-समूह ने भारत के जलभृत या भूजल भण्ड

उर्दू अकादमी दिल्ली सरकार के उर्दू साक्षरता केंद्र 2 साल से बंद पड़े है‌

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० संवाददाता द्वारा ०  नई दिल्ली- दिल्ली सरकार के अंतर्गत उर्दू अकादमी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 150 से अधिक उर्दू साक्षरता केंद्र चलाए जाते हैं जो कि कोरोना के कारण पिछले 2 साल से मुकम्मल तौर पर बंद पड़े हैं और अभी भी खुलने की कुछ आसार नज़र नहीं आ रहे , मामूली रक़म पाने वाले उर्दू साक्षरता केंद्रों में अपनी सेवा देने वाले इंस्ट्रक्टर को 2 सालों में एक रुपया भी नहीं मिल सका है आख़िरकार उनके सब्र का पैमाना लबरेज़ हो चुका है और सरकार से मांग करने पर मजबूर हो गए हैं कि सरकार उनके वर्तमान और भविष्य के प्रति कुछ गंभीर हो उन्होंने सवाल किया के क्या हम उर्दू वालों का हाल उन निर्माण मज़दूरों और ऑटो टैक्सी वालों से भी बदतर हो गया जिन्हें लाक डाउन में 5-5 हज़ार रुपयों की कई क़िश्तें दी गईं ? और उर्दू वालों का हाल तक भी ना पूछा? यमुनापार के खजूरी में उर्दू साक्षरता केंद्र चलाने वाले महफूज़ आलम ने कहा पिछले 2 वर्षों से सेंटर बंद पड़े हैं इस बीच शिक्षकों से यह भी नहीं पूछा गया कि आख़िर वह किस हाल में जीवन व्यतीत कर रहे हैं जबकि मज़दूरों को उनके अकाउंट में पैसे भेजे गए, अगर हुकूमत उर्दू से