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पायरेसी लेखक, पाठक और प्रकाशक सबके लिए हानिकर है, इसे रोकना जरूरी

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली. भारत में प्रकाशन उद्योग बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है लेकिन कॉपीराइट उल्लंघन और पायरेसी जैसी कुछ बड़ी बाधाएं अभी भी उसकी राह का रोड़ा बनी हुई हैं. दुखद है कि तकनीकी कौशल और आधुनिक उपकरणों के चलते हम हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन हमारे ज्ञान का जो मुख्य स्रोत है यानी किताबें, उन पर समय के बदलाव का उल्टा असर पड़ रहा है. इस समय बाज़ार में 20 से 25 प्रतिशत हिस्सा पायरेटेड यानी जाली किताबों का है जिससे पूरा प्रकाशन उद्योग भारी नुकसान उठा रहा है। प्रकाशकों को राजस्व की क्षति हो रही है, लेखकों को रॉयल्टी की और सरकार को टैक्स की. कुछ पाठक और पुस्तक-प्रेमी तर्क देते हैं कि पायरेसी का कारण किताबों की कीमतों का ज्यादा होना, लोगों की फौरी धन कमाने की प्रवृत्ति, बेरोजगारी और किताबों के पुनर्मुद्रण में फ़ोटोकॉपी मशीनों जैसी आसान तकनीकों का आ जाना है. कारण कुछ भी हो, इसका सबसे ज्यादा नुक्सान जिसे उठाना पड़ता है वह प्रकाशक ही है और यही वह बात है जिस पर कोई गंभीरतापूर्वक सोचने को तैयार नहीं  पिछले दिनों राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘रेत समाधि’ (गीतांजली श्री

एनसीआईएसएम,सीएसयू के आयुर्वेद अनुसंधान कार्य का विस्तार करेगा

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली। आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध तथा स्व- रिगपा (एयूएस एंड एस आर) के गुणवत्ता में सुधार तथा लोकहित में भारतीय चिकित्सा के उन्नयन के लिए देश का पहला बहुपरिसरी केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय -सीएसयू, दिल्ली के बीच एक महत्त्वपूर्ण अकादमिक समझौता (एमओयू) करार किया गया है । इस समझौते को लेकर कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने हर्ष जताते कहा है कि इस समझौते से सीएसयू के द्वारा देश की पारंपरिक चिकित्सा आयुर्वेद पद्धति को प्रमाणिक तथा सशक्त रुप से पुनर्स्थापना में बहुत ही बल मिलेगा । इसका बहुत बड़ा कारण यह भी है कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय संस्कृत शास्त्र तथा इस भाषा के प्रचार प्रसार के लिए भारत सरकार का नोडल निकाय है तथा आयुर्वेद के मूल ग्रन्थ संस्कृत भाषा में ही लिखे गये हैं ।  आज विश्व की दृष्टि न केवल संस्कृत अपितु आयुर्वेद पर भी टिकी है । वैश्विक महामारी कोरोना के समय दुनिया ने फिर से आयुर्वेद विद्या के महत्त्व को समझ सकी है । अतः यह समय आ गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के अन्तर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा को एनसीआईएसएम के साथ कदम मिला कर आयुर्वेद विशेष कर आयुर्

डाक्टर अनिल प्रकाश जोशी दिल्ली में नागरिक सम्मान से सम्मानित

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद्, पद्मभूषण ,पद्मश्री एवं अनेकों राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित डाक्टर अनिल प्रकाश जोशी जो जन जागरण हेतु 67वर्ष की आयु में मुम्बई से देरादून (सागर से शिखर )तक साइकिल यात्रा पर हैं , दिल्ली आगमन पर , गढ़वाल हितैषिणी सभा अध्यक्ष अजयसिंह बिष्ट की अध्यक्षता में गढ़वाल भवन दिल्ली में नागरिक सम्मान समारोह आयोजित किया गया ,डा॰ जोशी को सम्मानित कर सभा स्वयं को गौरवान्वित महसूस करती है। हम सबके लिए गौरव का विषय है कि सभा के शताब्दी वर्ष में एक महा विद्वान मनीषी जिन्होंने अपना पूरा जीवन मानव सेवा, सृष्टि मात्र के लिए न्योछावर कर दिया है , गढ़वाल हितैषिणी सभा को उनका स्वागत अभिनन्दन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हमारा कर्तव्य है कि उनके अभियान "प्रगति से प्रकृति पथ" को हम जन जन तक पहुंचाने का संकल्प करें और अपने एक गिलहरी प्रयास से इसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें । 

प्लास्टइंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित होगी अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी "प्लास्टइंडिया 2023"

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० संवाददाता द्वारा ०  Ø यह प्रदर्शनी विकासशील देश भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्लास्टिक के लिए पसंदीदा सोर्सिंग हब के रूप में विकसित करने और इसे आगे बढ़ने की दिशा में काम करेगी Ø इस आयोजन में पश्चिम बंगाल में प्लास्टिक उद्योग की क्षमता पर प्रकाश डाला जायेगा, जिसमें 5 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं और इस राज्य में इससे जुड़ी 5000 प्रसंस्करण इकाइयां शामिल हैं Ø इस आयोजन में शामिल होने के लिए अपने नाम का पंजीकरण कराने सबसे पहले आने वालों को आकर्षक छूट का लाभ मिलेगा कोलकाता : देशभर में फैले प्लास्टिक से जुड़े सभी शीर्ष प्रमुख संघों, संगठनों और संस्थानों को लेकर बने प्लास्टइंडिया फाउंडेशन की ओर से बुधवार 2 नवंबर  को अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक प्रदर्शनी और सम्मेलन के 11वें संस्करण "प्लास्टइंडिया 2023" की घोषणा की गई। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में नवनिर्मित 'स्टेट ऑफ द आर्ट इंटरनेशनल एक्जीबिशन सेंटर' में 1 से 5 फरवरी 2023 को इसका आयोजन किया गया है।  प्लास्टइंडिया 2023 के जरिए हमारा मकसद आधुनिक तकनीकों को सुविधाजनक बनाने और नए तकनीकों के इस्तेमाल पर इसका और ज्यादा ध्यान केंद

सदर्न ट्रेवल्स ने कोलकाता में एक और ब्राण्ड स्टोर के साथ अपनी मौजूदगी को सशक्त बनाया

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० संवाददाता द्वारा ०  कोलकाता - पर्यटन एवं आतिथ्य सेवाओं में अग्रणी सदर्न ट्रेवल्स ने कोलकाता में एक अधिकृत आउटलेट के साथ पूर्वी भारत में अपनी मौजूदगी को और अधिक सशक्त बना लिया है। नया आउटलेट, राशबेहारी एवेन्यू कोलकाता में अधिकतम यात्रा प्रेमियों तक पहुंच बनाएगा, जो मेट्रो स्टेशन के नज़दीक स्थित है।  मौके पर पश्चिम बंगाल विधान सभा और एमएमआईसी-केएमसी के सदस्य डेबाशीष कुमार, जॉइन्ट मैनेजिंग डायरेक्टर- सदर्न टैªवल्न्स, अलापति प्रवीण कुमार और कंपनी की डायरेक्टर दिव्या अलापति हाण्डा भी मौजूद थे। पूर्वी भारत हमेशा से क्षेत्र, खासतौर पर कोलकाता के लोगों के लिए यात्रा एवं पर्यटन का उत्कृष्ट गंतव्य रहा है। कोलकाता में इस नए आउटलेट के साथ हम देश में अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं।  हमें उम्मीद है कि हमारा यह नया आउटलेट उत्तर-पूर्वी ज़ोन सहित क्षेत्र के ज़्यादा से ज़्यादा यात्रियों को आकर्षित करेगा।’’ जॉइन्ट मैनेजिंग डायरेक्टर, सदर्न ट्रेवल्स अलापति प्रवीण कुमार ने कहा। कोलकाता में इस नए आउटलेट के माध्यम से सदर्न ट्रेवल्स कई तरह की ट्रेवल्स सेवाएं उपलब्ध कराएगा। स्टोर यात्रियों की यात्रा संबंधी

खेजड़ली के पर्यावरण प्रेमियों का बलिदान देख आंखें हुई नम

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० अशोक चतुर्वेदी ०  जयपुरः रंगायन सभागार में मौजूद दर्शकों की आंखें उस समय नम हो गयी जब उन्होंने ग्रामीणों को वृक्ष बचाने के लिए जान न्यौछावर करते देखा। मौका था नाटक ‘खेजड़ी की बेटी’ के मंचन का। इसका लेखन व निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक राही ने किया। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, जवाहर कला केंद्र व ओरियन ग्रीन्स के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। इसी के साथ तीन दिवसीय राष्ट्रीय पंचतत्व महोत्सव का समापन हुआ। 300 साल पुरानी है घटना खेजड़ी की बेटी की कहानी तीन सौ साल पुरानी एक सत्य घटना पर आधारित है। खेजड़ली गाॅंव निवासी बिशनोई समाज के 363 लोगों ने दीवान गिरधर दास भंडारी की आज्ञा के विरुद्ध जाकर पेड़ कटवाने से इंकार कर दिया। वे पेड़ों से लिपट गए और जान गंवाकर भी खेजड़ी के पेड़ नहीं कटने दिए। नाटक में जाम्भोजी महाराज की महिमा का बखूबी वर्णन किया गया।अतिथियों में पंकज ओझा, रजिस्ट्रार राजस्थान सिविल सेवा अपील ट्रिब्यूनल, देवेंद्र बोर्डिया अध्यक्ष अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, कला मर्मज्ञ विनीता अग्रवाल उपस्थित रहे। सभी ने अपने उद्धबोधन में तीन दिवसीय राष्ट्रीय पंचतत्व महोत्सव क

निजी कंपनी द्वारा विज्ञापन शुल्‍क वसूली के खिलाफ लामबंद सड़क पर उतरेंगे व्‍यापारी

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० आशा पटेल ०  जयपुर /जयपुर नगर निगम है रिटेज और ग्रेटर के द्वारा ग्‍लो साइन बोर्ड पर विज्ञापन शुल्‍क की वसूली निजी कंपनी को सोंपने और अनुबंधित कंपनी की ओर से शहर के व्यापारियों को प्रताड़ित करने के विरोध में शहर के सभी व्‍यापारिक संगठन लामबंद हो गए हैं। कंपनी की ओर से मनमानी वसूली के खिलाफ आंदोलन के लिए शहर के प्रमुख व्‍यापारिक संगठनों ने संयुक्त व्‍यापार संघर्ष समिति का गठन किया है। इस समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें फोर्टी अध्‍यक्ष सुरेश अग्रवाल, जयपुर व्‍यापार महासंघ के अध्‍यक्ष सुभाष गोयल, जयपुर व्यापार मंडल अध्यक्ष ललित सांचौर , राजस्‍थान इलैक्‍ट्रॉनिक्‍स एसोसिएशन के महासचिव कमल कंदोई, एमआई रोड़ व्‍यापार मंडल के महामंत्री सुरेश सैनी, राजापार्क व्‍यापार मंडल के अध्‍यक्ष रवि नैयर, जयपुर व्‍यापार महासंघ के महामंत्री सुरेंद्र बज, राडा के अध्‍यक्ष चानणमल अग्रवाल, नगर निगम के पूर्व मुख्‍य सचिव गिरिराज खंडेलवाल शामिल हुए।  सभी ने संयुक्त रूप से स्पैरो कंपनी की मनमानियों के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तय की । इसके तहत यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ सभी विधायकों और सांसद को ज्ञापन