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World Book Fair @ Delhi विश्व पुस्तक मेला : दुनिया का सबसे बड़ा मेला : Pr...

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शिवाजी सच्चे राष्ट्रभक्त थे हिंदावी साम्राज्य की स्थापना की

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 ० योगेश भट्ट ०  देहरादून - भारत रक्षा मंच ने हिंदू नेशनल कॉलेज छत्रपति शिवाजी पखवाड़ा उत्सव मनाया संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे मुख्य अतिथि प्रशांत कोतवाल ने छत्रपति शिवाजी के जीवन चरित्र पर व्याख्यान करते हुए कहा शिवाजी सच्चे राष्ट्रभक्त थे हिंदावी साम्राज्य की स्थापना की अतिथि विशिष्ट देहरादून कैंट की लोकप्रिय विधायक सविता कपूर ने भारत रक्षा मंच के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज जी से समस्त देशवासियों वह राष्ट्र भक्तों को सीखने की जरूरत है शांशक चोपड़ा ने भारत रक्षा मंच के उद्देश्यों से परिचित कराया उत्तराखंड संगठन मंत्री आशीष वाजपेयी वह प्रांतीय अध्यक्ष संजीव गुप्ता ने आये हुए कार्यकर्ताओं वह पदाधिकारियों को संबोधित किया सभी अतिथियों को भारत रक्षा मंच का मोमेंटो देखकर समनित करते हुए अतिथि जनों ने छत्रपति शिवाजी भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलित किया कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वामी राजेश पुरी ने सभी का धन्यवाद किया इस अवसर पर देवाशीष ग़ौर ललित पंत कन्हैया प्रोफेसर आदित्य शर्मा अरूण राजपूत संदीप भट्ट अजीत सिंह आ

राजकमल प्रकाशन समूह की 10 हजार से अधिक किताबें विश्व पुस्तक मेले में होंगी उपलब्ध

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली।। विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन समूह करीब एक सौ नई किताबों के साथ हाजिर होगा। वहीं राजकमल प्रकाशन समूह से प्रकाशित 10 हजार से अधिक किताबें मेले में उपलब्ध होंगी। राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी का कहना है कि हर वर्ग के लोगों को देश-दुनिया का उत्कृष्ट साहित्य उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है।  विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन के स्टॉल से पुस्तकें खरीदने पर आपके कैशमेमो के आखिरी अंक 75 होने पर 750 रुपये तक की छूट दी जाएगी। वहीं पाठक स्टॉल पर मौजूद क्यूआर कोड को स्कैन करके क्विज खेल सकेंगे जिसके परिणाम के आधार पर उन्हें पुरुस्कृत किया जाएगा। राजकमल प्रकाशन की स्थापना देश की आजादी से पूर्व 28 फरवरी 1947 को हुई थी। अपनी स्थापना के 75 वर्षों का सुनहरा सफर पूरा करके राजकमल प्रकाशन 28 फरवरी को 76वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस अवसर पर विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन की किताबों पर पाठकों विशेष छूट दी जाएगी। "देश की आजादी की पूर्ववेला में स्थापित राजकमल प्रकाशन अपनी शुरुआत से ही श्रेष्ठ पुस्तकों के जरिए समाज को बौद्धिक और सांस्कृतिक रूप

अरुण लता सिन्हा की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा

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० योगेश भट्ट ०  औरंगाबाद।  सत्येंद्र नगर स्थित नवबिहार टाइम्स परिसर में डॉ. कमल किशोर एवं श्रीराम अम्बष्ट की माता स्मृतिशेष अरुण लता सिन्हा की तेरहवीं के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी। लोगों ने स्मृतिशेष अरुण लता सिन्हा के चित्र पर श्रद्धापूर्वक पुष्प अर्पित कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद किया। समाज में उनकी भूमिका तथा उनके कर्तव्यों को रेखांकित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अरुण लता सिन्हा प्रखर समाज सेविका एवं विदुषी महिला थीं। उन्हें उनके नेक विचारों एवं गरीबों तथा जरूरतमंदों की सेवा के लिए याद किया जाएगा।  1960 में इंटर तक पढ़ाई करने वाली अरुण लता सिन्हा प्रख्यात शिक्षाविद एवं पूर्व प्राचार्य स्मृतिशेष लाला शम्भू नाथ की धर्मपत्नी थी। उन्होनें अपने पति के शैक्षणिक कार्यों में भरपूर साथ दिया तथा अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में शिक्षा को ही प्राथमिकता दी। वक्ताओं ने कहा कि हिंदी तथा अंग्रेजी की ज्ञाता अरुण लता सिन्हा ने अपने परिवार समेत समाज को शिक्षा के प्रति हमेशा जागरूक किया। सौम्य स्वभाव की अरुण लता सिन्हा ने कभी भी नकारत्मक विचारों को प्रोत्साहित नहीं किया। वे अंधविश्वास के

विश्व पुस्तक मेला 25 फरवरी से 5 मार्च तक प्रगति मैदान दिल्ली में

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली-आजादी का अमृत महोत्सव समारोह और भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के वर्ष के साथ, नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला दुनिया के सबसे बड़े पुस्तक मेलों में से एक - इस साल अपनी 50 साल की यात्रा का उत्सव मना रहा है। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आईटीपीओ के सहयोग से आयोजित नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 25 फरवरी से 5 मार्च 2023 तक प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। मेले में थीम के रूप में आजादी का अमृत महोत्सव और मेले में अतिथि देश के रूप में फ्रांस के साथ, इस 9 दिवसीय पुस्तक मेले में बड़ी संख्या में भारतीय और विदेशी प्रकाशकों की पुस्तकों का एक विशाल संग्रह प्रगति मैदान के नवनिर्मित हॉल में लगाया जाएगा। पुस्तक मेले की घोषणा करने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष प्रो गोविंद प्रसाद शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को पुस्तकों के इस विशाल उत्सव में शामिल होने और इस पठन अभियान का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के निदेशक युवराज मलिक ने संबोधित करते हुए कहा कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023 क

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में बढ़ रहा है लोगों का विश्वास : डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई

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० आशा पटेल ०  जयपुर : केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई कालूभाई व आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विवि जयपुर के रस शास्त्र एवं भैषज्य कल्पना विभाग द्वारा संस्थान परिसर में आयोजित तीन दिवसीय आयुर्वेदिक फार्मास्युटिकल सांईस पर अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी का शुभारंभ किया | एनआईए युनिवर्सिटी के कुलपति प्रो संजीव शर्मा व रस शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो अनुपम श्रीवास्तव ने आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ,आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा व सभी मुख्य अतिथि वक्ताओं का साफा,पगड़ी व पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया | अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी में आयुर्वेद चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि आयुर्वेद हजारों वर्षों से चली आ रही प्राचीन चिकित्सा पद्धति है | दिन प्रतिदिन आमजन का रुझान आयुर्वेद चिकित्सा में तेजी से बढ़ रहा है | लोग अपने दैनिक जीवन में आयुर्वेद पद्धति में विश्वास जताकर इससे नित्य अपना रहे है | उन्होंने कहा कि देश आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने में अग्रणी है | मंत्री डॉ मुंजपरा ने कहा कि समय-समय

डॉ. संजीव कुमार की काव्यकृति "अश्मा" का लोकार्पण

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० आशा पटेल ०   जयपुर। राही सहयोग संस्थान और डॉ. राधाकृष्णन स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी के संयुक्त तत्वावधान में प्रख्यात कवि डॉ. संजीव कुमार की काव्यकृति "अश्मा" का लोकार्पण किया गया। इस क़िताब पर व्यापक विमर्श के माध्यम से पौराणिक पात्रों की मौजूदा प्रासंगिकता पर भी चर्चा हुई। संपादक समीक्षक गजेंद्र रिझवानी ने कृति की सारगर्भित समीक्षा प्रस्तुत की। जाने माने व्यंग्यकार व कवि फारूक आफरीदी ने संजीव के विस्तृत लेखन पर प्रकाश डाला। लेखक चित्रकार विनोद भारद्वाज ने कहा कि मिथक और वास्तविक चरित्रों की तार्किकता कभी प्रामाणिक नहीं हो सकती। साहित्य समर्था पत्रिका की संपादक नीलिमा टिक्कू का कहना था कि एक व्यस्त संपादक और प्रकाशक का निरंतर और श्रेष्ठ लिखना चकित करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुविख्यात लेखक नंद भारद्वाज ने कहा कि जन आस्था का विकल्प विश्वसनीयता नहीं हो सकती।डॉ. संजीव कुमार ने अहिल्या के चरित्र के बहाने तत्कालीन जीवन मूल्यों के प्रकटीकरण की बात कही। उन्होंने पुस्तक के कुछ अंश पढ़कर भी सुनाए जिन्हें श्रोताओं ने मनोयोग से सुना और उन पर अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं जिनका सम