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टाटा हिताची ने लॉन्च किया जैडएक्स670एच माइनिंग एक्सकेवेटर : बेहतरीन काम और बेजोड़ कामयाबी का भरोसा

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० संवाददाता द्वारा ०  खड़गपुर : टाटा हिताची ने अपने खड़गपुर प्लांट में नया माइनिंग एक्सकेवेटर जैडएक्स670एच लॉन्च किया।  यह मेड - इन इंडिया मशीन काफी टिकाऊ, बहुत कार्य सक्षम, मेंटेनेंस में आसान, परिचालन लागत में कम, सुरक्षा में अधिकतम और फिर सुरक्षा और आराम में तो बेजोड़ है। खास डिज़ाइन और निर्माण के साथ यह ग्राहकों की हर उम्मीद पर खरा उतरती है। टाटा हिताची जैडएक्स670एच में पर्यावरण के लिए सुरक्षित ईपीए टियर ।। इंजन है। यह शक्तिशाली 295 केडब्ल्यू (400 पीएस) इंजन कहीं भी खनन का काम आसानी से करने के लिए डिजाइन किया गया है। जैडएक्स670एच में 3.3 सीयूएम से 4.1 सीयूएम तक बकेट के कई विकल्प हैं इसलिए यह सबसे अधिक कार्य सक्षम है। बकेट का सबसे सही आकार चुनने का विकल्प होने से हॉलर पूरी क्षमता से लोड कर पाते हैं। इस तरह एक्सकेवेटर और डम्पर दोनों अपने काम में अधिक कामयाब हैं। जैडएक्स670एच के फीचर्स, जैसे चट्टान की तरह मजबूत फ्रंट अटैचमेंट, बेहतर अंडरकैरिज, अधिक दमदार बूम और आर्म, डीएलसी कोटेड फ्यूल इंजेक्टर इस मशीन का अधिक टिकाऊ होना सुनिश्चित करते हैं। 

साहित्यिक उत्सव के जरिए दो संस्कृतियों का मिलन हो रहा है

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० योगेश भट्ट ०  वर्ली, मुम्बई- वर्ली के नेहरू सेंटर हॉल ऑफ हार्मनी में आयोजित ''किताब उत्सव' का उद्घाटन ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मराठी लेखक भालचन्द्र नेमाडे, लक्ष्मण गायकवाड और अब्दुल बिस्मिल्लाह ने किया। यह 'किताब उत्सव' 23 मार्च तक चलेगा जिसमें भाग लेने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से साहित्यकार पहुँच रहे हैं। भालचन्द्र नेमाडे ने कहा "पुस्तकों के प्रकाशन के जरिए ज्ञान के विस्तार से ही समाज का भला हो सकता है।" आगे उन्होंने कहा कि "हमारी राष्ट्र भाषा कोई बहुत अधिक क्लिष्ट भाषा नहीं बल्कि आम बोलचाल की हिंदी भाषा ही हो सकती है।" वहीं लक्ष्मण गायकवाड ने कहा कि मेरी यही कामना है कि राजकमल का यह कारवां इसी तरह बढ़ता रहे और यह साहित्यिक यात्रा देश के सभी शहरों में पहुंचे। इसके बाद अब्दुल बिस्मिल्लाह ने कहा कि "इस साहित्यिक उत्सव के जरिए दो संस्कृतियों का मिलन हो रहा है। हिंदी ने महाराष्ट्र की धरती पर आकर अपने दोनों हाथ खोल दिए हैं और मराठी ने उसे हृदय से लगाया है।" इस सत्र में सूत्रधार की भूमिका यूनुस खान ने निभाई।  इस दौरान श्रोताओं को

देश की जीडीपी में 70 प्रतिशत योगदान भारतीय भाषाओं का है और अंग्रेजी का योगदान सिर्फ 30 प्रतिशत

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली । भारतीय जन संचार संस्थान और भारतीय भाषा समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि भारत में बोलीं जाने वाली भाषाएं न केवल दुनिया की सभी भाषाओं से सबसे समृद्ध हैं, बल्कि यह भाषाएं हमारे जीवन मूल्य, संस्कार, ज्ञान और संस्कृति की भी पहचान हैं। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ भारत का निर्माण भारतीय भाषाओं के आधार पर ही संभव है। इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चमू कृष्ण शास्त्री, आईआईएमसी के डीन (अकादमिक प्रो. गोविंद सिंह, डीन (छात्र कल्याण) एवं संगोष्ठी के संयोजक प्रो. प्रमोद कुमार सहित आईआईएमसी के सभी प्राध्यापक, अधिकारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि अंग्रेजी को संपर्क भाषा के रूप में स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इससे जीवन जिया तो जा सकता है, पर एक श्रेष्ठ

श्वेत अश्व आठ दिशाओं में नव संवत्सर के प्रचार के लिये रवाना

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० योगेश भट्ट ०  जयपुर । नवसंवत्सर 2080 प्रारम्भ का प्रचार करने के लिये चार श्वेत अश्व (घोडे) जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित तारकेश्वर मंदिर से जयपुर के प्रमुख संत महंत, प्रबुद्ध व्यक्तियों एवं विद्वान पंडितों ने विधिवत पूजा अर्चना कर रवाना किया। यह अनूठा कार्यक्रम नवसंवत्सर के प्रति जागरूकता लाने और नव संवत्सर 2080 का प्रचार प्रसार करने के लिये किया गया। जिसमें श्वेत अश्व (घोडे) के दोनों तरफ नव संवत्सर की शुभकामनाएं के बैनर लगे हुए है आगे ढोल बज रहे है। घोडे के उपर छतरी और नाचते गाते हुये कार्यकर्ता साथ चल रहे है। संस्कृति युवा संस्था एवं नव संवत्सर उत्सव समारोह समिति की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा सपत्नीक नीलम मिश्रा ने विधि विधान से विद्वान पंडितों के साथ वैदिक रीति के साथ अश्वों की पूजा अर्चना करवाई।  उदासीन आश्रम के महंत प्रद्युम्न मुनी महाराज ने पूजा अर्चना की और संत महंतो का स्वागत किया और उपस्थित लोगो को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर बालमुकुंद आचार्य, घाट के बालाजी के महंत सुदर्शनाचार्य महाराज, लाडली जी मंदिर के महंत संज

पेटीएम यूजर्स के लिए तेज भुगतान सेवा की शुरुआत , यूपीआई लाइट को एक्टिवेट करने पर 100 रुपये तक का कैशबैक

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - पेटीएम पहली बार पेटीएम यूपीआई लाइट बैलेंस को एक्टिवेट करने पर 100 रुपये तक का निश्चित वेलकम कैशबैक दे रहा है। पेटीएम एप पर, यूपीआई लाइट यूपीआई पिन का उपयोग किए बिना एक क्लिक के साथ बहुत तेजी से रियल टाइम लेन-देन की सुविधा देता है। यूपीआई लाइट के साथ यूजर्स बैंक लेनदेन की सीमित संख्या की चिंता किए बिना बड़ी संख्या में छोटी कीमत का यूपीआई भुगतान कर सकते हैं। यह सुविधा यूजर्स को परेशानी मुक्त भुगतान अनुभव देता है। सुरक्षित ऑन-डिवाइस बैलेंस के रूप में यूपीआई लाइट हर भुगतान के लिए यूपीआई पिन दर्ज करने की आवश्यकता को समाप्त करता है और रोजाना किए जाने वाले छोटे मूल्य के लेनदेन को सुपरफास्ट बनाता है। एक बार लोड होने के बाद, यूपीआई लाइट यूजर को 200 रुपये तक के तत्काल लेनदेन करने की अनुमति देता है। यह भुगतान अनुभव को तेज और बाधारहित बनाता है। यूपीआई लाइट में एक दिन में दो बार अधिकतम 2,000 रुपये जोड़े जा सकते हैं, जिससे कुल दैनिक राशि 4,000 रुपये तक हो जाती है। इसके अलावा, यूपीआई लाइट का इस्तेमाल बैंक पासबुक को साफ-सुथरा रखने में मदद कता है। ये छोटे मूल्य वाले लेनदेन

Odisha Jagannath Puri मंदिर,प्रकृति ,समुन्द्र करते हैं आकर्षित { Qutub M...

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‘गरिमा के स्वर : कवयित्री सम्मेलन’ का भव्य आयोजन

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०  डॉ. धीरेंद्र कुमार ०  नयी दिल्ली- दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्त्वावधान में ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के उपलक्ष्य में ‘गरिमा के स्वर : कवयित्री सम्मेलन’ का भव्य आयोजन हिंदी भवन में किया गया| कवयित्रियों ने जब कविता, गीत, ग़ज़ल के स्वर साधे तो श्रोता मंत्र-मुग्ध हो उठे| इस काव्य सम्मेलन का आरम्भ माँ सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन से हुआ| सुधा संजीवनी ने माँ शारदे की वंदना ‘ज्ञान की गंगा बहा दे माँ, प्रेम को विस्तार दे’ के रूप में की| ‘गरिमा के स्वर : कवयित्री सम्मेलन’ की अध्यक्षता कर रही श्रीमती इंदिरा मोहन (अध्यक्ष, दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन) इंदिरा मोहन ने दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के इतिहास का संक्षिप्त परिचय देते हुए पहले महिला कवयित्री सम्मेलन (1976) को याद किया| काव्य संध्या में आमंत्रित अतिथियों और कवयित्रियों का स्वागत मंजू मित्तल ने किया| इस कार्यक्रम में दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन की ओर से हिंदी की दो महत्त्वपूर्ण कवयित्रियों - डॉ. रमा सिंह और डॉ. रंजना अग्रवाल को वागीश्वरी सम्मान से सम्मानित किया गया| वागीश्वरी सम्मान समारोह का संचालन प्रोफे