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बूंद-बूंद पानी को बचाकर शुद्ध पानी दे रहा केन्ट आरओ प्यूरीफायर

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - मौका विश्व धरती दिवस का है.. इसलिए एक-एक बूंद पानी को सहेजना हमारी चिंता होनी चाहिए और संकल्प होना चाहिए, पानी की एक-एक बूंद की बर्बादी रोकने का। यह संकल्प शुद्ध पानी देने वाला केन्ट आरओ प्यूरीफायर पूरा कर रहा है। केंट की जीरो वाटर वेस्टेज आरओ टेक्नोलॉजी, केंट को दूसरे आरओ प्यूरिफायर से अलग करती है। क्या आप जानते हैं दूसरे आरओ प्यूरिफायर 70 से 80 प्रतिशत पानी बर्बाद करते हैं? यह दुर्भाग्य पूर्ण है, लेकिन सच है। पानी को बचाना सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसे केंट अपनी टेक्नोलॉजी से निभा रहा है। पानी की एक-एक बूंद की चिंता केंट ने की है। यदि हमने पानी की बर्बादी को नजर अंदाज किया तो आने वाली पीढ़ी हमे माफ नहीं करेगी। साफ पानी के लिए अपनाई जाने वाली तकनीकी यदि पानी की बर्बादी नहीं रोकेगी, तो यह भी अक्षम्य है। भारत में पानी एक ऐसी समस्या है, जिससे बहुत बड़ी आबादी प्रभावित है। शुद्ध पानी बिना पानी की बर्बादी संभव कर रहा है केंट केन्ट आरओ वाटर प्यूरीफायर। केन्ट जीरो वॉटर वेस्टेज टेक्नोलॉजी से तय करता है कि पानी की बर्बादी न हो। केंट का आरओ प्यूरिफायर न केवल शुद्ध पानी द

प्रसार के जनसंपर्क अलंकरण लाइफ टाइम अचीवमेंट सीकर के पारीक और जनसंपर्क रत्न गोस्वामी को

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० आशा पटेल ०  बीकानेर । पब्लिक रिलेशंस एंड एलाइड सर्विस एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (प्रसार) की बीकानेर इकाई द्वारा दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर की गई। प्रसार के प्रदेश उपाध्यक्ष (क्षेत्रीय) हरि शंकर आचार्य ने बताया कि इस वर्ष का श्री घनश्याम गोस्वामी स्मृति लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार जनसंपर्क विभाग के सेवानिवृत्त सहायक निदेशक राजकुमार पारीक को दिया जाएगा। इसी प्रकार किशन कुमार व्यास 'आजाद' स्मृति जनसंपर्क रत्न अवार्ड विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक प्रभात गोस्वामी को अर्पित किया जाएगा। आचार्य ने बताया कि प्रसार की बीकानेर इकाई द्वारा वर्ष 2020 से प्रतिवर्ष यह सम्मान दिया जा रहा है। इसी श्रंखला में इस वर्ष के पुरस्कार घोषित हुए। पारीक सीकर मूल के जनसंपर्क सेवा के अधिकारी हैं। पारीक ने सीकर, चूरू, झुंझुनू सहित विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दी। पारीक को संभाग स्तरीय जल मित्र पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। वहीं बीकानेर मूल के प्रभात गोस्वामी ने लंबे समय तक मुख्यमंत्री कार्यालय में अपनी सेवाएं दी। गोस्वामी अंतरराष्ट्रीय स्तर के कॉमेंटे

24 अप्रेल से शुरू होंगे प्रशासन शहरों के संग अभियान व महंगाई राहत शिविर

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० आशा पटेल ०  जयपुर-24 अप्रेल से शुरू हो रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 के तहत वार्ड वार 2 दिवसीय प्रशासन शहरों के संग अभियान व महंगाई राहत शिविर साथ-साथ एक ही स्थान पर आयोजित किये जायेगें। ग्रेटर आयुक्त महेन्द्र सोनी ने सभी जोन उपायुक्तों, मुख्यालय उपायुक्तों एवं सम्बन्धित अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।  सोनी ने कैम्प की तैयारियों के सम्बन्ध में जोन उपायुक्तों से एक-एक कर विस्तृत चर्चा की तथा कैम्प के आयोजन के सम्बन्ध में आवष्यक सभी व्यवस्थाओं को व्यवस्थित तरीके से करने तथा कैम्प का मिशन मोड में प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन करने के निर्देश दिये। प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 के साथ-साथ प्रत्येक वार्ड में महंगाई राहत कैम्पों की कैनोपी भी अलग से रहेगी। सोनी ने कहा कि शिविर में आने वाले आमजन की समस्याओं का निस्तारण मौके पर ही किया जाये तथा गर्मी के मौसम को देखते हुए कूलर, टैन्ट, पेयजल आदि की व्यवस्था की जाये जिससे कोई आमजन को परेशानी न हो!

एलोपैथी के विकल्प के रूप में उभर रही आयुष पद्धति-डॉ गर्ग

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० आशा पटेल ०  जयपुर-  आयुष राज्यमंत्री सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में केंद्रीय आयुष मंत्रालय, राज्य के आयुष विभाग तथा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय आरोग्य मेले के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। डॉ. गर्ग ने कहा कि आयुष के क्षेत्र में राजस्थान देश में अव्वल है। राज्य सरकार हर पंचायत स्तर पर आयुष आधारित चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। आयुष राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति को लगातार बढावा दे रही है। जिसके परिणामस्वरूप आयुष पद्धति के प्रति लोगों में रूझान बढ़ा है और यह एलोपैथी के मजबूत विकल्प के रूप में उभर रही है अन्य राज्यों के समक्ष राज्य सरकार की यह एक अनुकरणीय पहल है। आयुष राज्य मंत्री ने आयुष के क्षेत्र में राजस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान के जोधपुर में देश का दूसरा आयुर्वेद विश्वविद्यालय है। प्रदेश मे

हिमालया बेबीकेयर ने बैंगलुरू के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर 150वां बेबी फीडिंग रूम बनाया

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : हर घर में तंदुरुस्ती, हर दिल में ख़ुशी लाने की जिम्मेदारी को लेते हुए, भारत के जाने-माने ब्रांड हिमालया वैलनेस कंपनी ने सफ़र करने वाली माताओं को आराम पहुँचाने के इरादे को और भी मजबूत कर लिया है, हिमालया बेबीकेयर के 150वें बेबी फीडिंग रूम का उद्घाटन केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (BLR हवाई अड्डे) टर्मिनल 2 पर हवाई अड्डे के अधिकारियों और हिमालया बेबीकेयर टीम की उपस्थिति में किया गया।  इसके निर्माण के बाद हिमालया ने 150 से भी अधिक बेबी फीडिंग रूम प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशन तथा कई अस्पतालों में बना लिए हैं, जिससे रोज हज़ारो माताओं को फ़ायदा मिल रहा है। हिमालया का ही एक हिस्सा, हिमालय बेबी केअर छोटे बच्चों की देखभाल के लिए ऐसे उत्पाद बनाता है, जो शिशुओं के लिए कोमल और सुरक्षित होते हैं। हिमालया ने हमेशा से बच्चों और माताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पहला बेबी फीडिंग रूम, एक ऐसा साफ़ और आरामदायक स्थान जहाँ माताएं अपने बच्चों को निजता के साथ स्तनपान करा सकें, वर्ष 2012 में BLR हवाई अड्डे पर बनाया गया। यह पहल माताओं को समर्थन और प्रोत्साहन देने के ल

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री शेफाली शाह पीएण्डजी शिक्षा पहल से जुड़ी

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : पीएण्डजी इंडिया के प्रमुख सीएसआर कार्यक्रम, पीएण्डजी शिक्षा ने मुंबई में एक चर्चा में विचार-विमर्श के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में छिपे हुए मुद्दे, जिसे “इनविजिबल गैप” कहा जाता है, पर रोशनी डालने के लिए अपनी तरह की अनूठी पहल की शुरुआत की। इस दिशा में किये गये अध्‍ययनों से यह संकेत मिलता है कि स्कूल में बहुत से छात्र क्लास में पढ़ाए जाने वाले पाठ को समझने में बाकी छात्रों से अक्सर पीछे रह जाते हैं। एक कॉन्सेप्ट, एक विषय, एक कक्षा का मुद्दा गंभीर समस्या को जन्म दे सकता है। जब बच्चा पढ़ाई में कमजोर होता है और पारिभाषित सिलेबस के अनुसार उसका सीखने-समझने का स्तर उस लेवल तक नहीं होता, जिस स्तर की उससे उम्मीद की जाती है तो शिक्षा के क्षेत्र में नजर ना आने वाली कमियां जन्म लेती हैं। यह विचार-विमर्श शिक्षा के क्षेत्र में ‘अदृश्य कमियों को दूर करने’ की थीम पर आधारित था। पैनल में हुई इस चर्चा का संचालन लेखक और पूर्व पत्रकार प्रियंका खन्ना ने किया। इस पैनल में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत

सीएसयू पोर्टल से 40 शोध पत्रिकाओं का प्रकाशन करेगा

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के प्रकाशन एवं कार्यक्रम विभाग की एक बैठक में आई .टी. के कारण प्रकाशन की दुनिया में ई-टेक्सट का प्रभाव कुछ अधिक बढ़ता दिख रहा है । लेकिन इसके अनेक लाभ भी हैं ।  भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में संस्कृत पत्र पत्रिकाओं की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता के कारण यह तथ्य समुचित ढंग से प्रकाश में नहीं आ सका है । केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रकाशित होने जा रही 14 यूजीसी केयर लिस्टेड तथा 26 पीयर रिभ्यू संस्कृत शोध पत्र पत्रिकाओं को केन्द्रीय मापदण्डों के आधार पर प्रकाशित करने की व्यवस्था की गयी है  जिसमें औन लाइन की यह प्रक्रिया केन्द्रीकृत सभी पत्रिकाओं के लिए इकट्ठे पोर्टल के जरिए बड़ा सुगम तथा पारदर्शी भी हो जाएगा साथ ही साथ इन पत्रिकाओं से जुड़ी लेखों की विशेष समिति द्वारा मूल्यांकन भी त्वरित होगा । महत्त्व की बात इसमें यह भी होगी कि मूल्यांकन के विशेषज्ञों का नाम कुछ खास स्तर पर ही सार्वजनिक होगा और शोध पत्रों को प्रकाशन के योग्य छपने या न छपने के कारणों को विशेषज्ञों को ठोस ढंग