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अगस्त 20, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सैफ़ी सरनेम के संस्थापक सदस्य हाजी एम वकील सैफ़ी का इंतक़ाल 

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नयी दिल्ली - सैफ़ी सरनेम के संस्थापक सदस्य और सरपरस्त जनाब हाजी एम वकील सैफ़ी साहब का आज सुबह इंतक़ाल हो गया । हाजी एम वकील सैफ़ी का जन्म 6 अप्रैल 1936 को अमरोहा, उत्तर प्रदेश में हुआ ,आप ने इस्लामिक तालीम के साथ साथ ग्रेजुएशन भी की । सैफ़ी सरनेम की तहरीक में आप ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है । मरहूम बाबू हनीफ़ बछरायूनी ,अली हसन सैफ़ी  चकनवाला ,मौजी ख़ान, रशीद सैदपुरी सैफ़ी , शमीम अहमद सैफ़ी मास्टर अली शेर सैफ़ी के साथ आपको बहुत लगाव था और दोस्ती भी थी ।  आपने कई किताबें लिखीं जिसमें सैफ़ी तहरीक और उसकी तस्वीर, इस्लाम की तस्वीर मशहूर किताबें हैं । आपको देश की विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संस्थाओ से अनेक सम्मान व अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं । हाजी एम वकील सैफ़ी के पुत्र क़मर आलम सैफ़ी ने बताया कि हाजी साहब पिछले छह महीनों से सख़्त बीमार चल रहे थे । 20 अगस्त को लगभग  सुबह 11बजे उन्होंने इस दुनिया ए फानी को अलविदा कह दिया । सैफ़ी समाज के इतिहास में मरहूम हाजी एम वकील सैफ़ी साहब को सुनहरे हरूफो  में लिखा जाएगा।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शब्द आज पहले से ज्यादा प्रासंगिक:कांग्रेस

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नयी दिल्ली - पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है। इस अवसर पर कांग्रेस इस सप्ताह पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगी, जिनमें बतौर प्रधानमंत्री उनकी उपलब्धियों और योगदान को याद किया जाएगा। दिल्ली में स्थित उनकी समाधि वीर भूमि पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने श्रद्धांजलि दी। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा ने भी उनको श्रद्धांजलि दी। पूर्व प्रधानमंत्री और अपने पिता राजीव गांधी को उनके 75 वीं जयंती पर याद करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, “आज हम देशभक्त और दूरदर्शी राजीव गांधी जी की 75 वीं जयंती मना रहे हैं, जिनकी दूरदर्शी नीतियों ने भारत के निर्माण में मदद की। मेरे लिए वो एक प्यार करने वाले पिता थे जिन्होंने मुझे सिखाया था कि, हमें किसी से नफरत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने मुझे यही सिखाया कि हमसा सब से प्यार करो और सब को क्षमा करो।” उनकी 75वीं जयंती पर कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि, “भारत की ताकत विविधता में एकता है। आज हम  राजीव गांधी को उनकी 75 वीं जयंती पर याद कर रहे हैं। जो बातें उन्होंने पहले कहीं थी वो

सरकार हाथ से मैला साफ करने की प्रथा को पूरी तरह समाप्‍त करने के लिए प्रतिबद्ध

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मंत्रालय ने सीवर और सेप्टिक टैंकों की यांत्रिक सफाई के लिए कुशल प्रणालियों, प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लगातार प्रयास किये हैं। मंत्रालय ने सतत स्‍वच्‍छता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र  बनाये के लिए कई पहल की हैं- सीवरेज़ और सीवेज़ ट्रीटमेंट सिस्‍टम (2013) पर सीपीएचईईओ मैनुअल के रूप में दस्‍तावज़ों का प्रकाशन और सीवर और सेप्टिक टैंक (2018) की सफाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया या वैश्विक प्रौद्योगिकी चुनौती का आयोजन इन प्रयासों में शामिल हैं। नयी दिल्ली - केन्‍द्रीय सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. थावर चंद गहलोत ने कहा कि सरकार हाथ से मैला साफ करने वाले मेहतर के रूप में नियुक्ति निरोध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 के माध्‍यम से हाथ से मैला साफ करने की प्रथा का उन्‍मूलन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वे दिल्‍ली में सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता तथा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सतत स्‍वच्‍छता पर आयोजित राष्‍ट्रीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी के अवसर पर बोल रहे थे। आवास और शहरी मामलों के राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी इसी मंत्रालय के सचिव

दिल्ली के द्वारका में कार्बी और डिमासा भवन का हुआ शिलान्यास

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इन भवनों के निर्माण से भारत के अन्य राज्यों की तरह, दोनों स्वायत्त परिषदों के पास राष्ट्रीय राजधानी में अपनी समृद्ध परंपरा और संस्कृति और विकास कार्यक्रमों का प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली में एक मंच होगा। कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) का दो जिलों पर अधिकार क्षेत्र है: कार्बी आंग्लोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग। दीमा हसाओ जिला (पूर्व में उत्तरी कछार हिल्स) उत्तरी कछार स्वायत्त परिषद द्वारा शासित है। नयी दिल्ली - केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा द्वारका में कारबी आंगलोंग ऑटोनॉमस काउंसिल (केएएसी) और नॉर्थ कछार हिल्स ऑटोनॉमस काउंसिल ऑफ असम (एनसीएचएसी) के कार्बी और डिमासा भवन का शिलान्यास किया गया।  अमित शाह ने कहा कि पूरे भारत के विकास कार्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आबादी के अनुपात में सबसे ज्यादा समय उत्तर-पूर्व को दिया है और पिछले 5 साल में कई विकास की परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। उनका कहना था कि कार्बी एवं दिमासा के भवन यहां पर अस्तित्व में आएंगे और इसके साथ ही दुनिया के नक्शे पर कार्बी व दिमासा की संस्कृति को नई पहचान के लिये एक नई जगह मिलेगी।  शाह ने बताया कि नार