संदेश

मई 21, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वरिष्‍ठ नागरिक राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार 2019 के लिए व्‍यक्‍तियों और संस्‍थाओं द्वारा नामांकन की अंतिम तारीख 31 मई

नयी दिल्ली - वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान - वरिष्‍ठ नागरिक राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार 2019 के लिए व्‍यक्‍तियों और संस्‍थाओं द्वारा नामांकन की अंतिम तारीख 31 मई 2019 तय की गई है। सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 17 अप्रैल को पुरस्‍कार के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की थीं। उक्त पुरस्‍कार के लिए भारत सरकार के मंत्रालय / विभाग और उनके स्वायत्त संगठन / राज्य सरकारें या संघ शासित प्रदेश प्रशासन उपयुक्त व्यक्तियों / संस्थानों को नामित कर सकता है। योग्य व्यक्ति / संस्थान 31 मई, 2019 तक या उससे पहले मंत्रालय को पुरस्कार के लिए अपना नामांकन भेज सकते हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय  हर साल 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (आईडीओपी) मनाए जाने के अवसर पर गणमान्‍य वरिष्‍ठ नागरिकों और वृद्ध जनों के लिए विशिष्‍ट सेवाएं प्रदान करने वाली संस्‍थाओं को  राष्ट्रीय पुरस्कार – वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान से सम्‍मानित करता है। यह पुरस्‍कार राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।                           

किलोग्राम, केल्विन, मोल और एंपियर जैसी मापक इकाइयों की दुनिया को मिली नई परिभाषा

नयी दिल्ली  - दशकों तक प्रयोशालाओं में किए गए गहन वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद आाखिर दुनिया के वैज्ञानिकों ने 16 नवंबर 2018 को बीआईपीएम में माप-तौल  पर आयोजित सम्‍मेलन में माप तौल की सात अंतरराष्‍ट्रीय इकाइयों में से चार  –किलोग्राम(भार मापक इकाई) केल्विन (ताप मापक इकाई), मोल (पदार्थ मापक इकाई) और एंपियर (विद्युत मापक इकाई) को विश्‍व स्‍तर पर फिर से परिभाषित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। यह परिभाषा पूरी दुनिया में विश्व माप विज्ञान दिवस के दिन से लागू हो रही है। विश्‍व माप विज्ञान दिवस हर साल 20 मई को मनाया जाता है। वर्ष 1875 को दुनिया के 17 देशों के प्रतिनिधियों ने माप तौल की एक सर्वमान्‍य अंतरराष्‍ट्रीय इकाई प्रणाली तय करने के लिए मीटर कन्‍वेन्‍शन पर हस्‍ताक्षर किए थे। इस सम्‍मेलन ने वैश्विक सहयोग के माध्‍यम से नाप तौल विज्ञान और उसकी औद्योगिक ,वाणिज्यिक और सामाजिक उपयोगिता की रूपरेखा तय करने का मार्ग प्रशस्‍त किया था। हालांकि आज के दिन से लागू नई परिभाषा का आम लोग तो कुछ खास अनुभव नहीं कर पायेंगे या यूं कहें कि आम जन-जीवन में इसके बदलाव में कुछ खास असर नहीं देखा जाएगा पर इसके बदलाव क

ओंगोल नस्ल की गाय को संरक्षित करने का आह्वान

विजयवाड़ा - उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने घरेलू ओंगोल गाय की नस्ल की उपेक्षा पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह नस्ल पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रही है और हमें इसे बचाने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने विजयवाड़ा स्थिति स्वर्ण भारत न्यास में आयोजित एक कार्यक्रम में ओंगोल नस्ल की गाय पर एक विवरणिका भी जारी की। यह विवरणिका 1200 पेजों की है और इसमें 1885 से 2016 तक पशु इतिहास दिया गया है। पुस्तक में ओंगोल गाय पर किये जाने वाले अनुसंधान को भी शामिल किया गया है। उन्होंने इस विवरणिका के लिए कृषि वैज्ञानिक मुल्लापोडी नरेन्द्र नाथ और पशु विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक अडुसुमिल्ली मधुसूदन राव की प्रशंसा की। उपराष्ट्रपति ने वर्तमान राजनीति के गिरते स्तर, मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अगर हालात में सुधार न हुआ तो यह स्थिति लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह होगी। उन्होंने स्वर्ण भारत न्यास के परिसर में आयुष अस्पताल, रेनबो अस्पताल और शंकर नेत्रालय द्वारा सम्मिलित रूप से आयोजित एक चिकित्सा शिविर का भी उद्घाटन किया।   उपराष्ट्रपति एसएससी परीक्षाओं में बेहतर रेंक पाने वाली स

वन्‍य जीवों के गैर-कानूनी व्‍यापार के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान की शुरूआत

चित्र
भारत के वन्‍य जीव अपराध नियंत्रण ब्‍यूरो और संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण द्वारा शुरू अभियान देश भर के हवाई अड्डों पर केन्द्रित बाघ, पैंगोलिन, स्‍टार कछुआ और टाउकेई छिपकली अभियान की विशेषता हाल के वर्षों में भारत में वन्‍य जीवों के गैर-कानूनी व्‍यापार में तेजी से वृद्धि     नयी दिल्ली - 22 मई को मनाए जाने वाले अंतर्राष्‍ट्रीय जैव-विविधता दिवस से पूर्व, संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण भारत और भारत के वन्‍य जीव अपराध नियंत्रण ब्‍यूरो (डब्‍ल्‍यूसीसीबी) ने एक जागरूकता अभियान  'सभी जानवर इच्छा से पलायन नहीं करते'  शुरू किया है, जो देश भर के प्रमुख हवाई अड्डों पर देखने को मिलेगा। अभिनेत्री, निर्माता, संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण की सद्भावना दूत और संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव की हाल ही में नियुक्‍त एसडीजी दूत दीया मिर्जा ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत के वन्‍य जीव अपराध नियंत्रण ब्‍यूरो, संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण, संयुक्‍त राष्‍ट्र एजेंसियों और जीआर समूह के अधिकारियों के उपस्थिति में इस अभियान की शुरूआत की। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव सी.के. मिश्रा ने कह