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जुलाई 19, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

टीसीएल की 4th एनिवर्सरी सेल आकर्षक छूट

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एनिवर्सरी सेल के बारे में टीसीएल इंडिया के जनरल मैनेजर माइक शेन ने कहा कि “हम भारत में 4 वर्ष पूरे होने को लेकर काफी उत्साहित हैं। हम इस दौरान मिली ग्रोथ के लिए भारतीय ग्राहकों के कृतज्ञ हैं और धन्यवाद व्यक्त करते हैं। अपने बेशकीमती ग्राहकों का शुक्रिया अदा करते हुए हम उम्मीद करते हैं कि इस पहल से ज्यादा से ज्यादा लोग कम कीमत में उत्पाद ले सकेंगे और हम भविष्य में भी भारतीय ग्राहकों के साथ अपना सफर जारी रखेंगे।” नई दिल्ली : विश्व की दूसरी सबसे बड़ी टीवी कॉर्पोरेशन टीसीएल 4th एनिवर्सरी के उपलक्ष में भारत में सेल आयोजित कर रही है। टीसीएल इस साल 39 वर्ष की हो जाएगी और यह ब्रैंड एलईडी टीवी मार्केट शेयर के मामले में अमेरिका में दूसरे स्थान पर है। हाल ही में इसने तिरुपति में स्वयं की पहली पैनल फैक्टरी का संचालन शरू किया है। कंपनी का लक्ष्य मेक इन इंडिया के अंतर्गत ब्रैंड की सबसे बड़ी ओवरसीज फैक्टरी बनाना है। यह सेल 16 से 31 जुलाई के दौरान नीचे दिए गए उत्पादों पर लागू होगी। टीसीएल S6500 सीरीज एलईडी स्मार्ट टीवी (32 इंच): S6500 एक गूगल सर्टिफाइड एंड्रॉयड एलईडी एचडी टीवी है जिसमें बिल्ट-इन वाई-फा...

आज़मगढ़ : दलितों पर हमले रिहाई मंच की पीड़ितों से मुलाक़ात

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गांव की महिलाओं ने बताया कि बारिश की वजह से जो नए शौचालय बने हैं वो भर जाते हैं जिस वजह से बाहर शौच करने जाना पड़ता है. ऐसे में उस दिन भी शाम वे शौच करने गईं थी जहां वे शौच करने जाती हैं वहां पर कुछ लोगों ने खंभे को लाकर रख दिया था और उस पर बैठे हुए थे. महिलाओं के जाते ही उन लड़कों ने गाली-गलौज और फिर मारपीट शुरू कर दी.  आज़मगढ़ : रिहाई मंच ने आज़म गढ़, सरायमीर थाना क्षेत्र के हाजीपुर भरौली गांव में दलितों पर हुए हमले के बाद पीड़ितों से मुलाक़ात की.प्रतिनिधि मंडल में रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, बांकेलाल, एडवोकेट कुमार राहुल, विनोद और अवधेश यादव शामिल रहे. रिहाई मंच को पीड़ितों ने बताया कि 9 जुलाई को महिलाएं शौच के लिए बाहर गईं थीं तभी बगल की बस्ती के अभिषेक यादव, पिंटू यादव महिलाओं को गाली देने लगे और बबूल की झाड़ियों से मारने लगे. महिलाओं द्वारा विरोध करने पर उन लोगों ने अपने गांव के और कुछ लोगों को बुला लिया जो लाठी-डंडा लेकर आए और महिलाओं को पीटने लगे. दलित बस्ती के महेंद्र और उनके घर वाले बीच-बचाव करने गए तो उन्हें भी हमलावर पीटने लगे. जिसमें महेंद्र की पैंसठ वर्षीय मां, पिता और उ...

मेदांता के हैल्थकेयर की अनोखी पहल ई-क्लीनिक और नर्सिंग यूनिट

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ई-क्लीनिक को आरडब्ल्यूए सदस्यों के साथ डॉ नरेश त्रेहन,अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक व डॉ यतिन मेहता, अध्यक्ष, क्रिटिकल केयर एंड एनेस्थिसियोलॉजी, द्वारा लॉन्च किया गया है। डॉ नरेश त्रेहन ने ई-क्लिनिक की शुरुआत करते हुए कहा, “मेदांता में, हम रोगियों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। अस्पतालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि महामारी के बीच रोगियों को इलाज से वंचित न रहना पडे। मेदांता ई-क्लीनिक आर्किड पेटल्स के निवासियों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक विशेष चिकित्सिय सेवा प्रदान करेगा। गुरुग्राम : रोगी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा देने हेतु, मेदांता ¼https://www-medanta-org/½ ने आरडब्ल्यूए आर्किड पेटल्स, सेक्टर-49 के परिसर में ई-क्लीनिक और नर्सिंग यूनिट आरंभ किया। यह सुविधा टेलिमेडिसिन परामर्श के माध्यम से मेदांता के सुपर विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ जुड़कर निवासियों की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करेगी। प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मचारियों को भी आपातकाल में सहायता करने और टेलिमेडिसिन परामर्श में सहायता करने के लिए तैनात किया जाएगा। कोवि...

44.6% भारतीय छात्र घर से ही जारी रखेंगे स्कूली शिक्षा

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सर्वे में यह बात सामने आई है कि स्कूल फ्रॉम होम मॉडल सटीक हल नहीं है। करीब 35.8 फीसदी छात्रों को साइंस की ऑनलाइन क्लास के दौरान कॉन्सेप्ट समझने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 31 फीसदी छात्रों को लैंग्वेज की क्लास में और मैथ की क्लास में सबसे अधिक 51.9 फीसदी छात्रों को इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ा। इसलिए बेहतर हल के रूप में डिजिटल लर्निंग और पारंपरिक तरीके के बीच में संतुलन बनाना होगा। नयी दिल्ली : यदि ब्रेनली के सर्वे पर नजर डालें, तो भारत में एक नया कल्चर देखने को मिल सकता है। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ने 2,150 भारतीय यूजर का सर्वे किया। ये प्रश्न मौजूदा स्कूल फ्रॉम होम की परिस्थिति पर आधारित थे और इसमें कुछ रोचक नतीजे सामने आए हैं। शुरुआत करने वाले करीब 68.7 ब्रेनली यूजर ने माना कि इस महामारी से पहले, वे कभी ऑनलाइन क्लास का हिस्सा नहीं बने थे। आज, लर्निंग के इस तरीके ने करीब 72.8 फीसदी छात्रों के रोजमर्रा की दिनचर्या को भी प्रभावित किया है। 44.6 फीसदी छात्रों का कहना है कि वे महामारी के बाद भी स्कूल फ्रॉम होम के विचार ...

तीन पीढ़ियों तक याद रहेगा

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विजय सिंह बिष्ट   आदिकाल से संसार में कई परिवर्तन हुए हैं।मोहन जोदड़ो हडप्पा की खुदाई भी दबने और दफन होने के प्रमाण दिलाते हैं। हीरो सीमा और नागासाकी की यादें भी हर वर्ष आती ही रहती हैं। किन्तु 2020 ई0 की आज की तीन पीढ़ियां इसे भुला नहीं पायेंगे।कोरोना की भंयकर बीमारी ने सारे विश्व को तहस नहस ही नहीं बेरोजगारी, कंगाली , घर से बेघर  तथा अपनों से भी दूर कर दिया।आज मानव धर्म की दुहाई देने से भी हम कोसों दूर चले गए हैं। किसी की मौत पर  शमशान में लकड़ी का धर्म ही निभा पा रहे हैं नहीं पुराने जमाने की तरह शोक-संवेदना ही प्रकट कर पा रहे हैं। मृतक के दर्शन भी  परिवार को नसीब नहीं हैं। दूसरी ओर शादी विवाह की तैयारियों का आलम भी बेरुखा ही नजर आया है अपने सगे-संबंधियों की उमंग तरंगों पर भी पानी फिरा हुआ लगता है।बीस से अधिक सम्मिलित नहीं हूंगे, फिर डरके मारे लोग जाना भी नहीं चाहते। गली गली बंद पड़ी हैं संक्रमण के कारण लोगों को घरों में बंद किया गया है, आने जाने वाले चौदह दिन के वनवास में विद्यालयों में रखे जा रहे हैं। नेताओं को खुली छूट मिली हुई है। चुनाव भी  करवाने ही हैं। ...