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राहुल गांधी ने पूछा - सब सही तो फिर क्या छिपा रही सरकार

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राहुल गांधी के श्रीनगर के दौरे पर आने के मामले पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने काफी बेतुका बयान देते हुए कहा, “अब उनकी कोई जरूरत नहीं है, उनकी जरूरत तब थी जब उनके सहयोगी संसद में बोल रहे थे। अगर वह हालात को और बिगाड़ना चाहते हैं और दिल्ली में उनके द्वारा बोले गए झूठ को दोहराना चाहते हैं, तो ये अच्छा नहीं है। मैंने उन्हें सद्भावना के तहत से आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने राजनीति करना शुरू कर दिया। इन लोगों का यह दौरा राजनीतिक कार्रवाई के अलावा कुछ नहीं था। राजनीतिक पार्टियों को ऐसे समय में राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखना चाहिए।” नयी दिल्ली - कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में शनिवार को जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लेने गए सभी 11 विपक्षी नेताओं को वहां पहुंचने पर एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। इन नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया गया और न ही वहां मीडिया से बात करने दी गई। इन नेताओं के एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया और जबरन वापस दिल्ली भेज दिया गया।  पिछले लगभग से 20 दिन से घाटी में जारी प्रतिबंधों के कारण वहां के लोगों के हालात के बारे में शेष

एक साल में भारतीय जनता पार्टी ने अपने कई बड़े नेताओं को खो दिया

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अरुण जेटली (28 दिसंबर, 1952 से 24 अगस्त, 2019) 24 अगस्त, 2019 को दिल्ली के एम्स में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। हाल ही में उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट भी करवाई थी। उनका जीवन उपलब्धियों से भरा था और बतौर वित्त मंत्री उन्होंने कई सुधार करते हुए अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दी।   1977 में जेटली दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद जेल में इनकी मुलाकात अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज नेताओं से हुई और उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ। अटल सरकार में वह कानून मंत्री भी रहे। वर्ष 1980 में उन्हें भाजपा यूथ विंग का कार्यभार दिया गया। जेटली प्रधानमंत्री मोदी के काफी करीब थे। 2009 में राज्यसभा में जेटली नेता विपक्ष बने। सरकार को घेरने में वह कोई कसर नहीं छोड़ते थे।   पिछले एक साल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने कई बड़े नेताओं को खो दिया है। इन नेताओं की कमी देश ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर लोगों को महसूस होने वाली है। ये ऐसे नेता थे, जिन्होंने देश के बड़े ओहदों पर रहते हुए खास जिम्मेदारियां संभालीं। शनिवार

काव्य संग्रह 'जुगनू मेरे शब्द' पर आयोजित 'कृति चर्चा'

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नूतन गुप्ता की ओर से "पहली पोथी' पुरस्कार की घोषणा भी की गई। साठ साल की उम्र के पश्चात आने वाली पहली कृति के लिए ये पुरस्कार दिया जाएगा जयपुर - सुश्री नूतन गुप्ता द्वारा रचित काव्य संग्रह 'जुगनू मेरे शब्द' पर आयोजित 'कृति चर्चा' आयोजक अजमेर पोएट्री क्लब(APC) एवं बोधि प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में बोधि प्रकाशन सभागार में आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ एवं लोकप्रिय जनकवि  कैलाश मनहर थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार, राजस्थानी भाषाविद एवं दूरदर्शन के सेवानिवृत्त निदेशक नंद भारद्वाज ने की। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि कवयित्री, चित्रकार, हस्तशिल्प कलाकार, शिक्षाविद एवं समाजसेवी अंजना टंडन थीं। कार्यक्रम का खूबसूरत और सफल संचालन डॉ रेवंतदान ने किया। कार्यक्रम में शहर के साहित्य प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरूआत महात्मा बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई। इसके बाद सभी मंचासीन अतिथियों को चुंदड़ी के दुपट्टे और फूलमाला पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। नूतन गुप्ता की पहली पुस्तक के रूप में इसे उनक