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गरज—बरस सावन घिर आयो गाने पर झूमे श्रोता

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० अशोक चतुर्वेदी ०  जयपुर : जवाहर कला केंद्र में अल्लारक्खा खान व साथियों ने धमाकेदार सुर सिम्फनी फ्यूजन की प्रस्तुति दी। इसी के साथ तीन दिवसीय 'राग मल्हार' उत्सव का समापन हुआ। फ्यूजन में सितार, संतूर, बांसुरी, तबला, ड्रम, गिटार एवं गायन का मिश्रण सुन श्रोता झूम उठे। गायन के साथ इंडियन व वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंट्स की जुगलबंदी ने कार्यक्रम को खास बना दिया। वेस्टर्न रिदम के साथ आलाप से प्रस्तुति शुरू हुई। इसके बाद मिया की मल्हार से कलाकारों ने आनंद बरसाया।  गरज—बरस सावन घिर आयो गीत से कलाकारों ने सावन का स्वागत किया। जब गीत और इंस्ट्रूमेंट्स की धुन रंगायन सभागार में गूंजी तो श्रोताओं का जोश देखते ही बनता था। इसके बाद मेघ मल्हार व अन्य रचनाएं पेश की गयी। कलाकारों ने लोगों की फरमाइश को भी ध्यान में रखा।इन्होंने डाली जान सितार पर जनाब अल्लारखा खान ने कार्यक्रम की अगुवाई की। संतूर पर फतेह अली, तबले पर गुलाम गौर, ड्रम्स पर शफात हुसैन, अयान खान, बांसुरी पर संदीप सोनी, की—बोर्ड पर अशोक पंवार, गिटार पर अरणव मेहता ने संगत की।  वहीं सौरभ वशिष्ठ ने कार्यक्रम में अपनी आवाज दी। गौरतलब है कि जवाह

श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा एवं उत्तराखंड की प्रतिनिधि भाषा पर विमर्श

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली: उत्तराखंडी भाषा प्रसार समिति द्वारा देश के कई प्रदेशों के उतराखण्ड निवासी बहुल्य नगरों महानगरों में कई संगठनों के साथ उतराखण्ड की प्रतिनिधि भाषा पर विमर्श हेतु कई बैठकें की। इसी संदर्भ में दिल्ली गढ़वाल भवन में एक बैठक का आयोजन किया गया है। जिसके मुख्य अतिथि डॉ जीतराम भट्ट सचिव हिंदी, गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी अकादमी, डॉ हरि सुमन बिष्ट पूर्व सचिव हिंदी अकादमी श्री पार्थ सारथी थपलियाल साहित्यकार और श्री प्रताप सिंह शाही राज्य आंदोलनकारी उपस्थित हुए। सभी ने श्रीदेव सुमन को श्रद्धांजलि देते अपनी बातें रखी।  डॉ बिष्ट ने कहा कि राज्य स्थापना के बाद ही सरकार द्वारा प्रतिनिधि भाषा के लिए काम आरंभ करना चाहिए था उन्होंने दिल्ली में गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी अकादमी के गठन और सहभाषा पुरस्कार की चर्चा की, उन्होंने कहा कि जिस विषय को लेकर डॉ जलन्धरी कई बर्षों से काम कर रहे हैं उसकी रहा लंबी है जिसमें कई तरह की कठिनाइयां आएंगी, जो लोग आज विरोध कर रहे हैं कल लाभ लेने सबसे पहले वही आएंगे। श्री थपलियाल ने प्रतिनिधि भाषा की आवश्यकता के साथ भाषा की मिठास के संबंध में कई उदाहरण रख

देश-विदेश की 31 हस्तियों को मिला भारत गौरव अवार्ड

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० योगेश भट्ट ०  जयपुर । फ्रांस की सीनेट में ‘‘भारत गौरव अवार्ड’’ आयोजित हुआ। जिसमें देश-विदेश की नामी हस्तियों को ‘‘भारत गौरव अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया। ‘‘संस्कृति युवा संस्था’’ द्वारा यह अवार्ड समारोह वर्ष 2012 से अनवरत जारी है। इस अवार्ड समारोह में भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, न्यूजीलैंड, कनाडा, साउथ अफ्रीका, मलेशिया, दुबई, लंदन, इटली सहित कई देशों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए भारतीय मूल की पहली सांसद बनी श्रीमती पिकासो थियो विनिट ने कहा कि भारतीयों ने पुरे विश्व में भारत का नाम रौशन किया है। जब भारत को आजादी मिली थी तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन विश्व पटल पर भारतीय इस प्रकार अपनी पहचान बनायेगें। आज सभी क्षेत्रों में भारतीय लोग अग्रणी भूमिका निभा रहे है और पूरे विश्व में भारतीयों की धाक बढ रही है। यह विचार संस्कृति युवा संस्था की ओर से पेरिस में भव्य समारोह में कहे। इस अवसर पर समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में फ्रांस की सीनेटर एवं मिनिस्टर श्रीमती विक्टोरिया जैस्मिन, लंदन में 5 बार के सांसद श्री वीरेन्द्र शर्मा व फ्रांस में भारत के दूतावास