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पुस्तक : ‘ख़ुशबु तो बचा ली जाए’,‘परत-दर-परत’ और ‘झुकी डालियाँ बरगद की’ पर परिचर्चा

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० संवाददारा द्वारा ०  नयी दिल्ली : दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा पी.जी.डी.ए.वी. (सांध्य) कॉलेज, विनोबा पुरी के सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ. लक्ष्मीशंकर वाजपेयी की पुस्तक ‘‘ख़ुशबु तो बचा ली जाए’ ( ग़ज़ल संग्रह ) पर सुषमा भण्डारी द्वारा किए गए शोध और उसी ग़ज़ल संग्रह का हाइकु और दोहा विधाओं पर किए गए रूपातंरण पुस्तक : ‘ख़ुशबु तो बचा ली जाए’, ‘परत-दर-परत’ और ‘झुकी डालियाँ बरगद की’ पर एक पुस्तक परिचर्चा का आयोजन किया गया ।  पुस्तक परिचर्चा पर अतिथियों के रूप में हरे राम समीप, त्रिलोक कौशिक, सुभाष नीरव, डॉ. लक्ष्मीशंकर वाजपेयी और सुधाकर पाठक की उपस्थिति थी । अतिथियों के सम्मान के बाद तीनों पुस्तकों का लोकार्पण किया गया । इस अवसर पर सुषमा भण्डारी द्वारा लिखित बाल साहित्य की पुस्तक ‘नई कहानी’ का भी लोकार्पण किया गया ।  इस परिचर्चा पर सभी अतिथियों ने पुस्तक पर स्पष्ट रूप से अपने-अपने विचार रखे । सभी आलोचकों एवं समीक्षकों ने अपने वक्तव्य में इस बात को रेखांकित किया कि हिन्दी साहित्यिक जगत में संभवत : इस तरह का यह पहला कार्य है कि पहले से स्थापित एक चर्चित पुस्तक क...

नव वर्ष तेरा करूँ स्वागत बारम्बार

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०  सुषमा भंडारी ०  नव वर्ष तेरा करूँ स्वागत बारम्बार द्वेष ईर्ष्या न दिखे दीखे केवल प्यार। सर सर सर बहती हवा दे चलने की सीख अंधियारा मिट जाएगा ,स्वर्णिम हो तारीख। बेखौफ हों बेटियाँ , करें वो नभ की सैर पत्थर दिल भी मोम हो, ना हो कोई गैर। कल- कल- कल झरना बहे , स्वर हो मीठी तान ऊंँच-नीच जग से मिटे, फैले बस मुस्कान। मन से मन का योग हो , हो प्यार का भाव सत्ता का मद हो खतम, हो न बुरा प्रभाव। सूने पनघट फिर कहें , भरो प्यार का नीर ईद दिवाली साथ हो, यही तो है जागीर। अक्षत रोली ले करूँ, मौसम का शृंगार चहुँ ओर बस प्यार हो, मिट जाय बस खार। सुखमय हो घर आंँगना, वंश बेल की धूम नया वर्ष आया सखी, आजा इसको चूम। रिसते जख्मों पर करूँ, मैं चंदन का लेप मिलकर के सारे रहें,हो न कोई आक्षेप।

पुस्तक 'पत्रकारिता की व्यवहारिक गुर' नई पीढ़ी के पत्रकारों के लिए व्यावहारिक

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली ! इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने कहा कि अमलेश राजू की पुस्तक 'पत्रकारिता की व्यवहारिक गुर' नई पीढ़ी के पत्रकारों के लिए बहुत व्यावहारिक सामग्री लेकर आई है/  राय साहित्य अकादमी सभागार में 'पत्रकारिता की व्यवहारिक गुर' का विमोचन करते हुए यह बात कही! उन्होने कहा कि पत्रकारिता के व्यावहारिक गुर अमलेश राजू की वह पुस्तक है जिसमें ज्यादा से ज्यादा प्रिंट मीडिया को उन्होंने केन्द्रित किया है! प्रिंट से जुड़े जो लोग पत्रकारिता कर रहे हैं उनके लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी साबित होगी!  एक जमाने में प्रिंट के सबसे बड़े आदर्श थे महात्मा गांधी, गांधी ने जो पाठ पढ़ाया वह आज तक प्रिंट मीडिया के लिए कोई नहीं बना पाया! आज की पत्रकारिता में महात्मा गांधी के जो गुण हैं वही लैंडमार्क है और उसी को पढ़ना देखना समझना बहुत जरूरी है! अमलेश राजू ने जो किताब लिखी है वह सचमुच में प्रिंट में जो काम कर रहे हैं उनके लिए व्यावहारिक पत्रकारिता के दृष्टिकोण से यह मार्गदर्शक साबित होगी! माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्या...

पहली ज़रूरत है सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता के सम्भावित खतरों से सजग होना : सुरेंद्र ग्रोवर

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० आशा पटेल ०  जयपुर। "सामान्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता" पुस्तक के लेखक और वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र ग्रोवर का कहना है कि मैं जैसे जैसे कृत्रिम बुद्धिमता के गहरे समुद्र में गोते लगा रहा हूँ तो मुझे कृत्रिम बुद्धिमता के नए नए रूप और प्रकार नज़र आ रहे हैं.. इनमें से एक है “सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता.” अब आप कहोगे कि इस दौर में प्रचलित कृत्रिम बुद्धिमता सामान्य नहीं तो और क्या है? नहीं, यह सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता नहीं है बल्कि इसे नैरो यानि संकीर्ण कृत्रिम बुद्धिमता के रूप में देखा जाता है जो अपने शैशवकाल में है और यह सीमित दायरे में काम करने में सक्षम है. किन्तु जैसे जैसे कृत्रिम बुद्धिमता का डेटा बढ़ता जाएगा वैसे वैसे इसके नए नए रूप सामने आते रहेंगे. इनके कुछ रूप स्ट्रॉन्ग कृत्रिम बुद्धिमता, सुपर इंटेलिजेंस और सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता बतौर देखे जा रहे हैं. इन प्रकारों में “सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता” के बारे में विशेषज्ञों की राय है कि यह मानव मस्तिष्क से हज़ारों गुना ज़्यादा तेज़ी से सोचते हुए निर्णय लेने में सक्षम होगी. चूँकि कृत्रिम बुद्धिमता में पारदर्शिता का अभाव है तो मनुष्य को यह प...

"बोधगया के विहार" पुस्तक का हुआ विमोचन

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - भारत का युवा अगर अपने देश के अतीत और इतिहास को नहीं जाने का तो वह भविष्य को नहीं जान पाएगा। भारतीय इतिहास का दस्तावेजीकरण सही तरीके से नहीं किया गया इसलिए बहुत सारे महत्वपूर्ण तथ्य आज हमारे सामने नहीं है। हम अपने इतिहास से बहुत कुछ सीखते हैं। भारत को सिर्फ बॉलीवुड और सॉफ्टवेयर के लिए न जाना जाए बल्कि इसकी महान संस्कृति के लिए पूरे विश्व में पहचान मिले यह भी बहुत जरूरी है। राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में बोगन वेलिया आर्ट फाउंडेशन संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बोधगया के विहार पुस्तक के विमोचन में कहीं. उन्होंने कहा कि बुद्ध एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने शांति की स्थापना की. इस कॉफी टेबल बुक के माध्यम से बोधगया के विहारों का बड़ा सुंदर तरीके से प्रस्तुतीकरण किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन ने कहा कि बोधगया के विहारों पर किया गया यह कार्य एक बहुत महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने इस कार्य में सहयोग देने के लिए मूर्ति ट्रस्ट की प्रशंसा की। उन्हों...

एटा पुस्तक महोत्सव : 5 से 8 दिसम्बर एटा में राजकीय इंटर कालेज प्रांगण मे

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 ० योगेश भट्ट ०  एटा :  उ०प्र० के एटा जिले के राजकीय इंटर कालेज के प्रांगण में स्व० बृजपाल सिंह यादव की स्मृति में हर साल लगने वाला पुस्तक महोत्सव जहां समीपस्थ जिलों के हजारों छात्र-छात्राएं-शिक्षक- अभिभावक व सामान्य जन भाग लेते हैं। इस दौरान यहां उन छात्र-छात्राओं द्वारा समसामयिक मुद्दों पर वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, रंगोली, पेन्टिंग, पोस्टर, संगीत, गायन, वादन के अलावा राष्ट्रीय विषयों सम्बंधी संगोष्ठियों का भी आयोजन होता है। यहां हाई स्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षा में जनपद में सर्वोच्च स्थान प्राप्त छात्रों को सम्मानित किया जाता है और निर्धन-साधनहीन छात्र-छात्राओं को शिक्षा अध्ययन हेतु पाठ्य सामग्री, पुस्तकों, बैग व अन्य सहायता भी प्रदान की जाती है।  इस पुस्तक महोत्सव में कालेज के पुरातन छात्र जिन्होंने देश में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के बलबूते एक प्रमुख स्थान हासिल किया है, सहभागिता करते हैं, के अलावा देश की जानी-मानी हस्तियां भी शिरकत करती रही हैं। 5 से 8 दिसम्बर को एटा में राजकीय इंटर कालेज प्रांगण में लगने वाले पुस्तक महोत्सव में देश की जानी-मानी ह...

लेखक केविन मिसेल ने अपनी न‌ई किताब 'कर्ण 2: द सन ऑफ़ सूर्या' को किया लॉन्च

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - पौराणिक गाथाओं में काल्पनिकता का पुट मिलाकर सशक्त तरीके से कहानियों को पेश करने के लिए जाने जाने वाले लेखक केविन मिसेल ने अपने उपन्यास 'कर्ण 2: द सन ऑफ़ सूर्या' का अनावरण किया. इस किताब को सिमोन ऐंड सुस्टर द्वारा प्रकाशित किया गया है जिसके विमोचन का कार्यक्रम दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनैशनल सेंटर में किया गया. इस ख़ास मौके पर कई दिग्गज हस्तियों के अलावा बड़ी तादाद में फ़ैन्स और लेखक बनने के इच्छुक लोग भी मौजूद थे. लेखक विनीत बाजपेयी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे. 'कर्ण 2: सन ऑफ़ सूर्या' कर्ण की शाश्वत उलझनों की गहराई से पड़ताल करती है जिसके तहत उनकी पहचान, नैतिकता और महाभारत में पौराणिक रूप से इंगित की गई नियति को रेखांकित किया गया है. केविन मिसेल के कहानी बयां करने का अंदाज़ कुछ ऐसा है कि जिसमें युद्ध का मैदान, किरदार की चारित्रिक विशेषताओं और राजनीतिक रूप से अहम पड़ावों को समानांतर तरीके से प्रस्तुत किया गया है साहित्यिक लेखन व जीवंत गद्य के माध्यम से केविन मिसेल पौराणिक गाथाओं को सिनेमाई तत्वों के साथ ऐसी मानवीय भावनाओं में लपेटकर पेश करन...

नीलेश मिसरा का पहला कविता संग्रह, 'मैं अक्सर सोचता हूँ' का विमोचन

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० संवाददाता द्वारा ०  नयी दिल्ली : क़िस्सागो,गीतकार और ग्रामीण समाचार पत्र गाँव कनेक्शन के सह-संस्थापक,नीलेश मिसरा की कविताओं की किताब 'मैं अक्सर सोचता हूँ' का विमोचन किया गया। इस किताब को वेस्टलैंड बुक्स की भाषा इकाई एका द्वारा नीलेश मिसरा के गाँव कनेक्शन के साथ साझेदारी में प्रकाशित किया गया है। यह ‘स्लो इंप्रिंट’ के लॉन्च का भी प्रतीक है, जिसके तहत नीलेश मिसरा द्वारा चयनित और प्रस्तुत की गई चार अन्य किताबें भी शामिल होंगी। इनमें डॉ. शिव बालक मिसरा की गाँव से बीस पोस्टकार्ड, अनुलता राज नायर की जंगली फूलों सी लड़की,  छवि निगम, वृषाली जैन, शिखा द्विवेदी और अनुलता राज नायर की कहानियों का संकलन कालजयी: कहानियाँ वेदों पुराणों से और अनुलता राज नायर, दीपक हीरा रंगनाथ, अनीता सेठी और दीक्षा चौधरी की कहानियों का संकलन मैजिक बॉक्स शामिल हैं। इस प्रकाशन को एक महत्वपूर्ण साहित्यिक घटना बनाती है वह यह है कि नीलेश मिसरा पहली बार अपनी कविताओं को एक पुस्तक के रूप में आपके सामने ला रहे हैं। यह काव्य-संग्रह ऑनलाइन और ऑफ़लाइन बुक स्टोर्स पर उपलब्ध है। पुस्तक की एक और ख़ासियत है इसके कवर पर ...

शताब्दी साहित्यकार रामदरश मिश्र पर केन्द्रित दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली l हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार रामदरश मिश्र की जन्म शती के ऐतिहासिक अवसर को केंद्र में रखकर दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में 'साहित्य की शती उपस्थिति रामदरश' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 12-13 नवंबर को किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में उद्घाटन एवं समापन सत्र के अतिरिक्त कुल 6 अकादमिक सत्र हैं जिसमें मिश्र के समग्र साहित्य को समझने में आसानी होगी। इसमें देश-विदेश के विद्वानों को आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम राजकमल प्रकाशन और हिंदी अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इसके उद्घाटन सत्र में रामदरश मिश्र के साथ पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार रमेश पोखरियाल निशंक ,पद्मश्री कवि सुरेंद्र शर्मा,हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद्मश्री हरमोहिंदर बेदी ,पद्मभूषण सरदार तरलोचन सहित अनेक गणमान्य अतिथि रहेंगे। इसमें पंजीकृत शोधार्थियों और प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। भारतीय साहित्य की यह ऐतिहासिक घटना है जब कोई रचनाकार स्वयं जीवित रूप में अपना शताब्दी वर्ष मनता हुआ देख र...

बिन तेरे मेरे प्रभु, नहीं मेरी पहचान

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०  सुषमा भंडारी ०  है जिसमे तेरी रजा, उसमे मेरी शान बिन तेरे मेरे प्रभु, नहीं मेरी पहचान..... हिय हर्षित हो कह रहा, आओ बिराजो नाथ तेरे ही आशीष से जीवन मे प्रभात.... लिप्त हुआ संसार में, मोह माया का फेर सब मालिक के हाथ में, हम माटी का ढेर... पूर्ण समर्पण हो जहाँ, वहीं आस- विश्वास जिस दिल मे राघव बसे, चहुँदिस है उल्लास.... राघव तेरा द्वार हो, जब भी खोलूँ नैन तेरा सिमरन जब मिले,पाऊँ प्रभु जी चैन मन का रावण हो स्वाह , मन में हों बस राम जितनी हों कठिनाइयां, जाऊं सीधे धाम

हर शै में उसी का प्यार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार

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०  सुषमा भंडारी ०  हर शै में उसी का प्यार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझमें ही बसा है मुझमे ही------- वो छिपा है सबकी नजरों से पर बोले मेरे अधरों से ये जीवन नहीं है खार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझ में ही बसा है मुझ में ही----- आंखों के दर्पण में वो ही सांसों की सरगम में वो ही वो सदा मेरा आधार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझमे ही बसा है मुझ में ही----- चाहत उसकी मेरी खुशियाँ ही जाने है सारी दुनिया ही चाहे रूठे सब संसार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझमे ही बसा है मुझमेँ ही

कलरव: बाल नाट्य उत्सव ने किया धमाल

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०  सुषमा भंडारी ०  हिन्दुस्तानी भाषा अब हुई विश्व की भाषा बात करूँ इस भाषा मे सबकी ये अभिलाषा पूर्व- पश्चिम, उत्तर- दक्षिण फैली है सब ओर प्यार और माधुर्य की Digital वाली डोर कलरव: बाल नाट्य उत्सव ने किया बहुत धमाल हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी ठोक रही है ताल हिंदी अकादमी दिल्ली का निखरा है अब रूप नये- नये अंदाज में खिली सृजन की धूप चर्चा चारों ओर यही है यही खबर है भारी हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की अब क्या है तैयारी

नीरजा माधव की पुस्तक 'भारत का सांस्कृतिक स्वभाव' का लोकार्पण

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० योगेश भट्ट ०  वाराणसी। प्रख्यात लेखिका डॉ.नीरजा माधव की पुस्तक 'भारत का सांस्कृतिक स्वभाव' का लोकार्पण करते हुए असम एवं मणिपुर के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि जिस तरह से तुलसी दास ने रामचरितमानस की रचना स्वान्त: सुखाय की थी लेकिन कालांतर में रामचरितमानस पूरे देश ही नहीं विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग दिखाने वाला महाकाव्य बन गया। इसी तरह से नीरजा माधव ने भी अपनी संतुष्टि के लिए और भारतबोध की भावना के साथ इस पुस्तक की रचना की है, लेकिन मुझे विश्वास है कि यह पुस्तक पूरे राष्ट्र के लिए और समाज के लिए संतुष्टि प्रदान करने वाली बनेगा। वे यहां वाराणसी के कमिश्नरी सभागार में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। कार्यक्रम में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रो.जीसी त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डा. दयाशंकर मिश्र 'दयालु', प्रो.संजय द्विवेदी, उप्र विधान परिषद के सदस्य डा.धर्मेंद्र राय, जम्मू दीप बौद्ध मंदिर के विहाराधिपति डा.सिरी सुमेध थेरो भी उपस्थित रहे। राज्यपाल आचार्य ने आगे कहा कि हाल के वर्षों में भारत में एक सांस्कृति...

भदोही उ.प्र.के कवि कृष्णकांत राही का मुंबई में सम्मान।

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० योगेश भट्ट  ०  उ.प्र.। साहित्यकार कृपाशंकर मिश्रा के ओशिवारा स्थित निवास पर स्वागत, सम्मान के साथ ही कवि, कवयित्रियों ने काव्य पाठ किया। उपस्थित लोगों में शायर सागर त्रिपाठी, बोधिसत्व , मार्कंडेय त्रिपाठी , भारतांचली ,विजय मिश्रा , शीतला प्रसाद दूबे ,नीलम पब्लिकेशन के मालिक दिनेश श्रीवास्तव, प्रकाशक मनोज नायक, कवयित्री नीतू पाण्डेय 'क्रांति, कवयित्री किरण मिश्रा, कोमल, लक्ष्मी कांत कमलनयन तथा डॉ नीलिमा पाण्डेय थी।

ब्लॉसम कोचर की पुस्तक, द ग्लो गेटर्स गाइड टू एवरीडे स्किनकेयर का हुआ विमोचन

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० संवाददाता द्वारा ०  इंदौर : प्रसिद्ध अरोमाथेरेपी विशेषज्ञ और स्किनकेयर विशेषज्ञ, डॉ. ब्लॉसम कोचर ने इंदौर में अपनी नई  पुस्तक, "द ग्लो गेटर्स गाइड टू एवरीडे स्किनकेयर" का अनावरण किया। इस अवसर पर डॉ. कोचर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरी यह बहुप्रतीक्षित पांचवीं पुस्तक आधुनिक स्किनकेयर विज्ञान के साथ पारंपरिक भारतीय प्रथाओं को मिलाकर व्यक्तियों के दैनिक स्किनकेयर रूटीन को पूरी तरह से बदल देगी। डॉ. ब्लॉसम कोचर ने अपनी पुस्तक का अनावरण करते हुए कहा कि “आज की दुनिया में, जहां सिंथेटिक समाधान और तत्काल परिणाम स्किनकेयर उद्योग पर हावी हैं, मैं कुछ प्रामाणिक और निरन्तर समाधान पर लौटना चाहती हूँ।,” यह पुस्तक हमारे समृद्ध भारतीय विरासत और इसके प्राकृतिक स्किनकेयर रहस्यों के प्रति मेरा आभार है। सरल लेकिन प्रभावी प्रथाओं और आसानी से उपलब्ध अवयवों के माध्यम से, मैं आशा करती हूं कि हर कोई अपनी अनूठी चमक को स्वाभाविक और समग्र रूप से पाए।” वेलनेस और अरोमाथेरेपी में दो दशकों से अधिक के करियर के साथ, डॉ. कोचर लंबे समय से प्राकृतिक सौंदर्य समाधान में एक विश्वसनीय नाम रही हैं। उनकी यह नवीनतम ...

लेखिका आभा सिंह की तीन पुस्तकों का विमोचन व कृति चर्चा

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० आशा पटेल ०  जयपुर। स्पंदन महिला साहित्यिक एवं शैक्षणिक संस्थान जयपुर और प्रौढ़ शिक्षण समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लेखिका आभा सिंह के दो उपन्यास -“वक्त की खिड़की से”और “लॉक डाउन,एक कोलाज़” तथा कविता संग्रह “भाव ध्वनि के पुल” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए स्पंदन अध्यक्ष नीलिमा टिक्कू ने बताया कि आभा सिंह ने अब तक पांच कहानी संग्रह एक लघुकथा संग्रह तीन कविता संग्रह, तीन यात्रा संस्मरण, तीन उपन्यास , एक लघुकथा संग्रह ,हाइकु संग्रह समेत कुल 15 किताबें लिखी हैं । आभा जहां कुशल कवयित्री हैं वहीं सशक्त कहानीकार-उपन्यासकार भी हैं। “वक़्त की खिड़की से”,उपन्यास बहुत धैर्य से लिखा गया उपन्यास है जिसमें पारिवारिक रिश्तों के स्याह सफ़ेद सच बताते हुए एकजुटता से विरोधी परिस्थितियों का सामना कैसे किया जा सकता है।सकारात्मक संदेश दिये हैं। लॉक डाउन , एक कोलाज में कोरोना काल की आरम्भ से लेकर अंत तक की तस्वीर के अनुभव बखूबी चित्रित किये हैं।आपको कई सम्मान मिल चुके हैं । कार्यक्रम में सचिव प्रौढ़ शिक्षण समिति राजेन्द्र बोड़ा ने सबका स्वागत किया। कार...

'हरिवंश : पत्रकारिता का लोकधर्म' पुस्तक का लोकार्पण

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० योगेश भट्ट ०  भोपाल। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा है कि 300-400 वर्षों में विचार ने इतिहास को बदला, लेकिन नब्बे के दशक के बाद ‘तकनीक’ ने दुनिया को बदला। हरिवंश सप्रे संग्रहालय में अपने ऊपर प्रकाशित पुस्तक 'हरिवंशः पत्रकारिता का लोकधर्म' के लोकार्पण व चर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। पुस्तक को प्रलेक प्रकाशन ने छापा है। लोकार्पण समारोह में पुस्तक के प्रकाशक जितेंद्र पात्रो भी उपस्थित थे। समारोह को संबोधित करते हुए हरिवंश ने कहा कि मुख्यधारा की पत्रकारिता आदर्शों से दूर चली गई। समारोह को संबोधित करते हुए ‘नवनीत’ के संपादक विश्वनाथ सचदेव ने कहा कि हरिवंश की पत्रकारिता ही लोकधर्म की पत्रकारिता है। पत्रकारिता का धर्म ही है ‘लोक’ की चिंता। आजादी के दौर में पत्रकारिता विशेष कर हिंदी पत्रकारिता ने समाज को एक दिशा दी, किंतु धीरे-धीरे वह अपने उद्येश्यों से भटक गई। जबसे दृश्य माध्यम आया है, पत्रकारिता के स्वरूप में बदलाव आया है। विश्वनाथ सचदेव ने कहा कि हरिवंश जैसे व्यक्ति पत्रकारिता छोडक़र राजनीति में चले गए यह राजनीति के लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती है, किंतु पत्रकारिता की बड़ी...

रीड एंड लीड फाउंडेशन द्वारा विनोद कुमार त्रिपाठी का स्वागत

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० संवाददाता द्वारा ०  औरंगाबाद - रीड एंड लीड फाउंडेशन औरंगाबाद के कार्यक्रम "लेखक से मिलिए के तहत विनोद कुमार त्रिपाठी का स्वागत किया गया इस कार्यक्रम का विषय था "उर्दू हिदुस्तानी भाषा है इसको हिंदुस्तानी ही रहने दो " इस अवसर पर विनोद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि उर्दू भाषा को हम ने बहुत मुश्किल बना दिया है अगर इस को जिंदा रखना है तो हमे अरबी,फारसी, शब्दों का प्रयोग कम से कम करना होगा और हिंदुस्तानी भाषा को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए.स्वागत करते हुए फाउंडेशन के अध्यक्ष मिर्जा अब्दुल कय्युम नदवी ने कहा कि विनोद कुमार त्रिपाठी इलाहाबाद के हैं।  उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति में एमए किया, इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल से संबंधित पत्रिका कैंपस का प्रकाशन किया, इस के अलावा उर्दू में विनोद कुमार त्रिपाठी की दो "मेरी जमीन मेरा आसमान" और "मेरी जमीन की धूप". नामक पुस्तकें प्रकाशित हुई है जिन पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं. रीड अँड लीड फाऊंडेशन औरंगाबाद की परंपरा रही है कि जब भी कोई लेखक या कवि शहर मे आता है तो उसका सम्मान क...

पुस्तक समीक्षा : मॉरीशस और फीजी : विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से

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पुस्तक :  मॉरीशस और फीजी : विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से लेखक :  कृपाशंकर चौबे, प्रकाशक :  प्रलेक प्रकाशन , मुम्बई,  प्रथम संस्करण : 2024, पृष्ठ :  112, कीमत :  200 रुपए । समीक्षक :  डॉ. सुभाषिनी लता कुमार प्रलेक, मुंबई ने हाल ही में पुस्तक ‘मॉरीशस और फीजी: विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से’ प्रकाशित की है । इसके लेखक हैं कृपाशंकर चौबे जो हिंदी साहित्य और पत्रकारिता में सुप्रतिष्ठित हैं। यह पुस्तक 2018 में मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन और 2023 में फीजी में आयोजित 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की गतिविधियों के साथ ही वहां के लोकरंग की विस्तृत जानकारी देती है। पुस्तक बेहद सहजता से पाठकों के अंतर्मन में दाखिल हो जाती है और आपको एक ऐसी ज्ञानवर्धक यात्रा पर ले जाती है जहाँ आप विश्व हिंदी सम्मेलन की व्यवस्था व उसके उद्देश्य को नजदीक से समझ पाते हैं  और उन सम्मेलनों में हुई चर्चाओं, पारित प्रस्तावों, अनुशंसाओं और सुझावों से भी परिचित हो जाते हैं। इस पुस्तक से मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई और फीजी के नादी शहर के पर्यटन स्थलों का रोचक परिचय भी म...

पुस्तक "पानी और आग एक अनूठा संगम" का विमोचन

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० आशा पटेल ०  जयपुर | विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर उप मुख्य मंत्री दीया कुमारी द्वारा विमोचन कार्यक्रम में डॉ मालती गुप्ता एवं डॉ रितिका अग्रवाल द्वारा लिखित और चित्रांकित द्विभाषी पुस्तिका "पानी और आग एक अनूठा संगम" का विमोचन किया गया। इसके साथ ही इसी विषय पर मूक बधिर दिव्यांग जन के लिए विशेष तौर पर बनाया गया वीडियो तथा दृष्टि बाधित दिव्यांग जन के लिए ब्रेल लिपि में लिखी गयी कविता का विमोचन भी उप मुख्मंत्री दीया कुमारी द्वारा किया गया| डॉ मालती गुप्ता पूर्व विभागाध्यक्ष, प्लास्टिक सर्जरी, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर ने बताया कि गौरतलब है कि विश्व में पहली बार बर्न्स विषय पर दिव्यांगजन के लिए विशेष तौर पर साइन लैंग्वेज में वीडियो एवं ब्रेल लिपि में कविता प्रिंट की गई है| डॉ मालती द्वारा किये गए इस प्रयास की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने सराहना की। डॉ मालती गुप्ता ने दीया कुमारी को एक रिप्रजेंटेशन भी दिया जिसमें यह निवेदन किया गया है कि राजस्थान सरकार बर्न मुक्त राजस्थान अभियान आरम्भ करें | यदि ऐसा होता है तो हमारा प्रदेश यह अभियान आरम्भ करने वाला देश का प्रथम प्रदेश...