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हर शै में उसी का प्यार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार

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०  सुषमा भंडारी ०  हर शै में उसी का प्यार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझमें ही बसा है मुझमे ही------- वो छिपा है सबकी नजरों से पर बोले मेरे अधरों से ये जीवन नहीं है खार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझ में ही बसा है मुझ में ही----- आंखों के दर्पण में वो ही सांसों की सरगम में वो ही वो सदा मेरा आधार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझमे ही बसा है मुझ में ही----- चाहत उसकी मेरी खुशियाँ ही जाने है सारी दुनिया ही चाहे रूठे सब संसार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझमे ही बसा है मुझमेँ ही

कलरव: बाल नाट्य उत्सव ने किया धमाल

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०  सुषमा भंडारी ०  हिन्दुस्तानी भाषा अब हुई विश्व की भाषा बात करूँ इस भाषा मे सबकी ये अभिलाषा पूर्व- पश्चिम, उत्तर- दक्षिण फैली है सब ओर प्यार और माधुर्य की Digital वाली डोर कलरव: बाल नाट्य उत्सव ने किया बहुत धमाल हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी ठोक रही है ताल हिंदी अकादमी दिल्ली का निखरा है अब रूप नये- नये अंदाज में खिली सृजन की धूप चर्चा चारों ओर यही है यही खबर है भारी हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की अब क्या है तैयारी

नीरजा माधव की पुस्तक 'भारत का सांस्कृतिक स्वभाव' का लोकार्पण

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० योगेश भट्ट ०  वाराणसी। प्रख्यात लेखिका डॉ.नीरजा माधव की पुस्तक 'भारत का सांस्कृतिक स्वभाव' का लोकार्पण करते हुए असम एवं मणिपुर के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि जिस तरह से तुलसी दास ने रामचरितमानस की रचना स्वान्त: सुखाय की थी लेकिन कालांतर में रामचरितमानस पूरे देश ही नहीं विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग दिखाने वाला महाकाव्य बन गया। इसी तरह से नीरजा माधव ने भी अपनी संतुष्टि के लिए और भारतबोध की भावना के साथ इस पुस्तक की रचना की है, लेकिन मुझे विश्वास है कि यह पुस्तक पूरे राष्ट्र के लिए और समाज के लिए संतुष्टि प्रदान करने वाली बनेगा। वे यहां वाराणसी के कमिश्नरी सभागार में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। कार्यक्रम में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रो.जीसी त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डा. दयाशंकर मिश्र 'दयालु', प्रो.संजय द्विवेदी, उप्र विधान परिषद के सदस्य डा.धर्मेंद्र राय, जम्मू दीप बौद्ध मंदिर के विहाराधिपति डा.सिरी सुमेध थेरो भी उपस्थित रहे। राज्यपाल आचार्य ने आगे कहा कि हाल के वर्षों में भारत में एक सांस्कृति

भदोही उ.प्र.के कवि कृष्णकांत राही का मुंबई में सम्मान।

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० योगेश भट्ट  ०  उ.प्र.। साहित्यकार कृपाशंकर मिश्रा के ओशिवारा स्थित निवास पर स्वागत, सम्मान के साथ ही कवि, कवयित्रियों ने काव्य पाठ किया। उपस्थित लोगों में शायर सागर त्रिपाठी, बोधिसत्व , मार्कंडेय त्रिपाठी , भारतांचली ,विजय मिश्रा , शीतला प्रसाद दूबे ,नीलम पब्लिकेशन के मालिक दिनेश श्रीवास्तव, प्रकाशक मनोज नायक, कवयित्री नीतू पाण्डेय 'क्रांति, कवयित्री किरण मिश्रा, कोमल, लक्ष्मी कांत कमलनयन तथा डॉ नीलिमा पाण्डेय थी।

ब्लॉसम कोचर की पुस्तक, द ग्लो गेटर्स गाइड टू एवरीडे स्किनकेयर का हुआ विमोचन

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० संवाददाता द्वारा ०  इंदौर : प्रसिद्ध अरोमाथेरेपी विशेषज्ञ और स्किनकेयर विशेषज्ञ, डॉ. ब्लॉसम कोचर ने इंदौर में अपनी नई  पुस्तक, "द ग्लो गेटर्स गाइड टू एवरीडे स्किनकेयर" का अनावरण किया। इस अवसर पर डॉ. कोचर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरी यह बहुप्रतीक्षित पांचवीं पुस्तक आधुनिक स्किनकेयर विज्ञान के साथ पारंपरिक भारतीय प्रथाओं को मिलाकर व्यक्तियों के दैनिक स्किनकेयर रूटीन को पूरी तरह से बदल देगी। डॉ. ब्लॉसम कोचर ने अपनी पुस्तक का अनावरण करते हुए कहा कि “आज की दुनिया में, जहां सिंथेटिक समाधान और तत्काल परिणाम स्किनकेयर उद्योग पर हावी हैं, मैं कुछ प्रामाणिक और निरन्तर समाधान पर लौटना चाहती हूँ।,” यह पुस्तक हमारे समृद्ध भारतीय विरासत और इसके प्राकृतिक स्किनकेयर रहस्यों के प्रति मेरा आभार है। सरल लेकिन प्रभावी प्रथाओं और आसानी से उपलब्ध अवयवों के माध्यम से, मैं आशा करती हूं कि हर कोई अपनी अनूठी चमक को स्वाभाविक और समग्र रूप से पाए।” वेलनेस और अरोमाथेरेपी में दो दशकों से अधिक के करियर के साथ, डॉ. कोचर लंबे समय से प्राकृतिक सौंदर्य समाधान में एक विश्वसनीय नाम रही हैं। उनकी यह नवीनतम

लेखिका आभा सिंह की तीन पुस्तकों का विमोचन व कृति चर्चा

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० आशा पटेल ०  जयपुर। स्पंदन महिला साहित्यिक एवं शैक्षणिक संस्थान जयपुर और प्रौढ़ शिक्षण समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लेखिका आभा सिंह के दो उपन्यास -“वक्त की खिड़की से”और “लॉक डाउन,एक कोलाज़” तथा कविता संग्रह “भाव ध्वनि के पुल” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए स्पंदन अध्यक्ष नीलिमा टिक्कू ने बताया कि आभा सिंह ने अब तक पांच कहानी संग्रह एक लघुकथा संग्रह तीन कविता संग्रह, तीन यात्रा संस्मरण, तीन उपन्यास , एक लघुकथा संग्रह ,हाइकु संग्रह समेत कुल 15 किताबें लिखी हैं । आभा जहां कुशल कवयित्री हैं वहीं सशक्त कहानीकार-उपन्यासकार भी हैं। “वक़्त की खिड़की से”,उपन्यास बहुत धैर्य से लिखा गया उपन्यास है जिसमें पारिवारिक रिश्तों के स्याह सफ़ेद सच बताते हुए एकजुटता से विरोधी परिस्थितियों का सामना कैसे किया जा सकता है।सकारात्मक संदेश दिये हैं। लॉक डाउन , एक कोलाज में कोरोना काल की आरम्भ से लेकर अंत तक की तस्वीर के अनुभव बखूबी चित्रित किये हैं।आपको कई सम्मान मिल चुके हैं । कार्यक्रम में सचिव प्रौढ़ शिक्षण समिति राजेन्द्र बोड़ा ने सबका स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता

'हरिवंश : पत्रकारिता का लोकधर्म' पुस्तक का लोकार्पण

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० योगेश भट्ट ०  भोपाल। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा है कि 300-400 वर्षों में विचार ने इतिहास को बदला, लेकिन नब्बे के दशक के बाद ‘तकनीक’ ने दुनिया को बदला। हरिवंश सप्रे संग्रहालय में अपने ऊपर प्रकाशित पुस्तक 'हरिवंशः पत्रकारिता का लोकधर्म' के लोकार्पण व चर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। पुस्तक को प्रलेक प्रकाशन ने छापा है। लोकार्पण समारोह में पुस्तक के प्रकाशक जितेंद्र पात्रो भी उपस्थित थे। समारोह को संबोधित करते हुए हरिवंश ने कहा कि मुख्यधारा की पत्रकारिता आदर्शों से दूर चली गई। समारोह को संबोधित करते हुए ‘नवनीत’ के संपादक विश्वनाथ सचदेव ने कहा कि हरिवंश की पत्रकारिता ही लोकधर्म की पत्रकारिता है। पत्रकारिता का धर्म ही है ‘लोक’ की चिंता। आजादी के दौर में पत्रकारिता विशेष कर हिंदी पत्रकारिता ने समाज को एक दिशा दी, किंतु धीरे-धीरे वह अपने उद्येश्यों से भटक गई। जबसे दृश्य माध्यम आया है, पत्रकारिता के स्वरूप में बदलाव आया है। विश्वनाथ सचदेव ने कहा कि हरिवंश जैसे व्यक्ति पत्रकारिता छोडक़र राजनीति में चले गए यह राजनीति के लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती है, किंतु पत्रकारिता की बड़ी

रीड एंड लीड फाउंडेशन द्वारा विनोद कुमार त्रिपाठी का स्वागत

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० संवाददाता द्वारा ०  औरंगाबाद - रीड एंड लीड फाउंडेशन औरंगाबाद के कार्यक्रम "लेखक से मिलिए के तहत विनोद कुमार त्रिपाठी का स्वागत किया गया इस कार्यक्रम का विषय था "उर्दू हिदुस्तानी भाषा है इसको हिंदुस्तानी ही रहने दो " इस अवसर पर विनोद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि उर्दू भाषा को हम ने बहुत मुश्किल बना दिया है अगर इस को जिंदा रखना है तो हमे अरबी,फारसी, शब्दों का प्रयोग कम से कम करना होगा और हिंदुस्तानी भाषा को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए.स्वागत करते हुए फाउंडेशन के अध्यक्ष मिर्जा अब्दुल कय्युम नदवी ने कहा कि विनोद कुमार त्रिपाठी इलाहाबाद के हैं।  उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति में एमए किया, इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल से संबंधित पत्रिका कैंपस का प्रकाशन किया, इस के अलावा उर्दू में विनोद कुमार त्रिपाठी की दो "मेरी जमीन मेरा आसमान" और "मेरी जमीन की धूप". नामक पुस्तकें प्रकाशित हुई है जिन पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं. रीड अँड लीड फाऊंडेशन औरंगाबाद की परंपरा रही है कि जब भी कोई लेखक या कवि शहर मे आता है तो उसका सम्मान क

पुस्तक समीक्षा : मॉरीशस और फीजी : विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से

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पुस्तक :  मॉरीशस और फीजी : विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से लेखक :  कृपाशंकर चौबे, प्रकाशक :  प्रलेक प्रकाशन , मुम्बई,  प्रथम संस्करण : 2024, पृष्ठ :  112, कीमत :  200 रुपए । समीक्षक :  डॉ. सुभाषिनी लता कुमार प्रलेक, मुंबई ने हाल ही में पुस्तक ‘मॉरीशस और फीजी: विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से’ प्रकाशित की है । इसके लेखक हैं कृपाशंकर चौबे जो हिंदी साहित्य और पत्रकारिता में सुप्रतिष्ठित हैं। यह पुस्तक 2018 में मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन और 2023 में फीजी में आयोजित 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की गतिविधियों के साथ ही वहां के लोकरंग की विस्तृत जानकारी देती है। पुस्तक बेहद सहजता से पाठकों के अंतर्मन में दाखिल हो जाती है और आपको एक ऐसी ज्ञानवर्धक यात्रा पर ले जाती है जहाँ आप विश्व हिंदी सम्मेलन की व्यवस्था व उसके उद्देश्य को नजदीक से समझ पाते हैं  और उन सम्मेलनों में हुई चर्चाओं, पारित प्रस्तावों, अनुशंसाओं और सुझावों से भी परिचित हो जाते हैं। इस पुस्तक से मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई और फीजी के नादी शहर के पर्यटन स्थलों का रोचक परिचय भी मिलता है। पुस्तक के ‘खिदिरपुर घाट से आप्

पुस्तक "पानी और आग एक अनूठा संगम" का विमोचन

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० आशा पटेल ०  जयपुर | विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर उप मुख्य मंत्री दीया कुमारी द्वारा विमोचन कार्यक्रम में डॉ मालती गुप्ता एवं डॉ रितिका अग्रवाल द्वारा लिखित और चित्रांकित द्विभाषी पुस्तिका "पानी और आग एक अनूठा संगम" का विमोचन किया गया। इसके साथ ही इसी विषय पर मूक बधिर दिव्यांग जन के लिए विशेष तौर पर बनाया गया वीडियो तथा दृष्टि बाधित दिव्यांग जन के लिए ब्रेल लिपि में लिखी गयी कविता का विमोचन भी उप मुख्मंत्री दीया कुमारी द्वारा किया गया| डॉ मालती गुप्ता पूर्व विभागाध्यक्ष, प्लास्टिक सर्जरी, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर ने बताया कि गौरतलब है कि विश्व में पहली बार बर्न्स विषय पर दिव्यांगजन के लिए विशेष तौर पर साइन लैंग्वेज में वीडियो एवं ब्रेल लिपि में कविता प्रिंट की गई है| डॉ मालती द्वारा किये गए इस प्रयास की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने सराहना की। डॉ मालती गुप्ता ने दीया कुमारी को एक रिप्रजेंटेशन भी दिया जिसमें यह निवेदन किया गया है कि राजस्थान सरकार बर्न मुक्त राजस्थान अभियान आरम्भ करें | यदि ऐसा होता है तो हमारा प्रदेश यह अभियान आरम्भ करने वाला देश का प्रथम प्रदेश होग

पुस्तक ‘द बिग वर्ल्ड ऑफ स्मॉल टॉक’ का हुआ लोकार्पण

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। एम्पावरमेंट कोच अंजू दहिया ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में अपनी पुस्तक ‘द बिग वर्ल्ड ऑफ स्मॉल टॉक’ का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सर गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डी. एस. राणा और लेखक हिमांशु राय मौजूद रहे। इसके साथ ही टस्कवार सिक्योरिटी, के संस्थापक कर्नल राजीव और कर्नल विजय भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत पोक्लिओ ( आदित्यवीर) द्वारा एक संगीतमय प्रस्तुति के साथ हुई, जो एबीआरएसम लंदन के चेलिस्ट और मेरिट धारक हैं। ‘द बिग वर्ल्ड ऑफ स्मॉल टॉक’ को प्रकाशन संस्था ड्रीम पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसके सीईओ, रोहित आर्य ने इस पुस्तक को प्रकाशित करने में उल्लेखनीय कार्य किया है। यह पुस्तक छोटे-मोटे वार्तालाप और गहन बातचीत के बीच की खाई को पाटती है, और इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे छोटे-मोटे वार्तालाप अर्थपूर्ण और गहन संवादों में विकसित हो सकते हैं। यह उन व्यक्तियों के लिए एक मूल्यवान संसाधन है जो बातचीत शुरू करने में संघर्ष करते हैं, उन्हें बनाए रखना चुनौतीपूर्ण पाते हैं, या अपनी संवाद कौशल को निखारना चाहते हैं। यह पुस्तक पेशेव

पुस्तक "स्मार्ट भिखमंगा" का लोकार्पण

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० योगेश भट्ट ०  काठमांडू : नेपाल में हिमालयन लिटरेचर फेस्टिवल के तहत न्यूयॉर्क राइटर्स वर्कशॉप दौरान लेखक रवि शंकर की अध्यक्षता में भारत सरकार में कार्यरत अधिकारी एवं लेखक कृष्ण कुमार की तीसरी पुस्तक "स्मार्ट भिखमंगा" का विधिवत लोकार्पण हुआ। पत्रकार-लेखक प्रोफेसर एस.एस. डोगरा की छठी पुस्तक "उदाची वाम" जो रसियन भाषा में लिखी गई है, उसका पोस्टर भी लॉन्च किया गया।  इस सुअवसर पर रामकृष्ण आश्रम नेपाल के अध्यक्ष एवं आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी एकर्थानंदा, विशिष्ट अतिथि "हिमालिनी" पत्रिका के प्रबंध निदेशक डॉ. सच्चिदानंद मिश्र, नेपाल के पूर्व सांसद हरिचरण साह, इंग्लैंड की प्रमुख शिक्षाविद एवं लेखिका मारिया क्लेरी, त्रिभुवन विश्वविद्यालय में कार्यरत डॉ. (प्रो.) विमुंस पौडेल, नेपाली युवा उद्यमी रवि कुमार सहित देश-विदेश से निमंत्रित अनेक साहित्यकार उपस्थित थे।

"गौ एवं गौवंश की संवैधानिक कानूनी स्थिति" का विमोचन

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। गौ वंश देश की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 'राष्ट्रीय गौधन महासंघ' के संयोजक विजय खुराना द्वारा संकलित एवं प्रकाशित पुस्तक "गौ एवं गौवंश की संवैधानिक कानूनी स्थिति" इस बारे में विस्तृत प्रकाश डालती है। इस पुस्तक का विमोचन एवं आत्म-निर्भर गौशालाओं पर चर्चा का आयोजन विश्व युवक केंद्र पर किया गया। इसका विमोचन विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया।  कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व राज्यपाल असम एवं पूर्व उप-राज्यपाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रो जगदीश मुखी थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस शम्भूनाथ श्रीवास्तव मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संतोष तनेजा ने की। राष्ट्रीय गौधन महासंघ द्वारा देश में गौधन को बढ़ावा देने के लिए गोबर से लकड़ी बनाने वाली मशीन पूर्व में मुफ्त में देने का निर्णय लिया था। राष्ट्रीय गौधन महासंघ के संयोजक विजय खुराना का कहना है कि गाय इस देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। महासंघ देश में 22 हजार गौशालाएं संचालित कर रहा है। हमार

निबंध संग्रह ' आदि - इत्यादि ' का हुआ लोकार्पण

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली - साहित्यकार एवं समालोचक डॉ हरिसिंह पाल के निबंध संग्रह ' आदि इत्यादि ' का लोकार्पण नागरी लिपि परिषद के तत्वावधान में,गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा के सभागार में किया गया। इसका लोकार्पण पूर्व कुलपति डॉ प्रेमचंद पातंजलि, भाषाविद एवं फिजी के पूर्व हिंदी राजनयिक डॉ विमलेश कांति वर्मा, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ चंद्रदेव यादव, प्राध्यापक डॉ राकेश दुबे, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष अतुल प्रभाकर और गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा की अध्यक्ष कुसुम शाह कर कमलों से किया गया।  संग्रह की जानकारी देते हुए निबंधकार डॉ पाल ने बताया कि इस 176 पृष्ठीय निबंध संग्रह में कुल 20 निबंधों को समाहित किया गया है। इनमें तीन निबंध नागरी लिपि, पांच हिंदी भाषा, पांच निबंध लोकसाहित्य और संस्कृति, दो योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण,दो महात्मा गांधी और एक एक निबंध अमीर खुसरो, मुस्लिम हिंदी लेखकों, डॉ भीमराव अम्बेडकर एवं दलित साहित्य पर केंद्रित है। निबंध संग्रह पर नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, डॉ कर्ण सिंह चौहान,डॉ वेदप्रकाश अमिताभ, डॉ राजेन्द्र मिलन,डॉ राजेन्द्र

तप्त धरा पर सावन की बूंदें बरसाओ मेघा

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०  सुषमा भंडारी  ०  तप्त धरा पर सावन की बूंदें बरसाओ मेघा माटी की सौंधी खुशबु को लेकर आ जाओ मेघा नव बसन्त- सा हर्षित हो मन ऐसे गुनगुनाओ मेघा तप्त धरा पर सावन की बूंदें बरसाओ मेघा।।।। मस्त पवन के झोंको के संग नाचे जब पत्ता- पत्ता भीषण गर्मी की इक पल में धूमिल हो सारी सत्ता मन चंचल हिरनी -सा दौडे मेघों में बन जाओ मेघा तप्त धरा पर सावन की बूंदे बरसाओ मेघा।।।। धरा का आँचल यूं लहराये जैसे मोर पांखुरी- सी रिमझिम बूंदों के अधरों पर कान्हा की बांसुरी- सी बूँदे बनकर ख्वाब कृषक के आन सजा जाओ मेघा तप्त धरा पर सावन की बूंदें बरसाओ मेघा।।।।। एहसासों संग भीगूं मैं भी और करूं श्रिंगार भी तप्त धरा हो जाये पुलकित खूब लुटाऊँ प्यार भी घुमड़- घुमड़ कर , उमड़- उमड़ कर अब तो आ जाओ मेघा तप्त धरा पर सावन की बूंदें बरसाओ मेघा।।

चार्ली चैपलिन द्वितीय की किताब "हंसता बचपन" का विमोचन

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली : सृजनाभिनन्दनम द्वारा नई दिल्ली के हिंदी भवन में आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर, अभिनेता, फिल्म निर्माता, कवि, लेखक, निर्देशक और चार्ली चैपलिन द्वितीय  डॉ. राजन कुमार विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। इस अवसर पर उनकी लिखी किताब हंसता बचपन का विमोचन भी हुआ। पुस्तक विमोचन के अलावा सृजनविभूति सम्मान और परिचर्चा का आयोजन भी किया गया।  प्रसिद्ध साहित्यकार मदन लाल मनचंदा को उनकी जन्म शताब्दी पर यह कार्यक्रम सादर समर्पित किया गया। मंच संचालन डॉ अल्पना सुहासिनी (एंकर अभिनेत्री एवं कवियत्री) और विभा राज वैभवी (एंकर, हिंदी साहित्य संस्थान अध्यक्ष) ने किया। हीरो राजन कुमार के अच्छे लेखनी के लिए मोमेंटो और शॉल देकर सम्मानित किया गया।

ऐसो रंग लगाओ कान्हा जन्म-जन्म न उतरे

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०  सुषमा भंडारी  ०  ऐसो रंग लगाओ कान्हा जन्म - जन्म न उतरे ----- मन को मीत ,तू ही मेरो प्रीतम तू ही मेरो श्याम प्रिय प्रेम गुलाल हाथ में लेकर हो जाऊं बदनाम प्रिय पोर पोर में नशा तुम्हारा जन्म जन्म न उतरे ------- ऐसो रंग लगाओ कान्हा जन्म जन्म न उतरे------- तन भीगा मन भीगा साजन सिहर सिहर मैं जाऊं मस्त बयार के संग बहूँ मैं गीत खुशी के गाऊं जन्म जन्म का बंधन है ये जन्म जन्म न उतरे------- ऐसो रंग लगाओ कान्हा जन्म जन्म न उतरे------ बहक रहें हैं नैन मेरे और खनक रहे हैं कंगन फागुन की टोली है आई अद्भुत रंग है तन मन। उड़ उड़ रंग गुलाल कहे है जन्म जन्म न उतरे---- ऐसो रंग लगाओ कान्हा जन्म जन्म न उतरे----- टेसू के रंगों सी महकूँ दहकूँ मैं होली में लाड़ और मनुहार भरा है मेरी तो झोली में रंग प्रीत का श्यामल- श्यामल जन्म- जन्म न उतरे------ ऐसो रंग लगाओ कान्हा जन्म जन्म न उतरे------   दोहा गाल गुलाबी कर गये, तेरे वो दो नैन। दिवस हुए मदमस्त से, रातें हैं बेचैन।। खिल- खिल कर कहती कली तुझसे ये मुस्कान ओ भ्रमर ओ साँवरे, मैं बिल्कुल नादान।। रंग- बिरंगा हो रहा धरती का हर छोर मस्त- मस्त फागुन हुआ नाचे मन का मो

कहाँ नहीं विज्ञान बताओ कहाँ नहीं विज्ञान

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0  अंजू सचदेवा 0  कहाँ नहीं विज्ञान बताओ कहाँ नहीं विज्ञान भूत-भविष्य का ज्ञाता है , वर्तमान की शान भू गर्भ से लेकर ये अन्तरिक्ष तक जाये जैविक, भौतिक, मौसम और रसायन भी समझाये माटी के कण कण में सब है , पानी, हवा व आग करता है विज्ञान खुलासा, क्या है जीवन राग जीवन से मृत्यु तक का देता यही हिसाब क्या होती है मूल हकीकत क्या होता है ख़्वाब विविध समस्यायें हल करता सबका यही जवाब कण कण में विज्ञान छिपा है कण कण में विज्ञान

आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी को संस्कृत भाषा के लिए सन् 2024 का 'कर्तृत्व समग्र सम्मान '

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -  संस्कृत कवि, उपन्यासकार, नाट्यकार आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी को संस्कृत भाषा तथा साहित्य में योगदान देने के लिए राष्ट्रीय 'कर्तृत्व समग्र सम्मान 'से नवाजे जाने के कारण न केवल संस्कृत साहित्य ,अपितु हिन्दुस्तानी अदब तथा अनेक शैक्षणिक संस्थानों में भी खुशी का माहौल है।  भारतीय भाषा परिषद,कोलकाता की स्थापना भारतीय भाषा तथा साहित्य के उन्नयन के लिए सन् 1975 में की गयी थी और हिन्दुस्तानी भाषाओं तथा उनके साहित्यों का अधिक से अधिक संरक्षण तथा संबर्धन हो सके । इसी भावना को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए यह ' कर्तृत्व समग्र सम्मान ' वरिष्ठ तथा युवा भारतीय साहित्यकारों के लिए सन् 1980 में शुरू किया गया था।  इस साल का यह पुरस्कार संस्कृत भाषा तथा उसके साहित्य के उन्नयन में महनीय योगदान देने के लिए आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी के साथ हिन्दी (भगवानदास मोरवाल), पंजाबी (जसवीर भुल्लर), मलयालम (एम.मुकुंदन) भाषाओं को यह सम्मान दिया गया है । साथ ही युवा पीढ़ी को प्रोत्साहन वर्धन के लिए आरिफ़ रजा ,संदीप शिवाजीराव जगदाले, गुंजन श्री तथा जसिंता केरकेट्टा को क्रमशः

नये रास्तों की तलाश में वर्तमान पीढी की लेखिकाओं ने अपने लेखन में घिसे पिटे जाल को तोड़ा : संतोष श्रीवास्तव

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०  जया केतकी ०  भोपाल -अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच पर महिला दिवस के उपलक्ष में "चुनौतियां एवं अवसर" विषय पर विमर्श आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार , पत्रकार डॉ. प्रमिला वर्मा ने बताया "महाराष्ट्र के औरंगाबाद में महिला हक्क सम्मेलन हुआ था जिसमें 50,000 महिलाओं ने शिरकत की थी। सभी का यह कहना था कि हमें गुजारा भत्ता नहीं बल्कि "दांपत्य हक्क चाहिए।" वही साहित्यकार नीलम कुलश्रेष्ठ ने मुख्य अतिथि के आसंदी से गुजरात की महिलाओं की पीड़ा व्यक्त की तथा उसी से संदर्भित एक लघु कथा भी पढ़ी। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश पटवा ने अपनी बात रखते हुए कविता के माध्यम से महिलाओं की भूमिका को व्याख्यात किया। आरंभ में मध्य प्रदेश इकाई की अध्यक्ष महिमा श्रीवास्तव वर्मा ने सभी का स्वागत किया और अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच की संस्थापक अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने प्रस्तावना वक्तव्य देते हुए कहा कि "नये रास्तों की तलाश में वर्तमान पीढी की लेखिकाओं ने अपने लेखन में घिसे पिटे जाल को तोड़ा है। "मंच पर चुनौतियां और अवसर विषय पर कुछ