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"आध्यात्मिकता के बिना जीवन अधूरा है" उपराष्ट्रपति

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० संवाददाता दुवारा ०  माउंट आबू -  हाल के वर्षों में सकारात्मक कदमों और दूरदर्शी पहलों की एक श्रृंखला का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ रहा है और उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वो "भारत की इस प्रगति का उत्सव मनाए" और इसे रेखांकित करे। उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने आज देश से अनैतिकता, अनैतिक आचरण और नकारात्मकता को जड़ से खत्म करने के लिए व्यक्तियों, परिवारों और समाज के बीच आध्यात्मिक सोच विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। "आध्यात्मिकता के बिना जीवन अधूरा है" ये विचार प्रकट करते हुए धनखड़ ने कहा कि अगर लोगों की जिंदगियों में आध्यात्मिकता को प्रवाहित किया जाए तो उन तकनीकी बदलावों का लोगों के जीवन पर और भी अच्छा असर पड़ेगा जो अभी दुनिया भर में हो रहे हैं। राजस्थान के माउंट आबू में ब्रह्माकुमारी के वैश्विक मुख्यालय में 'सशक्त, समृद्ध और स्वर्णिम भारत की ओर' की थीम पर आयोजित ब्रह्माकुमारी की 85वीं वर्षगांठ और दीपावली समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने ये बातें कहीं। आध्यात्मिकता को "एक व्यक्ति को संपूर्ण व्यक...

राष्ट्रपति के अंगरक्षक को सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर प्रदान करेंगी राष्ट्रपति

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० संवाददाता द्वारा ०  नयी दिल्ली -  राष्ट्रपति की अपनी सैन्य टुकड़ी होने के नाते, राष्ट्रपति के अंगरक्षक को भारतीय सेना की एकमात्र सैन्य इकाई होने का अनूठा गौरव प्राप्त है, जिसे राष्ट्रपति के सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर को लेकर चलने का विशेषाधिकार प्राप्त है।  राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु 27 अक्टूबर  को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाले एक समारोह में राष्ट्रपति के अंगरक्षक को सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर प्रदान करेंगी। जो लोग विशेष शो और समारोह को देखने के इच्छुक हैं, वे वेबसाइट www.presidentofindia.gov.in पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं,  क्योंकि प्रथम आगत प्रथम स्वागत के आधार पर सीमित संख्या में सीटें उपलब्ध हैं। डेढ़ घंटे तक चलने वाले इस समारोह में राष्ट्रपति के अंगरक्षक, राष्ट्रपति के सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर को प्राप्त करेंगे। इसके बाद प्रेजेंटेशन परेड के बाद एक ऑडियो विजुअल प्रस्तुति होगी, जिसमें सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर के इतिहास और महत्व के साथ-साथ राष्ट्रपति के अंगरक्षक की आधुनिक भूमिका पर प्रकाश डाला जाएगा। सटीकता...

स्वरूप ढौंडियाल के कहानी संग्रह " मैं क्यों नहीं हूं" का विमोचन

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  ० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - अलकनंदा पत्रिका के संस्थापक संपादक स्वरूप ढौंडियाल के कहानी संग्रह " मैं क्यों नहीं हूं" का विमोचन गांधी शांति प्रतिष्ठान में प्रतिष्ठित कथाकार पंकज बिष्ट पूर्व महानिदेशक भारतीय तटरक्षक बल राजेन्द्र सिंह , आयकर आयुक्त उमाशंकर ध्यानी , वरिष्ठ पत्रकार व प्रैस क्लब आफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा , विश्व ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार के.सी.पांडेय , दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर हरेंद्र असवाल , पूर्व सहायक आयुक्त (दिल्ली पुलिस) यशोदा रावत , अलकनंदा पत्रिका के संरक्षक महेश चन्द्र ,  वरिष्ठ पत्रकार व अलकनंदा पत्रिका की सलाहकार संपादक सुषमा जुगरान ध्यानी  व संपादक विनोद ढौंडियाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार ब्योमेश जुगरान, सुनील नेगी, चारु तिवारी, दाताराम चमोली, विनोद मनकोटी, प्रमुख समाजसेवी पवन मैठानी, गिरीश कोटनाला, राधेश्याम सुयाल, चन्द्र सिंह रावत,रमेश घिल्डियाल, दिनेश ध्यानी, उमेश बंदूनी, प्रेम शर्मा, महानंद शर्मा, सहायक आयुक्त (दिल्ली पुलिस) राकेश रावत, निरीक्षक ब्रज मोहन बहुगुणा, डॉ राजेश रौतेला, गिरी...