धान की पैदावार बढ़ाने के लिए नई संभावनाओं का पता लगाया
नयी दिल्ली - चावल दुनिया भर में मुख्य खाद्य पदार्थों में से एक है, क्योंकि इसमें बहुत अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो तत्काल ऊर्जा प्रदान करता है। दक्षिण पूर्व एशिया में, जहां दुनिया के दूसरे हिस्सों की तुलना में इसका अधिक सेवन किया जाता है, कुल कैलोरी के 75% हिस्से की पूर्ति इसी से होती है। भारत में धान की खेती बहुत बड़े क्षेत्र में की जाती है। लगभग सभी राज्यों में धान उगायी जाती है हालांकि इसके बावजूद कम उत्पादकता इसकी समस्या है। भारत और दुनिया की बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करने के लिए, धान की उत्पादकता में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि की आवश्यकता है। प्रति पौधे अनाज के दानों की संख्या और उनके वजन जैसे लक्षण मुख्य रूप से धान की उपज को निर्धारित करते हैं। ऐसे में शोधकर्ताओं और उत्पादकों का मुख्य उद्देश्य अनाज के पुष्ट दानों वाले धान की बेहतर किस्में विकसित करना रहा है, जो ज्यादा उपज और बेहतर पोषण दे सकें। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट जीनोम रिसर्च (डीबीटी एनआईपीजीआर), के बायोटेक्नोलॉजी विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईएआरआई),...