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जुलाई 4, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रिलायंस जियो ने 4जी फोन ‘जियो भारत V2’ किया लांच

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० संवाददाता द्वारा ०  • 2जी मुक्त भारत की वकालत करते रहे हैं मुकेश अंबानी • प्रौद्योगिकी अब कुछ चुनिंदा लोगों का विशेषाधिकार नहीं रहेगी- आकाश अंबानी • ‘जियो भारत प्लेटफॉर्म’ भी लॉन्च • दूसरे फोन ब्रांड भी 'भारत फोन' बनाने के लिए 'जियो भारत प्लेटफॉर्म' का इस्तेमाल कर सकेंगे। • कार्बन कंपनी ने शुरु किया 'जियो भारत प्लेटफॉर्म' का उपयोग • 123 रु का है मासिक प्लान, 14 जीबी डेटा मिलेगा नई दिल्ली : रिलायंस जियो ने 4जी फोन ‘जियो भारत V2’ को लॉन्च कर दिया है। ‘जियो भारत V2’ बेहद ही किफायती दामों पर मिलेगा, इसकी कीमत 999 रु रखी गई है। कंपनी की नजर भारत में करीब 25 करोड़ 2जी ग्राहकों पर है।  रिलायंस जियो केवल 4जी और 5जी नेटवर्क ही ऑपरेट करता है। रिलायंस जियो का दावा है कि ‘जियो भारत V2’ के दम पर कंपनी 10 करोड़ से अधिक ग्राहक जोड़ लेगी। मार्केट में उपलब्ध इंटरनेट पर काम करने वाले जितने भी फोन उपलब्ध हैं उनमें ‘जियो भारत V2’ का दाम सबसे कम है। 999 रु के दाम पर उपलब्ध ‘जियो भारत V2’ का मासिक प्लान भी सबसे सस्ता है। ग्राहकों को 28 दिन की वैलिडिटी वाले प्लान के लिए 123 रु चुकान

'नीतीश कुमार : अंतरंग दोस्तों की नज़र से' का लोकार्पण राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा

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० योगेश भट्ट ०   पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीवन पर केंद्रित पुस्तक 'नीतीश कुमार : अंतरंग दोस्तों की नज़र से' का लोकार्पण पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने किया। यह जीवनी राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है। इसके लेखक उदय कान्त हैं जो नीतीश कुमार के कॉलेज के दिनों से मित्र हैं। इस जीवनी के लेखन में नीतीश कुमार के अन्य मित्रों का भी योगदान है। सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर स्थित ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।  इस दौरान जीवनी के लेखक उदय कान्त ने इस पुस्तक की बिक्री से मिलने वाली रॉयल्टी की राशि विकलांग लोगों के कल्याण हेतु देने की घोषणा की। जीवनी का लोकार्पण करते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा, मुझे प्रसन्नता है कि हमारे अभिन्न मित्र और छोटे भाई नीतीश कुमार पर उदय कान्त ने इतनी बड़ी किताब लिखी है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब देश टूट रहा है, लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं। ऐसे में यह किताब देश के लोगों को यह बताएगी

आलोक धन्वा को 'आँसू और रौशनी : आलोकधन्वा से संवाद' की पहली प्रति भेंट

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० योगेश भट्ट ०  पटना. प्रतिष्ठित कवि आलोक धन्वा को उनके 76वें जन्मदिन पर चर्चित कवि-आलोचक पकंज चतुर्वेदी के साथ उनके संवादों की किताब 'आँसू और रौशनी : आलोकधन्वा से संवाद' की पहली प्रति भेंट की गई। इस मौके पर राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी, संपादकीय निदेशक सत्यानंद निरुपम और राधाकृष्ण प्रकाशन के कमीशनिंग एडिटर धर्मेंद्र सुशान्त ने आलोक धन्वा के निवास पर जाकर जन्मदिन की शुभकामनाएँ प्रेषित की साथ ही उनके दीर्घायु होने की प्रार्थना की। नई किताब के बारे में जानकारी देते हुए राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने कहा, ‘आँसू और रौशनी’ किताब आधुनिक कविता को सिर्फ हिन्दी साहित्य या भारतीय साहित्य के ही नहीं बल्कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देखने-समझने के लिए एक जरुरी किताब है। आलोकधन्वा हमारे समय के एक ऐसे कवि हैं जिनकी अधिक संख्या में किताबें प्रकाशित नहीं हुई है लेकिन साहित्यिक क्षेत्र में उन्होंने असाधारण लोकप्रियता हासिल की है। वे विशेष रूप से युवाओं के प्रिय कवि हैं।" ‘आँसू और रौशनी’ दो रचनाकारों की एक रचनात्मक संवादधर्मिता का उत्कृष्ट उदाहरण है। दो पीढ़ियो

अमृतकाल में भारत का सांस्कृतिक पुनर्जागरण

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० डॉ. संजय द्विवेदी ०  नयी दिल्ली - सनातन संस्कृति का यह स्वर्णिम दौर चल रहा है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सनातन संस्कृति के महत्त्वपूर्ण विचारों “वसुधैव कुटुम्बकम्” अर्थात् पूरा विश्व एक परिवार है तथा “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः” सभी प्रसन्न एवं सुखी रहे, के इन्हीं मूलमंत्रों के साथ सनातन संस्कृति के संवाहक के रूप में हम सभी के मार्गदर्शक बन रहे हैं और समस्त विश्व को सनातन के विचारों से अवगत करवा रहे हैं। एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में हमारा इतिहास करीब साढ़े सात दशक पुराना है, लेकिन हमारी सभ्यता 5,000 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है।  कहने की आवश्यकता नहीं कि भारत के खाते में अनगिनत उपलब्धियां हैं। उनके स्मरण के लिए इससे बेहतर और क्या अवसर हो सकता है कि जब हम अपनी आजादी के अमृतकाल में हैं, तो केवल इस दिशा में ठोस और एकजुट प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। हम सब इस बात से भलीभाँति परिचित हैं कि भारतीय संस्कृति का विश्वकोष कहा जाने वाला ‘रामचरितमानस’ दर्शन, आचारशास्त्र, शिक्षा, समाज सुधार, साहित्यिक, आदि कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है, जो व्यक्ति को जीवन मूल्यों का दर्शन

बहादुर सिंह बिष्ट ‘मथुरादत्त मठपाल स्मृति सम्मान-2023’ से स्म्मानित

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। दुदबोलियों का महत्व भी तभी है जब वह अपने सरोकारों और परिवेश को बचाने के काम आये। दुदबोलियों के लिए उनकी जमीनों का बचा रहना जरूरी है क्योंकि वह उसी में पुष्पित-पल्लवित होती हैं। यह बात प्रखर सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने ‘दुदबोलि’ पत्रिका के नये अंक के लोकार्पण के मौके पर कही। कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं सांस्कृतिक समिति, दिल्ली के तत्वावधान में दिल्ली के गढ़वाल भवन में ‘दुदबोलि’ के संस्थापक-संपादक मथुरादत्त मठपाल जयन्ती पर उन्हें याद करते हुए लोकभाषाओं और लोक साहित्य पर उनके योगदान पर संगोष्ठी का आयोजन किया।  इस मौके पर ‘दुदबोलि’ के नये अंक का लोकार्पण किया गया। यह अंक मथ्ुारादत्त मठपाल पर केन्द्रित है। कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं सांस्कृतिक समिति, दिल्ली’ अब ‘दुदबोलि’ को त्रैमासिक निकालेगी। मथुरादत्त मठपाल स्मृति न्यास, रामनगर की ओर से युवा नवोदित कवि बहादुर सिंह बिष्ट को इस वर्ष के ‘मथुरादत्त मठपाल स्मृति सम्मान-2023’ प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि कुमाउनी भाषा के सुपरिचित कवि और ‘दुदबोलि’ पत्रिक

30-31 जुलाई को झारखंड में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन होगा

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -  30-31 जुलाई को झारखंड के साहेबगंज जिले के पतना स्थित बी.एस.ए. महिला महाविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन में देश-विदेश के ख्यातनामा पर्यावरणविद भाग ले रहे हैं। यह जानकारी देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य व सम्मेलन आयोजक डा० भानु देव सिंह ने बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्र रत्न पद्मश्री राजा लक्ष्मण सिंह व सिद्धू-कान्हू मुरमू विश्व विद्यालय,दुमका के उपकुलपति डा० विमल प्रसाद सिंह करेंगे। सम्मेलन में प्रख्यात शिक्षाविद पूर्वांचल विश्वविद्यालय, विराट नगर, नेपाल के पूर्व कुलपति डा० घनश्याम लाल दास व केन्द्रीय विश्व विद्यालय हरियाणा के पूर्व कुलपति प्रो० उदय प्रकाश सिन्हा, एवं भागलपुर विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डा० जवाहर लाल सिंह सहित वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात पर्यावरणविद राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र रावत, विश्व जल परिषद के सदस्य, ग्रीन इंडिया फाउण्डेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं बालाजी शिक्षण संस्थान समूह के प्रमुख पर्यावरणविद डा० जगदीश चौधरी,  प्रख्यात पत्रकार एवं नदी विषयक मामलों के विशेषज्ञ पर्यावरणविद पं