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अक्तूबर 4, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी ने मनाया 36वां स्थापना दिवस

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० संवाददाता द्वारा ०  ग्रेटर नोएडा - बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) ने 154वीं गांधी जयंती के अवसर पर अपना 36वां स्थापना दिवस मनाया। संस्थान ने इस उत्सव का आयोजन अपने छात्रों में सामाजिक कल्याण की संस्कृति और बेहतर जीवन मूल्यों को स्थापित करने और उन्हें इस दिशा में प्रेरित करने के मकसद से किया।  उत्सव के सबसे बड़े आकर्षण रहे नाटक ‘माई री मैं का से कहूं’ और ‘अंधायुग’। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा रिपर्टरी ग्रुप द्वारा प्रस्तुत नाटक ‘माई री मैं का से कहूं’ का निर्देशन अजय कुमार ने किया। नाटक ‘अंधायुग’ नई दिल्ली के अस्मिता थिएटर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसका निर्देशन अरविन्द गौड़ ने किया।  स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद मेहमानों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान संस्था ने महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन तो तेने रे कहिए’ बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर गूंज के संस्थापक अंशू गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने 36वें स्थापना दिवस पर आमंत्रित करने के लिए बिमटेक के प्रति आभार जताया और कहा, ‘‘मैं खुद भी इंज

पुष्पेंद्र भारद्वाज की पहल पर जेडीए जादौन, अर्जुन व श्रीजी नगर में बनायेगी सड़क

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० आशा पटेल ०  जयपुर। सांगानेर के जनसेवक पुष्पेंद्र भारद्वाज की के मार्गदर्शन में जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित ओर नियमित दुर्गापुरा की कोलोनियों में विशेष कर के जादौन नगर , अर्जुन नगर व श्रीजी नगर में जेडीए बनायेगी नई सड़के। वार्ड 86 के सक्रीय एवं युवा पार्षद दामोदर मीणा जागरूक पहल के चलते ये इन नवीन सड़कों एवम फुटपाथ की इंटरलॉकिंग टाइल्स के निर्माण के कार्यों का 2 अक्टूबर को गांधी - शास्त्री जयंती के शुभ अवसर पर शुभारंभ हुआ। दामोदर मीना ने बताया की संभवत: दिवाली के त्योंहार से पहले उपरोक्त कॉलोनियों में कार्य संपन्न हो जायेगा । उन्होंने बताया की तीनों ही कॉलोनियों में भव्य शुभारंभ कार्यक्रम एक ही दिन में संम्पन्न हुआ, जिसमें जनसेवक सांगानेर पुष्पेंद्र भारद्वाज की अनुपस्थिति में उन के अनुज अभिषेक भारद्वाज , मंडल अध्यक्ष कल्याण प्रजापत, सेवादल के साधुराम वर्मा , वरिष्ठ कांग्रेसी ओम प्रकाश मीना , पंडित लक्ष्मीदत शर्मा सहित अनेक प्रमुख स्थानीय निवासी उपस्थित रहे । जिनमे ख़ास थे - पदम कुमार जैन, केदार शर्मा,नंदकिशोर शर्मा,मुकेश जैन, रोहिताश्व आर्य, रामसहा

अणुव्रत द्वारा टाटा को सर्वोच्च सम्मान व राजस्थानी को अणुव्रत लेखक पुरस्कार

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० आशा पटेल ०  जयपुर। अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी की ओर से 2023 के पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है। संस्थान अध्यक्ष अविनाश नाहर ने बताया कि राष्ट्रहित में अद्वितीय योगदान निभाने के लिए संस्थान के सर्वोच्च अणुव्रत पुरस्कार से उद्योगपति रतन टाटा को नवाजा जाएगा। वहीं साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करने के लिए पं. जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ साहित्यकार व शायर इकराम राजस्थानी को अणुव्रत लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में आयोजित चयन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। मुम्बई के डालचंद्र कोठारी को अणुव्रत गौरव अलंकार तथा चेन्नई के राकेश खटेड़ को जीवन विज्ञान पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। अगले माह मुम्बई में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में सभी को सम्मानित किया जाएगा।

पर्यावरण को असंतुलित करने में मनुष्य का सबसे अधिक हाथ है

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० योगेश भट्ट ०    नयी दिल्ली,साहित्य अकादमी, दिल्ली के द्वारा 'स्वच्छता ही सेवा -2023' कार्यक्रम के अन्तर्गत ' पर्यावरण और साहित्य ' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रयाग शुक्ल ने की । इसमें अजय कुमार मिश्रा (संस्कृत), केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली ,अनवर पाशा (उर्दू ), जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, दिल्ली ,पंकज चतुर्वेदी , राष्ट्रीय पुस्तक न्यास , दिल्ली ,राजीव रंजन गिरि, दिल्ली विश्वविद्यालय , दिल्ली तथा जसविंदर कौर बिंद्रा,(पंजाबी) दिल्ली विश्वविद्यालय , दिल्ली ने पर्यावरण को लेकर अपने विचार रखे।  संपादक तथा कला विशेषज्ञ प्रयाग शुक्ल ने कहा कि यह कठोर सत्य है कि पर्यावरण को विशेष कर मानव समुदाय ने असंतुलित किया है ।उन्होंने आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के हवाले यह भी कहा कि राष्ट्र केवल मनुष्य से नहीं , अपितु वहां की पर्वतों ,झीलों ,पशुओं तथा पक्षियों आदि से निर्मित होता है ।साथ ही साथ यह भी बताया कि पत्रिकारिता के जरिए भी प्राकृतिक सौन्दर्य तथा पर्यावरण के चिन्तन प्रकाश में आते रहे हैं । लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों जो अभद्र भाषा का

चंद्रयान व सूर्य अभियान के इसरो वैज्ञानिकों का सम्मान

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० विनोद तकियावाला ०  नई दिल्ली - देश के सुदूर स्थानों पर सेवा कर रहे 18 समाजसेवियों/संस्थाओं को दिया गया संत ईश्वर सम्मान। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैय्या जी जोशी ने कहा कि एक कालखंड ऐसा था, जब लोग सम्मान के लिये काम करते थे लेकिन आज भारत सरकार और संत ईश्वर संस्थान के माध्यम से सम्मान लोगों को ढूंढते हुए उनके पास जा रहे हैं,चाहे वह द्मश्री,पद्मभूषण,भारत रत्न या संत ईश्वर सेवा सम्मान हो। प्राचीन ग्रथों में सेवा को धर्म के रुप में कहा गया है " सेवा परमो धर्मां :भगवतगीता में भी कर्मण्येवाधिकारस्ते कहा गया हैं, क्योंकि भारत के रक्त में ही सेवा हैं। सेवा के लिये धन, बुध्दि, साधन हो ऐसा जरुरी नहीं हैं, अंतर्मन के भाव के बिना सेवा संभव नहीं हैं। हम कालखंड से ही देखते आए हैं,गाय को रोटी और पक्षियों को दाना खिलाया जाता हैं।अतिथि देवो भव की संस्कृति भारत की हैं, दरवाजे पर आए को विन्मुख हो कर ना भेजना ऐसा होता आ रहा है इस लिये भारत का व्यक्ति कहता हैं कि धरती पर केवल मेरा अधिकार नहीं हैं, पशु,पक्षी,देव,मानव सबका हैं और ईश्वर की आराधना के रुप में भी हम सेवा ही करते हैं,इसल