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फ़रवरी 26, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अनाथालय से लेकर पौधारोपण तक,आये फाइनेंस का समाजिक कार्यों में योगदान

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अपनी स्थापना से लेकर अब तक 6 वर्षों में आये फाइनेंस छोटे उद्यमियों के लिए फाइनेंस की सुविधा को सरल बनाते हुए सभी को समान अवसर प्रदान करने का प्रयास किया है। कंपनी ने इंडस्ट्री-क्लस्टर तरीका अपनाया और कई एल/एमएल मॉडल के माध्यम से 173 शहरों में 2 लाख से ज्यादा उद्यमियों के लिए बदलाव लाया है। नई दिल्ली : छोटी कंपनियों को फाइनेंस उपलब्ध करवाने वाले आये फाइनेंस के 3000 से ज्यादा कर्मचारियों ने संस्थान के मूल सिद्धांत ‘सामाजिक सरोकार’ का अनुसरण करते हुए 6वां स्थापना दिवस मनाया। यह कैपिटलजी द्वारा समर्थित फिनटेक कंपनी है। आये फाइनेंस की सभी 173 ब्रांच, 3 रीजनल ऑफिस और हेड ऑफिस ने स्थापना दिवस के अवसर पर समाज और पर्यावरण में सुधार के लिए सप्ताह के प्रत्येक दिन  किसी न किसी सामाजिक गतिविधि में भाग लिया। इस मौके पर ब्रांच के कर्मचारियों ने वृद्धा आश्रम जाकर न सिर्फ समय बिताया बल्कि आसपास की साफ-सफाई भी की ताकि वहां का वातावरण स्वच्छ रहे। दिव्यांग और गरीब तबकों के बच्चों के साथ समय बिताया। इसके अलावा बेघरों को कपड़े बांटने, पौधारोपण, स्कूल में फर्नीचर, स्कूल बैग और स्टेशनरी दान करने, अनाथालयो...

फिनटेक कीअगले 3 वर्ष में 1 लाख एटीपी कियोस्क,पीओएस डिवाइस और मोबाइल वैंस शुरू करने की योजना

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नयी दिल्ली   : जीवन को सहज बनाने के लिए जिपि ने अपनी नई सर्विस एक्सपे.लाइफ भारत में लॉन्च कर दी है, जिसके माध्यम से यूजर विभिन्न प्रकार के बिल सिंगल विंडो की मदद से भर सकेंगे। ब्लॉकचेन आधारित ट्रांजेक्शन फ्रेमवर्क से लैस कंपनी विभिन्न प्रकार के डिजिटल बिल पेमेंट विकल्प जैसे टच स्क्रीन कियोस्क, वेब, मोबाइल एप, पीओएस डिवाइस और मोबाइल एटीपी वैन मुहैया कराएगी। एक्सपे.लाईफ बिज़नेस टू बिज़नेस और बिज़नेस टू कंज्यूमर दोनों सेगमेंट में अपनी सर्विसेस देगी। रोहित कुमार (सीईओ) और बोहितेश कुमार मिश्रा (सीओओ व सीटीओ) द्वारा स्थापित किया गया एक्सपे.लाइफ यूजर को टच स्क्रीन एटीपी कियोस्क, पीओएस मशीन और मोबाइल वैन के माध्यम से कैश और क्रेडिट या डेबिट कार्ड दोनों के जरिए बिल पेमेंट करने की सुविधा देगा। यह एएमबीआईसी मॉडल पर आधारित है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मोबिलिटी, ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्लाउड टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है और ट्रांजेक्शन में उच्च स्तर की पारदर्शिता का प्रदर्शन करता है। अपनी तरह की यह इकलौती फिनटेक कंपनी है जो सभी डिजिटल माध्यमों के लिए वन क्लिक प्रोसेसिंग की सुविधा भी उपलब्...

ब्रिजलैब्ज़ की वर्ष 20-21 में 2500 इंजीनियर को स्किल्ड बनाने और रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य

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मुंबई : देश की सबसे बड़ी आईपी-ड्रिवेन इंक्यूबेशन लैब ब्रिजलैब्ज़ सॉल्यूशन एलएलपी ने वित्त वर्ष 20-21 में नए इंजीनियर को स्किल बनाने और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है। इसके साथ ही कंपनी ने पुणे और हैदराबाद में दो नई लैब शुरू करने का फैसला किया है। इसकी मुख्य ऑफरिंग मेकर प्रोग्राम कंपनी के मूल प्रयासों में से एक है, जिसमें इंजीनियर को जरूरी स्किल की ट्रेनिंग देकर इंडस्ट्री के लिए तैयार किया जाता है। इसके साथ ही कंपनी कोडिंग बूटकैंप और अन्य गतिविधियां भी संचालित करती है, ताकि ज्यादा से ज्यादा इंजीनियर को रोजगार के लायक बनाया जा सके। मेकर प्रोग्राम की बदौलत वित्त वर्ष 19-20 में कंपनी की कमाई में 300 फीसदी का बड़ा इजाफा हुआ है। मौजूदा वित्त वर्ष में ही कंपनी ने 1100 से ज्यादा हाई स्किल्ड इंजीनियर तैयार किए हैं और इन्हें थॉटवर्क्स, बुकमायशो और अर्बन लैडर जैसी बड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट दिलवाया है। कंपनी सक्रिय रूप से महिला इंजीनियर को भी प्रोत्साहित कर रही है और विभिन्न प्रोग्राम के माध्यम से कॅरिअर को लेकर जागरूकता फैलाने का काम कर रही है। मौजूदा उम्मीदवारों में 45 फीसदी महिलाएं हैं। विस्त...

कविता के माध्यम से बड़ा संदेश

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Bhojpuri Film के लिए फ़रीदाबाद में हुआ ऑडिशंस

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अभिमान अक्ल को खा जाता है

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एक घर के मुखिया को यह अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं चल सकता। उसकी छोटी सी दुकान थी। उससे जो आय होती थी, उसी से उसके परिवार का गुजारा चलता था। चूंकि कमाने वाला वह अकेला ही था इसलिए उसे लगता था कि उसके बगैर कुछ नहीं हो सकता।वह लोगों के सामने डींग हांका करता था। एक दिन वह एक संत के सत्संग में पहुंचा। संत कह रहे थे, “दुनिया में किसी के बिना किसी का काम नहीं रुकता।यह अभिमान व्यर्थ है कि मेरे बिना परिवार या समाज ठहर जाएगा।सभी को अपने भाग्य के अनुसार प्राप्त होता है।” सत्संग समाप्त होने के बाद मुखिया ने संत से कहा, “मैं दिन भर कमाकर जो पैसे लाता हूं उसी से मेरे घर का खर्च चलता है। मेरे बिना तो मेरे परिवार के लोग भूखे मर जाएंगे।”संत बोले, “यह तुम्हारा भ्रम है।हर कोई अपने भाग्य का खाता है।” इस पर मुखिया ने कहा, “आप इसे प्रमाणित करके दिखाइए।” संत ने कहा, “ठीक है। तुम बिना किसी को बताए घर से एक महीने के लिए गायब हो जाओ। ”उसने ऐसा ही किया। संत ने यह बात फैला दी कि उसे बाघ ने अपना भोजन बना लिया है। मुखिया के परिवार वाले कई दिनों तकशोक संतप्त रहे। गांव वाले आखिरकार उनकी मदद के ल...