शहद प्राकृतिक स्वास्थवर्धक आहार भी है
मधुमक्खी पालन एवं शहद के औषधीय गुण,शहद का प्रयोग प्राचीन काल से औषधि के रूप में किया जाता रहा है।पर्वतीय क्षेत्रों में पाया जाने वाला शहद सबसे अच्छा माना जाता है। पहाड़ी क्षेत्र की मधुमक्खी छोटे आकार की होती है।जो दूर दूर से पुष्पों से पराग आसानी से संग्रहित कर सकती हैं। प्राचीन काल में मधुमक्खी घर की दीवारों पर बने आल्मरा,कोष्ठक में पाली जाती थी।जिन पर एक संकरा छेद बना होता था जहां से वह आसानी से आ और जा सकती थी। वर्तमान में इसके लिए डिब्बे तैयार किए जा रहे हैं। शहद पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है।शहद में ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट शर्करा,वसा, प्रोटीन, पानी,नायसिन, विटामिन, कैल्शियम, लोहतत्व, मैग्नीशियम फास्फोरस,पैटाथैनिक अम्ल,पोटोशियम आदि समस्त लवण पदार्थ पाते जाते हैं। अन्य सभी मधु पोषक तत्वों की भांति मधु में शर्करा उपलब्ध रहता है कार्बोहाइड्रेट के संदर्भ में मधु में ग्लूकोज एवं फ्रक्टोज पाया जाता है।जो इसको कृत्रिम रूप से बनाए गए शुगर सीरप के समान ही होता है। शहद में घाव भरने और कटी-फटी त्वचा की बिवाईयों को भरने की शक्ति होती है।यह संक्रमण को रोकने में पूरी तरह सक्षम होता हैं। मधुमक्खी...