संदेश

अक्तूबर 31, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारतीय राजनीति में इंदिरा गांधी का अमूल्य योगदान

चित्र
लाल बिहारी लाल आयरन लेडी इंदिरा गांधी का जन्म देश के एक आर्थिक एंव बैध्दिक रुप से सभ्रांत परिवार में पं. जवाहर लाल नेहरु के घऱ में 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ था। इनके माता का नाम कमला नेहरु तथा दादा का नाम पं. मोती लाल नेहरु था। इनके दादा एंव पिता दोनों वकालत करते थे।बचपन में इनके माता पिता का लार-दुलार ज्यादा नहीं मिला क्योंकि पिता भारतीय राजनीति में ब्यस्त थे वही माता अस्वस्थ्य रहती थी। इन्हें दादा से ज्यादा लार-दुलार मिला क्योंकि यह घर की इकलौती संतान थी। इनके दादा इन्हें लक्ष्मी एवं दूर्गा के प्रतीक मानते थे। इंदिरा की प्ररंभिक शिक्षा आनंद निवास पर ही हुई ।इन्होनें सिर्फ अंग्रैजी में दक्षता हासिल की और अन्य विषयों पर ध्यान कम दिया। फिर शांति निकेतन उसके बाद उच्च शिक्षा हेतु इंगलैंड गई वैडमिंटन स्कूल तथा आक्सपोर्ड  विश्वविद्याल  में अध्यन किया  फिर ये भारत आ गई । उन्हें विश्व भर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था। प्रभावशाली शैक्षिक पृष्ठभूमि के कारण उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा विशेष योग्यता प्रमा...

जी-फेयर कोरिया एक्सपो 2020 का आयोजन 5 और 6 नवंबर को

चित्र
वर्चुअल कोरिया सोर्सिंग फेयर 2020 (G-Fair) शुरू करने के लिए कोरियाई मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री ने ट्रेडइंडिया से हाथ मिलाया ट्रेडइंडिया के डिजिटल टेक्नोलॉजी-प्लेटफॉर्म पर जी-फेयर 2020 भारतीय एसएमई और एमएसएमईए को अपने कोरियाई समकक्षों से जुड़ने में मदद करेगा। नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय समन्वय और व्यापार सहयोग का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत के प्रमुख बी2बी ऑनलाइन मार्केटप्लेस में से एक ट्रेडइंडिया ने कोरियाई जी-फेयर 2020 के आयोजकों से हाथ मिलाया है। इस इवेंट का आयोजन दक्षिण कोरिया की ग्याओंगी-डू की प्रांतीय सरकार और ग्याओंगी बिजनेस एंड साइंस एक्सीलरेटर मिलकर कर रहे हैं। जी-फेयर- कोरिया सोर्सिंग फेयर के अब तब 11 संस्करण हो चुके हैं और यह 12वां संस्करण होगा। यह सबसे बड़ा एसएमओ एक्सपो है और दक्षिण कोरिया के ग्याओंगी प्रांत से निकले इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को प्रस्तुत करता है। ट्रेडइंडिया अपने प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भारतीय स्मॉल-बिजनेस सेक्टर को लाभ पहुंचाने के लिए इस बहुप्रतीक्षित बिजनेस मेले के वर्चुअल ट्रांसमिशन की सुविधा प्रदान करेगा। यह न केवल भारतीय एसएमई और एमएसएमई को कोरियाई समक...

डॉ.रमेश कुमार रावत प्रिसिंपल,पारूल इंन्सटीट्यूट ऑफ आर्ट्स एवं डीन फेकल्टी ऑफ आर्ट्स के पद पर नियुक्त

चित्र
जयपुर जिले की चौमूं तहसील अशोक विहार निवासी प्रो. डॉ.रमेश कुमार रावत को हाल ही में वड़ोदरा, गुजरात में संचालित पारूल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन, प्रिसिंपल, पारूल इंन्सटीट्यूट ऑफ आर्ट्स एवं डीन फेकल्टी ऑफ आर्ट्स के पद पर नियुक्त  किया गया है।  राजस्थान प्रदेश के जयपुर जिले की चौमूॅं तहसील में जन्में डॉ. रमेश कुमार रावत ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चौमूं से दसवीं एवं 12वीं उत्तीर्ण की। आर.एल. सहरिया पी.जी. कॉलेज कालाडेरा से बीएससी, राजस्थान विश्वविद्यालय से बीजेएमसी, एलएलबी, डीएलएल एवं पीएचडी, सागर विश्वविद्यालय, एमपी से एमसीजे की उपाधियां तथा कम्यूटर साइंस में विभिन्न डिप्लोमा आदि के सहित अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अन्तर्गत ज्ञान अर्जित करने के पश्चात्  एवं  किए है। डॉ. रावत ने ओ एंड एम एडवरटाइजिंग ऐजेंसी, इंडिया बूल्स, आनंद राठी, बोनान्जा, इंडियामार्ट एवं ईटीएंडटी कार्पोरेशन लिमिटेड, दिल्ली एपटेक लिमिटेड, सोमानी टाइल्स मुबंई, एक्वाप्रुफ मुम्बई अनेक शिण संस्थानों में मॉस कम्यूनिकेशन विभाग की स्थापना करते हुये बतौर विभागाध्यक्ष एवं...

असम राज्य द्वारा संचालित मदरसों और संस्कृत टोलों को बंद करने का विरोध

चित्र
नयी दिल्ली - यहाँ अंतर मंतर पर अल्पसंख्यक समुदायों का शिक्षा का अधिकार छीनने के विरोध में मुस्लिम छात्र संघ (MSUA)। यूनियन ने एक विरोध प्रदर्शन किया । संघ के अध्यक्ष जलालउद्दीन ने कहा कि वे जल्द ही गुवाहाटी उच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर जनहित याचिका प्रस्तुत करेंगे। राज्य सरकार द्वारा संचालित मदरसों और संस्कृत टोल को बंद करने का निर्णय लिया है। असम सरकार ने मदरसों को बंद करने के उद्देश्य से सामान्य माध्यमिक शिक्षा के तहत स्कूलों में मदरसों के संविदा शिक्षकों की 148 संख्या को स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया है।  जलालउद्दीन ने मीडिया को संबोधित करते हुए असम के मुस्लिम छात्र संघ के अध्यक्ष होने के नाते राज्य सरकार को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि सरकार का यह काम अल्पसंख्यक समुदाय की शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार का इरादा असम में रह रहे मुस्लिम आबादी को रोहिंग्या के रूप में रखना है और यह उनके फैसले में परिलक्षित होता है।  इस महीने की शुरुआत में, असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा था कि सभी राजकीय मदरसों के शिक्षकों को नियमित स्...

हिजाबी पर्वतारोही रिज़वाना सैफी ने फहराया 5289 मीटर ऊँचे पहाड़ पर तिरंगा

चित्र
पिलखुवा । हापुड़।  उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ की पिलखुवा निवासी रिज़वाना सैफ़ी ने हिमाचल प्रदेश के सोलांग वैली में स्थित माउंट फ्रेंडशिप (5289 मीटर) नामक पर्वत की चढ़ाई सफतापूर्वक पूरी की। ये समिट 21-अक्टूबर- 2020 (सुबह 11:05 AM) सफल हुई। इस चोटी को फतह करने  में 7 दिन  का समय लगा (17 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक, मनाली से मनाली यह माइनस (-)10 डिग्री के तापमान में ये चोटी समिट हुई। हि जाबी माउंटेनियर रिज़वाना सैफ़ी का कहना है कि "अगर आपके अंदर कुछ करने का जज़्बा है तो आप कभी भी किसी काम से हार नहीं मान सकते , अगर हमारे हौसलों में जान है तब हमारे लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है। मेरा सपना है दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट ऐवरेस्ट को फतह करना और इंशाअल्लाह मैं जल्दी ही अपने सपने को सच भी कर पाऊँगी, लेकिन उससे पहले मुझे भारत की अधिकतर उंचाई वाली चोटियों पर भारतीय तिरंगा फहराना है ,मेरे सभी सपनों को पूरा करने के लिए मेरे पापा नवाब अली सैफ़ी का मोटिवेशन मेरे काम को आसान कर देता है, पापा के मोटिवेशन से मुझे बहुत ही प्रेंरणा तथा ऊर्जा मिलती है"  रिज़वाना सैफ़ी वर्तमान में जिला रामपुर...