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जुलाई 5, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

देश के सामाजिक क्षेत्रों और गरीबों की बेहतरी के लिए डाटा तैयार किया जाना चाहिए

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विभिन्न मंत्रालयों में बिखरे पड़े डाटाबेस को एक जगह एकत्रित करके नागरिकों को बेहतर सेवाओं का अनुभव कराया जा सकता है, यानी सरकार इसके जरिये अपने नागरिकों को बेहतर सेवा मुहैया करा सकती है। इससे कल्याणकारी योजनाओं में त्रुटि की आशंका भी कम होगी। विभिन्न क्षेत्रों में एकत्रित किए गए डाटा का अब तक इस्तेमाल नहीं हो पाया है। सरकार को चाहिए कि सामाजिक रूप से जरूरी डाटा का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। सरकार को इस क्षेत्र में कदम उठाने की आवश्यकता है। लोगों की बेहतरी के लिए डाटा को एकत्रित करने के दौरान निजता की जटिलता को ध्यान रखा जाना चाहिए और इनके उपयोग में पारदर्शिता बरतनी होगी। नयी दिल्ली - केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आर्थिक समीक्षा 2018-19  संसद में पेश की। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि जहां लाभ नहीं होता है वहां निजी क्षेत्र निवेश नहीं करता है, इसलिए सरकार को इस क्षेत्र में हस्तक्षेप करना चाहिए और लोगों के कल्याण के लिए देश के सामाजिक क्षेत्र और गरीबों की बेहतरी के लिए डाटा तैयार किया जाना चाहिए। सरकारों के पास पहले से ही नागरिकों के प्रशासनिक,

वर्ष 2018-19 में 10.6 मिलियन विदेशी पर्यटक भारत आए

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2017-18 में 10.4 मिलियन की तुलना में, 2018-19 में विदेशी पर्यटन आगमन (एफटीए) 10.6 मिलियन रहा है। वृद्धि के संबंध में, एफटीए की वृद्धि दर 2017-18 में 14.2 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 2.1 प्रतिशत हो गई है। पर्यटन से प्राप्‍त होने वाली विदेशी मुद्रा आय (एफईई) 2017-18 में 28.7 अरब अमरीकी डॉलर से 2018-19 में घटकर 27.7 अरब अमरीकी डॉलर रह गई है। वृद्धि के संबंस में एफईई 2017-18 में 20.6 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में -3.3 प्रतिशत हो गया है नयी दिल्ली - केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने संसद में वर्ष 2018-19 की आर्थिक समीक्षा पेश की। सेवा क्षेत्र का भारत के सकल संवर्धित मूल्‍य (जीवीए) में 54 प्रतिशत का योगदान है। इसकी वृद्धि दर 2017-18 के 8.1 प्रतिशत से कम होकर 2018-19 में 7.5 प्रतिशत रह गई। जिन क्षेत्रों में मंदी देखी गई, वे हैं - पर्यटन, व्‍यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण संबंधी सेवाएं, लोक प्रशासन और रक्षा। वित्‍तीय, रियल एस्‍टेट और व्‍यावसायिक सेवाओं की श्रेणी में तेजी देखी गई। 2017-18 के 10.4 मिलियन की तुलना में 2018-19 में 10.6 मिलियन पर्यटक भारत

आने वाले दो दशकों में देश की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट देखी जाएगी

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देश में गर्भधारण क्षमता दर में आई गिरावट के कारण 0-19 वर्ष की आयु वर्ग वाले लोगों की जनसंख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है। देश में टीएफआर दर 2021 तक भरपाई नहीं किए जाने के स्तर तक गिर जाएगी। जनसंख्या में 0-19 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 2011 के उच्चतम स्तर 41 प्रतिशत से घटकर 2041 में 25 प्रतिशत रह जाएगी। दूसरी ओर आबादी में 60 वर्ष आयु वर्ग वाले लोगों की संख्या 2011 के 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 2041 तक 16 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। कामगार आबादी की संख्या 2021-31 के बीच 9.7 मिलियन प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगी और 2031-41 के बीच यह घटकर 4.2 मिलियन प्रति वर्ष रह जाएगी। नयी दिल्ली - केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पेश की गई 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में भारत की जनसंख्या पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि आने वाले दो दशकों में देश की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट देखी जाएगी। हालांकि बड़ी संख्या में युवा आबादी की वजह से देश को जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा मिलता रहेगा, लेकिन 2030 की शुरूआत से कुछ राज्यों में जनसंख्या स्वरूप में बदलाव से अधि