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जुलाई 16, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राष्ट्रीय डिजाइन संस्थानों [ NID ] के छात्र जर्मनी में अब वर्क परमिट के लिए आसानी से आवेदन कर सकेंगे

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जर्मनी में विदेशी विश्वविद्यालय-स्तर की योग्यता की पहचान अक्सर जर्मन वर्क वीजा,  जॉब सीकर्स वीजा या जर्मन ब्लू कार्ड हासिल करने के लिए एक आवश्यक शर्त है। वीजा आवेदन की सफलता अक्सर इस प्रमाण पर निर्भर करती है कि जर्मनी के बाहर अर्जित विश्वविद्यालय-स्तरीय योग्यता को समकक्ष जर्मन योग्यता के बराबर माना जाता है। आम तौर पर,  जर्मनी में किसी की डिग्री को मान्यता के लिए उसे 3/4 वर्षीय स्नातक की डिग्री प्राप्त होने की बुनियादी आवश्यकता होती है। भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने विश्व स्तर की डिजाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए भारत में पांच राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) की स्थापना की है। एनआईडी अहमदाबाद (अहमदाबाद, गांधीनगर और बेंगलुरु कैंपस के साथ) ने 1961 में अपनी गतिविधियों की शुरुआत की थी जबकि बाकी के चार नए एनआईडी अर्थात् – एनआईडी आंध्र प्रदेश, एनआईडी हरियाणा, एनआईडी असम और एनआईडी मध्य प्रदेश पिछले कुछ वर्षों में अस्तित्व में आए हैं। इन ...

RGNAU : स्नातक एवं स्नातकोत्तर के लिए आनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 29 जुलाई

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अमेठी - भारत के एकमात्र उड्डयन विश्वविद्यालय, राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय (आरजीएनएयू),अमेठी, उत्तर प्रदेश ने 2020 के नए सत्र में पाठ्यक्रमों के लिए नामांकन प्रक्रिया आरंभ कर देने की घोषणा की है। इन पाठ्यक्रमों में उड्डयन सेवाओं तथा एयर कार्गो में बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस) तथा हवाई अड्डा प्रचालनों में स्नातकोत्तर डिप्लोमा शामिल है। बीएमएस तथा स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स के लिए आनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 29 जुलाई 2020 है। इच्छुक छात्रों को प्रोग्राम में सूचीबद्ध होने के लिए विश्वविद्यालय  की  वेबसाइट  www.rgnau.ac.in पर मेल करना होगा। राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति अम्बेर दूबे ने कहा, ‘ पूरे देश भर में हवाई अड्डों की संख्या बढ़ रही है और प्रत्येक नया हवाई अड्डा प्रचुर मात्रा में रोजगार अवसरों का सृजन करता है। उड्डयन क्षेत्र के विकास के साथ, हम प्रशिक्षित आकांक्षी छात्रों के लिए एक सुनहरे अवसर की उम्मीद करते हैं। आरजीएनएयू द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे रोजगार उन्मुखी पाठ्यक्रम छात्रों को उभरते अवसरों के ल...

राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय में अल्पावधि पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू

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अमेठी  - राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय (आरजीएनएयू) भारत का पहला और एकमात्र विमानन विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना उत्तर प्रदेश के अमेठी में राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय अधिनियम, 2013 के तहत की गई। आरजीएनएयू का उद्देश्य विमानन उद्योग के सभी उप-क्षेत्रों के संचालन और प्रबंधन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उद्योग के साथ संयोजन के रूप में विमानन अध्ययन, शिक्षण, प्रशिक्षण, अनुसंधान को सुविधा और बढ़ावा देना है। भारतीय विमानन उद्योग के भीतर कौशल की कमी को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय वर्तमान में तीन पाठ्यक्रम- एक पूर्व स्नातक (अंडर ग्रेजुएट) पाठ्यक्रम, एक परा स्नातक कार्यक्रम, और एक अग्निशमन में मौलिक सर्टिफिकेट कोर्स चला रहा है। विश्वविद्यालय पहले से ही अपने व्यवसायों में लगे पेशेवरों के लिए मध्य स्तर और वरिष्ठ स्तर पर अद्यतन ज्ञान प्रदान करने के लिए कई ईडीपी/एमडीपी आयोजित करता है। विश्वविद्यालय के बारे में और अधिक जानकारी के लिए  www.rgnau.ac.in  पर संपर्क किया जा सकता है। भारत का एकमात्र विमानन विश्वविद्यालय राजीव गांधी राष्ट्रीय विमान...

केन्द्र और राज्य कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में 1 करोड़ स्वयंसेवकों को जुटाने के लिए मिलकर काम करेंगे

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नयी दिल्ली - पहले लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद, 24.17 लाख एनवाईकेएस और 18.01 लाख एनएसएस युवा स्वयंसेवकों को क्षेत्रीय स्तर पर सेवाओं में लगा दिया गया था। इसके अलावा, देश भर में ज्यादा कवरेज सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों की संख्या बढ़कर 19.27 लाख हो गई है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई से संबंधित विभिन्न गतिविधियों से जुड़ने के लिए 60 लाख से ज्यादा स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया गया है।  रिजिजू ने कहा, “राज्यों को स्वतंत्र रूप से फैसला लेना होगा कि वे खेल गतिविधियां और प्रशिक्षण शुरू कर सकते हैं। हालांकि मैं सभी राज्यों से 2 या 3 महीनों के बाद हालात को देखते हुए कुछ खेल गतिविधियां शुरू करने का अनुरोध करूंगा। हम सीमित रूप से और गैर अनुबंधित खेलों के लिए खेल कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं। ऐसे कुछ राज्य हैं, जिन्होंने अपने खेल केन्द्रों को खोल दिया है और कुछ खेल प्रशिक्षण शुरू कर दिए हैं। हालात सुधरने के साथ, हमें ऑन-फील्ड खेलों को फिर शुरू करने के प्रयास करने चाहिए।” केन्द्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने सभी राज्यों तथा संघ शासित क्षेत्रों के युवा मामलों और खेल विभागों के...

सिंगापुर आधारित ई-कॉमर्स इनेबलर स्टार्टअप शॉपमैटिक ने तिमाही में तेजी दर्ज की

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नई दिल्ली ,अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स इनेबलर शॉपमैटिक इस वर्ष तेज ग्रोथ की दिशा में आगे बढ़ चुका है। देश के एसएमर्द सेक्टर के लिए टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्यूशन मुहैया कराने वाले शॉपमैटिक ने अप्रैल-जून तिमाही के दौरान ट्रांजेक्शन, जीएमवी और रेवेन्यू में दोगुना ग्रोथ दर्ज की है। ई-कॉमर्स के लिए सॉल्यूशन मुहैया कराने वाले स्टार्टअप होने के नाते शॉपमैटिक एसएमई और आंत्रप्रन्योर को ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करने में मदद करने के लिए ई-कॉमर्स के विभिन्न पहलुओं के एक प्लेटफॉर्म में एक साथ मुहैया कराता है। कस्टमाइज ऑनलाइन स्टोर शुरू करने से लेकर, सोशल और चैट प्लेटफॉर्म के माध्यम से बिक्री करना, विभिन्न ग्लोबल पेमेंट विकल्पों के साथ खरीदारी आसान बनाना और डिजिटल एडवर्टाइजिंग के माध्यम से प्रमोशन कर शॉपमैटिक किसी के लिए भी ऑनलाइन बिक्री आसान बनाता है। ग्राहकों के प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता के कारण शॉपमैटिक ने अपने प्लेटफॉर्म में बिक्रेताओं की स्थिति बेहतर बनाने के लिए निरंतर नए प्रयास किए हैं। महामारी के दौरान शॉपमैटिक ने अपना विस्तार करते हुए भारत के किराना स्टोर और सिंगापुर के ग्रॉसरी स्टोर को ऑनलाइन सामान ...

इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण साक्षरता के मामले में दिव्यांग हमेशा पीछे रहे हैं

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जयपुर : वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अगर हम देखें, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि शारीरिक चुनौतियों के साथ-साथ जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण साक्षरता के मामले में दिव्यांग हमेशा पीछे रहे हैं। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार लड़कियों की तुलना में 5 से 19 साल की उम्र के बीच 57 प्रतिशत दिव्यांग लड़के स्कूलों में जा रहे हैं। 57 प्रतिशत दिव्यांग लड़कों में से सिर्फ 9 प्रतिशत लड़कों ने स्नातक स्तर की डिग्री हासिल की है, भले ही 38 प्रतिशत बच्चे पर्याप्त रूप से शिक्षित थे। प्रशांत अग्रवाल, नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष ने कहा कि लगभग 55 फीसदी दिव्यांग महिलाएं अशिक्षित हैं। सिर्फ 9 प्रतिशत दिव्यांग महिलाओं ने अब तक तक मीट्रिक/माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की है और वे स्नातक नहीं हैं। केवल 7.7 प्रतिशत दिव्यांग महिलाओं ने स्नातक की उपाधि हासिल की है। इसीलिए स्किल से संबधित कई कार्यक्रमों जैसे नारायण सिलाई सेंटर, कम्प्यूटर ट्रेनिंग, मोबाइल रिपेयरिंग के मुफ्त में प्रशिक्षण दे रहे है।  डिजिटल मार्केटिंगः इंटरनेट ने दुनिया भर में मार्केटिंग के लिहाज से महत्वपूर्ण चर्चा और प्रभाव को जन्म दिया है। कोविड...