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जुलाई 23, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जीएससीएम और डीईएम में 1 वर्षीय पूर्णकालिक एमबीए के लिए आवेदन आमंत्रित

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० संवाददाता द्वारा ०  उदयपुर - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, उदयपुर (आईआईएम उदयपुर) ने ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट (जीएससीएम) और डिजिटल एंटरप्राइज मैनेजमेंट (डीईएम) में अपने 1 वर्षीय पूर्णकालिक एमबीए के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। किसी भी विषय में स्नातकों के लिए, किसी भी क्षेत्र में न्यूनतम 3 वर्ष के अनुभव के साथ प्रवेश खुले हैं। जीएससीएम पाठ्यक्रम में मैनेजमेंट फंडामेंटल्स संबंधी बुनियादी बातों के साथ ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट के बारे में गहन विशेषज्ञता प्रदान करने का प्रयास किया जाता है, जबकि डीईएम पाठ्यक्रम में डिजिटल सिस्टम के प्रबंधन और डेटा-संचालित निर्णय लेने और डिजिटल प्रक्रिया में जटिल और विविध पहल करने के लिए उनका उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। पूरी तरह से आवासीय इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश जीमैट/जीआरई/कैट परीक्षाओं पर आधारित होगा। इसके लिए उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री और तीन से अधिक वर्षों के कार्य अनुभव की आवश्यकता होती है। कार्यक्रम आम तौर पर पहले वर्ष के अप्रैल में शुरू होता है और अगले वर्ष के मार्च में समाप्त ह...

हिंदुस्तान वापसी पर हाजियों का स्वागत और सम्मान

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० इरफान राही ०    नयी दिल्ली  -पवित्र शहरों मक्का मदीना में हज का फ़रीज़ा अदा करने के बाद हिंदुस्तान वापसी पर तमाम हाजियों का शानदार इस्तक़बाल का सिलसिला जारी है । इसी कड़ी में पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर इलाक़े में हाजियों का इस्तकबाल किया गया जिसमें सीरत एजुकेशनल एंड वेलफेयर एसोसिएशन सेवा के पदाधिकारियों तथा सैफी समाज के वरिष्ठ लोगों ने उत्तम नगर ओम विहार फेज़ 5 के हाजी यूसुफ़ ख़ान सैफ़ी व इनके भतीजे ‌नौजवान हाजी मोहम्मद चांद सैफ़ी (‌उपैड़ा वालों) , डी ब्लॉक फेस 5 के हाजी रईस मुल्लाजी सिहानी वाले, ओम विहार ख़ुशीराम पार्क के हाजी रजनीश सैफ़ी व इनके चाचा हाजी शफ़ीक़ अहमद सैफी‌ ( सौल्दे वालों) का शानदार इस्तकबाल किया और हाजियों से गले मिलकर , बैज लगाकर , फूल माला पहनाकर मुबारकबाद पेश की, यहां से कुल‌‌ 11 लोग हज के सफ़र पर गए थे जिनमें ख़वातीन भी शामिल हैं। मुबारकबाद देने वालों में सैफी समाज के वरिष्ठ लेखक समाजसेवी तथा सरपरस्त मास्टर अली शेर सैफी,‌ सैफी समाज के नेता तथा भारतीय सैफी डे कमेटी के पदाधिकारी प्रधान कल्लू ख़ान सैफी, हिंदी उर्दू के कवि तथा पत्रकार इरफ़ान राही सैदप...

डिजिटल स्किल को प्रोत्साहन देने के लिए भारत में पर्याप्त संभावनाएं

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली, उद्योगों के ऑटोमेशन और टेक बिजनेस के तेजी से बढ़ने के साथ, भारत में छात्रों और देश में वर्कफोर्स के डिजिटल कौशल (स्किल) को प्रोत्साहन देने की पर्याप्त संभावनाएं है। एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ ने नई दिल्ली में इंडस्ट्री 4.0 इंडिया सम्मिट की मेजबानी की, जिसमें इंडस्ट्री प्रमुख, अकादमिक प्रमुख और नीति निर्माता एक साथ एक जनमंच पर इस बात पर चर्चा करने के लिए आए कि भारतीय उच्च शिक्षा नई पीढ़ी के छात्रों को रोजगार के नए उभरते अवसरों के लिए कैसे तैयार कर सकती है। इसके अलावा, आई4आईसी के हिस्से के रूप में, एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ ने ग्लोबल एम्प्लॉयबिलिटी हैंडबुक 2022 भी लॉन्च की, जो भारत, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम के नीति निर्माताओं, इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स और एजुकेशन इनोवेटर्स से प्राप्त आंतरिक अनुभवों पर आधारित जानकारी और और सिफारिशों का एक कलेक्शन है। इंडस्ट्री 4.0 इंडिया कॉन्फ्रेंस (आई4आईसी) में अपने मुख्य संबोधन में, डॉ. मनीष मल्होत्रा, चेयरमैन एवं एमडी, डिजिटल कॉमनवेल्थ और एटीएमसी एजुकेशन ग्रुप के संस्थापक ने कहा कि 2025 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल इकोनॉमी से अधिक से...

अवसरों और नौकरियों की संख्‍या बढ़ने से रोजगार के अवसरों में उल्‍लेखनीय वृद्धि हो रही है

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० योगेश भट्ट ०  • यह रिपोर्ट आधुनिक रोजगार क्षेत्र के विभिन्‍न कारकों, जैसे कार्य-संस्‍कृति, नियुक्ति के प्रचलनों, अग्रणी रोजगार बाजारों और मांग वाली कुशलताओं पर व्‍यापक जानकारियाँ देती है • विभिन्‍न सेक्‍टरों में बाजार के मौजूदा परिदृश्‍य में डिजिटल मार्केटिंग सबसे ज्‍यादा मांग वाली कुशलता है • यह रिपोर्ट हमें इस साल की समीक्षाओं और अनुशय (एट्रिशन) पर और आने वाले महीनों में कुशलताओं/प्रतिभा की मांग के अंदाजे के लिये इन दोनों के बीच सम्‍बंध पर भी जानकारियाँ देती है नयी दिल्ली -  भारत के दूसरे सबसे बड़े जॉब सर्च प्‍लेटफॉर्म Shine.com ने अपनी नई ‘टैलेंट इनसाइट्स’ रिपोर्ट पेश की है, जो तेजी से वृद्धि कर रहे भारत के बाजार में रोजगार के आशाजनक, लेकिन अहम प्रचलनों का खुलासा करती है। Shine.com ने इस रिपोर्ट को बनाने के लिये अपने बेजोड़ नेटवर्क, डाटा की भारी संपन्‍नता और रोजगार बाजार की गहरी समझ का इस्‍तेमाल किया है। रिपोर्ट कहती है कि वित्‍तीय वर्ष 2021 की तुलना में वित्‍तीय वर्ष 2022 में रोजगार के अवसरों और नौकरियों की संख्‍या उल्‍लेखनीय ढंग से बढ़ी है। 2022 के अप्रैल-मई में पिछले स...

आचार्य प्रशांत को बिट्स पिलानी - गोवा परिसर में आमंत्रित किया गया

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० योगेश भट्ट ०  गोवा : बेस्टसेलिंग लेखक और वेदांत शिक्षक आचार्य प्रशांत को प्रसिद्ध कॉलेज बिट्स पिलानी (गोवा कैंपस) में आमंत्रित किया गया । उन्होंने भरी सभा को संबोधित किया। वक्ता के स्वागत और अभिनंदन के लिए बिट्स गोवा के निदेशक प्रो. सुमन कुंडू और एसोसिएट डीन प्रो. सचिन वालगांवकर उपस्थित थे। आयोजन समिति के सदस्य श्री रोहित राज़दान ने कहा, "बिट्स पिलानी में आमंत्रित होना खुशी की बात थी। आचार्य प्रशांत ने अपने विचारों और ज्ञान को साझा किया और युवाओं की मदद के लिए उनके जीवन और करियर से संबंधित सवालों के जवाब दिए। आचार्य प्रशांत के नियमित रूप से कई सुप्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में सत्र आयोजित होते हैं जैसे कि IITs, IIMs, AIIMS, इत्यादि । यहाँ बिट्स गोवा के विद्यार्थियों ने कैरियर, संबंध, विवाह जैसे विषयों पर कई प्रश्न पूछें। जीवन के उद्देश्य और अर्थ पर, तथा शांतिपूर्ण और आनंदपूर्ण जीवन जीने के रहस्य पर भी जिज्ञासाएँ की गई। इसके अतिरिक्त, विद्यार्थीयों ने सामाजिक मुद्दों पर भी प्रश्न पूछें, जैसे कि महिला सशक्तिकरण, पशु अधिकार, पर्यावरण संरक्षण इत्यादि। आचार्य प्रशांत ने अपने उत्तरों के ...

गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली- उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच का प्रतिनिधि मण्डल गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत से उनके दिल्ली आवास पर मिला। प्रतिनधि मंडल ने रावत को गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु एक ज्ञापन सौंपा। जिसमे उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मच दिल्ली के कार्यों का विवरण अर मांगपत्र था। प्रतिनिधि मण्डल में अनिल पन्त, दिनेश ध्यानी, दर्शन सिंह रावत, प्रतिबिम्ब बड्थ्वाल, भगवती प्रसाद जुयाल, उमेश चंद्र बंदूनी आदि साहित्यकार थे। उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली के संयोजक दिनेश ध्यानी ने बताया कि सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा की मेने संज्ञान में भी यह विषय है कि गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए। इस हेतु उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच को पूरा सहयोग देने और भाषा सम्बन्धी मांग को अंजाम तक पहुंचाने हेतु  रावत ने अपनी सहमति दी और कहा कि वे स्वयं भी इस दिशा में उचित मंच से इस बात को रखने का प्रयास कर रहे हैं। रावत ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि आज हमारी नई पीढ़ी अपनी भाषा-साहित्य से दूर होती जा र...