सुरम्य स्थान में मां ज्वाल्पा का प्रसिद्ध मंदिर
उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में कोटद्वार पौड़ी के मध्य में पश्चिमी नयार नदी के तट पर एक सुरम्य स्थान में मां ज्वाल्पा का प्रसिद्ध मंदिर है। ज्वाल्पा कफोला बिष्ट और थपलियालों की कुल देवी है। शुभ अवसरों पर सर्व प्रथम मां की पूजा प्रतिष्ठा का विधान स्कंदपुराण के अनुसार वैदिक ऋचाओं के द्वारा किया जाता आ रहा है। कहते हैं आदिगुरु शंकराचार्य जी ने भी मां की पूजा अर्चना की और उनका साक्षात्कार स्वरूप देखा था। विजय सिंह बिष्ट इस मंदिर में अखंड दीप प्रज्वलित किया जाता है।जो हजारों साल से दिन रात देदीप्यमान रहता है। मंदिर निर्माण की कहानी इस प्रकार है। सतयुग में दैत्यराज पुलोम की पुत्री शचि ने देवराज इंद्र को पति रूप में प्राप्त करने के लिए मां पार्वती की तप साधना इसी स्थान पर आरंभ की थी। प्रचंड ज्वाला से उत्पन्न मां पार्वती ने शचि को दर्शन देकर उसकी मनोकामना पूर्ण कर दी।यह स्थान ज्वाला देवी के नाम से और कालांतर में ज्वाल्पा देवी के नाम से प्रसिद्ध हो गया। दीपक सरसों के शुद्ध तेल से प्रज्ज्वलित किया जाता है इसलिए कफोलस्यूं,मवालस्यूं,खातस्यूं,रिगवाड़स्यूं,धुड़दौडस्यूं एवं गुराडस्यूं पट्टियो...