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Assam राहुल गाँधी को मंदिर में जाने से रोका,कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता ...

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पत्रकार संतोष निर्मल ने लिखा हस्तलिखित रामचरितमानस

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० आशा पटेल ०  जयपुर। कम्प्यूटर, इंटरनेट वाले इस डिजिटल युग में किसी ने 500 पृष्ठों का ग्रंथ हाथ से लिखा है, तो आश्चर्य होना स्वाभाविक है। क्योंकि लोग जब से मोबाइल और कम्प्यूटर का उपयोग करने लगे हैं, तबसे वह हाथ से लिखना भूलते जा रहे हैं। लोगों के लिए दो-चार पृष्ठ ही लिखना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जयपुर के प्रसिद्ध और वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार निर्मल ने गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस को हाथ से लिखकर एक अनूठा उदाहरण पेश कर दिया। श्रीरामचरित मानस के हस्तलिखित संस्करण के बारे में उनका कहना था कि उसे लिखने की प्रेरणा उन्हें कहां से मिली, यह उन्हें खुद नहीं मालूम। निर्मल ने बताया कि श्री रामचरित मानस जब घर-घर में है, तो उसे हाथ से लिखने का क्या औचित्य ? लेकिन पता नहीं क्यों मन में यह भावना बढ़‌ती जा रहीं थीं कि मैं इसकी प्रतिलिपि तैयार करू। जब से राममंदिर का निर्माण शुरू हुआ, तबसे यह इच्छा और बढ़ गई। इसके बाद मैंने इसे लिखना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि इसे वह इसलिए भी लिखना चाह रहे थे, ताकि हाथ से लिखने की आदत बनी रहे। साथ ही नई पीढ़ी की रामचरितमानस के प्रति रुचि बढ़े

कंदर्प शर्मा ने बैडमिंटन में प्राप्त किया स्वर्ण पदक

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० आशा पटेल ०  जयपुर। एम.पी.एस इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा 8 के छात्र कंदर्प शर्मा ने SJFI नेशनल स्कूल गेम्स में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। कंदर्प की इस उपलब्धि पर कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोकुल दास माहेश्वरी, विद्यालय सचिव दीपक सारडा और प्राचार्या अर्चना सिंह ने बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। गोकुल दास माहेश्वरी ने एमपीएस स्कूल के छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहां की बच्चे देश के भविष्य हैं, आप सब को पढ़ाई के साथ साथ बढ़ चढ़ कर खेल खुद में भी भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहां की आप ही हो जो देश के लिए पदक जीत कर देश का ओर अपने परिवार का नाम रोशन करते हो। उन्होंने कहां खेल कूद से बच्चे शारीरिक ओर मानसिक रूप से पूर्णतया स्वस्थ हो जाते हैं जिससे उनका पढ़ाई में भी मन ओर ज्यादा लगता हैं।

साहित्य में मानवीय मूल्यों के संवर्धन का प्रयास होना चाहिए-संतोष श्रीवास्तव

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०  मुज़फ्फर सिद्दीकी   ०  भोपाल - अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच का अभिनव आयोजन, कहानी संवाद - दो कहानी दो समीक्षक गूगल मीट पर आयोजित किया गया। इस मौके पर अपने वक्तव्य में अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच की संस्थापक अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि "हिंदी साहित्य, उत्तरोत्तर समृद्ध हो रहा है। संसार को यदि किसी ने समृद्ध किया है तो वह साहित्य ही है। साहित्य में मानवीय मूल्यों के संवर्धन का प्रयास होना चाहिए। कहानी ने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है।" मुख्य अतिथि राज बोहरे ने मनीष वैद्य की कहानी, "अब्दुल मजीद की मिट्टी', की विस्तार से विवेचना करते हुए कहा कि यह कहानी हुनर मंद लोगों की कहानी है। हुनर मंद लोग अब यहां से हकाले जा रहे हैं। यह उस वर्ग की कहानी है जिनसे, उनके हाथ का काम छीन कर हाशिये की ज़िन्दगी जीने पर मजबूर किया गया। वसुधा सहस्त्र बुद्धे की कहानी 'संगम', अपने आप में एक अलग कहानी है। कहानी भी इतिहास का ही एक रूप होती है। जो हमें उस काल खंड में ले जाती है। काल जो ज़ख़्म देता है उसका कोई इलाज नहीं।" अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार प्रकाश कांत ने

पश्चिमी दिल्ली घरों में घुसा सीवर का पानी,जनता बेहाल

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड से बचने के लिए लोग घरों में दुबके पड़े हुए हैं। ऐसे में जब घरों में कई दिनों से डेढ़ डेढ़ फुट सीवर का पानी जमा हो जाए तो मुश्किल और भी बढ़ जाती है। यह मामले उपनगरी द्वारका सेक्टर 3 स्थित मधु विहार वार्ड के आसपास की कॉलोनी की है। इन घरों में रहने वाले लोगों का जीना दूभर हो गया है। लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधि व दिल्ली जल बोर्ड से कई बार शिकायत कर चुके हैं बावजूद उनके परेशानी को सुनने वाला कोई नहीं है।  आलम यह है कि घरों में सीवर का पानी घुसने की वजह से बीमारी पैर पसारने लगी है। लोगों को उल्टियां दस्त हो रही है। इस बाबत मधु विहार आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष ने दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष को एक ज्ञापन सोपा है। मधु विहार/महावीर एनक्लेव सीवर का गंदा पानी घरों में घुसने से लोगों का बुरा हाल है। बीमारी फैलने की आशंका से लोग आतंकित है। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहे है। महावीर एनक्लेव पार्ट थ्री, वार्ड न 105 एफ ब्लॉक, गली न 81,82,83 84 तथा गली न 67,68,69,70 में गलियों में लगभग 15 दिनों से सीवर

बजट बदमाश ” नाटक : समाज व देश के मुद्दों को उठाया गया

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०  किशोर श्रीवास्तव ०  नई दिल्ली। अक्षरा थियेटर में बावरामन थियेटर ग्रुप के नाटक 'बजट बदमाश' का सफलतापूर्वक मंचन हुआ। इसकी लेखिका थीं सुनीता अग्रवाल। जो रेडियो, टीवी यूट्यूब तथा थियेटर से काफी अरसे से जुड़ी हुई हैं। 'बजट बदमाश' नाटक में समाज व देश के उन मुद्दों को उठाया गया जिन्हें हम देखते और समझते तो हैं, लेकिन उनके खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं कर पाते। नाटक का आरंभ एक घटना ऐसी घटना से होता है जिसमें 'जागरुक' गांव में अस्पताल ले जाते हुए मोहना की गर्भवती पत्नी कजरी मर जाती है।  क्योंकि आंधी तूफान बारिश में उसकी भैंस गाड़ी का पहिया मिट्टी में फंस जाता है जो की निकल ही नहीं पाता। गांव से अस्पताल जाने के लिए पांच किलोमीटर की पक्की सड़क बननी थी लेकिन पांच सौ मीटर की सड़क बनाके छोड़ दिया गया, जिससे कजरी को इस हादसे का शिकार होना पड़ता है। कजरी की मौत के गम में मोहना पागल हो जाता है और गांव वाले गुस्से में बजट ही चुरा लाते हैं। यह देखने के लिए कि इस बार गांव से अस्पताल जाने तक बनने वाली सड़क का बजट है कि नहीं। बजट चोरी होने से संसद में अफरा तफरी मच जाती है। उस