बहु आयामी व्यक्तित्व के धनी हैं पर्यावरणविद,लेखक,कवि व साहित्यकार लाल बिहारी लाल
आज हमारे जीवन में पर्यावरण का महत्वपूर्ण योगदान है यदि पर्यावरण पर ध्यान ना दिया गया और प्रकृति को ऐसे ही दिन प्रतिदिन क्षति होती रही तो वह दिन दूर नहीं कि हम सांस लेने को मोहताज हो जाएंगे, और प्रकृति का नियंत्रण दिन प्रतिदिन बिगड़ता जाएगा । जबकि कई पर्यावरणविद निस्वार्थ भाव से प्रकृति को बचाने की मुहिम में जुटे हैं उन्हीं में से एक हैं लाल बिहारी लाल जिनको होश संभालने के बाद से प्रकृति से ऐसा लगाव हुआ कि वह पर्यावरण प्रेमी बन गए । लाल बिहारी लाल का जन्म बिहार के छपरा जिले के एक गांव में 10 अक्टूबर सन 1974 को हुआ था इनका लालन-पालन इसी गांव में हुआ लाल जी का बचपन से ही प्रकृति से अटूट लगाव रहा और वह पेड़ पौधों और फूल पत्तियों के साथ खेलते रहते थे , शिक्षा ग्रहण के दौरान वह छाया दर वृक्षों के नीचे बैठ कर एकांत में शिक्षा ग्रहण करते थे। शिक्षा ग्रहण कर जब वह दिल्ली आए तो उनको प्रकृति के साथ-साथ संगीत और कविता का भी शौक परवान चढ़ा और उन्होंने कविता के साथ साथ और कई गीत भी लिखे जो काफी प्रसिद्ध हुए जिन्हें टी सी रीज, वीनस आदि कंपनियों ने रिलीज किया। इन्ह...