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Varanasi : Qazi Shahar E Banaras : Janaje me Hazaro Log Shamil : शहर-ए-...

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कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिये गये ताकि वह चुनाव ना लड़ सके

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० संवाददाता द्वारा ०  जयपुर । देश में मोदी सरकार के गठन के पश्चात् एक के बाद एक प्रहार लोकतंत्र को कमजोर करने के लिये किये जा रहे हैं, केन्द्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग कर विपक्षी पार्टियों पर प्रहार कर रही है। वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के चुनावों से ऐन पहले 8 नवम्बर, 2016 को अचानक देश में नोटबंदी लागू की गई । यह नोटबंदी देश के फायदे के लिये नहीं थी, बल्कि उत्तर प्रदेश में भाजपा कैसे चुनाव जीते उसके लिये की गई थी ।  यह शुरूआत हुई इसके पश्चात् आज देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी जिसने देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और जिस पार्टी के महान् नेताओं का त्याग, तपस्या और बलिदान का इतिहास रहा है, उस पार्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिये गये हैं तथा चुनाव ना लड़ सके ऐसा प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ने लगभग 100 करोड़ रूपये जो डोनेट फॉर देश और डोनेट फॉर न्याय अभियान के लिये चंदा जुटाया उसे भी फ्रीज कर देना, अन्य विपक्षी दल गठबंधन ना करें इसके लिये डराना और यदि गठबंधन करे तो दिल्ली के मुख्यमंत्री की भांति जेल में डाल देना,  भाजपा का लोकतांत्रिक परम्पराओं पर प्र

बिहार स्थापना दिवस : समृद्ध संस्कृति वाला प्रदेश है बिहार - राज्यपाल

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० आशा पटेल ०  जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने बिहार स्थापना दिवस पर राजभवन में बिहार के स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गौरवमय इतिहास और समृद्ध संस्कृति का प्रदेश बिहार भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। राज्यपाल ने राजभवन में बिहार राज्य स्थापना दिवस पर संबोधित करते हुए मगध साम्राज्य से लेकर गुप्त वंश के साथ बिहार के आधुनिक इतिहास की चर्चा की तथा कहा कि प्राचीन भारतीय शिक्षा का भी बिहार प्रमुख केंद्र रहा है। यहीं नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय हुए हैं। उन्होंने चाणक्य और उनके अर्थशास्त्र के साथ ही बिहार से जुड़ी कला संस्कृति को भी भारत की अनुपम धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि बिहार देश में सभी क्रांतियों का अगुआ रहा है। सम्राट चन्द्रगुप्त एवं सम्राट अशोक की यह गौरवशाली धरा रही है तो महात्मा बुद्ध के आदर्शों का यही से विश्वभर में प्रसार हुआ। राज्यपाल ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत राज्यों की परंपराओं, तीज, त्योंहार, रिवाजों को सहेजते हुए आंतरिक एकता की संस्कृति के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भौगोलिक विविधता के

समाजसेवी और अपर गढ़वाल की प्रथम महिला सम्पादक सुशीला बहुगुणा का देहावसान

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०  रमेश पहाड़ी  ०  देहरादून - प्रखर समाजसेवी और अपर गढ़वाल की प्रथम महिला सम्पादक सुशीला बहुगुणा का 97 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया। कुछ समय दिल्ली में अस्वस्थ रहने के बाद उन्होंने अपनी 7 दशक पुरानी कर्मस्थली नन्दप्रयाग में अन्तिम साँस ली।  बड़ी संख्या में उपस्थित परिजनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विभिन्न क्षेत्रों से पहुँचे लोगों की उपस्थिति में अलकनंदा और नंदाकिनी के पावन संगम पर पुत्र समीर बहुगुणा ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी. इसी के साथ सामाजिक सेवा के एक युग को उपस्थित लोगों ने नम आँखों से विदाई दी। 16 मार्च 1927 को थराली के0 निकटवर्ती गांव देवलग्वाड़ के प्रतिष्ठित उच्च ब्राह्मण परिवार में जन्मीं सुशीला जी की शिक्षा लैंसडौन में हुई और विवाह प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी तथा पत्रकार राम प्रसाद बहुगुणा जी से सम्पन्न हुआ. राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण गढ़केसरी अनसूया प्रसाद बहुगुणा के परिवारी पति-पत्नी चाहते तो अपने पारम्परिक व्यवसाय में जुट कर सुख-समृद्धि का जीवन बिताते लेकिन रामप्रसाद जी देश की आजादी की लड़ाई और समाजसेवा में स्वयं को समर्पित कर चुके थे   सुशीला देवी ने परिवार की

एकात्म मानव-दर्शन के अग्रदूत थे आदि शंकराचार्य : प्रो. हरीश अरोड़ा

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० योगेश भट्ट ०  इंदौर। ‘एकात्म दर्शन भारतीय ज्ञान परंपरा का वह सूत्र है जो विश्व में भारत के विराट बोध को लक्षित करता है। इस परंपरा का उत्कर्ष हमें जगद्गुरु आदि शंकराचार्य के विचारों में मिलता है। उनके विचार एकात्म दर्शन और मानवीयता की महती पूंजी हैं। यदि कहा जाए कि आदि शंकराचार्य एकात्म मानव-दर्शन के अग्रदूत थे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।’ ये विचार इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित आदि शंकराचार्य व्याख्यानमाला के अंतर्गत “जगद्गुरू श्री शंकराचार्य एवं भारत की एकात्मकता” विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला के अंतर्गत वरिष्ठ साहित्यकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हरीश अरोड़ा ने कहे। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राष्ट्र की अस्मिता के प्रतिमानों में उसकी सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत का महत्त्वपूर्ण योगदान है। उस विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य विशिष्ट होता है। आदि शंकराचार्य ने प्रस्थानत्रयी के भाष्य तैयार कर राष्ट्र को उसकी अस्मिता से परिचित कराया। प्रो. अरोड़ा ने कहा कि केवल 32 वर्ष की छोटी आयु में ही सनातन वैदिक धर्म क

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 135 बच्चियों को लगाए गए टीके

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - यौन शोषण की पीड़ित बच्चियों के लिए देश में अपनी तरह की पहली अभिनव पहल में नई दिल्ली के ओखला में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पीड़ित बच्चियों और गरीब परिवारों की बच्चियों के लिए निशुल्क एचपीवी टीकाकरण शिविर लगाया गया। इस दौरान नौ से 14 वर्ष के बीच की 135 बच्चियों का टीकाकरण किया गया। शिविर का आयोजन बच्चों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे संगठन इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. बी. आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल (प्रिवेंटिव आनकोलॉजी) और रोटरी क्लब, दिल्ली के सहयोग से किया।  तमाम शोध बताते हैं कि यौन शोषण की शिकार बच्चियों में सर्वाइकल कैंसर के खतरे की आशंका ज्यादा होती हैं लेकिन इसके बचाव के लिए लगाया जाने वाला एचपीवी का टीका काफी महंगा आता है जो गरीब परिवारों की पहुंच से बाहर है। लिहाजा आईसीपीएफ ने इसके लिए पहल की और एम्स के कैंसर विभाग में सहायक प्राध्यापक डॉ. पल्लवी शुक्ला की देखरेख में उनकी टीम के सदस्यों डॉ. सुजाता पाठक और डॉ. प्रतीक ने टीके लगाने का जिम्मा उठाया। दुनियाभर में कैंसर की शि