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दिसंबर 15, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बिहार समाज संगठन की नई कार्यकारिणी का चुनाव संपन्न

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० आशा पटेल ०  जयपुर। जयपुर बिहार समाज संगठन की ओर से सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र के सोडाला स्थित होटल मारवाड़ में कार्यकारिणी का चुनाव कराया गया। जिसमें समाज के सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने मुख्य रूप से उत्साह के साथ भाग लिए एवं सर्वसम्मति से गठित नई कार्यकारिणी को शपथ दिलाई गई । नव निर्वाचित कार्यकारिणी में प्रदेश अध्यक्ष पवन कुमार शर्मा ,महासचिव चंदन मंडल, कोषाध्यक्ष सुरेश पंडित, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शशि शंकर झा, उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा निर्वाचित हुए।  कार्यकारिणी सदस्य में रघुवीर राय, विनोद यादव, देवेंद्र मंडल, बैजनाथ यादव ,परामर्श समिति सदस्य संजय कुमार सिंह, शेषनाथ तिवारी भी चुने गए।  इस अवसर पर समाज के नए अध्यक्ष पवन कुमार शर्मा ने उपस्थित निर्वाचित पदाधिकारियों और समाज के सभी बंधुओं को संबोधित करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया । उन्होंने नई उमंग ,नये सोच व जोश के साथ में जयपुर शहर की हर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को संगठित करने का आव्हान दिया है।

अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 'आयुर्वेदा 2.0' चिकित्सा पद्धतियों में तकनीक,नवाचार पर होगी चर्चा

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० आशा पटेल ०  जयपुर | राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान एवं माय क्रैक द वेलनेस कोड फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 16 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 'आयुर्वेदा 2.0' का आयोजन राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान में किया जा रहा है । इस सेमिनार में आयुर्वेद में तकनीक एवं नवाचारों के उपयोग से आ रहे बेहतर परिणाम एवं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों से आयुर्वेद का सामंजस्य जैसे विषयों पर देश -विदेश से आने वाले विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे।   परेशानियों से अब देश ही नहीं विदेशों में भी लोग अलार्नेट थेरेपी की तलाश में हैं। आयुर्वेद हो ,होमियोपैथी ,नेचरोपेथी,योगा,प्राणायाम ,रेकी और प्राणिक चिकित्सा जैसी अनेक पेथी की और भाग रहा है। कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन फाउंडेशन के ग्लोबल चेयरमैन नरेन बक्शी, एमडी विंग कमांडर वी के काला, डायरेक्टर शरद कामरा समेत अन्य सदस्यों की उपस्थिति में किया गया। नरेन बक्शी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें आयुर्वेद में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस समेत विभिन्न तकनीक के समावेश एवं नवाचारों पर चर्चा होगी।  इस अवसर पर डाइरेक्टर शरद कामरा ने बताया कि मुख्य वक्त

24-25 दिसम्बर को मुंबई में होगा ‘संविधान नाटय उत्सव’

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० आशा पटेल ०  भारतीय संविधान आज़ादी आंदोलन से निकला जन मुक्ति ग्रंथ है ! यह ग्रंथ लोकतंत्रिक व्यवस्था का पथ प्रदर्शक और सूत्र संचालक है! आज़ादी आंदोलन के मंथन से निकला अमृत है जो वर्ण व्यवस्था से भारत की जनता को मुक्त कर सबको मनुष्य मान विधि सम्मत बराबरी का अधिकार देता है! आज संविधान ख़तरे में हैं और कोई अचरज नहीं होना चाहिए कि आगामी जनवरी में मंदिर उद्घाटन के बाद वर्णवादी धर्मांध सत्ता संविधान का मुख्य पृष्ठ और प्रस्तावना बदल कर वर्णवादी सत्ता और राष्ट्र की घोषणा कर दे !  वैसे भी वर्णवादी धर्मांध सत्ता ने विगत 9 साल से लोकतंत्र के चारों स्तम्भों को ध्वस्त कर मूर्छित किया हुआ है । न्यायपालिका अपने अंधेरों में गुम है, चुनाव आयोग और कार्यपालिका भक्ति रस का आनंद ले रहे हैं. विधायिका अमृत काल में लोकतंत्र को धर्मांध भीड़तंत्र में बदल संसद की गरिमा और गौरव को नेस्तानामुद कर रही है. मीडिया वर्णवादी धर्मांध सत्ता के चरण धो अमृतकाल का जयकारा लगा रहा है ! अब बात जनता की ... जनता पांच किलो मुफ्त अनाज़ में अपना वोट बेच कर मोक्ष प्राप्त कर चुकी है. अब मंदिर में भजन कीर्तन करती रहेगी ... क्योंकि मंदिर

पर्यावरणीय ख़तरों से ऊपर उठकर अब ठोस कदम उठाने की जरूरत

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०  राम भरोस मीणा०  आज समूची दुनिया पर्यावरणीय खतरों से जूझ रही है। जीवाश्म ईंधन आज पर्यावरणीय संकट की अहम वजह है। जीवाश्म ईंधन के साथ हमें बारूद बनाने तथा अनावश्यक प्रयोगों पर भी खुलकर प्रतिबंध लगवाने की बेहद जरूरत है क्योंकि धरती को बचाने के लिए पर्यावरणीय प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले सभी कल-कारखाने, अनुसंधानों, प्रशिक्षण केन्द्रों को त्याग कर पर्यावरण संरक्षण के सभी क़दम उठाना बहत ही आवश्यक है। आज सम्पूर्ण विश्व पर्यावरणीय प्रदूषण से उपजे ख़तरों से जूझ रहा है , वहीं आज देश के प्रत्येक शहर से स्वच्छ वायु एक तरह से गायब ही हो चुकी है। वहां ज़हर भरी हवाओं का बोलबाला हो गया है, जिससे आम आदमी का जीना दुश्वार हो गया है। चारों ओर धुंए के बाद ज़हर उगलतीं चिमनियां, स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती गैसें, अपशिष्टो एवं मल के साथ बहते गंदे नाले, कचरे के पहाड़ के साथ साथ आसमान में एक ऐसी चादर छा गई है जो सभी सजीव प्राणियों को निगलने को तैयार दिखाई देती है। इन सभी पर्यावरणीय ख़तरों को देखते हुए स्वाभाविक यह प्रशन उठने लगता है कि आखिर यह खतरा मानव के सामने क्यों पैदा हुआ है। कैसे पैदा हुआ और कब पै

17 दिसंबर को दिल्ली में होगा राष्ट्रीय कवि सम्मेलन

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0 योगेश भट्ट 0  नई दिल्ली : दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में १७ दिसंबर को देश भर के कवियों का साप्ताहिक प्रज्ञा मेल कि ओर से कवि-सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र,गुजरात,ओडिसा आदि से करीब ३० से ३५ कवि इसमें भाग लेने आर रहे है।  इस वर्ष मुख्य अतिथि सिल्चर के सांसद कृपानाथ मल्लाह और पदम्श्री जितेंदर सिंह शटी को आमंत्रित किया गया है। आईआईएम के प्रोफेसर बाहरुल इस्लाम भी मुख्य अतिथियों में होंगे। गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हिरण्यमय राय के आने की भी सूचना है।  कवियों में दिल्ली से उर्दू में दिलदार देहलवी, ,इमरान अहमद,संस्कृत के कवि प्रोफेसर ऋषिराज पाठक ,हिंदी के नवयुवा कवि सुमित ,आशीष मुरादाबादी ,योगेश भट्ट आदि होंगे। गुजराती में माधवी व्यास ,हितेश व्यास रहेंगे। बांग्ला में गाजियाबाद से अलका गोस्वामी,और दिल्ली से हिंदी व असमिया की कवित्री जाह्नवी काकति होगी। महाराष्ट्र से हिंदी व मराठी के कवि रविंदर सिंह मोदी शिरकत करेंगे। इसके अलावा  असमिया-बांग्ला कवि एवं सम्मानित कलाकार आदि होंगे ,  काव्यमनी बोरा ,डॉ.मृणमोय नाथ,मीना तालुकदार