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जुलाई 19, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दुर्गापुर हवाई अड्डा चालू होने वाला 40वां हवाई अड्डा बना

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भारत में छोटे शहरों को जोड़ने वाली आरसीएस उड़ान शुरू करने के लिए 106 आरसीएस हवाई अड्डों/वाटर एरोड्रोम (76 उपयोग में न आने वाले, 20 क्षमता से कम उपयोग वाले और 10 वाटरड्रोम) तथा 31 हेलिपोर्ट की पहचान की गई है नयी दिल्ली - क्षेत्रीय सम्‍पर्क योजना (या उड़े देश का आम नागरिक/उड़ान) के अंतर्गत हाल ही में 12 मार्ग चालू किये गये हैं। इसके साथ ही उड़ान के अंतर्गत स्‍वीकृत कुल 706 मार्गों में से चालू मार्गों की कुल संख्‍या बढ़कर 186 (8 पर्यटन आरसीएस मार्गों सहित) हो गई है। इसके अलावा दुर्गापुर हवाई अड्डा इस योजना के अंतर्गत चालू होने वाला 40वां हवाई अड्डा बन गया है। चालू किये गये दैनिक उड़ान वाले 12 मार्ग  :- 1. कोलकाता (पश्चिम बंगाल) - इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) 2. इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) - कोलकाता (पश्चिम बंगाल) 3. इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) – रायपुर  (छत्‍तीसगढ़) 4. रायपुर (छत्‍तीसगढ़) - इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) 5. ग्वालियर (मध्‍य प्रदेश) – बेंगलूरू (कर्नाटक) 6. बेंगलूरू (कर्नाटक) - ग्वालियर (मध्य प्रदेश) 7. कोलकाता (पश्चिम बंगाल) –ग्वालियर (मध्‍य प्रदेश) 8. ग्वालियर (मध्‍य प्रदेश) - कोलकाता (पश्चि

‘सागर मैत्री’ के लिए आईएनएस सागरध्‍वनि रवाना

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आईएनएस सागरध्‍वनि का निर्माण स्‍वदेशी तकनीक से जीआरएसई लिमिटेड, कोलकाता ने किया है। इसे 30 जुलाई, 1994 को कमिशन किया गया था। पिछले 25 वर्षों में पोत ने समुद्र में बड़े पैमाने पर अनुसंधान कार्य किए हैं। पोत 30, जुलाई, 2019 को अपनी रजत जयंती मनाएगा। सागर मैत्री ट्रैक-2 के तहत सागरध्‍वनि थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर की यात्रा करेगी और इन देशों के चयनित संस्‍थानों के सहयोगी अनुसंधान कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेगी। सागर मैत्री मिशन ट्रैक-1 का आयोजन अप्रैल, 2019 में यांगून, म्‍यांमार में किया गया था। कोच्चि -आईएनएस सागरध्‍वनि, नौसेना भौतिक और समुद्री प्रयोगशाला (एनपीओएल), कोच्चि का समुद्र ध्‍वनि अनुसंधान पोत (एमएआरएस) है जिसका संचालन भारतीय नौसेना करती है। इसे 'समुद्री और संबंधित अंतरविषयी प्रशिक्षण व अनुसंधान पहल (एमएआईटीआरआई, मैत्री)'  के लिए कोच्चि से रवाना किया गया। सागरध्‍वनि को वाईस एडमिरल ए.के.चावला, एवीएसएम, एनएम, वीएसएम, दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर तथा रक्षा अनुसंधान व विकास विभाग के सचिव एवं रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन डॉ.जी.सतीश रेड्डी ने संयुक

उत्तर भारतीय आम समुद्री मार्ग से पहली खेप लखनऊ से इटली भेजी गई

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आम की इस खेप को रीफर कंटेनर द्वारा गुजरात के पीपावाव बंदरगाह भेजा जाएगा, जहां से यह स्पेन के रास्ते इटली पहुंचेगा। आम की इस खेप के लगभग 20 से 22 दिन में लखनऊ से इटली पहुंचने की संभावना है। लखनऊ - उत्तर भारत से आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 10 टन आम(चौसा) की पहली खेप समुद्री मार्ग से उत्तर प्रदेश मंडी परिषद पैक हाउस मलिहाबाद,लखनऊ से इटली भेजी गई। इस नौवहन को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(एपीडा) द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गई। आम की इस खेप को उत्तर प्रदेश मंडी परिषद के निदेशक श्री आर के पांडे तथा एपीडा के एजीएम डॉ. सी बी सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागो के अधिकारी भी उपस्थित थे।  उत्तरप्रदेश से आमो का निर्यात हवाई सेवा द्वारा किया जाता रहा है,लेकिन लखनऊ से यूरोप तक सामान भेजने की लागत बेहद अधिक है। उत्तरप्रदेश में अच्छी श्रेणी के आम होने के बाद भी लखनऊ से सीमित संख्या में हवाई सेवा होने तथा हवाई माल भाडे की दर अधिक होने के चलते आम का निर्यात आसान नहीं था। वायु सेवा के द्वारा प्रत

भारतीय रेलवे का पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए सबसे बड़ा भर्ती अभियान

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रेलवे के इस भर्ती अभियान की खास बात यह है इसमें आवेदन करने वाले कुल उम्‍मीदवारों में से महिला उम्‍मीदवारों की संख्‍या पुरूष उम्‍मीदवारों से कहीं ज्‍यादा है। कुल उम्‍मीदवारों में से 62 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसके अलावा इसमें 28 ट्रांसजेंडर उम्‍मीदवार भी भाग ले रहे हैं।   नयी दिल्ली - भारतीय रेलवे द्वारा पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए सबसे बड़ा भर्ती अभियान चलाया जाएगा। पैरा मेडिकल स्‍टाफ की विभिन्‍न श्रेणियों के 1923 पदों के लिए 19 जुलाई से कंप्‍यूटर आधारित परीक्षा आयोजित की जाएगी। ये परीक्षा 19 से 21 जुलाई तक प्रत्‍येक दिन तीन शिफ्ट में होगी जिसमें 4.39 लाख से ज्‍यादा उम्‍मीदवार शामिल होंगे। परीक्षा के लिए देश के 107 छोटे बड़े शहरों में 345 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।        यह पहली बार है जब रेलवे द्वारा आयोजित किसी भर्ती परीक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्‍ल्‍यूएस) के उम्‍मीदवारों के लिए आरक्षण की व्‍यवस्‍था की गई है। प्रतिवर्ष कुल रिक्त पदों में से 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्‍ल्‍यूएस) के लिए आरक्षित करने की नई व्‍यवस्‍था के तहत इस परीक्षा में 4654 ईडब्‍ल्‍यूएस उम्‍म