वर्चुअल टूर के माध्यम से कलाकार जामिनी राय को श्रद्धांजलि
नयी दिल्ली - जामिनी राय 20वीं सदी भारतीय कला के सबसे आरंभिक और सबसे उल्लेखनीय आधुनिकतावादी थे। 1920 के बाद से विधा के सार की उनकी खोज ने उन्हें नाटकीय रूप से अलग अलग विजुअल शैली के साथ प्रयोग करने का अवसर दिया। लगभग छह दशकों तक फैले उनके कैरियर में कई महत्वपूर्ण परिवर्तनशील पड़ाव आए और उनकी कलाकृतियां सामूहिक रूप से उनकी आधुनिकतावाद की प्रकृति और उनके समय के कला प्रचलनों से अलग हटने में उनकी प्रमुख भूमिका को दर्शांती हैं। 20वीं सदी के आरंभिक दशकों में पेंटिंग की ब्रितानी अकादमिक शैली में प्रशिक्षित, जामिनी राय एक कुशल चित्रकार के रूप में विख्यात हो गए। 1916 में अब कोलकाता के गवर्नमेंट आर्ट स्कूल से स्नातक करने के बाद उन्हें नियमित रूप से कमीशन मिलता रहा। 20वीं सदी के आरंभिक तीन दशकों में बंगाल में सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों में बहुत बड़ा बदलाव देखा गया। राष्ट्रीय आंदोलन की बढ़ती भावना साहित्य और विजुअल कलाओं में सभी प्रकार के बदलावों को प्रेरित कर रही थी। अबनींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित द बंगाल स्कूल और नंदलाल बोस के तहत शांतिनिकेतन में कला भवन ने यूरोपीय नैचुरलिज्म और माध्यम के रूप में त...