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अगस्त 20, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

21, 22 व 23 अगस्त को प्रदेश की सभी ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की बैठक आयोजित होगी

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० संवाददाता द्वारा ०  21, 22 व 23 अगस्त को प्रदेश की सभी ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की बैठक आयोजित होगी जिसमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पदाधिकारी सम्मिलित होंगे। ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के बैठक में विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनने के इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन लिये जायेंगे तथा दिनांक 24 अगस्त को सभी ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां प्राप्त आवेदनों की सूची ब्लॉक अध्यक्ष की टिप्पणी के साथ व बैठक की कार्यवाही रजिस्टर की फोटो कोपी सहित जिला कांग्रेस कमेटियों को जमा करवायेगी। जयपुर । राजस्थान विधानसभा चुनाव हेतु गठित कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं प्रदेश चुनाव समिति के चेयरमेन गोविन्द सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान प्रभारी सुखजिन्द्र सिंह रंधावा, सहप्रभारी काजी निजामुद्दीन, अमृता धवन, स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य गणेश गोडियाल, अभिषेक दत्त सहित प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों ने भाग लिया । प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि बैठक में सभी सदस्यों से आगामी चुनाव हेतु रणनीति बनाने क

जेसीएफ फेस्टिवल में भारतीय अर्थव्यवस्था, सूचना प्रौद्योगिकी और रिफॉर्म्स पर चर्चा

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० आशा पटेल ० जयपुर। जयपुर सिटीजन फोरम फेस्टिवल में आयोजित टाॅक शो में पद्म विभूषण एवं पद्मश्री एन.आर. नारायण मूर्ति ने भारतीय अर्थव्यवस्था, सूचना प्रौद्योगिकी और रिफॉर्म्स पर चर्चा की। इस टाॅक शो में मूर्ति के साथ नैसकॉम के संस्थापक हरीश एस. मेहता और टेक महिंद्रा के सीईओ एवं एमडी, चंदर पी. गुरनानी ने परिचर्चा की। एसएमएस अस्पताल के बाहर जेसीएफ चेयरम राजीव अरोड़ा और इंफोसिस संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने जरूरतमंदों में भोजन सामग्री वितरित की। जेसीएफ चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने बताया कि जयपुरवासियों को शहर की कला एवं संस्कृति से समृद्ध विरासत से रूबरू कराने और अंगदान की मुहिम से जोड़ने के उद्देश्य व जयपुर को सांस्कृतिक हब बनाने के लिए जयपुर सिटीजन फोरम (जेसीएफ) द्वारा जेसीएफ फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। अरोड़ा के अनुसार जयपुर में वो सब खूबियाँ हैं जिससे यह देश की सांस्कृतिक गतिविधियों का हब बन सकता है , राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर इसी दिशा में एक कदम है जो अशोक गहलोत की दूरदर्शी सोच दिखाता है। इस अवसर पर जेसीएफ की सह-अध्यक्ष श्रीमती जयश्री पेडीवाल और सचिव अजय डाटा के अतिरिक्त संयुक्त सचिव

चांदी की पालकी पर सवार हो नगर भ्रमण को निकली तीज माता

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० आशा पटेल ०  जयपुर । जयपुर शहर में परम्परा और रीति-रिवाजों के साथ तीज माता की सवारी निकाली गई। तीज माता की सवारी के देखने के लिए जयपुरवासियों सहित विदेशी सैलानियों ने तीज माता की सवारी देखी। विदेशी सैलानी तीज माता की सवारी के साथ चल रहे शाही लवाजमे को देख अभिभूत नजर आए। आस्था और उमंग के सैलाब के बीच जैसे ही त्रिपोलिया गेट से तीज माता की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली तो त्रिपोलिया के झरोखों से सवारी पर गुलाब की पंखुडियां की वर्षा की गई, जिसने माहौल को भक्तिमय कर दिया। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार इस बार तीज की सवारी देखने जिस तरह से शहर उमड़ा यह सुखद संकेत हैं जो बरसों के बाद देखने को मिला। शेखावत ने बताया की विभाग की ओर से तीज-त्यौहार और मेलों का आयोजन परम्पराओं और रीति-रिवाजों को अक्षुण्ण बनाए रखने में सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि विदेशी मेहमानों के लिए हिन्द होटल की छत पर बैठने की व्यवस्था की गई साथ ही उन्हें तीज के अवसर पर बनने वाली विशेष व्यंजन घेवर खिलाकर उनका मुंह मीठा करवाया गया। उन्होंने बताया की तीज के अवसर पर प्रदेश भर के करीब 130 से अधिक लोक

चार करोड़ वां पौधा रोपण पूरा ,पाँच करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य-अमित साह

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०  विनोद तकियावाला  ०  नयी दिल्ली - आदिकाल से श्रृष्टि के श्रृजन में पर्यावरण का महत्वपूर्ण योगदान है।जब विज्ञान का नही था तब आदिकाल में मानव सभ्यता का विकाश नही हुआ था तब कबीले में मानव जंगल व प्राकृतिक बतावरण रहा करते थें।शैने शैने मानव जीवन में अपनी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु ज्ञान विज्ञान का अवलम्बन लेकर विकाश की नई गाथा लिखना प्रारम्भ कर दिया !काल का चक्र घुमता गया है।विकाश के नाम विनाश रूपी दैत्य का अपना विकाराल रूप धारण करके मानव के लिए बाधाएं उत्पन्न कर ने लगा । अपने प्रकृति व पर्यावरण से दूर हो गए।आज भले मानव विज्ञान के सहारे भले ही चाँद सितारे की दुर को नाप सकते है।वही दुसरी ओर हमारा जीवन दुबर हो गया । विकाश के नाम पर विशालकाय कंरीट के जंगल' अवैध खनन ,जंगल के अंधाघुन कटाई के कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड गया है।मानव आज प्रकृति के बदलते हुए मियाज से जलवायु परिवर्तन से जुझ रहा है।प्राकृतिक प्रकोप के कारण आये दिनो भुकम्प,बाढ़-सुखाढ,अनेक संक्रामक बीमारीयो का उदाहरण आये दिनों देखने को मिलता है। वैश्विक महामारी  कोरोना संकट इसका सबसे बडा उदाहरण है। प्रकृति में संतलुन बनाये रखने पेड़