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अगस्त 13, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सहज सम्भव व हिंदी साहित्य मंथन के तत्वाधान में कवि सम्मेलन का आयोजन

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नयी दिल्ली - सहज सम्भव व हिंदी साहित्य मंथन के तत्वाधान में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सहज संभव नशामुक्ति केन्द्र है, यहां रह रहे समाज से, घर से विरक्त लोगों के लिये यह आयोजन विशेष रूप से किया गया।  साहित्य प्रेमी व संस्था से जुड़े लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत की. यह कार्यक्रम डॉ श्रीमती प्रेम सिंह की अध्यक्षता में हुआ, इसमें संजय जैन, राजेन्द्र राज, सुषमा भंडारी, माया अग्रवाल, सन्तोष कुमारी, उषा व एकता कपूर ने अपनी देशप्रेम से सराबोर रचनायें , गीत, गजल, कविता सुनाकर माहौल को भारतीय होने का गौरव दिया। कार्यक्रम का सफल व कुशल संचालन एकता कपूर ने किया । अध्यक्षीय भाषण में कवियों के अतिरिक डॉ प्रेम सिंह ने यहां रह रहे बीमार लोगों को राखी बांधी  और संस्था की अध्यक्ष रेखा झींगन के इस एक काम की भूरी भूरी प्रशंसा की। अंत में रेखा झींगन ने संस्था की ओर से सबका आभार व्यक्त किया।              

विकास और समाज सेवा के क्षेत्रों में योगदान के लिए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्रदान किया गया

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राष्ट्रीय युवा पुरस्कार 2016-17 के लिए 20 खिलाड़ियों एवं तीन संगठनों को प्रदान किया गया. एकल पुरस्कार एक पदक, एक प्रमाणपत्र और 50 हजार रुपए के नकद पुरस्कार से निर्मित होता है। युवा संगठन को दिए जाने वाले पुरस्कार में एक पदक, एक प्रमाणपत्र और 2 लाख रूपए का नकद पुरस्कार शामिल होता है। इसके अतिरिक्त “भारतीय युवाओं की दृष्टि से चीन-2019” पर एक फोटो प्रदर्शनी के लिए भी तीन एकल पुरस्कार दिए गए। नयी दिल्ली - केन्द्रीय खेल मामले एवं कार्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरेन रिजीजू ने यहां विकास और स्वास्थ्य, मानवाधिकार संवर्धन, सक्रिय नागरिकता, समुदाय सेवा इत्यादि जैसे  समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य एवं योगदान के लिए एकल (15-29 वर्ष की आयु के बीच) एवं संगठनों को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्रदान किया। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के युवा मामले विभाग द्वारा दिए गए पुरस्कारों का उद्देश्य युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय विकास एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता अर्जित करने के लिए प्रेरित करना, युवाओं को समुदाय के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना और इ...

प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत को सशक्त बनाने पर प्रदर्शनी लगाई गई

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नयी दिल्ली - भारत सरकार का परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई)  के न्यू मोतीबाग के रिक्रियेशन क्लब में गैर-बिजली एप्लीकेशनों के लिए डीएई स्पिन-ऑफ टेक्नोलॉजिज पर दो दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । प्रदर्शनी भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी), राजा रमन्ना उन्नत प्रौद्योगिकी केन्द्र, इन्दौर एवं परमाणु ऊर्जा विभाग (बीएई) की अन्य इकाइयों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को कवर कर रही है जो स्वास्थ्य, कृषि, जल, खाद्य सुरक्षा एवं पर्यावरण के क्षेत्र में रोजमर्रा के जीवन में आम लोगों के लिए उपयोगी हैं। स्वास्थ्यः  स्वास्थ्य क्षेत्र में तीन वर्ग हैं- (i) रेडियो फार्मास्युटिकल्स का विकास (ii) उत्पादन एवं वितरण (iii) डाइग्नोसिस के लिए इसका कार्यान्वयन एवं थेयराप्युटिक एप्लीकेशन। कैंसर का उपचार टाटा मैमोरियल हॉस्पिटल (टीएमएच), जो डीएई का एक पूर्ण रूपेण स्वायतशासी समर्थित संस्थान हैं, कैंसर रोगियों को व्यापक उपचार उपलब्ध कराता है। टेली-ईसीजी, भाभा ट्रोन-एरेडीएशन टेलीथिरेपी मशीन, तपेदिक एवं कैंसर की जांच के लिए चिकित्सकीय उपकरणों को प्रदर्शित किया गया । कृषिः  डीएई ने देशभर में स्थानीय मौ...

आयकर विभाग ने 700 करोड़ की अघोषित आय का पता लगाया

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तलाशी के दौरान समूह के काम करने के तरीके का पता चला। इसके तहत कच्चे माल और बोतलों की कीमत को अत्यधिक बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता था। आपूर्तिकर्ताओं को इस बढ़ी कीमत का भुगतान चेक या आरटीजीएस के द्वारा किया जाता था। बाद में  आपूर्तिकर्ताओं से अतिरिक्त धनराशि नकद में वापस ले ली जाती थी नयी दिल्ली - आयकर विभाग ने तमिलनाडु में बीयर और आईएमएफएल के एक प्रमुख उत्पादक कंपनी पर जांच और तलाशी की कार्रवाई की। जांच कार्रवाई तमिलनाडु के चेन्नई, कोयम्बटूर, तंजावुर तथा केरल, आंध्र प्रदेश और गोवा स्थित 55 स्थानों पर की गई। इन परिसरों में कंपनी के प्रमोटरों, प्रमुख कर्मचारियों और सामग्री आपूर्तिकर्ताओं के निवासस्थान शामिल हैं। यह तलाशी अभियान खुफिया जानकारी पर आधारित थी, जिसमें कहा गया था कि यह व्यावसायिक समूह उत्पादन सामग्री की कीमत बढ़ाकर दिखाता है और इस प्रकार बड़े पैमाने पर कर चोरी करता है। तलाशी के दौरान समूह के काम करने के तरीके का पता चला। इसके तहत कच्चे माल और बोतलों की कीमत को अत्यधिक बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता था। आपूर्तिकर्ताओं को इस बढ़ी कीमत का भुगतान चेक या आरटीजीएस के द्वारा किया जाता था।...

माउंट एवरेस्ट विजेता सीमा गोस्वामी की उपलब्धि को केंद्र और राज्य सरकार ने अनदेखा किया

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दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट को फतह करना उसका सपना था। पर्वत पर चढ़ने का मौका उसे उस समय उसको मिला जब वह एन.सी.सी.के दल में शामिल होकर 2009 ई. में भारत की लमखागा पर्वत चोटी पर विजय प्राप्त की। पहाड़ पर चढ़ते-चढ़ते उसकी हिम्मत जवाब दे गई और उसने अपने कान पकड़कर स्वयं से माफी मांगी। वह अपने घर वापस लौट आई। लेकिन पर्वत पर चढ़ने की उसकी चाहत मरी नहीं। 2013 में फिर प्रशिक्षण लिया ओर DKD 2 पे विजय प्राप्त की । सीमा गोस्वामी का जन्म हरियाणा के ज़िला कैथल के गांव सीवन में 10 मार्च ,1988.को हुआ। पिता ओइम प्रकाश किसान है,माता विमला देवी है। सीमा ने ग्रेजुएशन के अलावा योगा थेरेपी में डिप्लोमा ,बी.पी.एड तथा फिजिकल में एम.ए. किया। इनके अलावा माउंटेनियरिंग की बेसिक तथा एडवांस की ट्रेनिंग भी ली। बैडमिंटन और एथलेटिक्स में भी हाथ आजमाये। सीमा को रीडिंग, ट्रेवलिंग, गार्डनिंग और माउंटेनियरिंग का शौक रहा। वह शुरू से ही निडर और साहसी रही है. सीमा ने 2014 में फिर से अभ्यास शुरू कर दिया। वह लड़कियों को पीठ पर लादकर चढ़ाई का अभ्यास करने लगी। वह फिर से पहाड़ पर जाना चाहती थी लेकिन घर की आर्थिक स्थित...