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Aurangabad रीड एंड लीड फाउंडेशन ने मनाया विश्व और राष्ट्रीय डाक दिवस

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रीड एंड लीड फाउंडेशन ने मनाया विश्व और राष्ट्रीय डाक दिवस

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० संवाददाता द्वारा ०  औरंगाबाद : बायजीपुरा स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मोहल्ला बाल वाचनालय और अल हुदा उर्दू हाई स्कूल के छात्रों ने मनाया विश्व पोस्ट दिवस मनाया . इस अवसर पर बाल पुस्तकालय के 500 सदस्यों को पोस्ट कार्ड वितरित कर इन से अपने पसंदीदा पुस्तक व लोकप्रिय पुस्तक के बारे मे लिखने के लिए कहा गया.. रीड एंड लीड फाउंडेशन के अध्यक्ष मिर्जा अब्दुल कय्युम नदवी ने छात्रों को कहा कि पोस्ट कार्ड दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है. विश्व डाक दिवस हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है और यह यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की वर्षगांठ का भी प्रतीक है,  जिसकी शुरुआत 1874 में स्विट्जरलैंड में हुई थी. UPU ने लोगों को दुनिया भर में दूसरों को पत्र भेजने में सक्षम बनाकर वैश्विक संचार क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. विश्व डाक दिवस की स्थापना 1969 में की गई थी और तब से, दुनिया भर के देश डाक सेवाओं के महत्व पर जोर देने के लिए विभिन्न गतिविधियों में भाग ले रहे हैं...  मिर्जा नदवी ने कहा कि इस से पूर्व फाउंडेशन के माध्यम से 25000 हजार पोस्टकार्ड शहर के उर्दू स्कुलों और शहर चल र

Delhi : उर्दू अदब के मशहूर लेखक प्रोफ़ेसर डॉक्टर मुज़फ्फर हनफी की चौथी ब...

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गोदरेज अप्लायंसेज की फेस्टिव ऑफरिंग्स में स्प्लिट एयर कंडीशनर पर 5 साल की कॉम्प्रिहेंसिव वारंटी

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० संवाददाता द्वारा ०  मुंबई : गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के गोदरेज एंड बॉयस अप्लायंसेज व्यवसाय ने उपभोक्ताओं के लिए अपने त्योहारी ऑफर्स की घोषणा की है, जिसमें प्रोडक्ट्स से लेकर ब्रांड के त्योहारी सीजन की पेशकशों तक “सोच-समझकर बनाई गई चीजें” की फिलॉसफी को प्रमुख स्थान दिया गया है। ब्रांड ने अपने त्योहारी वादे के केंद्र में कन्ज्यूमर्स के अनुभवों को प्रमुखता दी है। एक ओर, बेहतर वित्तीय विकल्पों के साथ, ग्राहक तेजी से प्रीमियम अप्लायंसेज को अपग्रेड करने और उन पर खर्च करने के इच्छुक हैं, तो वहीं दूसरी ओर, अप्लायंसेज की लाइफ भी घट रही है।  शोध से पता चलता है कि वारंटी, टिकाऊपन और बिक्री के बाद की सेवा अप्लायंसेज खरीदते समय उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण कारक बने हुए हैं। यह वार्षिक रखरखाव अनुबंध (AMC) की बिक्री में आई वृद्धि को बेहतर तरीके से परिभाषित करता है, खासकर एयर कंडीशनर्स जैसी श्रेणियों में, जिनका उपयोग देश में उच्च तापमान के कारण अधिक होता है। दुर्भाग्यवश, बाजार में उपलब्ध कई वारंटीज में छिपे हुए शुल्क और जटिल शर्तें उपभोक्ताओं के दीर्घकालिक अनुभव को प्रभावित करती हैं। इस ज़रूरत को प

डाक टिकट संग्रह पर संगोष्ठी और प्रशनोत्तरी का आयोजन

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० इरफ़ान राही ०  नयी दिल्ली - पूर्वी दिल्ली डाक प्रखंड (डाक विभाग) द्वारा अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल, दिलशाद गार्डन दिल्ली में फिलाटेली (डाक टिकट संग्रह) पर एक संगोष्ठी और प्रशनोत्तरी का आयोजन किया गया| इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों और डाक टिकट प्रेमियों के बीच डाक टिकट संग्रह के महत्व और इसकी एतिहासिक धरोहर को बढ़ावा देना था | संगोष्ठी में श्री पुलक गुप्ता, फिलाटेलईस्ट ईस्ट दिल्ली ने डाक टिकट संग्रह की एतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डाला I उन्होंने बताया की डाक टिकट न केवल एक संचार का माध्यम है,बल्कि यह देश की संस्कृति, एतिहासिक घटनाओं का भी प्रितिनिधित्व करते है | इस अवसर पर मुख्य अतिथि रुचिरा भटनागर प्रधानाचार्य अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल, दिलशाद गार्डन दिल्ली ने कहा “फिलाटेली एक मनोरंजक और ज्ञानवर्धक गतिविधि है जो छात्रो को इतिहास और संस्कृति के प्रति जागरूक करती है. हमें इसे बढ़ावा देने के लिये और अधिक प्रयास करने चाहिये | डाक विभाग के अधिकारी साजिद विशाल ने कहा कि डाक विभाग देश की पहचान है और शान हे देश की प्रगति और लोगों के विश्वास का प्रतीक भारतीय डाक विभाग है इसके हज़

विजयदशमी पर पुतला फूंक देना ही काफी नहीं,अपने अंदर छिपे रावण को खत्म करने की आवश्यकता है

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० श्याम कुमार कोलारे ०  छि न्दवाड़ा,मध्य प्रदेश विजयदशमी को हर साल बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हमारी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम ने रावण पर विजय पाई थी। तब से विजय की इस खुशी में दशहरा मनाया जाने का विधान है। नवरात्रि के दसवें दिन यानी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा से लेकर नवमी तक दुर्गापूजा का उत्सव, जिसे नवरात्र भी कहते हैं, किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। दशहरा के दिन राजाओं द्वारा शस्त्र व अश्व पूजन का शास्त्रीय विधान किया जाता था। राजवंशों में दशहरे पर ‘शस्त्र पूजन’ की सुदृढ़ परंपरा है। न केवल क्षत्रियों में, बल्कि देश की सुरक्षा में समर्पित सेना व पुलिस संस्थाओं के वीर सपूत भी इस दिन ‘शस्त्र पूजन’ करते हैं।  आम लोगों की धारणा में यह दिन धर्म के मूर्तिमान विग्रह श्रीराम की रावण पर विजय से जुड़ा है। अत: लोग इसे अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक का पर्व मानते हैं। आजकल दशहरा का सीधा-सा मतलब रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाकर श्रीराम विजय का हर्ष-उल्लास मनाना मात्र है। इससे आगे-पीछे के तथ्य जाने बिना ‘विजयादशमी’ को समझना बह