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मार्च 28, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
भारत कृषि क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान के साथ अमृतकाल में एक शानदार कहानी लिखेगा
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली : कृषि क्षेत्र के कल्याण में केंद्र, राज्यों, उद्योग और एनजीओ के एक साथ आने को एक स्वस्थ पहल बताते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत का अमृतकाल पूरा होने तक भारत एक बेहतर और शानदार कहानी लिखेगा, जिसमें कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। फाउंडेशन फॉर द ग्रोथ ऑफ न्यू इंडिया या एफजीएनआई (FGNI) द्वारा आयोजित "भारत की कृषि क्षमता का साकारीकरण: एक समृद्ध अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने की कुंजी" विषय पर एक आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। बचपन में स्वयं एक किसान रहकर खेती कर चुके डॉ पाठक ने कहा कि जब किसी किसान, खासकर लघु एवं सीमान्त किसान को दर्द होगा है, वे उसे महसूस करने के साथ-साथ समझ सकते हैं। बिल गेट्स और विभिन्न देशों द्वारा हाल ही में भारत को मिली सराहना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "हम हाथों में भीख का कटोरा लेकर खाद्यान्न में आत्म-निर्भरता और विश्व में दूसरे सबसे बड़े उत्पादक तक का लंबा सफर तय ...
राकेश शर्मा को पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान
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० योगेश भट्ट ० इंदौर । देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘वीणा’ (इंदौर) के संपादक राकेश शर्मा को इस वर्ष के पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। सम्मान समारोह 2 अप्रैल को सायं 4:00 बजे इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के स्थानीय संयोजक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के अध्यक्ष मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश लाल मेहरा होंगे एवं वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। समारोह में पत्रिका ‘सरस्वती’ के संपादक रविनंदन सिंह, मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. सोनाली नरंगुदे विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इस अवसर पर पर इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी भी मौजूद रहेंगे। 1 जुलाई, 1961 को उत्तर प्रदेश के गांव न्यामतपुर, जिला इटावा में जन्मे राकेश शर्मा हिंदी साहित्य की बहुविधि सेवा कर रहे हैं।15 से अधिक पुस्तकों के लेखक राकेश शर्मा अब तक 10 से...
शोधकर्ता ने मोतियाबिंद के इलाज के लिए डॉ. बासु आई हॉस्पिटल की आई ड्रॉप्स को प्रभावी पाया
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली : आंखों के इलाज में अग्रणी ‘डॉ. बासु आई हॉस्पिटल’ ने हाल ही में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के प्रोफेसर यामिनी द्वारा आइसोटीन हर्बल आई ड्रॉप्स के इस्तेमाल को लेकर किए गए पूर्वव्यापी अवलोकन अध्ययन के नतीजों की घोषणा की। यह आई ड्रॉप मोतियाबिंद की वजह से देखने की क्षमता में होने वाले नुकसान के उपचार में काफी फायदेमंद होती है। इस अध्ययन में साल 2017 से 2019 के बीच इलाज किए गए 308 मोतियाबिंद मरीजों को शामिल किया गया था। शोध से मिले नतीजे बताते हैं कि उपचार के दौरान आइसोटीन के इस्तेमाल से मरीजों की दूर की नज़र (अनकरेक्टेड डिस्टेंस विजुअल एक्यूटी) और निकट दृष्टि दोष (अनकरेक्टेड नियर विजुअल एक्यूटी) में महत्वपूर्ण सुधार नज़र आया। अध्ययन के दौरान, मरीज़ों को उनकी स्थिति की गंभीरता के आधार पर चार समूहों में विभाजित किया गया था। समूह 1 में चश्मे की कम पावर विजन वाले मरीज़ शामिल थे, समूह 2 में 6/18 तक विजन वाले मरीज़ थे, समूह 3 में शामिल मरीजों का विजन 6/60 तक थाऔर समूह 4 में वे मरीज़ शामिल थे जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्गीकरण के अनुसार दृष्टिहीन...
कहानी संग्रह // अनकही भावनाओं का रागात्मक शोध है 'नर्म फाहे
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० शकुंतला मित्तल ० वरिष्ठ साहित्यकार भावना सक्सेना का कहानी संग्रह सर्व भाषा प्रकाशन से प्रकाशित ' नर्म फाहे' वाकई इंद्रधनुषी रंगों से भरा खूबसूरत कहानी संग्रह है। इसमें 16 कहानियांँ संकलित हैं। भावना की कहानियों का कहानी संसार घटनाओं या कथानक के कोरे वर्णन का वितान नहीं है, वरन मानव के अंतर्मन के यथार्थ, व्यक्ति की कुंठा, समस्याओं और अंतर्द्वंद के ताने बानों से बुना अद्भुत कथा संसार है। अधिकांश कहानियों में भावनात्मक गहराई और वैचारिकता इस तरह रुचिकर ढंग से समाहित की गई है कि पात्रों के अंतर्मन के घात-प्रतिघात, प्रतिक्रियाएंँ,चित्त की बदलती अवस्थाओं के साथ पाठक को गहरी जिज्ञासा से जोड़े रखने में पूरी तरह सक्षम है।बाह्य दृश्यों के चित्रांकन के साथ साथ अंतर्द्वंदों और मन के भीतर के सूक्ष्म भाव संसार पर भी लेखिका की दृष्टि की गहरी पकड़ है। 'नर्म फा़हे' कहानी,जो पुस्तक का शीर्षक भी है, बहुत खूबसूरती से हमें बताती है कि संसार के सब आत्मीय रिश्तों में न तो बंधा जा सकता है और न ही हर रिश्ते को नाम ही दिया जा सकता है।पर ये आत्मीय रिश्ते सेमल के नर्म फाहों की तरह सदा ज...
पढ़े-लिखे और टेलेंटेट लोगो का पलायन होना गांव के विकास में बाधक
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० श्याम कुमार कोलारे ० हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास में लगे है। हर माँ-बाप चाहते है कि उनका बच्चा दुनिया की सबसे अच्छी शिक्षा ग्रहण करे एवं अपने गांव के नाम के साथ देश मे भी नाम कमाए। गाँव में एक साधारण परिवार का बच्चा अपने टेलेंट की ताकत के दम से गाँव मे नाम कमाता है। गाँव में उसके मुकाबले में कोई नही होता, इससे वह अपने कौशल को और बढ़ाने हेतु अपने गाँव से शहर की ओर कदम बढ़ाता है जिससे उसकी जरूरत के आधार पर पढ़ाई, शिक्षा माहौल मिल पाए। गाँव के कम पढ़े-लिखे अभिभावक यही चाहते है कि उसका बच्चा तरक्की में उससे कंही आगे निकले। बच्चे भी माँ-पिता का सपना पूरा करने में कोई कसर नही छोड़ते है। वह अपनी उच्च पढ़ाई के लिए गाँव से शहर प्रस्तान कर जाते है। वस... यही से शुरू होता है गाँव के टेलेंट का शहर की ओर पलाय! एक बार गांव के टेलेंट को शहर की हवा लग जाये तो उसे फिर गांव की हवा नही सुहाती है। एक उच्च स्तरीय पढ़ाई करने के बाद उसे ऐसा लगने लगता है कि अब गांव उसके लिए नही है, गांव में उसकी अहमियत नही होगी, उसका टेलेंट कोई काम नही आएगा। इस कारण गांव के सक्षम लो...