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रक्षामंत्री 02 से 06 सितंबर तक जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर रहेंगे

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नयी दिल्ली - जापान यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री जापान के रक्षा मंत्री ताकेशी इवाया के साथ वार्षिक रक्षा मंत्रिस्तरीय संवाद की सह-अध्यक्षता करेंगे। मंत्रिस्तरीय संवाद का उद्देश्य भारत-जापान विशेष सामरिक एवं वैश्विक साझेदारी को मजबूत बनाना है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच पारस्परिक रक्षा और सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। अपनी यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात भी करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जापान 02 से 03 सितंबर और दक्षिण कोरिया 05 से 06 सितंबर का दौरा करेंगे। दक्षिण कोरिया में राजनाथ सिंह वहां के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जियोंग केइयोंग-डू के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वे दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री ली नाक-योन से भेंट करेंगे। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में उद्योग से सरकार (बी2जी) बैठक में दोनों देशों के रक्षा उद्योग के सदस्य शामिल होंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग सहयोग पर वार्ता होगी।

मीडिया की आजादी लोकतंत्र की बुनियाद है - जावड़ेकर

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नयी दिल्ली - जावड़ेकर ने मीडिया की स्वतंत्रता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, 'मीडिया की आजादी लोकतंत्र की बुनियाद है। लेकिन यह भी समझना चाहिए कि एक लोकतांत्रिक समाज में आजादी को उत्तरदायित्व के साथ जुड़ा होना चाहिए। उत्तरदायित्व के साथ जुड़ी आजादी नियम से बंधी आजादी नहीं होती। वह अपने तरीके से खुद को नियमों में ढालती है।' सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि भीड़ हिंसा की घटनाएं देश में सोशल मीडिया में फैलाई जा रही अफवाहों के कारण हो रही है। यह सोशल मीडिया में स्व-नियामक व्यवस्था या प्राधिकार के अभाव में होता है।    एक प्रश्न के उत्तर में  जावड़ेकर ने कहा कि सरकार हर तरह की आलोचना का स्वागत करती है, क्योंकि इससे शासन की समझ मिलती है। उन्होंने कहा, 'हम स्वतंत्र संस्थाओं में विश्वास करते हैं, क्योंकि ये लोकतंत्र की ताकत होते हैं।'कश्मीर में मीडिया की आजादी का उल्लेख करते हुए  जावड़ेकर ने कहा कि हालांकि वहां उचित प्रतिबंधों का दौर रहा है, लेकिन ज्यादातर प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। हम जल्द ही सामान्य स्थिति में पहुंच जाएंगे और नये कश्मीर तथा न...

नृपेंद्र मिश्र प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव का पद छोड़ेंगे

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नयी दिल्ली - प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र ने अपने पद से हटने की इच्छा व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने उनसे दो सप्ताह और इस पद पर बने रहने के लिए कहा है। साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री कार्यालय में विशेष ड्यूटी पर तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा के उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी पी.के.सिन्हा की नियुक्ति की है। एक बयान में नृपेंद्र मिश्र ने कहा : “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश सेवा करने का मुझे सौभाग्य मिला। मैं तहे दिल से उनका आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे यह अवसर दिया और मुझमें विश्वास व्यक्त किया। मैंने पांच वर्ष से अधिक समय हर घंटे संतोषजनक तरीके से कार्य करने का आनंद उठाया। अब समय आ गया है जब मैं आगे कूच करें, हालांकि मैं जनता के हितों और राष्ट्रीय हितों के प्रति समर्पित हूं। मैं सरकार के भीतर और बाहर सभी सहयोगियों, मित्रों और मेरे परिवार को सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूँ। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सफलता की कामना करता हूं जो हमारे देश को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जा रहे हैं।

शिक्षा में पूर्व और वर्तमान में बुनियादी अन्तर

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विजय सिंह बिष्ट - सेवा निवृत शिक्षक - उत्तराखंड  हमारे समय में दूरस्थ विद्यालय होने के कारण बच्चे परिपक्व अवस्था में प्रवेश ले पाते थे, छः वर्ष का होना भी अनिवार्य था वर्तमान में दो साल का बच्चा प्ले स्कूल और आंगनबाड़ी में जा रहा है हमारे समय में शिक्षक भी दूर दराज के हुआ करते थे, इस लिए पाठशाला में ही नि्वास होता था। आज वे विद्यालय खंडहर पड़े हैं।हर गांव में आंगनबाड़ी और विद्यालय हैं। जमाने में विद्यालयों में छात्र संख्या पर्याप्त होती थी। आज पलायन और छात्र संख्या की कमी के कारण विद्यालय बंद हो रहे हैं आजादी के बाद तक भी कक्षा एक से चौथी तक प्राइमरी,कक्षा पांचवीं से सातवीं तक वर्नाक्यूलर, एवं आठवीं से दसवीं तक इंटरेश हुआ करता था। आइए ,अब शिक्षा पर प्रकाश डालें हमने स्वर सोलह और व्यंजन छत्तीस पढ़ें है  मेरा जन्म वर्ष 1941ई0में  हुआ था। मैंने शिक्षा में बहुत परिवर्तन  शिक्षा विभाग से सेवा निवृत्त होने तक देखें हैं। हमारे जमाने में विद्यालय गांवों से दूर  हुआ करते थे,जो बहुत सारे गांवों के लोग सुविधा अनुसार अपने धन और श्रमदान से बनाते थे। शिक्षक भी जनता अपने खर्चे...

जम्मू कश्मीर व्यापार समन्वय कमेटी का गठन किया जाए

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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि शेष भारत के व्यापारी अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में व्यापार के बड़े अवसर देखते हैं, लेकिन निश्चित रूप से सरकार को जम्मू कश्मीर को देश के सबसे अच्छे व्यापारिक केंद्रों में से एक बनाने की सहायक नीतियों को बनाने की आवश्यकता है । अब जम्मू-कश्मीर के व्यापारियों को भारत के बाकी हिस्सों में अपना कारोबार बढ़ाने का पर्याप्त अवसर मिलेगा  जम्मू और कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद इस हिस्से में व्यापार को कैसे बढ़ाया जा सकता है जम्मू कश्मीर में व्यापारी किस प्रकार सरकार के साथ सहयोग कर सकतें है को लेकर कन्फ़ेडरेशनऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) का एक प्रतिनिधिमंडल चेंबर ऑफ ट्रेडर्स फेडरेशन जम्मू के व्यापारी नेताओं के साथ केंद्रीय वाणिज्य मंत्री एवं पीएमओ में राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह से नई दिल्ली में मिला और जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में इसे कैसे व्यापार एवं लघु उधयोग को व्यापार की बड़ी सम्भावनाएँ दी जा सकती है पर विस्तृत चर्चा की । प्रतिनिधिमंडल ने यह भी सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर में जम्मू कश्मीर व्यापार समन्वय कमेटी का गठन किया ...