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भाषाओं की दीवारें तोड़ देगा रिलायंस जियो का ‘AI बेस्ड स्किल डेवलेपमेंट’ सॉल्युशन

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० संवाददाता द्वारा ०  नई दिल्ली : जियो का AI बेस्ड स्किल डेवलेपमेंट सॉल्युशन, भाषाओं की दीवारें गिरा देता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह रियल टाइम में एक भाषा का कई भाषाओं में अनुवाद कर सकता है। अगर दिल्ली में बैठा कोई शिक्षक अंग्रेजी में ऑनलाइन पढ़ा रहा होगा तो चेन्नई, कोलकता, अहमदाबाद और मुंबई में बैठे छात्र इसे क्षेत्रिय भाषाओं यानी तमिल, बंग्ला, गुजराती और मराठी में सुन सकेंगे। अभी यह सॉल्युशन तमिल, कन्नड़, मराठी, गुजराती, बंगाली, तेलगु, मलयालम, अंग्रेजी और हिंदी जैसी नौ भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है। AI टेक्नोलॉजी बेस्ड स्किल डेवलेपमेंट सॉल्युशन जियो ने रेडिसिस के साथ साझेदारी में बनाया है। इस भाषाई सॉल्युशन का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। जियो-मीट के जरिए जियो-रेडिसिस प्लेटफॉर्म लॉगइन कर, अपनी पसंदीदा भाषा का चुनाव करें। एक बार लॉगइन होने पर छात्र या प्रशिक्षु को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुई बातचीत का लाइव अनुवाद यानी ऑडियो और ट्रांसक्रिप्शन मिलने लगेगा। भविष्य की जरूरतों के लिए इस अनुवाद और ट्रांसक्रिप्शन को प्रिंट या डिजिटल तौर पर रखा जा सकता है। जियो के सॉल्युशन में कंटें

मान द वैल्यू फाउंडेशन ने जारी किया आधी आबादी के लिए 12सूत्री मांग पत्र

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  ० आशा पटेल ०   जयपुर। मान द वैल्यू फाउंडेशन ने एक हजार से अधिक महिलाओं और बालिकाओं के सुझाव से तैयार किया 12 सूत्री चुनावी माँग पत्र , राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को सौंप कर कहा कि वह हमारी माँगे घोषणा पत्र में शामिल करें मान द वैल्यू फाउंडेशन की ओर से विधानसभा चुनाव में राजनीतिक महिलाओं के मुद्दे घोषणा पत्र में शामिल करें इसको लेकर एक 12 सूत्री माँग पत्र तैयार किया है . फाउंडेशन की ओर से राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.  मान द वैल्यू फाउंडेशन की फाउंडर मनीषा सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला के माध्यम से अलग अलग क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं और कॉलेज गर्ल्स की ओर से प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार किया गया एक 12 सूत्रीय चुनावी माँग पत्र राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को सौंपा गया, इस माँग पत्र के जरिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि महिलाओं के इन मुद्दों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करें. इस माँग पत्र में मुख्य रूप से महिला सुरक्षा , महिला स्वास्थ्य ,महिला शिक्षा और महिला आत्मनिर्भर कैसे बनें इसको लेकर सुझाव दिए जा रहे हैं।  फाउंडेशन की ओर से एक महीने

पत्रकारों ने रखी अपने हक और संसाधनों की मांग

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० योगेश भट्ट ०  औरंगाबाद -  बिहार के पत्रकारों ने एकजुट होकर अपने लिए संसाधनों और हक की मांग की है. बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के औरंगाबाद जिला मुख्यालय में आयोजित राज्य सम्मेलन जिसमें बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की नई राज्य कार्यकारिणी का भी गठन किया गया.  औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह, औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर सिंह, विधान पार्षद तथा निदेशक जाकिर हुसैन संस्थान समीर कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार चौथी दुनिया के संपादक तथा पूर्व सांसद संतोष भारतीय, बिहार के पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेश पासवान, भारत सरकार एमएसएमई निर्देशक दैनिक जागरण के पूर्व संपादक हरेंद्र प्रताप सिंह, इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन सिन्हा, बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के नए सत्र के नवनिर्वाचित अध्यक्ष तथा यूएनआई के पूर्व ब्यूरो प्रमुख महेश कुमार सिंह, यूनियन के महासचिव कमलकांत सहाय, यूएनआई रांची के ब्यूरो प्रमुख तथा भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के सलाहकार विनय कुमार, इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमरमोहन प्रसाद, यूनियन के राष्ट्रीय सचिव शिवेंद्र नारायण सिंह, नव बिहार ट