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एचसीएल फाउंडेशन ने एचसीएल ग्रांट के विजेताओं की घोषणा की

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नोएडा - एचसीएल टेक्नोलॉजीज की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा एचसीएल फाउंडेशन (एचसीएलएफ) ने क्रिकेट के महान खिलाड़ी, भारतीय क्रिकेट टीम के भूतपूर्व कप्तान और पद्म भूषण कपिल देव की उपस्थिति में एचसीएल ग्रांट के पाँचवे संस्करण के प्राप्तिकर्ताओं की घोषणा की। इस कार्यक्रम मे समाजिक कार्य से सम्बन्धित शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और पर्यावरण श्रेणियों के तीन विजेता एनजीओ को कपिल देव ने पुरस्कृत किया। प्रत्येक विजेता को 5 करोड़ रू. (2.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का अनुदान मिला।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे भारत के जाने माने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर कपिल देव के साथ एचसीएल के संस्थापक एवं चेयरमैन शिव नाडर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज की वाइस चेयरपर्सन और उसकी सीएसआर कमिटी की चेयरपर्सन सुश्री रोशनी नाडर मल्होत्रा और एचसीएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रतीक अग्रवाल के अलावा वरिष्ठ महानुभाव, अधिकारी, एनजीओ-भागीदार और एचसीएल का नेतृत्व दल उपस्थित हुए।  एचसीएल ग्रांट भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित संस्थागत सीएसआर ग्रांट्स में से एक है, जिसका लक्ष्य फिफ्थ एस्टेट- गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के उद्भ

अरविन्द केजरीवाल प्योर पॉलिटिशियन है उन्हें बीजेपी और कांग्रेस से कहीं बेहतर तरीके से सत्ता हासिल करने की कला आती है

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लेखक - आरिफ़ जमाल  खुद को कुछ बड़े राजनैतिक ज्ञानी समझने वाले लोग सोशल मीडिया पर अरविन्द केजरीवाल वाली दिल्ली सरकार को लेकर बड़ी बड़ी हांक रहे हैं कि केजरीवाल यह है वह है । 8 फ़रवरी 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले तक अरविन्द केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी की माला जपने वालों को अब केजरीवाल में 72 ऐब क्यों नज़र आ रहे हैं । मेरी राय में ऐसे लोगों के पास न राजनैतिक समझ है और न ही सामाजिक सूझ बूझ ।। बस ऐसे लोगों को रायता फैलाना खूब आता है । ऐसे लोगों के लिए मेरा कहना है कि तुम लोग भेड़ हो और भेड़ ही रहोगे ।। अरविन्द केजरीवाल प्योर पॉलिटिशियन है उन्हें बीजेपी और कांग्रेस से कहीं बेहतर तरीके से सत्ता हासिल करने की कला आती है ।। अगर ऐसा नहीं है तो दिल्ली जैसे महानगर और भारत की राजधानी दिल्ली में जिस आसानी से उसने 2,2 बार पूर्ण बहुमत की सरकार कैसे बना ली ।। साल 2015 में दिल्ली विधानसभा सभा की 70 सीटों में से 67 हासिल कर ली, जबकि आम आदमी पार्टी या अरविंद केजरीवाल का कोई दिल्ली के निर्माण या विकास में कोई योगदान नहीं था । अब 2020 के विधानसभा चुनाव की बात कर लेते है । दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बीते

पांच में से एक ट्रक चालक ने माना कि वह ड्रग्स लेकर वाहन चलाता है

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दिल्ली में तकरीबन 58 फीसदी जवाब देने वालों ने बताया कि पिछले 10 सालों में उनके जीवन की गुणवत्ता गिरी है, दिल्ली में 73 फीसदी जवाब देने वालों ने कहा कि उनके काम की स्थिति बुरी है। स्वास्थ्य संबधी परेशानियों के बारे में 96 फीसदी ने कहा कि वे पीठ दर्द से परेशान हैं जबकि 64 फीसदी सिर दर्द/ चक्कर आना जैसी परेशानियों में हैं। दिल्ली में आधे से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा  िकवे वाहन चलाते समय ड्रग्स का सेवन करते हैं। दिल्ली एनसीआर में 84 फीसदी जवाब देने वालों ने यातायाता पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने की बात की, जबकि देश में यह आंकड़ा 67 फीसदी है।  नई दिल्ली - सेव लाईफ फाउन्डेशन ने  भारत मां ट्रक ड्राइवरों के काम करने और उनकी सुरक्षा की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में ट्रक ड्राइवरों और सड़क के अन्य उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करने वाले कारकों पर भी रोशनी डाली गई। अध्ययन का संचालन महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा के साथ साझेदारी में किया गया था, जिसमें 1200 से अधिक ट्रक ड्राइवरों और 100 फ्लीट ओनर्स ने हिस्सा लिया। इसका संचालन भारत के 10 परिवहन केन्द्रों- दिल्ली एनसीआर, मुंबई, चुन्नई, कोलकाता, बैंगल