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फ़रवरी 21, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

डॉ मुहम्मद नजीब कासमी सम्भली की तीन पुस्तकों का विमोचन

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० संवाददाता द्वारा ०  उत्तर प्रदेश -संभल एक शैक्षिक और ऐतिहासिक शहर जिस में अनेक विद्वान पैदा हुए हैं, जिन्होंने कुरान और हदीस की सेवाएं प्रदान करते हुए संभल का नाम रोशन किया है। इन विद्वानों में डॉ मुहम्मद नजीब कासमी भी एक हैं, जिन्होंने अब तक 56 पुस्तकें से ज़्यादा लिख चुके हैं। संभल के विद्वानों और सामाजिक हस्तियों द्वारा डॉ. मुहम्मद नजीब कासमी की तीन पुस्तकों का विमोचन अल-कलम पब्लिक स्कूल, नखासा में किया गया। इन तीन किताबों में से एक किताब "क़ुरान के उपदेश" है, जिस में पवित्र क़ुरआन की अंतिम 19 सूरतों की व्याख्या सरल भाषा में की गई है, ताकि हर सामान्य और विशेष व्यक्ति इन सूरतों को पाँच दैनिक नमाज़ों में समझ कर पढ़ सके, ताकि नमाज़ों में जहाँ अल्लाह का धियान पैदा हो, वहाँ सभी को धर्म की आवश्यक जानकारी प्राप्त हो। दूसरी किताब "ह़दीस़ के सन्देश" है, जिसमें पैगंबर की बातों को सरल शब्दों में समझाया गया है। पूरी मुस्लिम उम्मा इस बात से सहमत है कि कुरान और हदीस इस्लामी कानून के दो मुख्य स्रोत हैं। तीसरी किताब "पैगंबर ﷺ की सीरत (जीवनी) के कुछ पहलू" है, जिसमें अंतिम

ईपीसीएच ने वित्त मंत्री से उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना में हस्तशिल्प को शामिल करने की मांग की

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० आशा पटेल ०  नई दिल्ली। जयपुर में आयोजित पोस्ट बजट इंटरेक्शन के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जयपुर में प्रमुख निर्यातकों के साथ बातचीत की। दिलीप बैद, उपाध्यक्ष-ईपीसीएच ने बातचीत में भाग लेते हुए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना में फर्नीचर क्षेत्र को शामिल करने से संबंधित मामले को मजबूती से उठाया। उन्होंने कहा कि भारत में फर्नीचर उद्योग में सूक्ष्म और लघु इकाइयों का वर्चस्व है और उत्पादन और निर्यात को बढ़ाने के लिए, जैसे की भारत सरकार नियमित रूप से पीएलआई योजना में नए संभावित क्षेत्रों को जोड़ रही है, जैसे की लकड़ी के दस्तकारी वाले फर्नीचर की भारत और विदेशी बाजार दोनों में क्षमता है, और इस विषय को ध्यान में रखते हुए कृपया इस सेगमेंट पर भी पीएलआई योजना के तहत विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हस्तशिल्प क्षेत्र जो भारतीय अर्थव्यवस्था का एक श्रम प्रधान क्षेत्र है और इसमें धातु के सामान, कांच के बने पदार्थ, लकड़ी के सामान, पत्थर के पात्र, हाथ से बने वस्त्र, फैशन आभूषण और सहायक उपकरण और अन्य प्राकृतिक फाइबर उत्पाद शामिल हैं, मेरा निवेदन है की हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए 1

माइक्रोग्रिड-आधारित ग्रीन ईवी चार्जिंग स्टेशन और नया वीपी3000 एसी मोटर ड्राइव्स

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० योगेश भट्ट ०  नोएडा : विद्युत प्रबंधन और औद्योगिक ऑटोमेशन समाधान प्रदान करने वाली कंपनी, डेल्टा ने इलेक्रामा 2023 में आइओटी-आधारित स्मार्ट ग्रीन सॉल्यूशंस का विस्तृत पोर्टफोलियो पेश किया जिनमें एक स्मार्ट माइक्रोग्रिड-आधारित ग्रीन ईवी चार्जिंग स्टेशन और एक नया ओपन-लूप वैरिएबल-टॉर्क स्टैण्डर्ड ड्राइव वीपी3000 सीरीज शामिल है। ग्रीन ईवी चार्जिंग स्टेशन डेल्टा के ईवी चार्जर्स, ऊर्जा भंडारण प्रणालियाँ, पीवी इन्वर्टर्स और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रबंधन प्रणाली का एकीकृत एक सम्पूर्ण समाधान है। इस समाधान से माइक्रोग्रिड्स को ईवी चार्जिंग इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के ग्रिड को स्थिर करने में मदद करते हुए ईवी को स्वच्छ विद्युत प्रदान करने की क्षमता प्राप्त होती है।  630 किलोवाट तक की उच्च पॉवर रेटिंग के साथ नई वीपी3000 सीरीज उत्पादकता बढ़ाती है और एचवीएसी, पम्पों, कंप्रेसरों, जल आपूर्ति प्रयोगों में प्रयुक्त औद्योगिक मोटरों में हार्मोनिक डिसटॉर्शन (टीएचडीआई) को 35% तक कम करती है। कृष्णागिरी में अपनी नई बढ़ रही उत्‍पादन क्षमताओं के माध्यम से ‘मेक इन इंडिया’ पहल में एक महत्वपूर्ण योगदान करने वाले क

भारत में ओरल तम्बाकू के अनुमानित 200 मिलियन यूज़र्स

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -  ईटी ग्लोबल बिज़नेस समिट 2023 में फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) के सीईओ, जैसेक ओल्कज़ैक ने सभी के लिए एक बेहतर, ज्यादा सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं टेक्नॉलॉजी का उपयोग करने की जरूरत पर बल दिया।  नई दिल्ली में आयोजित इस शिखर समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। इस शिखर वार्ता में पूरे विश्व से सीईओ, राष्ट्राध्यक्षों, वैचारिक नेतृत्वकर्ताओं, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और कॉर्पोरेट अध्यक्षों ने भी हिस्सा लिया। यहाँ भारत को सुपर पॉवर बनने की ओर अग्रसर करने पर ध्यान केंद्रित किया गया क्योंकि स्वतंत्रता के बाद अगले 25 सालों के अमृतकाल में भारत अपने पुराने वैभव को फिर से प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है।  ‘सस्टेनेबल इकॉनॉमी फॉर द ग्रेटर गुड’ विषय पर बोलते हुए ओल्कजै़क ने ‘एक परिवार’ के रूप में सामूहिक भविष्य सुनिश्चित करने के लिए विश्व में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दशकों में विस्तृत उद्योगों (जैसे ऊर्जा और ऑटोमोटिव) में शोध में किए गए निवेशों के साथ दुनिया में इनोवेशन बहुत तेजी से बढ़ा है, जिससे सभी के लि

युवा पीढ़ी विशेष कर संस्कृत के छात्र छात्राओं इस परिवर्तन की आवाज़ बनें

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली), देश के अमृत महोत्सव के इस उत्साहवर्धन काल खंड में अमृतवाणी संस्कृत की विविध शास्त्र शक्तियों को उजागर करना समय की मांग है । इसके लिए भारत को जी-20 के नेतृत्व की दृष्टि से एक स्वर्णिम अवसर मिला है क्योंकि प्राचीनता तथा आधुनिकता से सुसज्जित भारत की इन्द्रधनुषी झांकी दिखाने की अद्भुत शक्ति संस्कृत में भी सन्निहित है । लेकिन इसके लिए आवश्यक यह भी है कि छात्र छात्राओं को अहर्निश अपने स्वाध्याय अनुष्ठान में संलग्न रहें , भगिनी भाषाओं के समन्वयात्मक ज्ञानप्रणाली के अध्ययन से अपने आप को सर्वदा सिक्त करते रहें और राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के अनुरूप भारतीय शिक्षा व्यवस्था को समुन्नत बनाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दें । केन्द्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने सारस्वत अतिथि के रुप में श्रीसोमनाथ संस्कृत विश्वविद्याल, सोमनाथ , गुजरात के १५वें दीक्षान्त समारोह में कहा कि यह समय आ गया है कि भारत संस्कृत में निहित अपने ओजस्वी ज्ञान विज्ञान की बौद्धिकता के बल पर फिर से दुनिया में गुणात्मक तथा प्रभावी विकास , विश्व बन्धुत्व तथा विश्

बाल विवाह के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्‍ली। बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई हमारे समाज में सदियों से चली रही है। इसी को लेकर कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन की ओर से ‘नेशनल कंसल्‍टेशन ऑन चाइल्‍ड मैरिज फ्री इंडिया’ का आयोजन किया गया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्‍मृति जुबिन ईरानी कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि थीं जबकि नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी ने कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की। कार्यक्रम में भारत को बाल विवाह मुक्‍त भारत बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर गंभीर विचार-विमर्श हुआ। राष्‍ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष व 14 राज्‍यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्‍यक्षों व उनके प्रतिनिधियों समेत 100 से ज्‍यादा स्‍वयंसेवी संगठनों की भी मौजूदगी रही। कार्यक्रम में बाल विवाह वाले देशभर के 250 से ज्‍यादा संवेदनशील जिलों में बाल विवाह रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना भी बनी। कैलाश सत्‍यार्थी ने बीते साल 16 अक्‍टूबर को बाल विवाह मुक्‍त भारत आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्‍य 2030 तक देश से बाल विवाह खत्‍म करना है। यह जमीनी स्‍तर पर बाल विवाह के खिलाफ

बीएसईएस की लापरवाही से मधु विहार के लोगों पर खतरा मंडरा रहा – सोलंकी

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - मधु विहार के सातों ब्लॉकों में कई जगह बीएसईएस की लापरवाही से बिजली के पोल गिरने की स्थिति में हैं तथा कई ब्लॉको में टूटे हुए पोल को लोहे को एंगल से जोड़ने की नाकाम कोशिश की गई है लिहाजा खतरा बना हुआ है। काफी दिनों से बिजली के पोल बदलने एवम नए पोल लगाने के संबंध मे मधु विहार निवासियों एवं आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों द्वारा बीएसईएस के स्थानीय कार्यालय में निवेदन किया जा रहा है परन् अभी तक कोईं कार्रवाई नही की गयी। कुछ जगहो पर बिजली के केबल बहुत नीचे लटकाए गए है जो हमेशा खतरों के संकेत दे रहे है। ऐसे ही सी ब्लॉक बाल्मिकी मंदिर के नजदीक गली नं 4 में पोल की स्थिति गंभीर है एवं अन्य कई ब्लॉकों में कुछ पोल या तो जर्जर स्थिति में है या उन्हे तात्कालिक सपोर्ट से खड़ा किया गया है। आरडब्ल्यूए प्रधान रणबीर सिंह सोलंकी ने बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने कई बार विभाग को लिखा है परंतु अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। ये पोल कभी भी खतरा पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्या किसी भयंकर दुर्घटना के बाद ही विभाग संज्ञान लेगा।  सोलंकी ने निवेदन किया है कि कृपया समय रहते पूरे

सूरज कण-कण ने चमकावे...धरती धोरां री- शहरनामा-कहानी अपने शहरों की ए बुटीक लिटरेचर फेस्टिवल

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० आशा पटेल ०  जयपुर - पद्मश्री गुलाबो और उनके साथी कलाकारों ने अपनी कला से शहरनामा कार्यक्रम को रंगीन कर दिया। 'काल्यो कूद पड्यो मेला में' गाने पर पद्मश्री गुलाबो और उनके साथी कलाकारों ने जबरदस्त नृत्य की प्रस्तुति दी। टीम के ही एक कलाकार ने सिर पर चार गिलासों के साथ पानी से भरी मटकी रखकर बड़े संतुलन के साथ अपनी कला से लोगों को प्रभावित किया। इस प्रोग्राम के लिए उपस्थित उदयपुर से शकुंतला सरूपरिया ने 'धरती धोरा री' गाना सुनाया यतींद्र मिश्र और सुतापा मुखर्जी ने स्मिता भारद्वाज से अयोध्या शहर के बारे में बात की, जहां यतींद्र मिश्र ने बताया की गंगा-जमुना तहजीब वाले इस शहर के लोग छोड़ना जानते हैं। यहां के लोग अपना जीवन बहुत कम महत्वकांक्षाओं के साथ ही जी लेते हैं। सिर्फ सनातन धर्म ही नहीं, बल्कि यहां प्रत्येक धर्म की गंगा यहां बहती हैं। सुतापा मुखर्जी ने बताया कि अयोध्या के बारे में बहुत ही लिखा गया है, लेकिन वह अयोध्या वासियों पर लिखना चाह रही थी।उन्होने साझा किया कि अयोध्या के जो असल मुद्दे रहे हैं, उनके बारे में यहां के लोगों के विचार क्या रहे हैं। आकृति पेरिवाल और रशीद